तिथि - भारतीय पंचांग की अनोखी देन - Unique feature of Hindu calendar
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समय को मापने के लिए आकाशीय पिंड एक संदर्भ प्रदान करते है
ऋतुओं, महीनों और वर्षों को निर्धारित करने के लिए इन पिंडों की गति का उपयोग होता है
प्राचीन सभ्यता o में समय का हिसाब रखने के लिए किसी न किसी प्रकार का कैलेंडर होता था।
कैलेंडर को हिंदी में कई नामों से जाना जाता है, जैसे: पंचांग, पत्रा, तिथिपत्र, जंत्री, दिनदर्शिका
Year, Month, Day, Hour, Minutes, Seconds
जिस कैलेंडर से हम परिचित हैं वह ग्रेगोरियन कैलेंडर है, जिसमें साल, महीना और दिन का जिक्र है
एक साल में 12 महीने और एक महीने में 30 या 31 दिन
प्रत्येक दिन में 24 घंटे
[ सुमेरियन , मिस्र , चीनी , बेबीलोनियन , प्राचीन एथेनियन , बौद्ध , हिंदू , इस्लामी , आइसलैंडिक , माया और फ्रेंच रिपब्लिकन कैलेंडर शामिल हैं। ]
भारतीय पंचांग के बारे में अनोखी बात यह है कि महीने को विभाजित करने के लिए तिथि का उपयोग किया है
भारतीय पंचाग में अमावस्या , पूर्णिमा , तिथि , कृष्ण पक्ष , शुक्ल पक्ष के बारे में समझने की कोशिश करेंगे ये दो मॉडल की मदद से
तिथि की परिभाषा एक दिन के करीब है लेकिन प्रत्येक तिथि की अवधि अलग-अलग होती है
तिथि के बारे में जानते है इस मॉडल की सहायता से
जैसा कि आप जानते हैं, खगोल विज्ञान में विभिन्न अवधारणाओं को समझने के लिए अलग मॉडल और कॉन्फ़िगरेशन की आवश्यकता होती है।
हम पृथ्वी और सूर्य की स्थिति बदल देंगे
इसे नियमित सूर्यकेन्द्रित के बजाय भूकेन्द्रित के रूप में भी जाना जाता है।
[geocentric instead of heliocentric]
हालाँकि सूर्य पृथ्वी के चारों ओर घूमता हुआ प्रतीत होता है, लेकिन वास्तविक दुनिया में यह अन्यथा है।
सरलता के लिए, चंद्रमा की कक्षा भी सूर्य और पृथ्वी के समान तल में है।
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#calendar
#panchang
अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्र का भौगांश [Ecliptic Longitude] बराबर होता है। इन दोनों ग्रहों के भोंगाश में अन्तर का बढना ही तिथि को जन्म देता है।
हिन्दू कैलेंडर यानी पंचांग के अनुसार हर माह में तीस दिन होते हैं
महीने को दो पक्षों में बांटा गया है जिन्हे कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष कहा जाता है
इसके बारे में बाद में चर्चा करेंगे
जैसे-जैसे चंद्रमा अपनी कक्षा में अपनी यात्रा जारी रखता है, सूर्य भी अपनी कक्षा में आगे बढ़ता जाता है।
इस समय चंद्रमा और सूर्य एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत होते हैं। 180 डिग्री अलग. यह स्थिति पूर्णिमा या पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध है।
चंद्रमा और सूर्य पुनः किसी अन्य स्थान पर मिलते हैं। आरंभिक या संदर्भ बिंदु से लगभग 30 डिग्री. यह एक और अमावस्या है और चक्र खुद को दोहराता है।
अमावस्या से अमावस्या तक चंद्रमा द्वारा तय की गई दूरी को 30 बराबर भागों में बांटा गया है। प्रत्येक भाग को तिथि के नाम से जाना जाता है।
लेकिन यह इतना आसान नहीं है क्योंकि पृथ्वी के साथ-साथ चंद्रमा की गति भी अपनी-अपनी कक्षा में विभिन्न स्थानों पर बदलती रहती है।
अपनी कक्षा में चंद्रमा और सूर्य की प्रगति को मापने के लिए, आइए हम इस डायल को लगाएं।
इस पर डिग्रियां अंकित हैं।
आइए हम हैंडल को मोटर से बदलें।
यद्यपि मोटर की गति एक समान है, वास्तविक जीवन में पृथ्वी और चंद्रमा जिस गति से चलते हैं वह एक समान नहीं है।
हम इस संदर्भ बिंदु से शुरुआत करेंगे।
हम शून्य चिह्न को ठीक से स्थापित करने के लिए डायल को थोड़ा सा हिलाएंगे।
Sun and Moon are aligned in Amavasya configuration.
