नवार्णमन्त्र साधना Navarna Mantra Sadhana
शक्ति उपासना में नवार्णमन्त्र की बहुत प्रतिष्ठा है। श्रीदुर्गासप्तशती पारायण में इसका आवश्यक रूप से सम्पुट लगाये जाने का विधान है। इस वीडियो में हम इस मन्त्र की विशे
षताओं एवं महत्व पर प्रकाश डाल रहे हैं।
शक्ति उपासना में नवार्णमन्त्र की बहुत प्रतिष्ठा है। श्रीदुर्गासप्तशती पारायण में इसका आवश्यक रूप से सम्पुट लगाये जाने का विधान है। इस वीडियो में हम इस मन्त्र की विशे
षताओं एवं महत्व पर प्रकाश डाल रहे हैं।
Пікірлер: 113
बहुत धन्यवाद जो आपने हम साधकों के लिए नवार्ण मंत्र की इतनी सुन्दर विवेचना की | आशा है की ये सभी साधकों के लिए मार्गदर्शक होगा
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
3 жыл бұрын
जय मातेश्र्वरी
जय मां भगवती सभी भक्तों पर आपकी कृपा बनी रहे
अद्भुतजानाकारी के लीय धन्यबाद ..
Bahut hi sunder byakhya🙏
Great knowledge...Jay maa Jagdamba maiya
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
3 жыл бұрын
जय मातेश्र्वरी
Excellent superb superb superb
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
जय जगन्मात:
Dhanyawaad ji Maharaaj Ji....Pranaam....!!
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
3 жыл бұрын
जय मातेश्वरी
ab sahi uccharan mila
मां भगवती महाकाली जी की साधना के बारे में कृपा वीडियो बनाए। आप जैसी विस्तार से व्याख्या करते है, बहुत आनंद मिलता है।
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
3 жыл бұрын
जय जगन्मात: भगवती की कृपा , प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से ही उनके वीडियो बन रहे हैं। जब उनकी कृपा होगी तब ही आपकी इच्छा पूर्ण होगी।
@akashrajput-eb3rj
3 жыл бұрын
प्रतीक्षा रहोगी गुरुवर।
જય માતાજી હરહર મહાદેવ વિશ્ર્વઞુઋદેવજી માં ચામુંડા માતાજીની જય ૐ ઐ હ્રીં કલી ચામુંડાયૈ વિચૈ ૐ શાંતિ ૐ
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 ай бұрын
जय जगदम्बा
👌👏👏
जय श्री माता
जय माताजी महाराज जी मेने कोरोना काल मे भी आपसे मेल के माध्यम से सम्पर्क किया था, आपने गायत्री जाप के लिए बोला था अब आगे मार्गदर्शन करने की कृपा करें 🙏🏻
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा सुन्दर अपने मन्तव्य को विस्तार से ईमेल के माध्यम से अवगत करायें।
👏👏👏
Bahut 2 dhanyawad pujyver aap sh. Ka . Sri vidya ke bare me or jankari bhi dete rhe aap ,, ye prarthna h aapse ji
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
3 жыл бұрын
जय मातेश्र्वरी
जय मां कामाख्या 🙏🌹
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा
Good
Jay mata di
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
11 ай бұрын
जय जगदम्बा
Jai guru ji
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगन्मात:
Joi guru
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
8 ай бұрын
जय जगदम्बा
जयरामजीकी
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
श्रीरामचंद्रजी की जय
राम राम महाराज जी
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
जय श्रीराम
जय हो गुरु देव जी ऐ कैहते हो छोडा दुःख हो रहा है आज काल ऐसे गुरु देव कहा है जो प ओनेने पुरुचरन कीया है हामारे जिलें में कोई सदक नहीं जनोने अनुष्ठान कीया है
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
प्रायः उच्च कोटि के साधक गुप्त साधनाएं करते हैं स्वयं को प्रकट नहीं करते हैं। यही नियम भी है। निश्चित रूप से आपके क्षेत्र में ऐसे सिद्ध होंगे।
Jay jgdmba
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
जय जगन्मात:
🙏🙏🙏🙏❤️🌺🗺️
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
8 ай бұрын
जय जगदम्बा
deeksha k baad kitne sankhya k baad mantra jaagrit ho jaata hai ,keval jaap karke havan nahi??
