क्या पाप भी भगवान ही करवाता है ? सत्यार्थ प्रकाश, सातवाँ समुल्लास। आचार्य अंकित प्रभाकर
Ойын-сауық
प्रश्न- जीव स्वतन्त्र है, वा परतन्त्र ?
उत्तर- अपने कर्त्तव्य कर्मों में स्वतन्त्र और ईश्वर की व्यवस्था में परतन्त्र है।
'स्वतन्त्रः कर्त्ता' - यह पाणिनीय व्याकरण [ अष्टा० १।४।५४] का सूत्र है ॥
जो स्वतन्त्र अर्थात् स्वाधीन है, वही कर्त्ता है।
प्रश्न - स्वतन्त्र किसको कहते हैं ?
उत्तर- जिसके आधीन शरीर, प्राण, इन्द्रिय और अन्तःकरणादि हों, वह स्वतन्त्र है जो स्वतन्त्र न हो तो उसको पाप-पुण्य का फल प्राप्त कभी नहीं हो सकता। क्योंकि जैसे भृत्य स्वामी; और सेना, सेनाध्यक्ष की आज्ञा से अथवा प्रेरणा से युद्ध में अनेक पुरुषों को मारके अपराधी नहीं होते, वैसे परमेश्वर की प्रेरणा और आधीनता से काम सिद्ध हों, तो जीव को पाप वा पुण्य न लगे। उस फल का भागी प्रेरक परमेश्वर होवे स्वर्ग- नरक अर्थात् सुख-दुःख की प्राप्ति भी परमेश्वर को होवे। जैसे किसी मनुष्य ने शस्त्रविशेष से किसी को मार डाला, तो वही मारनेवाला पकड़ा जाता है, दण्ड पाता है, शस्त्र नहीं। वैसे ही पराधीन जीव पाप-पुण्य का भागी नहीं हो सकता। इसलिये अपने सामर्थ्यानुकूल कर्म करने में जीव स्वतन्त्र, परन्तु जब वह पाप कर चुकता है, तब ईश्वर की व्यवस्था में पराधीन होकर पाप भोगता है। इसलिये कर्म करने में जीव स्वतन्��्र और पाप के दुःख रूप फल भोगने में परतन्त्र होता है।
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Пікірлер: 83
सबकुछ पहले से ही लिखा होता है, हजारों लोग श्रम करतें है पर कुछ को ही लाभ मिलता है इसे भाग्य कहतें हैं
Jey ho Aacharya g
ओ३म् नमस्ते आचार्य जी
सादर नमस्ते आचार्य जी
Bahut sundar sandesh 🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Aapki vyakha janardast hai
सादर नमस्ते आचार्य जी। धन्यवाद आचार्य जी सत्यार्थ प्रकाश के इस सम्मुलास के स्वतत्र कर्ता प्रसंग को बहुत तार्किक एवं युक्ति पूर्ण उदाहरणों द्वारा समझाया है। बहुत बहुत शुभकामनाएं
Sir aap ki buddie itni power full ihappy
Sat sat pranam apko ..asa lga jasa apne mere man ki baat bol di prbhu ...bs apne ye kaha ki bahwaan ko bhavishya nhi pta to ye mera man nhi mantaaaa
नमस्ते आचार्य जी
आप किसी से डरना मत ,पारदर्शिता रखना,तथा अपने विवेक,विनम्रता और धैर्य रुपी मित्रों को सदैव साथ रखना ईश्वर आपका कल्याण करेंगे 🙏 राधेकृष्ण, प्रणाम, 🙏
@piyushjoshi4618
Жыл бұрын
Radha kaun thi be
अति सुन्दर तर्क से समाधान देना सत्य के साधक की विशेषता है। महर्षि दयानंद जी के विचार सत्य हैं जिन्हें तर्क और प्रमाण से सिद्ध किया जा सकता है।
बहुत अच्छा लगा ❤
Wow nice good subject sir ji thank you