पीली रेखा हमारी गणना के लिए संदर्भ रेखा होगी।
अभी चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में है। यह अमावस्या की स्थिति है।
अमावस्या तिथि या समाप्त होती है और माह की पहिली तिथि प्रतिपदा की शुरुवात
मोटर को चालू करते है
इस बिंदु पर, चंद्रमा 13 डिग्री आगे बढ़ गया है जबकि सूर्य अपनी प्रारंभिक संदर्भ रेखा से 1 डिग्री आगे बढ़ गया है।
कोणीय पृथक्करण 12 डिग्री है
इस बिंदु को पहली तिथि - प्रतिपदा के अंत और दूसरी तिथि - द्वितीया के प्रारंभ के रूप में चिह्नित किया जाता है
यहां चंद्रमा 26 डिग्री और सूर्य अपनी शुरुआती संदर्भ रेखा से 2 डिग्री आगे बढ़ गया है।
कोणीय पृथक्करण 24 डिग्री है।
द्वितीय पूरी हो गयी और तृतीया प्रारम्भ होती है
इसी प्रकार 12 के गुणज में प्रत्येक पृथक्करण के लिए तिथि परिवर्तन होता है।
यह पूर्णिमा स्थिति है
चंद्रमा 195 डिग्री चला गया है जबकि सूर्य अपनी प्रारंभिक संदर्भ रेखा से 15 डिग्री चला गया है
कोणीय पृथक्करण 180 डिग्री है और दोनों पृथ्वी के संबंध में बिल्कुल विपरीत हैं।
हिंदू कैलेंडर में एक चंद्र माह में दो पखवाड़े होते हैं, और इसकी शुरुआत अमावस्या (नया चंद्रमा) से होती है।
पक्ष शब्द का हिंदी भाषा में शाब्दिक अर्थ पक्ष होता है
चंद्र दिवस को तिथि कहा जाता है; प्रत्येक माह में 30 तिथियां होती हैं, जो 20 से 27 घंटे तक भिन्न हो सकती हैं।
अब पखवाड़े को समझने के लिए , दूसरे मॉडल की मदद लेते है
यहाँ पर अमावस्या तिथि समाप्त हुई
अमावस्या और पूर्णिमा के बीच के पहले पखवाड़े को गौर पक्ष या शुक्ल पक्ष कहा जाता है
तिथि के नाम के पहले शुक्ल शब्द लगता है
जैसे शुक्ल प्रतिपदा , शुक्ल द्वितीया , शुक्ल तृतीया। ..
पूर्णिमा के दूसरे दिन कृष्णपक्ष का प्रारम्भ होता है और अमावस्या तक बीच के दिनों को कृष्णपक्ष कहा जाता है | इसे वद्य पक्ष भी कहते है
तिथि के नाम के पहले कृष्ण शब्द लगता है
जैसे कृष्ण प्रतिपदा , कृष्ण द्वितीया , कृष्ण तृतीया
महीने के दूसरे पखवाड़े को वैध्य पक्ष या कृष्ण पक्ष कहा जाता है।
यह शुक्ल पक्ष या भारतीय कैलेंडर के पहले भाग के अंत का भी प्रतीक है।
दूसरे पक्ष को कृष्ण पक्ष कहा जाता है
और उसको कृष्णप्रतिपदा (१)माना जाता है
तिथि क्रम पूर्वार्ध के समान ही है।
एक परिक्रमा पूरी करने के बाद पुनः अमावस्या की स्थिति होती है।
यह चक्र सदैव चलता रहता है
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❤इसलिए हमारे धर्म के त्योहार आदि मे अ़तर आता है जो की पंडितो की मूर्खता नही वैज्ञानिक पद्धति है धन्यवाद हैवो इनको,वास्तव मे सम्मानित करना चाहिए
यह जानकारी हर सनातनी और विश्व वासीयों को पता होना चाहिए कि...... हजारों सालों से हमारे भारत का कला, विज्ञान, संस्कृति, मुनि ऋषियों के ज्ञान कितना था..... यह लोक लोचन में आना चाहिए...... 🙏 👌 ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बहूत सूंदर. धन्यवाद.
