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श्रीविद्या रहस्य - भाग प्रथम निगम-आगम और वर्णमाला

जय जगदम्बा,
मातृकाओं का हमारे शास्त्रों में बहुत विस्तृत वर्णन मिलता है। लोकव्यवहार में इनका 'केवल रूप' ही प्रयुक्त होता है किन्तु मन्त्रों में अन्य शक्ति समन्वित रूपों का प्रयोग किया जाता है।
मातृकाओं की संख्या कितनी है।
श्रीललितासहस्रनाम में श्रीदेवी का एक नाम सर्ववर्णोपशोभिता आता है। इसका क्या अर्थ है।
श्रीदेवी के कौन कौन से अंग किन किन वणों से सुशोभित हैं।
इस जगत का समस्त व्यवहार इन्हीं मातृकाओं के अधीन है।
रुद्र कब शिव बन जाते हैं और कब घोर।
श्रीदेवी जो श्रीललिता अथवा श्रीविद्या हैं वे ही मातृका शक्तिरूपिणी हैं।
ऐसी अनेकों जिज्ञासाएं साधकों के मन में उठती रहती हैं।
श्रीदेवी के अनेकों रहस्य हैं। इन्हीं दिव्य रहस्यों के चिन्तन एवं मनन हेतु यह वीडियो श्रंखला 'श्रीविद्या रहस्य' के नाम से साधकों के लाभार्थ प्रस्तुत की जा रही है।
यह वीडियो इस श्रंखला का प्रथम पुष्प है।

Пікірлер: 38

  • @Radharaniji-Amitsharma
    @Radharaniji-Amitsharma Жыл бұрын

    जय गुरुदेव

  • @bagimaansingh

    @bagimaansingh

    Жыл бұрын

    जय माता जी की जय गुरु महाराज

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    @@bagimaansingh जय जगदम्बा

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगदम्बा

  • @vinoychoubey8843
    @vinoychoubey8843 Жыл бұрын

    सादर प्रणाम! सुन्दर , प्रामाणिक तथा अवश्य ज्ञातव्य। सनातन धर्म के अध्येताओं और जिज्ञासुओं के लिए आदरणीय। बहुत -बहुत आभार

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय श्रीललिताम्बिका

  • @marutiemiteshanmenufeckchr4042
    @marutiemiteshanmenufeckchr4042 Жыл бұрын

    parnam guruji

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगन्मात:

  • @ashokkumarpandey6695
    @ashokkumarpandey6695 Жыл бұрын

    प्रणाम गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगदम्बा

  • @vivek2718
    @vivek2718 Жыл бұрын

    जय गुरुदेव 🙏💐

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगदम्बा

  • @surekhachaudhary6194

    @surekhachaudhary6194

    Жыл бұрын

    जयललिते

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    @@surekhachaudhary6194 जय श्रीललिताम्बा

  • @sanjivtandan-ro4uc
    @sanjivtandan-ro4uc Жыл бұрын

    🙏 प्रणाम आचार्य जी

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगदम्बा

  • @user-ns6pw5rc6w
    @user-ns6pw5rc6w9 ай бұрын

    Guru trishakti stotram par vi video banakar anugrahit kare❤❤❤nepal

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    9 ай бұрын

    जय जगदम्बा, आपका आशय त्रिशती से है क्या?

  • @user-ns6pw5rc6w

    @user-ns6pw5rc6w

    9 ай бұрын

    Yes guru

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    9 ай бұрын

    प्रतीक्षा करें

  • @saartv7553
    @saartv7553 Жыл бұрын

    bahut hi uttam gyaan diya prabhu, ek prashna hai kya aap bata sakte hain ki Kis "Praati shakya" main se aap ne sandarbh diya hai? (swaroksharam)

