हमारे शरीर में आत्मा कहाँ रहती है? आत्मा का स्थान
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Пікірлер: 271
सादर नमस्ते जी🌹🚩🙏🙏💐🌺🌹🌹♥️
ओउम् नमस्ते आचार्य जी
अतिसुदंर
आत्मा आंखों के बीच के स्थान भ्रकुट्टी मैं रहती है🙏
@user-tt9qw1nb8r
4 ай бұрын
ATMA EK WAHEM HAI CHETNA RAHETI HAI
Super sir
Dhanyvad
धन्यवाद आचार्य अंकित जी
great . i was not lntrested earlier to be frankjai Hind
Ati sunder.
दंडवत प्रणाम
Ishar bhagati guru ki sewa gyan ki mala gal me Achha satsang, sadhu ki sewa dya rakhiye mnn me Tatav gyan se daag dho liye gyan rup ke jal me Laga smadhi turiye pad ki aaga suje pal me Dasme dwar pr khich kapali jit rok sas ki ho se.
बहुत अछा परवचन धन्यवाद जी नमसते जी
Aacharya ji sadar pranam Aapne aatma kaa sthan bahut acche dhang se samjhaya aapko bahut bahut dhanyavad pranayam guru ji
Dhanyavad good janakari
शरीर नहीं तो आत्मा कहाॅं जीव नहीं तो सृष्टी कहाॅं , जीव ही शिव का साक्षात्कार करना आत्मा की आवाज परमात्मा होने का दर्शन हैं !
Jai gurudev
आदरणीय अंकित जी , सादर नमस्ते । आपके एक प्रवचन की टिप्पणी में मैंने आपसे अनुरोध किया था कि आत्मा एक पुल्लिंग शब्द है परन्तु आपकी वाणी में इसे स्त्रीलिंग के रूप में प्रयोग किया जा रहा है । आज के आपके प्रवचन में आत्मा शब्द को पुल्लिंग रूप में उच्चारित किया जा रहा है सुनकर बहुत अच्छा लगा । बहुत बहुत धन्यवाद । फिर भी कहीं-कहीं स्त्रीलिंग के रूप में भी प्रयुक्त हो रहा है । कृपया इस ओर ध्यान दीजिएगा आप जैसे विद्वान् व्यक्ति के श्रीमुख से आत्मा शब्द का उच्चारण पुल्लिंग रूप में ही शोभा देता है ।
आचार्य जी, नमन है. आपके विचारों को सुना. परमात्मा पूरे ब्रम्हाण्ड में व्याप्त है, कोई जगह खाली नहीं है, कहीं पर परमात्मा का अभाव नहीं है. परमात्मा सर्वत्र है. आत्मा शरीर में है. यदि हिर्दय में स्थित है तो पूरे शरीर में नहीं है, वहाँ उसका अभाव हो जायेगा. आत्मा सीमित है शरीर में है. परमात्मा असीमित है, विराट है. दोनों एक ही हैँ. यदि रसगुल्ला का उदाहरण लें तो एक बड़े से पात्र में चीनी का सीरा है, वह पूरा भरा है, उसमें रसगुल्ला है. यानि एक शरीर. अब रसगुल्ला के अन्दर सीरा है. जो अन्दर है वही सीरा बाहर बहुत ज़्यादा है. किसी भी काल में आत्मा का अभाव नहीं होता. तत्वचिंतामड़ी में दिया है कि आत्मा का आवागमन नहीं हो सकता, असम्भव है. आत्मा अजर, अमर, अविनाशी है, अचल है, अडोल है. परमात्मा निराकार है, पूरे ब्रम्हाण्ड में व्याप्त है. यही निराकार पूरे शरीर में व्याप्त है. रोम रोम में बसा है. कृपया स्पष्ट करियेगा. धन्यवाद.
@styerkergaming9345
Жыл бұрын
.
@SandeepSingh-jammu.
8 ай бұрын
Yes sir aapki gyaan bilkul thik hai ...thanks..
आत्मा शरीरका पवित्र स्थान पर विराजमान होने के कारण भृकुटीके बीचमे आत्माका निवास स्थान है।
@sureshsachdeva7442
Жыл бұрын
हृदय यनि कि दिल?
