श्रीविद्यासंवाद Shrividya Samvad
श्रीविद्यासंवाद Shrividya Samvad
श्रीललितामहात्रिपुरसुन्दर्यै नमः
श्रीविद्या से संबंधित ज्ञान असीम है। श्रीविद्या विषयक साहित्य भी प्रचुरता से वर्तमान में उपलब्ध है। प्रश्न यह है कि हम इसका कितना उपयोग कर पाते हैं ?
इस चैनल के माध्यम से हम श्रीविद्या से संबंधित विषयों , मन्त्र विज्ञान तथा साधना आदि विषयों पर समय - समय पर चर्चा करेंगे जिससे श्रीविद्योपासक तथा अन्य साधक भी लाभान्वित हो सकते हैं।
हम पर सदैव पराम्बा भगवती श्रीललिता की कृपा बनी रहे ।
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Shrimatre Namah
This channel's target audience is Shri Vidya Upasakas.
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Пікірлер
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
Ram ram guru ji
परम पुज्य श्री गुरूदेव जी चरणो प्रणाम ,
ॐ श्री गुरुमंडलाय नमः।
श्रीमात्रे नमः
जय हो गुरुदेव। सादर चरण स्पर्श। अज्ञान तिमिरान्धस्य, ज्ञानाञ्जन शलाकया। चक्षुरुन्मीलितम् येन, तस्मै श्री गुरवे नमः ।। 🌹🌹🙏 🙏🌹🌹
श्रीमात्रे नमः
श्रीमात्रे नमः🚩🚩🚩🔱🔱🔱
श्रीमात्रे नमः🚩🚩🚩🔱🔱🔱
Guruji pranam
श्रीमात्रे नमः🚩🚩🚩🔱🔱🔱
परम पूज्य श्री गुरूदेव जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम है, अति सुंदर वर्णन, धन्यवाद
Narayan. Pandey ji ke sath sampark karne ka koi ph no hai ????
जय जगदम्बा, संपर्क हेतु आपका स्वागत है। हमारे ईमेल पर अपना परिचय तथा मोबाइल क्रमांक देते हुए मन्तव्य लिखकर संदेश प्रेषित करें। ईमेल - [email protected]
@@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad please send me email address
@@debarkachakraborty4325 Jai Jagdamba, I have already shared the email. Almost in my many videos I display the email for contact.I repeat- Send your message to- [email protected]
@@debarkachakraborty4325 नमो नारायण, हमारे अनेकों वीडियोज में हमारा ईमेल दिया गया है। उसके माध्यम से संपूर्ण विवरण तथा मनतव्य सहित संदेश भेजें। पुनः ईमेल - [email protected]
परम पूज्य श्री गुरूदेव जी को सादर प्रणाम है। प्रभु अति सुन्दर,
परम पूज्य श्री गुरूदेव जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम, अति महत्वपूर्ण जानकारी। धन्यवाद प्रभु
🙏🏽 रामरामजी
जय जगदम्बा, राम राम
😂
गुरु जी आपका मो नं, दीजिए आपसे बात करनी थी 🙏
जय जगदम्बा, अवश्य हम अपना मोबाइल क्रमांक देंगे। इससे पूर्व आप हमारे ईमेल पर अपना विस्तृत परिचय मोबाइल क्रमांक सहित प्रेषित करें। हमसे वार्ता का उद्देश्य भी लिखें। संभव है हम ही आपको काॅल करें। आपकी पूर्व में यदि कोई भी दीक्षा,उपनयन आदि हुआ है उसका विवरण संप्रदाय सहित लिखें। यदि श्रीविद्योपासना विषयक जानकारी आपका मनतव्य है तो यह सूचना आवश्यक है। श्रीविद्यासंवाद [email protected]
जय गुरुदेव🙏🙏🙏
गुरुजी प्रणाम
🙏
🙏
गुरुजी प्रणाम।
जय जगदम्बा
जय गुरुदेव
जय श्री गुरुदेव जय मातेश्वरी
जय श्री गुरुदेव जय मातेश्वरी
Do alag alag Gayatri kya hai Gurudev Kya Gayatri shaktipith srirama sharma acharya dwara sthapit sakti pith se dixa me Milne wali Gayatri aur panchdashi mantra dono ek hi hai
जय जगदम्बा, एक वैदिक गायत्री है जिसमें २४ वर्ण होते हैं। उपनयन संस्कार के समय सभी को यह प्राप्त होती है। नीइत्य संध्या में इसका जप किया आ जाता है। द्वितीय गोपनीय होती है, उसमें १५ वर्ण होते हैं। यह संध्योपासन करने वाले अधिकारी बहुत कम साधकों को केवल गुरुदेव की कृपा से मिलती है। यही श्री विद्या भी है।
तांत्रिक संध्या की विधि कहा वर्णित है
यदि आपकी श्रीविद्या दीक्षा हो चुकी है तो अपने गुरुदेव से इसका उपदेश ग्रहण करें।
प्रणाम गुरूदेव
जय जगदम्बा
Shri matre namah
जय जगदम्बा
श्लेष्मातक करंज अक्ष निम्ब अश्वत्थ कदम्ब बिल्व वट उदुंबर तिंतिणी :- श्रीविद्या वरिवस्या (आम्र वर्णित नहीं हैं इसमें)💐🙏
हम कह चुके हैं कि अलग अलग ग्रन्थों में अलग अलग वृक्षों को सम्मिलित किया गया है। यदि आम्र इसमें नहीं है तो क्या उस पर आघात किया जा सकता है ? यहां भाव सर्वोपकारी वृक्षों की रक्षा करना है जिससे पर्यावरण की रक्षा हो सके। क्या आज ताप बढ़ने की जो स्थिति है क्या उसका कारण वृक्षों का कांपना नहीं है?
