भूमध्यरेखीय प्रणाली - Equatorial Coordinate System

पिछली बार हमने अक्षांश/देशांतर समझने के लिए इस 3डी printed पृथ्वी का उपयोग किया था
क्या हम आकाश में सूरज और तारों की स्थान को तय करने के लिए इसी संकल्पना का उपयोग कर सकते हैं?
नहीं
हम एक और तरीका सीखेंगे जिससे इन खगोलीय पिंडों का स्थान तय किया जाता है।
.
पृथ्वी को दर्शाने के लिए उसी गोले का उपयोग करें।
इस पारदर्शी डिस्क को इन दोनों गोलार्धों के बीच में डालेंगे।
यह डिस्क भूमध्यरेखीय तल का प्रतिनिधित्व करती है। पृथ्वी के भूमध्य रेखा का विस्तार ये तल है
खगोल ya celestial sphere के बारे में चर्चा के समय हम पृथ्वी को उसकी धुरी पर लंबवत मानते हैं।
एसा नहीँ। अपने कक्षीय तल के सापेक्ष अपनी धुरी पर झुका हुआ।
आकाश का कोई आकार नहीं होता. यह बाहर की ओर असीम रूप से फैला हुआ है। सूरज, चंद्रमा, ग्रह और तारे अंतरिक्ष में अलग-अलग और बहुत बड़ी दूरी पर बिखरे हुए हैं।
अगर हम ये समझ कर चलते हैं, ki आकाश एक काल्पनिक गोला है जिसके केंद्र में पृथ्वी और उसकी सतह पर अन्य सभी खगोलीय पिंड हैं, तो खगोलीय पिंड ki गति और स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक बहुत ही सरल मॉडल है।
यह विशाल काल्पनिक गोला ही खगोलीय गोला ya celestial sphere है।
ये दो बड़े ऐक्रेलिक गोलार्ध मिलकर हमारे आकाशीय गोलेका / celestial sphere का प्रतिनिधित्व करेंगे।
एक बहुत बड़ा काल्पनिक गोला जिसकी सतह पर सभी तारे और ग्रह समाहित हैं।
ये अभी एकदम सही गोलकर नहीं नहीं हैं लेकिन हमारे काम के लिए ठीक है
आइए हम इस पेपर स्टार को यहां चिपकते हैं
ऐसा प्रतीत होता है कि आकाशीय गोला सभी तारों के साथ पूरब से पछिम या क्लोक घूम रहा है।
लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है.
तारे स्वयं आकाशीय गोले पर नहीं चलते | उनका एक अद्वितीय स्थान होता है।
वास्तव में यह पृथ्वी ही है जो पशिम से पूरब दिशा में ya anticlockwise घूम रही है।
हमारा तारा सूरज एक अपवाद है, यह वर्ष के दौरान समय-समय पर अपनी स्थिति बदलता रहता है। आकाशीय गोले पर यह जिस पथ से गुजरता है उसे क्रांतिवृत्त के रूप में जाना जाता है।
आकाशीय मंडल पर सूरज के पथ के बारे में क्या ख़याल है? क्या यह भूमध्य रेखा पर चलता है ? नहीं।
जैसा कि हमने मान लिया कि पृथ्वी की धुरी lambavat ya sidhi है, सूरज के पथ का orientation बदल जाएगा।
हम प्रतिदिन तारों को पूर्व में उगते और पश्चिम में अस्त होते देखते हैं।
एक तारे को फ़िर उसी स्थान पर आने में लगभग 24 घंटे लगते हैं।
हम इस तारे को आकाशीय उत्तरी ध्रुव के पास रखें।
ध्रुव के निकट का कोई भी तारा ध्रुव तारा कहलाता है। आकाश पूरी रात इसके चारों ओर घूमता हुआ प्रतीत होता है।
ध्यान दें कि यह बिल्कुल ध्रुव की स्थिति पर नहीं है बल्कि उससे थोड़ा दूर है। इसका वर्तमान नाम पोलारिस [ध्रुव तारा] है
मुझे यह एक स्थानीय बेकरी की दुकान से मिला।
यहां यह बिंदु पृथ्विका उत्तरी ध्रुव है और ये खगोलिया उत्तर ध्रुव / North Celestial Pole जबकि यह पृथ्विका दक्षिणी ध्रुव और ये खगोलिया दक्षिणी ध्रुव / South Celestial Pole