आचार्य जी सादर धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩
नमस्ते आचार्य जी
Bahut achhi jankari mili
समस्त प्राणीयों की जन्म से लेकर मृत्यु तक तीनों अवस्था में परिवर्तन के साथ आत्मा का संबंध युग निर्माण में जीवन का प्रमाण परमात्मा की सृजन शक्ती का ज्ञान है !
आत्मा आनंदमय कोस मे है जो तरंगो के रूप मे विद्यमान है। जब हम गुरुचक्रा मे द्रष्टा भाव से शिव और शक्ती के मिलने के समय आनंदमय कोस का ऐक्टीव होने और धारापर्वाह का साक्षात्कार होता है।
🌺🌸Very nicely explained.🌸🌺
Swamiji imagine prashnon ka Talaash Khoj rahi thi un Uttaran ko Sun kar samajh kar bada Anand aaya aapka bahut bahut dhanyavad
thankyou for investigste soul position
Achary Ankit Pravakarji Sadare Namaste (Binod Kumar Dehury Odisha)
ओम् तत् सत् 🎉
Ati sunder
श्री आचार्य जी को नमस्ते सादर प्रणाम
@InderSingh-vg4zi
Жыл бұрын
बुकुट्टी between eyes प्राण योगाभ्यास स्थल?
जहां कोई नहीं पहुंचा है वहां आपके आचार्य जी पहुंच चुके हैं पहली बात की आत्मा तो हम लोग देखे नहीं लेकिन आपका आचार्य जी देखें हम लोग तो वह जगह देख नहीं की आत्मा कहां रहती है आपका आचार्य जी उसे आत्मा तक टहल के आए हैं वहां घूमने गए थे आप लोगों ने इसी आधार पर अनहोनी को होनी बना दिया की पांचो तत्व के संयोग से सब कुछ हो रहा है जब ए पांचो टूट जाएंगे तब मृत्यु हो जाएगी पांचो तत्व जो है पूरे शरीर के सर्वांग में रहता है जिस अंग से हवा कम हुई वहां लगवा जो भी तत्व काम हुआ इस तत्व के अभाव में वह रोग पैदा हो जाता है
सादर नमस्ते आचार्य जी
Dhanywad achary ji bohot achha samjhaya aapne 🙏
Aatamakianbutimakyhothi
Waah 🥰 Jai bhoLe ...≤3
Excellent
अच्छे कर्म के अनुसार जिस प्रकार कोई कार्य करते हैं , ऊर्जा के रूप में जो निकलती है , ,बपचन में ही अनाज के शक्ति हर मानव में बैठा देते हैं जो शरीर में ही रहते हैं !
Wow nice
Nice explanation. Thanks.
सर्वस्य चाहम् हृदि संनि विष्टो गीता अध्याय-15 श्लोक_15 जिस तरह बिजली का पावर स्टेशन होता है उसी तरह आत्मा हृदय मे रहता ह पावर स्टेशन थे बिजली सभी जगह प्रसारित होती है वैसे आत्मा की शक्ति शरीर मे प्रसारित होती है ऐसा मेरा मन्तव्य है
आत्मनो मध्यमपरिमाणत्वे घटादिवदनित्यत्वापत्ति:,अणुपरिमाणत्वे तु गङ्गायाम् निमग्नस्य समग्रशरीरेशैत्याद्यानन्दानुपपत्ति:,व्यापकत्वे च शरीरान्तरेपि सुखाद्यपलब्धि: स्यादिति सर्वथापि दोषग्रस्तत्वात् ऋषिदयानन्दीयं मतं सर्वथाप्यवैदिकत्वं सिद्ध्यति
❤
ओ३म्
स्वर्गलोक , भू लोक , पाताल लोक जीव सृष्टी के साथ आत्मा और परमात्मा की सृजन शक्ती का प्रमाण है !
@RajoleLal-gz5tm
11 ай бұрын
😊😊
@RajoleLal-gz5tm
11 ай бұрын
Ll 😊O😊😊
🌷🙏🙏🌷
Thanks
Nice expression 🙏🙏🙏
Nice🙏🏻🙏🏻
🚩🙏
🌺🌺🍀🙏🙏🙏🍀🌺🌺
Correct explanation
Bhut ashay sthit ka matalab
प्राण आत्मा का सारथी है तो मन विचारों का वाहक होने के कारण गति शक्ती का प्रमाण है और आत्मा प्राण तृप्ती के साथ स्थिरता प्राप्त होते मानव जीवन में जन्म और मृत्यु के साथ जीवन का प्रमाण है !