Sir I am chanting Om aim hrim clim chamundai vichhai for the last 12years but I have not taken diksha from any guru
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा यदि यह सूचना है तो सुन्दर है,यदि प्रश्न है तो आगे पढ़ें। आपके समस्त प्रश्नों का उत्तर हमारे मन्त्र सिद्धि तथा नवार्णमन्त्र विषयक वीडियोज में समाहित है। इस विषय के संबंध में शास्त्रादेश भी इनमें समाहित है। कहीं कहीं पर बिना दीक्षित होकर स्वयं से लंबे समय तक जप करने से मन्त्र सिद्धि के उदाहरण मिलते हैं किन्तु अन्य पालनीय नियमों के अनुपालन के साथ।
Kripya marga darshqn karen
Guruji pranaam Guruji baglamukhi mantra sadhana ki bisaya ma batayiya
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
श्रीमात्रे नम: हमने एक वर्ष पूर्व ही इस विषय में वीडियो बनाकर इस चैनल पर अपलोड कर दिया है। इसका लिंक ये है :--- kzread.info/dash/bejne/mqqlsdlqY5feg7g.html
aap se nivedan hai ki guptavati k kuch rahasya par roshni daliye..koti koti pranam maharaj shree
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
@Jignesh Joshi श्रीदुर्गा सप्तशती की टीकायें इसमें समाहित हैं। हमारा श्रीविद्यासंवाद चैनल श्रीविद्या संबंधित विषयों पर मुख्य रूप से केन्द्रित है। आपकी इस विषय के प्रति जिज्ञासा देखते हुए हम इस विषय पर भविष्य में चिन्तन करेंगे।
@jigneshjoshi7522
2 жыл бұрын
dhanyavad ji..aap se sampark karne k liye aap ka mobile number dene ki krupa kariye
Maharaj humare yaha pe non veg chalta hai,kya hum sirf navarn matra ke jaap se apne mangal kar sakte hai??koi siddhiya nehi chahiye...bas ghar parivar bacche khus rakhna chahti hu..sukh sahanti chahti hu.....ma ki prem chahiye bas...
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
10 ай бұрын
अपनी पारिवारिक पद्धति एवं सम्प्रदाय के अनुसार पूजा विधान अपना सकती। हैं।
जय हो गुरु देव क्या आप हमको गुरु दिकछा दैगे आप का बड़ा आनु गरेह होगा
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा अवश्य। भगवती आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगी। अपने परिचय के साथ पूर्व में यदि कोई दीक्षा हुई हो उसका विवरण हमारे ईमेल पर भेजें।
गुरुदेव अपराजिता स्तोत्र हिन्दी अनुवाद में कर सकते हैं मार्ग बताये गूर देव
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
समस्त स्तोत्रादिक मूल संस्कृत शुद्ध रूप में ही करने का विधान हैं ।
आचार्य श्री को प्रणाम ।किसी सिद्ध सदगुरू का नाम बताइये ।
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
3 жыл бұрын
@Subhash Bishal अपनी परम्परा के अनुरूप आपको ही स्वयं खोज करनी है।
शक्ति साधकों को शिव के प्रति कैसी भावना रखनी चाहिए? कृपया बतलाने की कृपा करें।
