गयासुर, बैजनाथ ज्योतिर्लिंग की कथा। कलकत्ते की काली। सत्यार्थ प्रकाश, ग्यारहवाँ समुल्लास।
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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चन्द्र जी की जय, योगीराज श्री कृष्ण की जय l ईश्वर सर्वत्र, सभी जगह है l अतएव वो जन्म नहीं लेगा, नहीं लेता है l असाधारण, आप्त पुरुषों के जन्म होते हैं, जो aawtaran ,जन्म, प्रकट होने का पर्याय है l
@RaviKumar-so7eh
8 ай бұрын
निराकार ईश्वर का क्या प्रूफ है उसको किसने देखा है वो किसको अपना परिचय देते हुए बोला है की मैं निराकार हु बस हवा हवाई में निराकार
@prabhakarkumar-jf6nz
8 ай бұрын
ईश्वर निराकार है, वह परम चेतन तत्व है, वह संपूर्ण ब्रम्हांड में विद्यमान हैं l आत्मा चेतन तत्व है अर्थात् जिसके अंदर सुख, दुख, इच्छा, द्वेष, प्रयत्न हैं l वह एक शरीर, पिंड, देह, body में विद्यमान है l परमात्मा इन्द्रिय चक्षु ,आंख का विषय नहीं है, उसे आंखों से देख नहीं सकते हैंl वह परमात्मा आत्मा का विषय है ,जिसे समाधि में देख सकते हैं, अनुभव, महसूस, feel कर सकते हैं l परमात्मा, आत्मा प्रयोग शाला का विषय नहीं है l किसी ने, वायु,हवा, फूल की गंध, ऊर्जा को अपनी आँखों से देखा है? नहीं देखा है , लेकिन, यद्यपि महसूस किया है, वो भी तब ,जब आपकी त्वचा ,नाक काम कर रहे हों l एवं शरीर में आत्मा हो l
@prabhakarkumar-jf6nz
8 ай бұрын
जिससे मेरी आँखें देखती हैं, जिससे मेरे प्राण चलायमान हैं, जिससे मेरी वाणी बोलती है, वही परमात्मा है जिसके अनंत गुण, कर्म, योग्यता है, जो निराकार है l उसका मुख्य एवं निज नाम ॐ है यथा संसार में मेरे, आपके, सभी के नाम होते हैं l मनुष्य के पास नैमित्तिक ग्यान(R)ज्ञान hiही होता है, स्वाभाविक ज्यान, knowledge नहीं होता है l edametham. परम पिता परमेश्वर की जय--
जय हो
मै पचास साल से इस बिचार धारा से जुड़ा हूँ ।दुर्गा काली कामाखाया पूर्णागिरी आदि माता शंकर भगवान की पत्नी पारवती है ।। पूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद नमस्ते
वैदिक धर्म की जय हो
आचार्य अंकित प्रभाकर जी ने नितान्त स्पष्ट रूप से अन्ध विश्वास के विषय में विचार प्रकट किये हैं |बहुत ही अच्छा लगा 👌👌🙌🌹🌹
अति सुन्दर ,बहुत ही उम्दा व्याख्यान l ॐ- नमस्ते l
Swami Dayanand Saraswati Ji ki jai Arya samaj ki jai
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ॐ--- ( परमात्मा का मुख्य एवं निज नाम) l पुराणों में बाते, चीजें वेदादि सत्य शास्त्र सम्मत ( ईश्वर प्रणीत श्रुति परक पुस्तक जिसमें यथार्थ ज्यान, ज्ञान है वो संसार के कल्याण के लिए है), विज्ञान - सम्मत नहीं हैं l वेद प्राचीनतम हैं, पुराण वेदों के बाद के पुस्तक हैं l
बहुत अच्छी जानकारी दी है आचार्य जी। बहुत ज्ञानवर्धक प्रस्तुति
आप इसी तरह पाखंड और अंधविश्वास का करा से करा खंडन करते रहिए इसकी अतिआवश्यकता है हम सब आपके साथ है। 🙏🏻🙏🏻🚩🕉️
किसी चीज, सिद्धांत की मान्यता, वा मान्यता विज्ञान, तर्कों की कसौटी पर होनी चाहिये l अगर इन पर सटीक नहीं बैठता है, तो वो चीज़, सिद्धांत, मान्यताएं गपशप हैं l विचारणीय है, ध्यातव्य हैं l
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो आर्यावर्त की जय हो भारत माता कि जय हो आर्य समाज अमर रहे वेद की ज्योति जलती रहे ओम का झंडा ऊंचा रहे आचार्य जी को नमस्ते
Satya sanatan Dharm ki jai Vedic sanskriti ki Jai ,vedo ka gyan hi sab kuch h. Ved hi sab satya vidhyao ka pustak h
ओ३म्🚩 नमस्ते आचार्य जी🙏
एवं कुतर्कमाश्रित्य खण्ड्यते महताम् मतम्। चेदेवं भवताम् पूर्णं वैदिकं खण्डितं भवेत्।।
Excellent guru ji.Sadar pranam.