Tatha Ishtar byaptam Algol Bramande Tatha Iswar swaroop atma Sampurna sharire L
🌹🙏 बहुत ही सुन्दर व्याख्या की है यह अनुभव करने पर ही समझ में आता है, और मैं इन सभी चारों अवस्था को अनुभव करती हुं
Jai.ho
पंच तत्व जीव रूपें ब्रह्म रूपें सृष्टी दर्शना आत्मा रूपें परमेश्वरा
तुर्या अवस्था मे आत्मा कहा रहती हैं? तूर्या अवस्था पर विशेष मार्गदर्शन करे,🙏🙏🙏
Soul is a Suxma particle of cosmic energy it's location is our brain. One of the most bright neurons in our brain is a soul or Aatmaa. It is work like a battery and its light runs through our astral body. Astral body charge by soul. Astral body change its Svarup after death but soul or battery remain same. This is Sanatan satya .
जय दुःख में होता है तब उसकी अवस्था को बताया जाय कृपया।
Dhanya aapke is gyan dene ke liye Rameshwar😊
Aacharya g Mera ek prashn h ki shrimadbhagvaat Geetame dhyan lagane k liye dono bharakuti k madhya vala sthan hi ku bataya gaya h kanth ya hirday ku nahi ?
@mshankarprasaddora9832
Жыл бұрын
Nice question. Please enlighten on it as it is said by the Lord Sri krishna to his disciple Arjuna whom he likes the most.
परमादरणीय सप्रेम सादर वंदना। क्या जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति , तुरिया तथा तुरीयातीत ये पांच अवस्थाएं मन की है या आत्मा की है? क्या ईश्वर भी जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति अवस्था ओं से प्रतिबंधित है? क्या आपके शरीर में उपस्थित आत्मा कभी सोती है, या जागती है या स्वप्न देखती है?फिर इन अवस्थाओं का वर्णन करने वाला कौन ? आपके अनुसार जब आत्मा गहरी सुषुप्तावस्था में होती है तब यह कौन कह रहा है कि आज मुझे बहुत गहरी नींद आयी।गहरी नींद की अवस्था में जाग्रत रहने वाली सत्य चेतन सत्ता ही इस गहरी नींद की अवस्था को जान रही होती है। आत्मा कभी भी नहीं सोती है। आत्मा प्रतिक्षण प्रतिपल शरीर की अवस्था के अनुसार निरन्तर जाग्रति की दशा में रहती है।कृपया आप आत्मा की इस स्थिति को स्पष्ट करने की कृपा करे। क्या आपके अपने शरीर में रहने वाली आत्मा ने अपनी स्वयं की सुषुप्ति की दशा का अनुभव किया है? देखिये शास्त्री साहब जी शास्त्रीय ज्ञान लिखा पढी का ज्ञान बिल्कुल अलग है और उधार का ज्ञान है। परन्तु आत्मा/जीवात्मा/जीव किसी भी शरीर में रहते हुए कभीभी सोती/सोता नही है। यह बात आपकी सत्य है कि समस्त शरीर धारियों के शरीरों मे आत्मा /जीवात्मा/जीव हृदय में रहती/रहती है। आत्मा केवल मानव शरीर में है अन्य शरीरों में जीवात्मा या जीव है। परन्तु जीव जीवात्मा आत्मा ये तीन एक ही सत्य चेतन सत्ता है।मानव देह मे आत्मा अधिक जाग्रति की स्थिति में है इसलिए आत्मा है।मानवदेह के अतिरिक्त अन्य शरीरों में यह अज्ञानता वस जीव या जीवात्मा है। सप्रेम सादर नमस्कार जी।
आनंद ही आत्मा है आत्मा शरीर में किसी एक स्थान पर नहीं रहती शतक चिंतन घनानंद राशि
🌞🕉️🌻🚩🙏🙏🙏
@bhatikhimjibhatikhimji7429
Жыл бұрын
आतमा ढुंनने वाला कोन हैं
Jay Shree Krishna and good thanks 🙏🙏
अति सुन्दर
🙏🏻
🚩जय भारत।
Very very interestingly presented. ❤❤❤
Very nice.