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा अभेद भावना रखनी चाहिए। शिव प्रकाश हैं भगवती विमर्श। जहाँ शक्ति को हम भगवती के विभिन्न रुपों में पूजते हैं शिव को शक्तिमान के रूप में। अतः जहाँ शिव हैं वहाँ शक्ति तो विद्यमान होंगी ही क्योंकि भगवत्पाद् ने कहा है : शिव: शक्त्या युक्तो यदि भवति शक्त: प्रभवितुं, न चेदेव॔ देवो न खलु कुशलः स्पन्दितुमपि। पूरा श्लोक सौन्दर्यलहरी में देखें जिससे स्पष्ट है कि शिव शक्ति के बिना स्पन्दनमात्र हेतु भी समर्थ नहीं है। एक दूसरे के पूरक हैं। शक्तिस्वरूपा भगवती हमारी इष्ट हैं किन्तु शक्तिमान शिव ही हैं अन्य कोई नहीं। कामेश्वर - कामेश्वरी स्वरूप से भी यही संकेत मिलता है।
जी प्रणाम | तो क्या शिव शक्ति दोनों की पूजा की जा सकती है, यदि हाँ तो पहले किनकी शिव या शक्ति की | शंकर-पार्वती या शंकर और दुर्गा की पूजा उपासना किया जा सकता है |
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा देवपूजन में सर्वप्रथम गणपति तदनन्तर स्व- संप्रदायानुसार अथवा कुल परम्परानुसार पूजन करना चाहिए। प्रायः श्रीविद्योपासकों के लिए पंचदेवों का विधान किया गया है जिसकी पद्धति निर्धारित है। भगवती का प्रथम सोपचार पूजन करने के पश्चात चतुरायतन पूजा में शिव सहित चार देवों का पूजन किया जाता है पूजा का प्रारंभ गुरुपूजा से होता है। इन्हीं सब विधानों का उपदेश गुरुदेव के द्वारा दीक्षा के समय किए जाने के कारण दीक्षा को आवश्यक बतलाया गया है। अतः आपको इस प्रश्न विशेष को अपने दीक्षागुरु के सम्मुख रखना चाहिए।
🪷🙏🙏🙏 मुजे गुरु प्रदत्त शक्तिपात दीक्षा और शक्ति मंत्र प्राप्त है. क्या मुझे नवार्ण मंत्र करने के लीये दीक्षा लेना ज़रूरी है. कृपया मार्गदर्शन करें. 🙏🙏🙏
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 ай бұрын
जय जगदम्बा, यदि पूर्णाभिषेक दीक्षा हो चुकी है तो आप नवार्ण मंत्र का जप कर सकते हैं। अन्यथा केवल मंत्र विशेष की दीक्षा प्राप्त हुई है तो नवार्ण मंत्रोपदेश के उपरान्त ही जप करना चाहिए।
@pramodjayaswal1764
2 ай бұрын
🙏🙏🙏
गुरु जी क्या नित्य घरेलू देवी भक्ति के लिए navarn मंत्र का 1 माला नहीं कर सकते क्या बिना किसी गुरु से दीक्षा लिए सिर्फ माता रानी के भक्ति के लिए
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा यदि आप बहुत लंबे समय से बिना दीक्षा के सविधि शुद्ध रूप से मन्त्र जप कर रहे हें तो यथावत करते रहें। गुरुदीक्षा होने पर योग्य गुरु द्वारा शिष्य की योग्यता (Not Educational qualification) एवं अधिकार के अनुरूप पद्धति का उपदेश किया जाता है तथा शक्ति प्रदान की जाती है। इससे इस मार्ग के अनुगमन में संभावित बाधाएं नहीं आती तथा शीघ्र दिव्य अनुभव एवं कामनापूर्ति की संभावना बढ़ जाती है। यहाँ ध्यान रखना चाहिए कि गुरु पथप्रदर्शक हैं करना शिष्य को ही है श्रद्धापूर्वक। किसी भी कार्य को श्रद्धा एवं विश्वासपूर्वक करने से ही वह सिद्ध होता है। गुरुकी शरण ग्रहण करने से यह दोनों दृढ़ होते हैं।
🙏🙏🙏Durga upasna ki books kon kon si he
