क्या देवता और भगवान एक ही होते हैं या अलग?
Ойын-сауық
प्रश्न - वेद में ईश्वर अनेक हैं, इस बात को तुम मानते हो वा नहीं ?
उत्तर- नहीं मानते। क्योंकि चारों वेदों में कहीं यह नहीं लिखा जिससे अनेक ईश्वर सिद्ध हों। किन्तु यह तो लिखा है कि ईश्वर एक है।
प्रश्न- वेद में जो अनेक देवता लिखे हैं, उसका क्या अभिप्राय है?
उत्तर- 'देवता' दिव्य गुणों से युक्त होने के कारण कहाते हैं जैसी कि पृथिवी, परन्तु कहीं इसको ईश्वर वा उपासनीय नहीं माना है। देखो ! इसी मन्त्र में कि 'जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।' यह उनकी भूल है जो देवता शब्द से ईश्वर का ग्रहण करते हैं। परमेश्वर देवों का देव होने से 'महादेव' इसीलिये कहाता है कि वही सब जगत् की उत्पत्ति-स्थिति- प्रलयकर्त्ता, न्यायाधीश, अधिष्ठाता है। जो 'त्रयस्त्रिंशत्त्रिंशता ० ' [तु० - यजुः १४ । ३१] इत्यादि वेद में प्रमाण है, इसकी व्याख्या शतपथ [कां० १४ प्रपा० ५ ब्रा० ७ कं ० ४] में की है कि तेंतीस देव अर्थात् पृथिवी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, चन्द्रमा, सूर्य्य और नक्षत्र सब सृष्टि के निवासस्थान होने से आठ 'वसु' । प्राण, अपान, व्यान, [उदान ], समान, नाग, कूर्म्म, कृकल, देवदत्त, धनञ्जय और जीवात्मा ये ग्यारह 'रुद्र' इसलिये कहाते हैं कि जब शरीर को छोड़ते हैं तब रोदन करानेवाले होते हैं। संवत्सर के बारह महीने बारह 'आदित्य' इसलिये हैं कि ये सब के आयु को लेते जाते हैं। बिजुली का नाम 'इन्द्र' इस ���ेतु से है कि जो परम ऐश्वर्य्य का हेतु है। यज्ञ को 'प्रजापति' कहने का कारण यह है कि जिससे वायु, वृष्टि, जल, ओषधी की शुद्धि, विद्वानों का सत्कार और नाना प्रकार की शिल्पविद्या से प्रजा का पालन होता है। ये तेंतीस पूर्वोक्त गुणों के योग से 'देव' कहाते हैं। इनका स्वामी और सब से बड़ा होने से परमात्मा चौंतीसवां उपास्यदेव शतपथ के चौदहवें काण्ड में स्पष्ट लिखा है। इसी प्रकार अन्यत्र भी लिखा है। जो ये इन शास्त्रों को देखते तो वेदों में अनेक ईश्वर माननेरूप भ्रमजाल में गिरकर झूठा क्यों बकते ?
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Пікірлер: 53
Bahut sunder vyakhyan
नमस्ते गुरुवर
Satya sanatan dharma ki jay
ओम शांति
हे ऋषि पुत्र प्रभाकर जी आपको नमन है। जय सनातन।
आचार्य जी सादर नमस्ते मै भी वैदिक धर्म का अनुयाई हूं
भगवान के दैवीय गुण इंसानों को देवता बना देते हैं। लेकिन भगवान नहीं।😊
Good work Lge rho Hoge kamyab ek din ❤✅️🕉💯🙏
सादर नमस्ते आचार्य जी
Om om
Bahut sunder 🙏🙏
Aap ko pahli baar suna. Main khudh to Vedic Dharm ko manti hoon, lekin Jo nahin jante unko samjha ne ka bahut accha
@sunilagarwal4939
7 ай бұрын
Tq
बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी आप ने जारी रखें जय हो आचार्य जी सादर प्रणाम बहुत ही अच्छी जानकारी दी आप ने समझाया हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय 🚩🔱🌞🔱🚩🙏🙏🙏
@KishoriGupta-pc8mm
8 ай бұрын
😢
Sat Sat naman amrit tulya bani
❤
Jai daya nand Sarasvati ji Maharaj ki Jai 🙏🙏🙏🙏
Apko pranam
🚩जय भारत।
👌👍😇🙏🏼
🙏 nameste aacharya ji
ओ३म् अपने जीवन का उत्थान करना चाहते हैं तो प्रतिदिन स्वयं का अवलोकन करते रहना चाहिए ताकि अपने अवगुणों व दोषों को दूर करके सद्गुणों की वृद्धि की जा सके ! आत्मावलोकन करते रहना ही श्रेयस्कर होता है..!