Maa uhi krodhit nahi hoti vo daityo ke sath ladte 2 bahut krodh se bhar gaye to une shant karne ke liya shiv ji ne aisa kadam uthya sur shivji koi beechare pati nahi ek aadarsh pati hai jagat guru hai peeta hai srusti ke hár har Mahadev 🕉️🥀🥀🥀🕉️
😢 आधुनिक शिक्षा प्राप्त करके ज्ञान की सीमा सीमा में कुछ भी नहीं सकता है देवी देवताओं को वह समझ भी नहीं सकता रही काली की पूजा की रामकृष्ण परमहंस देव और स्वामी विवेकानंद और मां शारदा मनी के अस्तित्व और उनके समर्थ को कोई भी ना कर भी नहीं सकता है यदि वह ना करता है तो वह एक ज्ञान के रूप में अंधा😅 उसे समय भारत साम्राज्यवाद गुलाम था उसे समय स्वामी विवेकानंद जी ने भगवान और सनातन धर्म की ध्वजा विदेश के अंदर फैला दी थी यह सत्यार्थ प्रकाश के अनुयाई दूसरे कोई भी ऐसा नहीं कर सके थे
@prabhakarkumar-jf6nz
8 ай бұрын
विवेकानंद जी, स्वामी दयानन्द जी दोनों सम कालीन थे l. ईश्वर- वेद के अनुसार संख्या में- 33 (तैतीस) देवता हैं l पाश्चात्य भाषा का प्रयोग विवेकानंद जी करते थे, जब कि स्वामी जी हिन्दी का प्रयोग करते थे l विचारणीय है, ध्यातव्य है l परमात्मा के अनंत नाम हैं- गुण ,कर्म, स्वभाव, योग्यता से l परमात्मा को भगवान,ईश्वर भी कहते हैं l
@prabhakarkumar-jf6nz
8 ай бұрын
सार्वभौमिक ,सर्वोपरि, सार्वजनिक ,सर्व कल्याणकारी सता परमेश्वर के अनुयायी, वेद ,वेद-मत, ऋषि मत के अनुयायी हैं l स्वामी जी आजीवन ब्रम्हचारी, सिद्ध पुरुष थे l राष्ट्र-वाद के पुरोधा थे l समाज सुधारक थे l संपूर्ण ग्यान वेदों के पोषक थे l
Satya sanatan vedic dharm ki jai
Namesthe guru ji 🙏🙏🙏🙏🙏
Pranaam guru ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍🙏👍
Excellent
सनातन धर्म के बारे में 10 अच्छी बातें बताइए आपने कहा है कि बैजनाथ धाम उत्तराखंड में जबकि बैजनाथ धाम झारखंड में
महर्षि दयानन्द सरस्वती ने इस "अंधविश्वास" नामक शब्द को भी परिभाषित किया होगा। जोभी शब्दावली आप अपने विवेचन में उपयोग करते हैं वह बहउवऐकल्पइक अर्थआन्वयन को जन्म देती है, जिसके परिणाम आपके कथनों को विनष्ट करते हैं । अधिक परिश्रम यानी तपस्वी दीर्घायु संत के अधीन जीने की आवश्यकता है । प्रणाम।
@prabhakarkumar-jf6nz
8 ай бұрын
वेदों के शब्द nitya है l nitya शब्दों का अर्थ nitya ही होता है l ऋषि mantroi के यथार्थ drashta थे l महर्षि दयानन्द सरस्वती जी सिद्ध पुरुष थे l enki बाते शास्त्र- सम्मत है l byakaran - सम्मत है l वाक्य-अर्थ बोध में चार कारण होते हैं- आकांक्षा,आसक्ति, योग्यता, तात्पर्य l यथावत samdjhte huye विवेचना करें, pl. ॐ--नमस्ते l edametham.
