Payasprasad | Dadra | Bandish Ki Kahani | Dr. Ashwini Bhide Deshpande | Batiyan Daurawat
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दादरा: प्यारी बहना
हम सबने बचपन से रामायण की जो कहानी सुनी है, उसकी शुरुआत कुछ ऐसे होती है, कि अयोध्या नगरी में राजा दशरथ राज कर रहे थे। उनकी तीन रानियाँ थीं - कौशल्या, सुमित्रा तथा कैकेयी। राजा के परिवार तथा प्रजा के सुख में कोई कमी नहीं थी, बस, एक बात सभी को खल रही थी। राजा की कोई संतान नहीं थी। संतान की प्राप्ति के लिए राजा दशरथ ने पुत्रकामेष्टी यज्ञ करवाया। यज्ञ में से प्रकट हुए दिव्य पुरुष ने राजा को प्रसाद के रूप में पायसदान दिया, और आशीर्वाद दिया कि इसे सेवन करने से रानियों को पुत्र की प्राप्ति होगी।
यज्ञपुरुष की भविष्यवाणी के अनुसार कुछ समय बाद, राजा दशरथ को चार पुत्र प्राप्त हुए - राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न।
दशरथ राजा की तीन रानियों से चार पुत्रों की प्राप्ति, अपने आपमें एक कूटप्रश्न है जिसके तर्कसंगत प्रमाण का मुझे बोध नहीं हो पाया है। इस घटना के कई विकल्प पाये जाते हैं। परंतु, पौराणिक तथ्य केवल इतना है, कि किसी एक रानी को जुड़वा बेटे पैदा हुए। अब, जुड़वा भाई कौन? लक्ष्मण-शत्रुघ्न? या भरत-शत्रुघ्न? किसके बेटे? वाल्मिकी रामायण के अनुसार सुमित्रा के; क्यूँ कि उसे प्रसाद न मिलनेपर कौसल्या और कैकेयी दोनों ने सुमित्रा को अपने पायसप्रसाद का हिस्सा प्रदान किया। सत्य केवल इतना ही है, कि सुमित्रा को प्रसाद नहीं मिला, इसलिए कौशल्या और कैकेयी ने अपने हिस्से का प्रसाद उस के साथ बाँटकर खाया। यह घटना मेरे मन को बेहद छू गई। जहां ऐतिहासिक सबूत यह दर्शाते हैं, कि अंतःपुर के मत्सर की राजनीति की वजह से बहुतों बार बड़े बड़े साम्राज्य भी टूटने पर मजबूर होते हैं, वहाँ इन तीन रानियों के बीच का प्यार, सौहार्द और स्वसृभाव मुझे भा गया। मैंने इन तीनों रानियों के बीच के गहरे व्यक्तिगत संबंधों का काल्पनिक चित्रण करते हुए दो रानियों से यह कहलवाया, कि “तुम हो हमरी प्यारी बहनिया, तुम भी बनोगी ललनुवा की मैंया”। साथ ही, अपने कुल की सभ्यता और प्रतिष्ठा का पालन करने के लिए उनका वचनबद्ध होना मुझे बहुत ही मनोज्ञ लगा। इसीलिए वे कहतीं हैं, कि, “रघुकुल की बचैयो लाज”! यह रचना ख़्याल बंदिश के बजाय एक दादरे के रूप में अवतरित हुई है--- “प्यारी बहना मोरी, लीजो पायसप्रसाद!”
Dadra: Pyari Behena
Vocals: Dr. Ashwini Bhide Deshpande
Tabla: Siddarth Padiyar
Harmonium: Dnyaneshwar Sonawane
Tanpura: Megha Bhatt, Swarali Joshi
Creative Ideation: Amol Mategaonkar
Audio Recording & Mixing: Amol Mategaonkar
Video Shooting and Editing: Amol Mategaonkar, Kannan Reddy
Color Grading: Kannan Reddy
Special Thanks to: Raja Deshpande
Recorded at : Naadbrahma, Thane
Opening Title Photo Credit: Varsha Panwar
#hindustaniclassicalmusic, #dadra,
Пікірлер: 29
एक अद्भुत एवं अत्यंत रोचक प्रयास। ढेरों शुभकामनाएं
Aisi tofaen barsate rahiye, Vidusi ji
सुंदर रचना व त्यामागचा विचार ही फार सुंदर.
Beautiful ❤
❤amazing
Very nice
🙏🏼🙏🏼🙏🏼
🙏👌
Loved this series....Ashwinitai if I may call you that. What an excellent team..you have
What a beautiful rendition ❤ bahut hi sundar shabd hai aur ati bhavpurn gaayki hai🙏🙏🙏🙏 koti koti naman 🙏🙏
Thank you for uploading this. Have been religiously following your video releases. Special admiration for the tabla player for such a sweet and melodious accompaniment. 🙏🙏
@tablaplayer-siddharthpadiyar
Жыл бұрын
🙏 thank you so much 🙂
@bhushandhongade1475
9 ай бұрын
harmonium accompanist too is worth praises.
thanks guruma Keep making video because this makes distance shorter between guru and shishya
वाह व्वा अश्विनी ताई किती उच्च दर्जाची कलाकृती निर्माण झाली आहे तुमच्या हातून
Waah, khup khup dhanyawad. Khul Sundar dadra. Tumhala koti koti pranaam 🙏
वा वा वा। क्या बात। 👌👏👏
ताई, खर्या पायसा पेक्षा स्वर पायस जास्त आवडले 🙏🏻
उत्तम स्वर रचना 👌👌
All your latest compositions based on Ramayana are amazing mam🙏🏻🙏🏻🙌🏻🙌🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻 If possible please upload "ए री सखी मांग लीजो राजासे राज" 🙏🏻🙏🏻😊
Outstanding. And indeed a very thoughtful
खूपच सुंदर रचना ताई पण तुमच्या हातात आज तानपुरा नाहीये पहिल्यांदाच अस बघितले🙏
प्रणाम mam
वा वा किती छान
Absolutely outstanding rendition ma'am ❤After you complete the series,it will be great if you start a series on ragas (not tutorial,but your viewpoint about different ragas )
🙏🙏🙏
🎵🌹😌🙏🌹🎶
आपली काही पुस्तके आहेत का .कुठे मिळतिल.
Mam ma ap se sikna chata hun taim do