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
@Anil Rajguru श्रीदुर्गा सप्तशती तथा दुर्गार्चनसृति: पर्याप्त हैं।
परमपूज्य गुरुदेव जी हमे आपके दर्शनों की अभिलाषा है अतः अपना पता बताने की कृपा कीजिए जय मां भवानी
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
श्रीमात्रे नमः श्रीविद्यासंवाद के ईमेल पर अपना पूर्ण परिचय मोबाइल क्रमांक के साथ प्रेषित करें। अब तक हुई दीक्षाओं का भी विवरण भेजें।
@mahashaktiart1414
Жыл бұрын
जी गुरुदेव जी
Guru ji mein 1 din yeh path kiya toh muje apne room mein kisi k chalne ki awaaj sunai dene lagi 🙏🙏plz taye
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
जय जगन्मात: साधनाओं के समय इस प्रकार के अनुभव प्रायः बहुत से साधकों को होते हैं। इनको विशेष महत्व न देकर साधना अनवरत करते रहें ये अनुभव स्वतः समाप्त हो जाएंगे। साधना में इनसे विक्षेप न होने दें अपितु आराध्य में अधिक दृढ़ता से ध्यान केंद्रित करें।
@anjukalsi5006
2 жыл бұрын
@@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad 🙏🙏
Pranam Gurudev. Mera prashna yeh hai ki jis tarah gayatri mantra mein 24 devi devta aate hai kya navarna mantra mein bhi aate hai? Kya aap mujhe bata sakte hai navarna mantra mein kaun se beej mantra mein ram aur hanuman aate hai?
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
श्रीमात्रे नमः वस्तुतः नवार्णमन्त्र के बीजों में क्रम से निर्गुण ब्रह्म, महासरस्वती, महालक्ष्मी, महाकाली तथा चण्ड और मुण्ड का संहार करने वाली शक्ति से विशेष प्रार्थना की गई है। गायत्री मन्त्र भी इसी क्रम में है। गूढ़तम स्वरूप में सत्,चित्, आनन्द अथवा भौतिक जगत एवं अन्नमय, प्राणमय तथा मनोमय जगत श्री चामुण्डा में ही समाहित है। वैसे तो सीधे सीधे भगवान श्रीराम तथा हनुमानजी का उल्लेख इस मन्त्र के बीजों से प्राप्त नहीं होता है किन्तु बीजों के माध्यम से जिन शक्तियों की ओर इंगित किया गया है वे श्रीराम तथा श्री हनुमानजी में भी हैं। असुर संहारक वे भी हैं। वास्तव में हम देवताओं के श्रीअंगों की दिव्यता का गुणगान कर आनन्द का अनुभव तो करते हैं किन्तु कामनापूर्ति आदि के लिए उनकी शक्तियों का ही आवाहन एवं अवलम्बन साधन करते हैं। और देवी के समस्त रूप शक्ति के ही रूप हैं। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। अपनी इस शक्ति का सही प्रकार से मर्यादाओं सहित पालन करते हुए उपयोग करने से कोई भी व्यक्ति देवस्वरूप बन जाता है। श्रीराम एवं श्रीहनुमानजी इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। यही नवार्णमन्त्र का दिव्य गूढ़ भाव है। अस्तु श्रीविद्यासंवाद
@ankushgupta9033
Жыл бұрын
Dhanyawad Gurudev, Kripya karke mera ek aur prashna ka uttar de mein krishna Bhagwan ka param bhakt hoon. Kya navarna mantra sadhna se mujhe "Golok" ki prapti hogi.