बहुत सुंदर
महलों में रहकरआपलोगबातकरतेहैंइसीलिएपांखनडदूरनहीहोगायदिक्षेतरमेंपरचारकरेंतोलोगोंकापाखनडहटसकताहै
Ram
ओम् नमस्ते 🙏 आचार्य जी मैं 6 सालों से पश्चिम बंगाल में हर गांव गांव नगर नगर पुस्तक मेला में जाकर के सनातन वैदिक धर्म का सारी पुस्तक एवं सत्यार्थ प्रकाश किताब की प्रचार करता हूं। लेकिन हमारा बंगाल में दुर्गा पूजा एवं काली पूजा के नाम पर पंडालू में प्रशासन की सहायता से निरीह पशु का बली चराता है। इसका विरोध करेंगे कैसे ? सरकार की तरफ से कोई संविधान क्यों नहीं अभी तक बना?
सत्य से बड़ा न्याय है, अरभि कुछ है। कम पानिकि मछलि सत्यकी सीमा पार करके अहंकारि बनता है। जिस सत्यमे -न्याय, श्रद्धा, भक्ति नेही है, बो हानिकारक है। पहले दयानन्दजीको ज़्यदा श्रद्धा करता था, अब उनके सत्यको जानकर कम हो गए। सत्य से ईश्वरको बांध नेही सकते। कोई इन्द्रिय से जान सकते हो, जो आँखकि अंदर रह सकता है उसे देख नेही सकते हो। पंडित बननेकि कोशिश मत करो, मनन करने बाला मुनि बनो। एक सत्यके पीछे कई अर सत्य छुपा रहता है।
It is to be thinking in this way.. That shiv..murti was dropped in the well by Muslims..they had sward.. In all those hands.....nobody with bare hands fight. ....Om
आचार्य अंकित जी आपकी चर्चायें पाखण्डवाद से लोगों को जाग्रत करने के लिए काफी अच्छी हैं
Bahut achha
कालीघाट मंदिर में अभी भी बलि होती है
अति सुन्दर
सुप्रभातम् शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩 हार्दिक धन्यवाद । कृण्वनतो विश्वार्यम । जय आर्य जय आर्यव्रत भरतखण्ड । वन्देमातरम् वन्देमातरम् वन्देमातरम् ..... 🇮🇳
ये सारी कहानी हिमाचल के वैजनाथ के शिव मंदिर की भी सुनाई जाती है.
अंग---वो सतीजी के थे -----पार्वती जी के नहीं 🕉️🇮🇳
* न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानाम् कर्मसङ्गिनाम्* अयं भगवत आदेशो भवता न श्रुत: किम्?