@@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad नहीं श्रीमान! हमारा तात्पर्य किसी भी वृक्ष पर आघात से नहीं हैं। इन कुलवृक्षों से सविनय देव पूजार्थ पत्र, पुष्प, फल आदि ग्रहण करने के संशय और आम, बिल्व आदि ग्रहण कर सकते हैं या नहीं? इस विषय में सादर जिज्ञासा प्रकट की हैं। जय श्री मां 💐🙏
@@amarvyas2223 जय जगदम्बा, आप शांकर परम्परा के अनुयाई श्रीविद्योपासक हैं तथा सम्प्रदाय के ग्रन्थों का अध्ययन करते हैं। अतः आप स्वत: शास्त्र के स्पष्ट निर्देशों को देख सकते हैं। शास्त्रों में तुलसी ग्रहण का मन्त्र है, औषधीय वृक्षों से औषधि गृहण करने की प्रार्थना है तथा धार्मिक अनुष्ठानों के लिए काष्ठ, पत्र- पुष्पादि उन्हें आहत किए बिना ग्रहण करने का निर्देश भी है। हमें अभी यह विस्मृत हो रहा है कि हमने किस ग्रन्थ में इस विषय में पढ़ा है। अस्तु हमारा सिद्धांत है (आवश्यक नहीं सभी इससे सहमत हों) कि शास्त्राज्ञा का कलियुग की विपन्नताओं के चलते जितना हो सके पालन किया जाय, बिना संशय के (क्योंकि संशयात्मा विनश्यति भी वचन है)। पुरुषार्थ चतुष्ठ्य के अंतिम आयाम की पूर्ति के लिए श्रीविद्या रूपी सर्वोच्च उपासना पद्धति, जो कि अंतिम जन्म में ही सद्गुरुदेव की कृपा एवं भगवती की अनुकम्पा से प्राप्त होती है, को महर्षियों ने साधकों को सुलभ कराया है। अधिकारी साधक अधिक से अधिक इसका लाभ उठावें तथा दूसरों का कल्याण भी करें। परमपूज्य करपात्री जी महाराज जो हमारे गुरुत्रय में प्रतिष्ठित हैं उन्होंने श्रीविद्या विषयक ग्रन्थों का प्रणयन इसी भाव से किया होगा। हमने श्रीविद्यासंवाद चैनल साधकों की श्रीविद्याविषयक जिज्ञासाओं को ध्यान में रखते हुए ही लांच किया है। इससे बड़ी संख्या में साधक लाभान्वित भी हो रहे हैं। आप से अपेक्षा है कि आप भी अपने ज्ञान से साधकों का उपकार करने में सहायक होंगे क्योंकि आप धर्मसंघ से संबद्ध है। इति शम्
हर हर महादेव 💐🙏 सादर प्रणाम 🙏 आपका श्रीविद्या संवाद में किया जा रहा परिश्रम और अनुग्रह हमारी और आपकी गुरु परम्परा अनुरूप सराहनीय और प्रणम्य हैं। धर्म की जय हो 🚩💐🙏
परम पूज्य श्री गुरूदेव जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम। प्रभुजी अति सुन्दर।
आचार्य जी प्रणाम 🙏
जय जगदम्बा
Guruji pranam
जय जगदम्बा
बहुत बढ़िया। सादर चरणस्पर्श गुरु देव। धन्यवाद ❤
गुरुजी आपसे बात करनी है। क्या आप अपना कांटेक्ट नंबर देने की कृपा करें।
आप अपना फोन नंबर दें,हम वार्ता कर लेंगे।
Guruji pranam
जय जगदम्बा
गुरुजी कोटी कोटी प्रणाम
जय जगदम्बा
प्रणाम गुरुदेव🕉 🙏🏻
जय जगदम्बा
गुरुजी प्रणाम
जय जगदम्बा
👌🏻🌹💐🙏🏻
काटने से तात्पर्य समूल छेदन से है या दातौन, डाली, सूखी अश्वथ समिधा आदि तोड़ना भी निषिद्ध है? कृपया जानकारी दे।🙏