Aapki buddies Jabar dastardly hai
आचार्य जी सादर प्रणाम 🙏🙏 नववर्ष पर आप सभी को कोटि कोटि प्रणाम करते हुए नमस्कार दोस्तों परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं सुभाशीष 🚩🕉️🌞🕉️🚩🙏🙏
ओम् परिणाम अचार्य ज़ी जय आर्यावर्त
ईश्वर कुछ भी नहीं करता है वह परम सत्य व सत्ता पूर्ण उदासीन व साक्षी तथा दृष्टा मात्र है ,शेष जीव गुण ही गुण में वर्त रहे हैं ,सभी माया के वशीभूत कार्य कर रहे है और कर्मफल भोग रहे हैं 🕉️🚩🌹🇮🇳
@rameshshrivastava7225
2 ай бұрын
सावधान नदयानंद मत बनो दया नंद केकमकारो के काम करो जय श्रीराम।
@nksharma4514
2 ай бұрын
@@rameshshrivastava7225 गीता जी में योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने क्या कहा है ?? यही कहा है
आचार्य नमस्ते
।।ओ३म् ।। ॐ ॐ ॐॐॐॐ नमस्ते जी ।
आचार्य जी, सादर नमस्ते 🌹🌹☂️
💐નમસ્તે દુનિયા માં સનાતન ધમૅ ના સિધ્ધાંત ની બહુમતી કયા સંપ્રદાય મા છે તે જરૂર થી જણાવશો💐💐💐💐💐
धन्यवाद आचार्य जी शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩
बहुत ही सुन्दर विचार धन्यवाद नमस्ते आचार्य ी राजेंद्र आर्य बेरीमथुराउप सादर नमस्ते आचार्य जी
भगवान श्री कृष्ण के वचन हैं *कर्मों का परिणाम परिस्थिति और उद्देश्यों पर निर्भर करता है* प्रतिज्ञाबद्ध होकर किया गया कोई भी कर्म किसी भी धर्म की मर्यादा का अतिक्रमण नहीं होता
Bahut khoob,,,,,,,,,, 🙏
आचार्य जी नमस्कार मै आपको बहुत ही पसंद करता हू
Om नमस्ते जी
Thank you guruji kot kot kot this experience of you Ram Ram sa 🥀🥀🥀
बहुत बढिया सदेश धन्यावाद जी 🌹🙏🌹
50:15 परमात्मा नाम किसके आधार पर पड़ा किसने जाना कि परमात्मा को इस नाम पुकरो एसा किस ब्यक्ति ने जाना ज्ञान, बिबेक,सोच यह प्रकृति से मिली
प्रणाम आचार्य जी।
जब हम अपनी बात मन ही मन परमात्मा से करे तो क्या भगवान समझ पाते है।
नमस्ते आचार्य जी।
धन्यवाद आचार्य जी।
🙏
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏
@amritvani_Arya_sudha
Жыл бұрын
परिवार जन मरणासन्न अवस्था में शरीर छोड़ते व्यक्ति के नाम पर दान करते हैं
Namskar guruji mujhe Asa mantra batay man hi man japte rahe hamesha sab kuch 1 hi mantra se ho jaye Maha mantra marg batay
Om
जड़ चेतन की व्यवस्था अनादि है जिससे ये ब्रह्माण्ड संचालित है। जीव कर्म करने में स्वतंत्र है। हर क्रिया के बाद प्रतिक्रिया जरूरी है। इस प्रकार के उदाहरण से निर्णय नही हो सकता। इसके लिए जड़ और चेतन की वव्यस्था का गहन अध्ययन जरूरी है।
Vikas bhatt
🙏🏻🙏🏻🕉🕉
Bhagwaan ne hame budhi de hain agar hum koi galti karte hain toh dand bhi hame hi milga...swamiji ko zahar diya gaya tha, swamiji ne toh maaf kar diya tha Lekin iswar toh karmo ka hisab rakhete hain...