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
@@ankushgupta9033 शक्ति उपासना में गोलोक की परिकल्पना नहीं देखने को मिलती है। यह दर्शन भिन्न है तथा अद्वैत पर अवलम्बित है।
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
हमारी मान्यता है कि भगवती अपने साधक की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।
Pura mantra kya hai nivaran ? Maaf Kare kripa batae ..thoda confuse hai hum 🙏
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा कृपया यह प्रश्न हमारे ईमेल पर स्व -परिचय के साथ प्रेषित करें सार्वजनिक मंच पर नहीं।
आप से गुरू दीक्षा कैसे प्राप्त की जा सकती है कृपा करके मार्ग दर्शन करने की कृपा करें धन्यवाद कोटि कोटि नमन ।
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
आप किस परम्परा से हैं तथा आपकी अब तक हुई दीक्षाओं का विवरण अपेक्षित है। साथ में आपका परिचयात्मक विवरण भी आवश्यक है।
@chandraprakashpandey8200
2 жыл бұрын
सनू 2000 से 11 माला नवार्ण मंत्र जपते हैं मां का अनुभव कयी बार प्राप्त हुआ है एक वर्ष पहले वैष्णव मंत्र की दीक्षा लिए लेकिन मां के प्रति इतना प्रेम हैं की और कोई मंत्र जपने की इच्छा नहीं करतीं आप से मिलना चाहते हैं अपना पता बता दें कृपा होगी
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
@@chandraprakashpandey8200 हमें आप से मिल कर प्रसन्नता होगी। हमारे आगे दिए ईमेल पर अपनी दीक्षा का विवरण,लघु परिचय, मोबाइल नंबर आदि प्रेषित करें। shri.siddhvidya@gmail.com
@sandybjoshi
2 жыл бұрын
@@chandraprakashpandey8200 नमस्ते जी । में नवार्ण मंत्र का जप कर रहा हु बिना गुरु दीक्षा के । कृपया मुजे मार्गदर्शन प्रदान करावे । मातारानी की आप पर कृपा रहेगी
Pranam swikar kare Guruji...Aatmasaat kaise kare...margdarshan kare..pl.
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
जय जगन्मात: आपके दूसरे कमेंट के लिए हमारे उत्तर देखें।
@devanshi1028
2 жыл бұрын
@@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad Aapse contact kaise kare...
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
@@devanshi1028 सम्पर्क का मन्तव्य हमारे ईमेल पर लिखें । साथ में अपना लघु परिचय तथा अब तक हुई दीक्षाओं का विवरण भी लिखें।
दीक्षा कहां से मिलेगी गुरुजी नवार्ण मंत्र कीं कृपया बताय 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
3 жыл бұрын
जय मातेश्र्वरी अपने निकट के किन्हीं उच्च कोटि के सात्विक भगवती के उपासक से संपर्क कर सकते हैं जिन्हें आप ने अच्छी तरह परखा हो। वामाचारी न हों कारण वाम मार्ग की साधना बहुत कठिन है। आजकल बहुत से छद्म वेषधारी मिल जाएंगे। उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।
गुरूजी जी प्रणाम मे श्री विद्या की दीक्छा लेना चाहता हु
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
अवश्य । भगवती आपकी शुभेच्छा की पूर्ति करें।
प्रणाम गुरुवर, मुझे दीक्षा चाहिए आप से, मैं काई वर्षो से जाप कर रहा हूं
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
जय श्रीललिता अपने पूरे नाम सहित अपना पूर्ण परिचय अब तक हो चुकी दीक्षाओं सहित हमारे ईमेल पर प्रेषित करें।
नर्वाण मंत्र जप से पहले क्या शाप विमोचन जरूरी है? अगर हां तो कैसे करें शाप विमोचन?
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
जय जगन्मात: विधिवत सिद्ध, योग्य गुरुसे दीक्षा लेकर करना चाहिए।
@devanshi1028
2 жыл бұрын
@@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad :::Pranam swikar kare Guruji...Aaj ke Samay Aap dekh hi rahe hai,bahot se naye Sadhak Yogya Guruji ki khod me bhatak rage hai...Yogya margdarshan ke liye taste hai...kya kuchh ho sakata hai..!!!..???..