जय जगदम्बा, परशुरामकल्पसूत्र दशम खण्ड सूत्र संख्या ६५ में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि - दशकुलवृक्षानुपप्लव आप्टे संस्कृत हिन्दी शब्दकोश में उपप्लव: का अर्थ है आघात, उत्पीड़न, कष्ट देना आदि। हमारे विचार से यहां तात्पर्य आघात से है। कृपया ध्यान दें यहां हम केवल परशुरामकल्पसूत्र में क्या निर्देश है उसी की चर्चा कर रहे हैं। यह शार्ट बनाने की सुविधा यूट्यूब द्वारा इसलिए प्रदान की गई है कि दर्शक विशिष्ट विषय का लघु परिचय प्राप्त कर उसके साथ दिए गये लिंक से सम्पूर्ण वीडियो देख सके। यदि आपने इस सुविधा का उपयोग कर लिया होता तो आपको यह सूत्र प्राप्त हो जाता। वैसे विभिन्न ग्रन्थों में अलग अलग कुलवृक्ष कहे गये हैं। आपको अपने संप्रदायानसार आचरण करना चाहिए। शाक्तानन्दतरङ्गिणी में भी एक वचन इस प्रकार प्राप्त होता है - तिष्ठन्ति कुलयोगिन्य: सर्वेष्वेतेषु सर्वदा। न स्वपेत् कुलवृक्षाधो न चोपद्रवमाचरेत।। इसके अनुसार कुल वृक्ष के नीचे शयन तथा उनके प्रति किसी प्रकार के उपद्रव अथवा कष्ट न पहुंचाने के लिए निर्देशित किया गया है। हम स्वयं दातोन तथा समिधा वृक्ष से नहीं तोड़ते हैं।
अद्भुत सार संक्षेपण 👌🚩♥️🙏
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य भगवान द्वारा
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गुरूजी 🙏 , मुझे काशी मे श्रीविद्या मठ से श्रीविद्या कि दीक्षा प्राप्त हुई है ।
अति सुन्दर, श्रीललिताम्बिका की आराधना का मार्ग प्रशस्त हो गया। श्रद्धापूर्वक उपासना करो।
@@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad 🙏🙏🙏 श्री मात्रे नमः
आपने दीक्षा कैसे ली, क्या आवश्कता है मार्गदर्शन कीजिए
सादर चरणस्पर्श गुरु देव
@@AbhishekMishra-xu4ne जय जगदम्बा
नमो नारायण भगवन 🙏 तांत्रिक संध्या की आज्ञा तो मिल गई है विधि के ज्ञान हेतु आपश्री के चरणों में निवेदन है 🌹🙏
जय जगदम्बा, अति सुन्दर। आनलाइन अथवा फोन के माध्यम से संभव नहीं है। साक्षात् उपस्थित होंगे तब ही संभव है।
@@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad शीघ्र ही गुरुकृपा से आपश्री के समक्ष उपस्थित होने का योग बने भगवती से यही प्रार्थना कर रहा हूं 🌹🌹🌹🙏🏻
साधना काल में क्या खाना चाहिए क्या नहीं इस विषय में प्रकाश डालने कि कृपा करें
जय जगदम्बा, श्रीविद्योपासकों को शुद्ध सात्विक आहार ही भगवती को भोग लगाकर प्रसाद रूप में ग्रहण करना चाहिए। हमारा विश्वास है कि भगवती को किस प्रकार के आहार का भोग लगना चाहिए इसका ज्ञान आपको अवश्य होगा। प्याज, लहसुन तथा गाजर वर्जित है। हमनें अपने वीडियोज में इस विषय को विस्तार से बताया भी है।
यदि आपने कोई संकल्प लें रखा है यथा साधना काल में केवल फलाहार करेंगे तो वह भी कर सकते हैं। आहार शद्धि विशेष है। चाहें जहां कैसा भी भोजन न करें।
गुरु जी सादर चरण स्पर्श
जय जगदम्बा