हरे महाराज बकरे ने अमर तो होना नही उसे तो कटना ही है चाहे कसाई के पास...😊
Shakti ke gale m seer ki mala h mtlb dusman ka anhkar ko kaat diya aur rakt bij ke khoon se aur dust paida hona mtlb arth ye h karm ka fal hota h jisme bij bhe h isliye ache karm kana h
Very commendable work is being done
You tube ki video m baij nath jyoti ling gharkhand m bta rahe h aap video m uttarakhand m bta rahe h ye kiya research hua
Shakti ko seer nahi ahenkar ko kaat kar chadhna hota h ab koi gult arth nikale toh kiya
अति सुन्दर व्याखान।
Achary ji bejnath jharkhand me hai
आचार्य अंकित जी सादर नमस्ते 🙏🙏 आप ने बहुत अच्छी जानकारी दी बहुत ही अच्छी तरह से समझाया अंध विश्वास अनुसरण करने वालों को भी समझ में आ गया होगा लेकिन क्या वेद पुराण कथा शिव पुराण कथा सुनते थे उसमें शिव जी का विवाह पहले मां सक्ति से हुवा बताया गया है सक्ति ने अपने पिता की इच्छा के विरूद्ध विवाह किया था इस लिए जब पिता ने यज्ञ किया तो सबको निमंत्रण दिया शिव सक्ति को नहीं दिया शिव के माना करने के बाद भी सक्ति पिता के यहां गई और हवन यज्ञ कुंड में कूद पड़ी जलने लगी तब शिव जी उनका देहावसान हो गया तो स्व ले कर घूमते रहे? मां पार्वती जी से दूसरा विवाह हुआ दोनों अलग है जवाब दे?
Dimak hone ke bad bhi andhavishwas me jita hai
Acharaya ji aap adhuri jankari de rahe hai kali Mata ko akaran gussaa nahi aaya daityo ko marne ke bad rakta beej ke rakt ko une ne jeebh per rakhna pada kyonki jameen per rk bund geerte jihe hajaro rakt beej janm lete the esliye une ye kadam uthna pada hár har Mahadev 🕉️🔥🙏🕉️d🎉
मूर्ति पूजा में अलग तरीके और एडवांस बनाने में कौन वेश बदलकर कर रहा है।
देवी को समझने और जानने की दृष्टि की ओर से तो आप भी और बलि देने वाले दोनो ही अज्ञानी है हां वैसे धरती आसमान का अंतर है पर पूर्ण सही आप भी नही है देखिए आप यदि निराकार निराकार करते रहते है तो इसका मतलब ये नही की देवी को बदनाम करोगे 😶 देवी को बदनाम करने में बलि वालो ने तो कसर छोड़ी ही नहीं लेकिन देवी को समझे आप भी नही
अग्नीषोमीयं पशुमालभेत,हृदयस्याग्रेवद्यति,इत्यादिवैदिकं वच: न श्रुतं किम्?
त्रेता के श्री राम से लेकर कलियुग के छत्रपती शिवाजी महाराज महाराणा प्रताप तक सभी महापुरूषों ने ईश्वर को साकार मानकर मूर्ती पुजा की है.....आप आर्यसमाजी मूर्ती पुजा पर तर्क कुतर्क करके निंदीत जरुर कर सकते है लेकीन अस्विकार नही कर सकते....सनातन धर्म के एतिहासीक प्रमाण देने की बारी आए तो सारे आर्यसमाजी पुराणों के शरणागत हो जाते है....😂 और जब ज्ञान विज्ञान की बात आए तो पुराणों को कुचलकर वेदों पर चढ़ जाते है......😂 आर्यसमाजी हमेंशा बीना सिर पैर की बाते करते है...😁 विज्ञान विज्ञान की रट लगाने वाले आर्यसमाजी पुरूषसुक्त में लीखी ईश्वर के मुंह से ब्राह्मण , बाहु से क्षत्रीय जंघा से वैश्य और पैरों से शुत्र कैसे पैदा हो गए इस बात को सुलझा नही पाए और चले पुराणों को कपोल कहानी सिद्ध करने.....🤣 बौद्धों को भारत से भगाकर सनातन धर्म की पुनरस्थापना करने वाले आद्य जगतगुरु शंकराचार्य भी मूर्ती पुजक थे... कुछ साल पहले पैदा हुए आर्यसमाजी चले मूर्ती पुजा का खंड़न करने....😂
नालंदा विश्वविद्यालय क्यों जलाया गया?