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगदम्बा, अति प्रसन्नता का विषय है कि हमारा यह प्रयास विज्ञजनों तक पहुंच रहा है। सामान्यजन तक हमारे शास्त्रों में निहित ज्ञान का प्रसार भी होना चाहिए। इसी दृष्टिकोण से हमने इस चैनल को प्रस्तुत किया है किन्तु गुरुजनों के द्वारा निर्धारित शास्त्र मर्यादा की सीमा में रहते हुए विषय चिन्तन करते हैं। विस्तार भय से प्रस्तुति में केवल संदर्भ ही दे पाते हैं , क्योंकि उससे उद्देश्य की पूर्ति हो जाती है। जहाँ आवश्यक है व्याख्या दे देते हैं। अस्तु आपकी जिज्ञासा का समाधान अवश्य करेंगे। आप तो जानते ही हैं वेदसंहितानुसार प्रातिशाख्य उपलब्ध हैं। स्वरोऽक्षरम् सूत्र - कात्यायनप्रणीत वाजसनेयिप्रातिशाख्य के प्रथम अध्याय का सूत्र 99 है। इस ग्रन्थ के भाष्य उव्वट एवं अनन्तभट्ट कृत प्राप्त होते हैं। उव्वट के अनुसार इस सूत्र की व्याख्या इस प्रकार है- सव्यञ्जनः सानुस्वारः शुद्धो वापि स्वरोऽक्षरम्।

  • @Rajguru924

    @Rajguru924

    Жыл бұрын

    Bahut sundar 🙏

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    @@Rajguru924 श्रीमात्रे नमः

  • @kunaljha8818
    @kunaljha881811 ай бұрын

    Aapkse baat kaise ho skti h gurudev

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    11 ай бұрын

    जय जगदम्बा, बहुत सरल है। अपना विवरण हमारे ईमेल पर भेज दें जिसमें आपका मोबाइल नंबर भी हो जिसके माध्यम से आपसे वार्ता हो सकेगी। गोपनीयता की दृष्टि से केवल ईमेल पर ही संदेश प्रेषित करें।

  • @SatendraSingh-zi7pz
    @SatendraSingh-zi7pz Жыл бұрын

    Maharaj ji prnam rs sadhna ka kya labh hai

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    जय जगदम्बा, सम्पूर्ण ब्रह्मांड की माता श्रीमाता तथा महाराज्ञी अपनी संतति को एवं प्रजा को क्या नहीं दे सकती हैं? वे भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करती हैं। ऐसा शास्त्रों में वर्णन है।

  • @SatendraSingh-zi7pz

    @SatendraSingh-zi7pz

    Жыл бұрын

    Kya radha rani ka hi savrup hai kay

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    @@SatendraSingh-zi7pz समस्त देवियाँ उन्हीं पराशक्ति के स्वरूप हैं।

  • @SatendraSingh-zi7pz

    @SatendraSingh-zi7pz

    Жыл бұрын

    Maharaj ji prnam bhut sare prshan hai unka smadhan kaese ho diksha ke liye shisy kesa ho kitne din ki sadhna hai kya kthinaeya hai in par prkash dale

  • @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    @श्रीविद्यासंवादShrividyaSamvad

    Жыл бұрын

    @@SatendraSingh-zi7pz प्रायः अधिकतर प्रश्नों के उत्तर हमारे वीडियोज में मिल जाएंगे। श्रीविद्या दीक्षा के विषय में हमारा वीडियो "श्रीविद्योपासकों के लिए पालनीय नियम" देखें। जप आदि के संबंध में भी वीडियोज उपलब्ध हैं। अन्य प्रश्न व्यक्तिगत हो सकते हैं। जिनका उत्तर सार्वजनिक मंच पर नहीं दिया जा सकता है। क्या आप की पूर्व कोई दीक्षा हुई है? इसीसे आगे की दीक्षा का निर्णय करने में सुविधा रहेगी।

  • @bagimaansingh
    @bagimaansingh Жыл бұрын

    आगम निगम का केवल नाम ही सुना ही था। आज सौभाग्य से इतना गूढ़ विश्लेषण आप द्वारा बताए जाने से विषय की जानकारी और आपके द्वारा किए गए परिश्रम का अहसास हुआ। कोटि धन्यवाद प्रणाम गुरुदेव हर हर महादेव

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