જયશ્રીગુરુદેવ
।।ओ३म्।। नमस्ते आचार्य जी।।
रेडियो के अंदर बोलने वाला हो सकता है नौका के अंदर मल्हा सकता है बल्ब के अंदर ट्रांसफार्मर हो सकता है ढोलक के अंदर बजाने वाला हो सकता है फिर तो पक्का है हृदय में आत्मा है शरीर में एक जगह पर आत्मा है आत्मा का पता लगाना विज्ञान के बस की बात नहीं है विज्ञान से ही आत्मा का पता लग जाता तो गुरु फकीरों की दुनिया नहीं होती प्रमोद कुमार की तरफ से सद्गुरु
बहुत सुंदर व्याख्या आपने की है🙏 यह जानना सबको अनिवार्य है । मैं आध्यात्म से जुड़ी तो स्वर्वेद ग्रन्थ के अध्ययन से अनेकानेक विषयों की जानकारी मिली जो सदगुरु सदाफल देव जी 17 वर्षों की साधना द्वारा अनुभव परक वाणी है ।🧘
@shriram-mr5mj
Жыл бұрын
Kindly share your thoughts with us
@shriram-mr5mj
Жыл бұрын
Behan kiran prasadji.... Kindly share your thoughts with us...
You are a good orater thanx for soul existance in our body
@shivendrabahadursingh6911
11 ай бұрын
सादर प्रणाम,महाराज जि कुछ ध्यान योग के बारे सटीक जानकारी देने की कृपा करें।कोई कहता है। भृकुटि में,कोई हृदय में,कोई नाभि में।कोई सहस्त्रार में।आप करते होंगे।प्राप्त भी किया होगा,कृपया जरूर बताएं।बड़ी कृपा होगी।
V good
निंद्रा अवस्था और निंद्रा खुलना ब्रह्म मुहूर्त का साक्षात्कार आत्मा के साथ परमात्मा शक्ती का ज्ञान है !
🙏🙏
Namaste acharya ji
आपको सादर नमस्ते जी
Maine to pada hai ki atma to a hal hoti hai
@shiv_prajapati_2008
Жыл бұрын
Ekam nityam Vimal Aslam sarvadhi Sakshi Gautam bhavathitam Telugu item sadgurum Namami
I am svm sidh divy dirsti sye purn
अंतःकरण वृत्ति जब आखो मे होती है तब जाग्रत अवस्ता होती है ।
कृपया ये बताएं कि आत्मा और प्राण अलग अलग है या एक ही है
बौतब
जब किसी शरीर का आपरेशन होता है तब आत्मा कहां और किस अवस्था में रहती है।
Namaste ji 🙏
At.
अधूरा ज्ञान विष से भी ज्यादा भयंकर होता है। आप को खुद नहीं पता आत्मा कहां रहती है।
@Prahari
Жыл бұрын
आप बता दीजिये। पूरा ज्ञान तो किसी को नहीं होता
आत्मा कभी सोती नहीं तो निंद आना , बेशुद्ध होना , कोमा में जाना जिंदा होने का प्रमाण है !
@surshsharma
Жыл бұрын
❤😊
आचार्य जी ओम कुछ ज्यादे उल्टी कर रहे है इनको ग्लूकोज की आवशक्यता है धन्यबाद
Pls make it downloadable
Aatmaka asthan pbitra hirday hi hai jubkoiacha yahsashota hai ek hul calhoti hai....stay......
सच्ची बात कभी उलझी हुई नहीं होती,,यह उलझी बात इसलिए लगती है कि आत्मा हैं ही नहीं इसलिए आत्मा का विषय उलझा ही रहेगा आगे भी,,बस आप लोग शब्दों कि बाज़ी गरी करते रहो भोले भाले लोगों को सुनाते रहो और खुद भी बेवकूफ बने रहो ।
🙏😭❤️😀👍👑💕🌟
🙏🏻🙏🏻
Namaskar Acharya ji
आत्मा का मूल स्थान ह्रदय के खाली स्थान में स्थित है।