Acharyaji...please tell good Stories about ..Sanatan Dharm.. Sanatan Parampara..... So that people of Bharat..will be living happily life.... Don't try to cut ...their values... You are trying to upkeep of Other Dharm....instead of... Hindus values !!!!! Om
To Navratri me devi puja be pakhand hai
Yahudi..Israel people...and HAMAS...Muslims are also TAPASWI....They are fighting today With each other.... Can you tell about them ???? Om Shanti
Gbod baat nahi hai baiju ko ravan bol ke gaya tha 3 bar asvaj dena phir mai aa jau tab usne etne jaldhi aavaj de ki ravan hadbada gya kyonki shiv ko vaha jane se rokne ke liyeganesh ji ne baiju gwale ka rup liya aur leela ke🕉️
क्या सच में आपकी जानकारियां सत्य होती हैं???? आज तक तो हम सभी यही सुनते आए हैं की जिन बैज नाथ और भगवान शंकर की कहानी आप बता रहे हैं वो आज के झारखंड राज्य में है
@AryaSuraj-xu7tu
8 ай бұрын
बैजनाथ मंदिर देवघर को छोड़कर कई दूसरे जगह भी है । आप गूगल सर्च कर सकते हैं।
@Anita-eh1dh
8 ай бұрын
लेकिन को कहानी आचार्य जी बता रहे है वो हर मंदिर की हो सकती है क्या ???
Philm mohbbate me saahrukh Khan ne guru kulon ka apman kiya
Khatu Shyam kay baray may bataiy
Bajnath dham jharkhand mai h sir
Aap same to same Arvind Arora jaise dikhte hai 😅
Uttara khand Nahi Jhhar Khand Kahane hai
Bharat se boli pratha kaese hataya jae hame kya karna hoga ? Joy bhim 😂 joy hind.
Acharya ji, Islam log kisi Hindu Dev,devi murti ko bokhra,nakap pahan kar apna Allah, Nabi,que nahi pujtahe? Christian log v kisi dev-devi murtiko unka dress pahanke apna jusis ya sant. manke pujte nahi, Hindu log que Buddha's murti par ghagra,chunri, Shri, sindur,pahan kar kali, bhirobaba,taelibaba,Hanuman,kahiper Buddha's murtiko shiva-linga rupme pujtahe?? keya bhakti itna andhabhata banatahe dono ankho se dektehi pahchan nahi patehe??
गयासुरका गलत कहानि बताया, सही कहानि जाननेकि कोशिश करो ।
Aap.kahin.se.apna.jar.caat.Rhe.hain
वेदों का ज्ञान तो अनेक ऋषियों और मुनियों ने लिया और आज भी बहुत से लोग लेते हैं लेकिन कोई भी व्यक्ति पुराणों का और भागवत गीता का और राम और कृष्ण का विरोध नहीं करता है और उनको भगवान ही मानता है आप उनको भी गलत बताते हो । आखिर सत्य क्या है ।या तो आप असत्य है। जब भगवान निराकार हो सकते है तो वह साकार भी हो सकते हैं क्यों कि वह सर्व शक्तिमान है वह कुछ भी कर सकते है अगर वह अपने भक्त के लिए साकार नहीं हो सकते तो फिर वह भगवान किस बात के हुए।
@Ram47988
8 ай бұрын
इस पर आचार्य जी वीडियो बनाई है और इन प्रश्नो का उत्तर कई बार दिया गया है कृपया अवश्य देखिए
@PrabhakarSharma-qg4ov
8 ай бұрын