Kya jivan or mrityu ishvar ki ichha se hota he
🌹🌹🙏🙏🙏
👌👌👌👌
Shastri ji, Namaste I want to learn Sanskrit, can you please suggest some book to learn Sanskrit.
Jo samay vars bataye hain yeh samay Kahan likha hai
Acharya ji mera apse sawal hai ki seeta aur ravan mein koun shaktishali tha kripya avgat karane ka kasht Karein.
Kya paran aur aatma man antar hai
Parmatma ke mata pita hai.ya vah swayam paida hua hai to Kai se es bhav ko spasht karen eske rahane ka Kahan sthan hai
Jab bhagwan ka hone ka koi saboot nahi hai to pap aur puny kaise kar sakta hai,
Th
नमस्ते जी Aap ka watsap nmbr Kya hay, krapa kr de
How it is written in books that in kaliyuga people will behave in this way or that way , in kaliyuga cruelty injustice will be at peak
स्वामी amritanand जी आजकल सत्यार्थ प्रकाश और स्वामी दयानन्द जी पर जो आरोप लगा रहे हैं। कृपया उनके प्रश्नों का भी समुचित उत्तर दे दीजिए।
आचार्य जी नमस्कार
@rameshshrivastava7225
2 ай бұрын
जीव और ईश्वर दो नहीं एक ही हे के न्याय से ईश्वर ही नियामक हे जय श्री राम।
@rameshshrivastava7225
2 ай бұрын
ईश्वर में भ्रम नहीं जीव की उर्दगामी अवस्था भी यही हे
@rameshshrivastava7225
2 ай бұрын
भ्रम के संबंध तोड़ तू जग से यही प्रणाली निराली है प्रेम की राह निराली है।प्रेमी हो चैतन्य रहो।जय श्री राम।
@rameshshrivastava7225
2 ай бұрын
किसी की बात में मत आओ जीव को स्व चेतना ही ब्रह्म है ईश्वर हे।वो तू है।जय श्री राम।
आचार्य जी मांसाहार और जीव हत्या पर भी व्याख्यान कीजिए।
जो होना है वह होगा ही और जो नही होना है वह कभी नही होगा चाहे मानव लाख चतुराई करले या लाख बुद्दि लगा ले क्या यह सच नही
Yagya ke bare me bole ik bar Pura sar bole
Acharya ji apne guru shishya ke baare mein vichar rakha yeh bahut hi nindniya hai. Kyonki saare sanasarik vyavastha bhang ho jayegi.
Aaj sansar me sab achet hi to Hain to fir karta kaun hua
Aap yah maankar chalate hain ki Ishwar hai . Par Ishvar keval maanava man ka creation hai . Usaka koi pramaan nhi hai . Wah inference , speculation or anumaan hai . Ishwar kya karata hai kya nhi , koi kaise kah sakata hai. Isliye aise discussion vyartha hai , satya nhi . AP bhi tark karate hain aur tark akaatya nhi hota hai. Aap k saare tark kaate ja sakate hain . Aise discussion ka ek hi labh hai ki vedio kriyeta ko UTube se dhan milata hai .
क्या कोई किसी के कहने से कुए मे गिर जाएगा
नहीं
अगर किसी अपने का सड़क दुर्रघटना मे फालिज हो गया है तो यह क्या भगवान की मर्जी से हुआ या व्यक्ति के कर्म का फल है ।कृपया बताए।
@Prahari
11 ай бұрын
भगवान की मर्ज़ी नहीं है, कर्म का फल हो सकता है, किसी के द्वारा किया गया अपराध भी हो सकता है। परिस्थिति पर निर्भर करता है
@rameshshrivastava7225
2 ай бұрын
पचीसी करण को समझें स्व चेतना में रहे दृष्टा भाव में रहे सब भ्रम दूर हो जाएंगे।जय श्रीराम।
@rameshshrivastava7225
2 ай бұрын
जीव और ईश्वर दो नहीं एक ही है उपासना करे सब ठीक हो जाएगा जय श्री राम।
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏
🙏🙏
🌷🙏🙏🌷
Om