Bahut Saral bhasha aur working model k saath jankari se paripurna.sabhi avashya samjhe dekhe
आपका बहोत धन्यवाद
क्या बात है..... सर इतना सरल आपने समझाया उसके लिए धन्यवाद.... हमारी वैदिक धरोहर को पुनरूत्थान करने के लिए कोटी कोटी नमन🙏🙏🙏🙏
Bahut hi sundar aur Saral tarike se aapne samjhaya bahut bahut Dhanyavad 🙏🙏
अतिसुंदर एवं सरल समझ।अभिनंदन
Excellent video
Excellent Explanation 🔰
Very nice sir aap jaiselogon ki aaj zaroorat hai🙏
Tithi ka science k sath Janna jaruree hai.. Thanks... for best and easy guidance...
Bahut badhiya jankari hai. Dhanyabad........from Kathmandu .
VERY GOOD SIR ...AISE HI bhartiy jyotish ka Gyan dete rahe...
वाह, बहुत बढिया।
बहुत अच्छे से समझाया
Waiting for next video
Bam Bam Bhole Omh Namah Shivaya Har Har Mahadev Ati Sundar Aur Satyata Se Bharpur Gayan Bam Bam Jai Mahaakaal 🙏🕉️
Wahhh sir khub sunder 👌👌👌
खरच, या मॉडलच्या मदतीने सूर्य, चंद्र आणि पृथ्वी यांची नियमित गती अनुभवता आली तसेच या संबंधित अनेक दिवसांपासून मनात रेंगाळणारे प्रश्न व शंका दूर झाल्यात. माहिती बद्दल खूप-खूप आभार.
खूप छान समजविले आहेत. धन्यवाद...🙏
Model Explains Tithi Formation in a very lucid format. Well done. Your models are knowledge enriching. Wishing you produce many more such models. Wishing all the Best.
Thanks ! Excellent Model ! Regards
बहोत खूब तरिका है सर आपका
❤
आपके समझाने का तरीका माडल के माध्यम से बहुत ही शानदार है।
शत शत अभिनंदन 🙏🙏
फारच छान समजावले आहे . प्रात्यक्षिकासह अगदी . नक्षत्र,करण, योग याबदलही असेच सांगितले तर छानच होईल . श्री गोडबोले सर ! नमस्कार !
Adbhut prastuti
Bahut sundar rachna
❤ Vvvvery nice G 🌹🌹
it is beautiful, interesting and very much knowledgeable video and it becomes much more interesting for model. thank you very much, sir. 🙏🙏🙏
Bahot achi jankari hai. .👏
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आपने बहुत अच्छे व प्रभावशाली जानकारी से अवगत कराया।,✓~
very nice information
Guru Ji Pranam, Thank you. Very nicely explained. Keep going Vidya daan ! Shrast daan! 🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर स्पष्टीकरण।
Navmi thithi (so like Ram Navmi) is special in a sense that it forms 108 (the number assiciated with lord shiva) degree angle between sun and moon wrt earth.
बहुत सुंदर
कितना अद्भुत है। कृपया अनुरोध है कि इस विषय पर और अधिक जानकारी देने का उपकार करें।
🙏Ati sundar
अगले भाग का बेसब्री से इंतजार रहेगा
chhan mahiti
Well explained 👍
This is what called teaching, greet job sir
excellent Godbole ji
Thank you for your acknowledgement. I am really humbled. 🙏
खूपच छान वर्णन
Hum aaj ke samay me school me adhik advanced courses padhne lage hain jis wajah se jo fundamental knowledge hai uske liye koi jagah nahi hai. Buddhi ke vikas ke sath advanced coursss baad me aur jaldi bhi padhe ja sakte hai . Unko school ke pathyakram me daal ke samay ka sahi upayog nahi ho raha hai jis karan aise amulya fundamental jankari Hume aise vishesh videos me dekh kar seekhna padta hai. Aap ko is video ke liye naman
Ekdum sahaj sadirikaran aur rochak prastuti dhang ....Dhanyawad !!
Very nice ❤
Good
Excellent work 👏👏👏
Very much in tune with our new policy of learning by doing. Thanks for all the efforts taken by you, sir 🙏🙏
जय जगन्नाथ
Simply good. Thankful to you
❤❤❤
बहुत बहुत धन्यवाद सर, बहुत अच्छे से समझाया 👏 👍
Proposed new education policy should include this.
