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पञ्च - पञ्चिका पूजन Panch - Panchika Pujan

Пікірлер: 25

  • @Dhritishrimali
    @Dhritishrimali2 жыл бұрын

    प्रणाम गुरुदेव सादर चरण स्पर्श

  • @surekhachaudhary6194
    @surekhachaudhary61943 жыл бұрын

    सादर चरणस्पर्श

  • @user-re7en7oo3s
    @user-re7en7oo3s2 жыл бұрын

    💐धन्यवाद प्रभु जी

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    2 жыл бұрын

    जय जगदम्बा

  • @surekhachaudhary6194
    @surekhachaudhary61943 жыл бұрын

    जय ललितेश्वरी

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    3 жыл бұрын

    जय मातेश्वरी

  • @mehtindersingh509
    @mehtindersingh509 Жыл бұрын

    Adbhut knowledge 🙏🙏🙏🌷

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगदम्बा

  • @bittup812bittu2
    @bittup812bittu23 жыл бұрын

    श्री मांत्रे नमः🙏

  • @ajayupadhyay5545
    @ajayupadhyay55453 жыл бұрын

    अत्यंत गोप्य विषय पर बहुत ही विस्तृत जानकारी आपने दी। साधकों को समुचित समझ आ सके इसके लिए ग्राफिक्स का उपयोग पंच -पंचिका पूजन को जानने के लिए बहुत ही लाभकारी रहा।आपको बारंबार नमन और धन्यवाद।

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    3 жыл бұрын

    जय मातेश्र्वरी धन्यवाद उपाध्याय जी

  • @anantshreelawfirm5665
    @anantshreelawfirm56653 жыл бұрын

    🙏 श्री माँ 🙏

  • @vishalacharya969
    @vishalacharya9693 жыл бұрын

    Bahut hi anandit 🙏🙏

  • @TheVijaydashora
    @TheVijaydashora3 жыл бұрын

    🙏🌹जय मातेश्वरी🌹🙏

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    3 жыл бұрын

    जय मातेश्वरी

  • @chhabildassonewane1547
    @chhabildassonewane1547 Жыл бұрын

    Sri Chakra Puja kaise karen

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगदम्बा, श्रीचक्र पूजा के विषय में हमारा वीडियो श्रीविद्यासपर्या द्वितीय भाग का अवलोकन करें। इसमें नवावरण पूजा जिसे महापूजा भी कहा जाता है,पर प्रकाश डाला गया है। नवावरण पूजा श्रीयन्त्र की विशेष पूजा है जिसमें कम से कम छ: घंटे का समय लगता है। यह विधिवत गुरु अथवा वरिष्ठ साधक के सान्निध्य में ही सीखी जा सकती है। अल्पकाल के वीडियो में यह संभव नहीं है। कुछ ग्रन्थों में लघुपूजा का भी विधान उपलब्ध है। इसमें लगभग 1.5 घंटा लगता है। इसे भी सीखना आवश्यक है। श्रीयन्त्र के विधिवत पूजन के लिए प्राण-प्रतिष्ठित होना आवश्यक है। साधक समूह को सपर्याक्रम सिखाने हेतु विशिष्ट शिविर लगाने के लिए कुछ श्रीविद्योपासकों ने हमें निवेदन किया है। यदि साधकगण ही व्यवस्था करें तो विचार किया जा सकता है।

  • @saartv7553
    @saartv75533 жыл бұрын

    प्रनाम महाराज,आशा है की सब कुशल मंगल होगा| काफी समय से कोई विडीओ नहीं आया प्रार्थना है की इस विभीषिका मैं आप महामाया की कृपा से सुरक्षित होंगे

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    3 жыл бұрын

    जय मातेश्र्वरी भगवती की कृपा है। इस विभीषिका में कष्टदायक समाचार सुनकर कर बहुत खिन्नता हो जाती है। भगवती ही संबल प्रदान करती हैं। चैनल के माध्यम से हमसे जुडे कुछ बन्धु तथा उनके परिजन इससे ग्रसित हो गए हैं। सभी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भगवती से कामना करते हैं। ऐसी स्थिति में वीडियो बनाने का चिन्तन नहीं कर रहे हैं। आशा है आप सभी स्वस्थ एवं कुशल होंगे।

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    3 жыл бұрын

    @SAAR TV कृपया अपना परिचय हमारे ईमेल shri.siddhvidya@gmail.com पर प्रेषित करें। आध्यात्मिक विषयक हमारे वीडियोज के प्रति आपकी रुचि हमें प्रभावित करती है। यह भी अवगत करायें SAAR TV क्या कोई चैनल है आदि।

  • @surekhachaudhary6194
    @surekhachaudhary61943 жыл бұрын

    नमस्ते दण्डी स्वामीजी की लिंक दिजीएगा

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    3 жыл бұрын

    दण्डी स्वामीजी का लिंक open.spotify.com/episode/0V1pPVGPs09UAO5ZGO94Gr

  • @mrunalini5504
    @mrunalini550410 ай бұрын

    प्रणाम गुरूदेव, चरण स्पर्श गुरूदेव!शिव,शंकर, रुद्र एक ही है तो पंचपंचिका पुजन मे आसन के पाय एक शंकर, एक रुद्र आसन पर लेटे शिव कैसे है? कृपा करके मेरे confusion को दूर करे। चरण स्पर्श करती हू।

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    10 ай бұрын

    जय जगदम्बा, यह जिज्ञासा प्रायः सभी के मन में प्रकट होती है। भगवान शिव के अनेक अवतारों के विषय में यह और बलवती हो जाती है जब श्रीललिता को पंचप्रेत जिसके पाए और फलक हैं ऐसे सिंहासन पर विराजमान बताया जाता है। आपने रुद्र, शिव शंकर , सदाशिव आदि के विषय में संशय को दूर करने के लिए यह संदेश भेजा है। स्थानाभाव के कारण हम बहुत लघु रूप में यह भेद स्पष्ट करते हैं। रुद्र भगवान शिव का उग्रतर, रौद्र रूप है। वस्तुतः ये एकादश रुद्र भगवान शिव के अंशावतार हैं। ये ऋग्वैदिक देवता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। त्रिपुरासुर के संहारक हैं। रुद्र को ही कल्याणकारी होने से शिव कहा जाता है। शंकर शिव का ही रूप हैं जो भगवती पार्वती एवं अपने पुत्रों तथा नन्दी के ‌साथ कैलाशवासी के रूप में दिखाया जाता है । महेश देवताओं में सबसे बड़े देवता के कारण महेश कहलाता हैं। सदाशिव पंचवक्त्र हैं। वे ही संपूर्ण सृष्टि के सर्वोच्च स्वामी हैं। ईश्वर शिव का विशेषण है। भगवती इस सिंहासन पर विराजमान हैं,महाराज्ञी हैं। अर्थात् इन सभी पर शासन करती है। ये उन्हीं की आज्ञा से संसार के समस्त कार्य कर सकते हैं।

  • @mrunalini5504

    @mrunalini5504

    9 ай бұрын

    गुरूदेव आपको कोटी कोटी प्रणाम मेरी जिज्ञासा को पूर्ण करने के लिए। कृपा करके पंचप्रेतासनासिना का भी अर्थ समझाए। जैसे जैसे मां को समझने की कोशिश कर रहीहूं जिज्ञासा और भी बढती है,कृपा करके मार्गदर्शन करे गुरूदेव आपको चरणस्पर्श करती हू।

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