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
@@devanshi1028 जय जगन्मात: ऐसा नहीं है कि आज भी योग्य गुरुजन तथा सिद्ध साधक उपलब्ध ही नहीं हैं। चमत्कारों के भ्रम में न फंसें। साधना मार्ग आत्मोत्कर्ष के लिए है न कि सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए। श्रीविद्या का मुख्य उद्देश्य तो मोक्ष ही है। यूं तो साधना मार्ग में स्वत: ही सिद्धियां प्रकट होती रहती हैं किन्तु वे साधना में विक्षेप ही उत्पन्न करती हैं और साधक लक्ष्य से विरत होकर अपना अहित ही कर लेता है । इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखकर सद्गुरु की खोज कर साधना में रत हों अवश्य सफलता मिलेगी।
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
2 жыл бұрын
शास्त्रानुकूल आचरण इसका द्वितीय सोपान है। हम शास्त्रों का अध्ययन ही नहीं कर रहे हैं जिनमें साधना, दीक्षा ,गुरु, मन्त्र, देवता तथा शिष्यत्व के संबंध में अथाह ज्ञान भरा पड़ा है।
Apse mulakat kaha ho sakti hai
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा, आप कहाँ निवास करते हैं ?
@rishabhtripathi8075
Жыл бұрын
Lucknow
भगवान यदि गुरु ना हो तो क्या नवार्ण मंत्र का जाप ना करें
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा, किसी भी कार्य को सुलभता से संपन्न करने के लिए मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है। अध्यात्म पथ के पथिकों के लिए भी यही नियम है। कभी कभी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बिना पथप्रदर्शक के किसी बिरले व्यक्ति को अत्यंत उद्यम एवं शोध से यह सौभाग्य प्राप्त हो जाता है। अपवाद स्वरूप ऐसे कुछ उदाहरण हैं क्योंकि पूर्ण निष्ठा से कोई भी कार्य असंभव नहीं है। उदाहरणस्वरूप हैं यदि श्रीविद्योपासना अथवा नवार्ण मन्त्र जप आदि को लें तो ये साधनाएं क्लिष्ट एवं गूढ़ तो हैं ही, किन्तु विधिवत दीक्षा से ये सुगम हो जाती हैं। साधना पथ में विक्षेप नहीं होता है। यहां यह आवश्यक है कि जिन्हें आप गुर बनाने का विचार कर रहे हैं वे भी शास्त्रों में वर्णित गुरु के लिए बताई गई योग्यताओं को धारण करते हों तथा उस पथ के अनुगामी एवं अनुभवी हो़। नव साधकों की साधना विषयक जिज्ञासाओं का समाधान करने में सक्षम हों। हमनें अपने वीडियोज में शास्त्र आधारित वचनों को उद्धृत किया है। किसी भी नवीन कार्य जिसका आपको व्यावहारिक ज्ञान नहीं है, को प्रारंभ करने के लिए तथा उसे सफलता पूर्वक संपन्न करने के लिए आपको किसी शास्त्र/ग्रन्थ अथवा अनुभवी व्यक्ति का सहारा तो लेना ही पड़ता है।
@nityanandtiwari3574
Жыл бұрын
महाराज जी सादर प्रणाम आपने नर्वाणमंत्र का इतना शु-स्पष्ट उच्चारण किया मेरे द्वारा किए जाने वाले उच्चारण में जो हमें जो संस्य था वह भी दूर हो गया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सादर प्रणाम जय मां भवानी भगवन मां भवानी से प्रार्थना करें कि मुझे सद्गुरु की प्राप्ति हो
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
@@nityanandtiwari3574 भगवती की कृपा से समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है। सद्गुरु का मार्गदर्शन प्राप्त करने की सदिच्छा भी वे समय आने पर पूर्ण करेंगी।
Aur kya is mantra ko chalte firte,uthte baithte jaap kar sakte hain??isme koi hani to nehi hogi??
@श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad
Жыл бұрын
जय जगदम्बा, जप विधिवत किया जाता है। इसकी विधि का हमनें पूर्व में ही वीडियो अपलोड कर रखा है। चलते - फिरते भगवन्नाम स्मरण किया जा सकता है। उसका प्रभाव भी कम नहीं है। मन्त्र अधिक प्रभावी हो उसके लिए आहार शुद्धि एवं सविधि जप आवश्यक है। अन्यथा की स्थिति में मन्त्र जप लाभकारी तो होगा ही ,कोई हानि नहीं पहुंचाता है। सश्रद्धा भगवती के शरणागत होने से वे अपनी संतान का मंगल अवश्य करती हैं।