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वशिन्‍यादि अष्‍ट वाग्‍देवियॉं - भाग द्वितीय

वशिन्‍यादि अष्‍ट वाग्‍देवियों के संबंध में द्वितीय पुष्‍प प्रस्‍तुत है। सौन्‍दर्यलहरी के श्‍लोक संख्‍या १७ में विशेष रूप से इन शक्तियों का वर्णन भगवत्‍पाद शंकराचार्य ने किया है। भाषा में प्रभावोत्‍पादकता , सौन्‍दर्य एवं माधुर्य इन्‍हीं शक्तियों के माध्‍यम से उपलब्‍ध होता है। आइए भगवती के इस रहस्‍यात्‍मक चरित्र का चिन्‍तन करेंं।

Пікірлер: 9

  • @mrunalini5504
    @mrunalini55045 ай бұрын

    Pranam Guruji ,aapake charan kamalo pe koti koti pranam

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    4 ай бұрын

    जय जगदम्बा प्रसन्न रहो।

  • @shyamjat7422
    @shyamjat74225 ай бұрын

    Jay mata lalita ambica

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    5 ай бұрын

    जय श्रीललिताम्बिका

  • @AbhishekMishra-xu4ne

    @AbhishekMishra-xu4ne

    5 ай бұрын

    श्री सदगुरु चरणकमलेभ्यो नम: श्री ललिता महा त्रिपुरसुंदरीयै नमो नमः 💐🙇🙏

  • @Sangeeta0511
    @Sangeeta05113 ай бұрын

    Pranam Guruji ,panchadashi mantra ki diksha ke liye margadarshan karne ki kripa kare 🙏🙏

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    3 ай бұрын

    जय जगदम्बा, आप पूर्ण परिचय सहित अब तक प्राप्त दीक्षा यदि कोई हुई हैं, मार्गदर्शन हेतु विवरण प्रेषित करें। श्रीमात्रे नमः

  • @Mahakal77942
    @Mahakal779425 ай бұрын

    आपके दीक्षा गुरु कोण हैं प्रभुजी

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    5 ай бұрын

    जय जगदम्बा परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य जी

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