राविमोहन सिंह जी आप सत्यार्थ प्रकाश जो ऋषि दयानन्द सरस्वती जी ने लिखी हैं आचार्य अंकित जी उसकी वेख्या कर रहे हैं आप इनके बहुत सारे वीडियो रिकॉर्डिंग है उनको सुने देखे समझें फिर आप को सत्य सनातन धर्म कर्म धैर्य आस्था विश्वास अनुसरण करे नास्तिक क्यों कहते हैं आस्तिक क्यू पाखंड करते हैं
@omsatya69
8 ай бұрын
@@PrabhakarSharma-qg4ovkya Navratri me devi puja be pakhand hai kya devi koi hai be nahi
@PrabhakarSharma-qg4ov
8 ай бұрын
@@omsatya69 आप को विश्वास है तो पूजिए मां भवानी दुर्गा की ही सारी देवियां रूप है लेकिन आप के घर में या समाज में नारी शक्ति के रूप में जो मां बेटी पत्नी बहन कन्या है उनको भी सम्मान सहित पूजा करें जो साक्षात लक्ष्मी दुर्गा सरस्वती के रूप में है महिलाओं का सम्मान करे मंदिर में पूजा करें बाहर घर में अत्याचार किया तो ये सब ढोंग है
@omsatya69
8 ай бұрын
@@PrabhakarSharma-qg4ov Jab ishwar ek hai om Hai to devi kon hai Prabhakar ji or nari saman ko hamesha pratmikta di hai maney
दयानन्द और विवेकानन्द को मैं सच्चा हिन्दू नही मानता, दोनों में मुस्लिम और ईसाई के लक्षण मुस्लिम और ईसाई के लक्षण धर्मांतरण:ओशो
मुझे यह जानना है कि वहां सती जी के अंग गिरे थे कि नहीं। अगर आप सभी मान्यताओं को खारिज कर रहे है तो इसका मतलब कहीं कुछ हुआ ही नहीं है सब फर्जी है। और अगर हुआ है तो फिर आप फर्जी है।
@prabhakarkumar-jf6nz
8 ай бұрын
पुराणों में गपशप है, मिलावटी बाते हैं l gapora विद्या का संग्रह है l अतएव विचारणीय है, ध्यातव्य है l तर्कों, विज्ञान के संदर्भ में अवलोकन करें l ॐ- नमस्ते l
भगवान को मनाने के लिए धर्म और वेदों का सहारा लिया जाता है परंतु बाम मार्ग को मानने के लिए किसी का सहारा नहीं लिया जाता फिर बाम मार्ग सनातन हुआ इस संसार में तो खाओ पियो और मौज करो यही एक सच है बाकी कोई धर्म नहीं कोई ईश्वर नहीं
बली देने के लिए आखिर पंडित ही मंत्र पढ़ा था तो इतना जब ज्ञान है तो पंडित सही ज्ञान दिजिए जब पंडित मंत्र पढ़ाने नही जाएगा तो बली नहीं होगी
आपकी बातों का कोई सही अर्थ नहीं समझ में आया आप अधूरा ज्ञान बांटते हो सारे तत्वों के साथ यह भी बताना चाहिए क्या करना उचित है क्या करना अनुचित है बाली ना देना एक तरफ से ठीक है दूसरी तरफ नवदुर्गा को नौ रूप में पूछते हैं
Bahut ACHHA
aap bhi gapóli hai swarg aur nark kaha hai kis desh kís jagah hài
ऋषिदयानन्द यै सब बकवास केवल आङ्ग्रेजोङ्को बेवकूफ बनाने केलिए उन से खूब पैसे लिये थे उस को चुकाने केलिए लिखे थै।आचार्यजी आप एकबार जगद्गुरु 1000000008 श्री शङ्कराचार्य जगद्गुरु जी के चरण मे कुछ पहले सीखे,बाद मे सही चीज को ही ऋषि के तात्पर्य समझ कर ही बोले
@prabhakarkumar-jf6nz
8 ай бұрын
उक्त बातें भ्रम मूलक, निराधार पूर्वाग्रह से प्रेरित हैं l ये astambh knowledge को दिखाता है l ॐ ' -- नमस्ते
पुराण ग्रंथ is fictional fantasy novel books
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