डोनो बहारी बिंदु पृथ्वी के ध्रुवों का विस्तार हैं
ये विषुव रेखा है और ये खगोलीय भूमध्य रेखा है
इस नए सेटअप में, दोनों क्षेत्रों की धुरी समान है, ध्रुव भी समान हैं।
आइए मैं इस छोटे मॉडल की मदद से समझाता हूं।
पृथ्वी सूरज के चारों ओर घूमती है। जैसा कि हम जानते हैं, इसकी धुरी झुकी हुई है। इन दोनों को जोड़ने वाली पतली पट्टी क्रांतिवृत्त तल का प्रतिनिधित्व करती है।
आइए भूमिकाएँ बदलें। अब सूरज पृथ्वी के चारों ओर घूम रहा है।
सूरज पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। लेकिन चूंकि अब पृथ्वी की धुरी झुकी हुई है, इसलिए सूरज इसी तरह ऊपर-नीचे चक्कर लगा रहा है।
केवल दो अवसरों पर यह विषुवतीय तल पर होता है।
जैसा कि आप जानते हैं, इन दिनों को विषुव के नाम से जाना जाता है।
इसी को इस पतली काली ring की सहायता से आकाशीय गोले पर दर्शाया जा सकता है।
यह उस काल्पनिक पथ का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर सूरज पूरे वर्ष आकाशीय क्षेत्र में यात्रा करता है।
इस पथ को एक्लिप्टिक कहा जाता है या जाना जाता है।
अन्य ग्रह भी इस क्रांतिवृत्त तल पर गति करते हैं। लेकिन इन पर हम फिर कभी चर्चा करेंगे.
हम आकाशीय मंडल पर सूरज और तारों की स्थिति की पहचान कैसे करते हैं?
पृथ्वी पर हमारे पास देशांतर के लिए संदर्भ बिंदु के रूप में ग्रीनविच से होकर जाने वाली प्रधान मध्याह्न रेखा और अक्षांश के लिए संदर्भ बिंदु के रूप में भूमध्य रेखा थी?
अंतरिक्ष में कोई प्राइम मेरिडियन नहीं है !!
परंपरागत रूप से,खगोलीय पिंडों की स्थिति को चिह्नित करते समय वह बिंदु जहां क्रांतिवृत्त और भूमध्य रेखा मिलती हैं, को संदर्भ या प्रारंभिक बिंदु माना जाता है।
लेकिन दो हैं. एक इस तरफ और दूसरा इस तरफ
कौन सा लेना चाहिए?
जब सूरज दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हुये विषुवत को जिस बिंदु पर काटता है उसे मेष की प्रथम बिंदु(First Point of Aries) कहते है। इसे संदर्भ बिंदु के रूप में lete hai.
संपूर्ण वर्ष मे सूरज के आभासी पथ के द्वारा बनने वाला महाकाय वृत्त क्रांतिवृत्त(ecliptic) कहलाता है। क्रांतिवृत्त विषुवत को दो बिंदुओ पर काटता है जिसे विषुव बिंदु(equinoctial) कहते है। विषुवत को काटने वाला दूसर बिंदु तुला का प्रथम बिंदु (First point of Libra)कहते है।
यह सामान्यतः वसंत विषुव की स्थिति होती है जो 21 मार्च को पड़ता है।
वसंत विषुव का प्रतीक मेष है [प्रतीक दिखाएँ]
आइए गोले पर विभिन्न स्थानों पर तारे लगाएं।
तारों की स्थिति मापने की alag alag प्रणालियाँ हैं।
इनमें से प्रत्येक प्रणाली किसी विशेष संदर्भ में किसी खगोलीय पिंड का पता लगाने के लिए उपयोगी है।
क्रांतिवृत्त तंत्र
दायां आरोहण और झुकाव - भूमध्यरेखीय प्रणाली
दिगंश और ऊंचाई [क्षैतिज प्रणाली]
घंटा कोण और झुकाव [मेरिडियन प्रणाली]

Пікірлер: 25

  • @anandtiwari52
    @anandtiwari52

    Very effective and fruitful demonstrative presentation, Sir.