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Aacharya ji aapki Vani
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय सनातन
Bahut hi sunder guru ji
અતમાઓરપરમબેજહ જયગુરુદેવ
Ram
O...m Namskar hawan ka video dal dijiyega
आचार्य जी जो कोई ना समझा सका वो आपने समझाया आपको नमन है शत शत
Nakshastra hamare liye kya karte hain? Please aap se sampark karne ka way batayen.
एक विनम्र सूचना है, बहुत ज्यादा स्पष्टीकरण देने की वजेसे व्हिडिओ लंबा हो रहा है.. पॉइंट पॉइंट से बात होगी तो कम समय में जादा ज्ञान मिलेगा
@EternalVoice11
3 ай бұрын
Yes I felt the same 😂
Bhai sahab KZread wale aapka video Achcha hai lekin bahut lamba hai Ham to sirf ek hi mante Hain Ki Bhagwan Shiv parampita Parmatma Parmeshwar hai
જયગુરુદેવ
आचार्य जी क्या मनुष्य देवता या भगवान बन सकता है?
@ShamsherSingh-fb6kn
5 ай бұрын
भगवान तो एक ही है आदमी भगवान कैसे बन जायेगा
Bhai sahab aapke Dayanand Saraswati Mane Ya Na Mane Ishwar Ek Bhagwan Shiv Parmatma Parmeshwar
Vedome to bahot rushione devtaoki stutiya kahi hai likhi hai
Tulsi das ki chaupai sahi hai agar samchha jaay tab
आचार्य प्रमोद कृष्णम सच न बोलने का दण्ड युधिष्ठिर को भी मिला था----कुतर्क अस्वीकार हैं😂🕉️🚩🇮🇳
Guru ji bahot log kahte hai ki agar 33 karor devta the to bhart gulam kyo ho gaya tha
@user-SanatanRaj
7 ай бұрын
33 करोड़ देवी देवता नही होते है आर्ष ग्रंथों में दिए गए शब्दो का अर्थ पता होना चाहिए कौन सा कहा प्रयोग करना चाहिए इसके लिए वेदादि शास्त्रो को पढ़ने के लिए होते है उन्हें पड़े बिना शास्त्रो को समझ नही सकते है और केवल वैदिक गुरुकुल के आचार्य के सानिध्य में ही शास्त्रो को का अध्ययन करना चाहिए
☪️hut
दस प्रकार गुण होनेसे कोईभी भगवान बन सकता है । सबमे ईश्वर अर शेतान रहता है । तुम्हारे अन्दर घमंड रहेगा तो, तुम्हारे ईश्वर बेहोश हो जाएगा । सीमा पार करनेसे सत्य अर सत्य नेही रहते। बेदको कितना जाना है ? दयानन्द जी थोड़ासा हि जान पायाथा।
@ShamsherSingh-fb6kn
5 ай бұрын
तेरे जैसे महा मूर्खों की जरूरत नहीं है
Agar tada nahi jayega to surasti me gadar much jayga banduo
जब अंबेडकर ने बौद्ध मत अपनाया तब आर्य समाजी लोगो ने उन्हें समझाया क्यौ नही
@Agnosticno.1
2 ай бұрын
Donkey ko koi nhi samja skta. Jo akal mand hoote hain jaise swami shraddhanad jo pehle atheist the phir arya samaji bn gye unko samjaya jaa skte hain
Ram