Superb way of explaining with model
आपल्याला या क्षेत्रात असलेले चांगले ज्ञान सर्व व्हिडिओच्या माध्यमातून स्पष्ट होते. समजावण्याची पद्धत ही उत्कृष्ट आहे. मला या भागात हे नाही समजले की पृथ्वी आणि चंद्राची गती रोज वेगळी कशी ठरते? या बद्दल खुलासा करावा. धन्यवाद.
@RavindraGodbole
8 ай бұрын
कुठल्याच ग्रहाची गती नियमित नाही हे माहीतच आहे. आपल्या पूर्वजांनी हजारो वर्षे निरीक्षण करून या असमान गतीला गणितीय स्वरूप देण्याचा प्रयत्न केला आहे . अर्थात याला पण वेळोवेळी प्रत्यक्ष निरीक्षणाद्वारे थोडेसे बरोबर करावे लागते , यालाच बीजसंस्कार पण म्हणतात
Dhanyawad sir
Thanks 👍 sir
Thanks for your creativity and all the pain taken to explain in birds eye view format. We have keep on imagining by ourselves. You have made this very easy
Great Explanation 👍
Thanks sir
Genius..prepare these with english (spanish french german portuguese..) commentary so that the world understands science wisdom of indian past .permit me to share this video
अप्रतिम 🙏
Thanks brother
Wow.. this is really amazing no one has ever taught about our hindu calender in this much detail... Keep it up sir
धन्यवाद मान्यवर! आपने और आचार्य दार्शनेय लोकेश जी ने मुझे काफी ज्योतिष् विद्या सिखा दी है
@user-cz9eq4oh1b
3 ай бұрын
Please make video on काळसर्प दोष
Keep up the good work
Very nice presentation!
सर, तुमचे सर्व विडीओ खुपच सुंदर आणि माहितीपूर्ण आहेत. हे सर्व मॉडेल तुम्ही शाळांना विकता का? जर अजून विकत नसाल तर मी तुम्हाला वेबसाईट बनवून देउ शकेन ज्यावरून तुम्ही भारतातील सर्व शाळांना हे मॉडेल उपलब्ध करून देउ शकाल. त्यातून अधिक फायदा होईल तुम्हाला.
Fantastic! Salute your sadhana, knowledge, language and crisp presentation style. Thank you, very grateful.
आपले आभार. आपण फारच चांगले कार्य करत आहात. आपण आपले बँक डिटेल्स/ upi id शेअर केलार व्हिडीओ सोबत तर आपल्या या कार्याला मदत करता येईल. धन्यवाद
@RavindraGodbole
6 ай бұрын
धन्यवाद
अनेक धन्यवाद ! ❤❤❤
Very good
This is nice. Enjoyed your explanation with the model. Will request you to make similar videos for other limbs of panchang.
Excellent video. Very simple and effective.
VERY VERY GOOD EXAMPLE & EXPLAIN 👏🙏
Thank you for a very educating video
Awesome explanation 👏 thank you so much 😊
This is really awesome. Thanks for making it so easy to understand. Appreciate your efforts. Keep up the good work Team.
Very informative . Thanks for this enlightenment 🙏
Very very nice video Sir. Great work. I must say you are really Great 😊. Keep doing great job
🙏🏾phd का विषय है पंचांग 👍🏽👍🏽👍🏽
Nice presentation thanks for your information pattanmd 50 barshi sholapur Age80barshi sholapur
Sir astrophysics ani jyotish chya common theory var ek episode Kara 🙏
Dhanyavaad ji for superbly explaining with model. Pl continue to nake such videos for the benefit of our future generations. 🙏🙏
🙏🙏
U have explained it so beautifully sir. Especially in in hindi. Please make more such videos so that we should learn about our knowledge in our own language. Thank u.
mind blowing
👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sir ek video mercury or Venus kitane din Uday or ast hote hai..ek sal me or kase hota hai usa par bhi banaye
Very nice. Esp stellereum script.
Nice and clear explanation. And the instrument you used helped a lot to understand
बहुत सुंदर तरीके से समजाया है क्या ये मशीन खरीद सकते है ? बच्चों को पढाने के लिए चाहिए।
@RavindraGodbole
8 ай бұрын
Please send email - godbolerr@gmail.com
ऋषि हो।
Thanks for explaining. I want to buy this device. Please guide me.