  • @Jay2012jan02
    @Jay2012jan02

    Nice presentation

  • @BalwinderSingh-lu9xz
    @BalwinderSingh-lu9xz

  • @ramananddwivedi940
    @ramananddwivedi940

    धन्य हो, सत्य द्रष्टा हो, सत्य वक्ता हो।

  • @RajuN
    @RajuN

    You are blessed by the God. 🙏

  • @Kiyansh_Shaha
    @Kiyansh_Shaha

    खूपचं सुरेख…!!! एव्हडी सुंदर माहिती इतक्या सोप्या शब्दात आणि तेही विचारपूर्वक बनवलेले मॅाडेल्स वापरून क्वचितच कोणी देऊ शकतं…! ख़ूप खूप धन्यवाद🙏🏻

  • @amitaabhsiingh8313
    @amitaabhsiingh8313

    Fantastic !

  • @muratramthakur64
    @muratramthakur64

    ❤️🙏

  • @bhagatrishi5454
    @bhagatrishi5454

    Superb. I am worried why only few views. I will share.

  • @sunilgokhale
    @sunilgokhale

    wonderfully presented......thank you very much 🙏🙏

  • @Chakrawat-Pakshii
    @Chakrawat-Pakshii

    रविंद्र जी अप्रतिम! परंतु मी मानतो की भारत देशियांनी सर्व जगाला खगोल शास्त्राची ओळख करून दिलेली आहे, त्यांना काहीही वाटू देत! अश्या स्थितीत आपण मधाव्यतिरिक्त रेखेचा संदर्भ भारतीय परंपरेनुसार उज्जैन रेख मान धरावा, ही आग्रहाची विनंती!

  • @chandrabhanmishra1898
    @chandrabhanmishra1898

    मॉडल और विश्लेष्ण अति उत्तम है कृपया समय नापने की प्राचीन पद्धति अंगुल प्रमाण जो बृहद संहिता के अनुसार बारह अंगुल लकड़ी के छाया से सूर्य उदय के समय और सूर्य अस्त के समय 121 होती है हर घटे मिनट घटी पल प्रतिपल का एनिमेशन का वीडियो बनाने की कृपा करे

  • @sudhirkoparkar1803
    @sudhirkoparkar1803

    खूप छान 👌🏽

  • @rakeshchaturvedi3996
    @rakeshchaturvedi3996

    shreshth khagoliya gyan pradan kare ke liye sadar pranam. mera pas khagoliya garna hetu alcyone ka paid varjan hai. aap apna pata likh de to pen draiv me apko bhej du aapko upyogi rahega .🙏🙌

  • @ravisalunke4889
    @ravisalunke4889

    Sir , class is getting difficult... 1st half was excellent , position part was pretty difficult. Will listen again and again, hope it wil start making sense (to me).

  • @sarmah8738
    @sarmah8738

    You tried to explain in a very simple manner but, for me it is still difficult to get it properly. Although, I had watched your previous videos, too.

  • @mohitgupta7932
    @mohitgupta7932

    गुरुजी, पृथ्वी की धुरी ७२ साल में १ डिग्री घूमती है, उसका इसपर क्या प्रभाव होंगा? 🙏

  • @satyendramishra7877
    @satyendramishra7877

    कर्क रेखा उत्तर की तरफ बढ़ रहा है तो मकर और विषुवत रेखा भी उत्तर की तरफ खिसक रहा है या कर्क रेखा का मान 23.50 डिग्री से अधिक हो रहा है कृपया बताएँ

  • @ambarishs.deshpande6499
    @ambarishs.deshpande6499

    Sir, thoda kathin gela samjayla.

  • @makmohammedasadkhan3779
    @makmohammedasadkhan3779