सत्यार्थ प्रकाश के नौ वें समुल्लास का सार। सत्यार्थ प्रकाश, नौवाँ समुल्लास। आचार्य अंकित प्रभाकर
Ойын-сауық
सत्यार्थ प्रकाश को ऑनलाइन पढ़ने के लिए- satyarthprakash.in/
वेदों को ऑनलाइन पढ़ें-
www.onlineved.com/
vedicscriptures.in/
xn--j2b3a4c.com/index.php
सनातन धर्म के प्रचार में आप अपने सामर्थ्य के अनुसार हमें सहयोग कर सकते हैं।
हमारा खाता विवरण इस प्रकार है-
खाताधारक- अंकित कुमार
बैंक- State Bank of India
A/C no. 33118016323
IFSC- SBIN0031104
UPI- 7240584434@upi
१. सत्यार्थ प्रकाश - रात्रि 8:30 बजे से (यू-ट्यूब पर)
२. योग दर्शन - प्रातः 6 बजे से (ज़ूम पर)
३. ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका - गुरुवार प्रातः 5:30 बजे से (ज़ूम पर)
हमारी कक्षाओं से जुड़ने के लिये इस लिंक पर जाकर समूह से जुड़ें
chat.whatsapp.com/DcaOGbcPOQt...
हमारे चैनल की सभी कक्षाओं को क्रम से देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें
योग दर्शन
• योग दर्शन
ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका
• Rigved-aadi Bhaashya B...
अध्यात्म
• अध्यात्म
प्रथम समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (प्रथम...
द्वितीय समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (दूसरा...
तृतीय समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (तीसरा...
चतुर्थ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (चौथा ...
पंचम समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (पाँचव...
षष्ठ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (छठा स...
सप्तम समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (सातवा...
आठवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (आठवाँ...
नौवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (नौवाँ...
सत्यार्थ प्रकाश सार
• सत्यार्थ प्रकाश सार
Пікірлер: 27
Aacharya ji parnam om shanti om
गुरुदेव महाराज आपको साष्टांग दंडवत
सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की जय
Ram
🙏🙏
Bahut achha bataya Acharya ji
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
नमस्ते आचार्य जी।
नमस्ते आचार्य जी🙏
ओम् नमस्ते अचार्य जीं जय आर्यावर्त
सुप्रभातम् शुभकामनाएं ओ३म् । आयुष्मान भव । कृण्वनतो विश्वार्यम । जय आर्यव्रत । धन्यवाद: ।
सादर नमस्ते आचार्य जी
Pranam
Namaste Acharya ji
ओ३म्
🙏🙏🙏🙏
Suuuuuuuper 🙏🙏🙏🙏🙏
Acharya ji namskar bahut sundar
आप का भी बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी
Pranaam guruji 🙏🙏🙏🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी
विवेक धैर्य आस्था विश्वास अनुसरण सत्य सनातन धर्म राष्ट्र सर्वप्रथम सर्वोपरि मानते हुए जय हो 🚩🕉️🌞🙏🙏🅿️🎧🎤🎙️ आवाज सही नहीं है
आचार्य जी नमस्ते सत्यार्थ प्रकाश 9वऐ सम्मुलाश में ईश्वर साक्षी नहीं है ऐसा वाक्य आया है ईश्वर तो सबका साक्षी है कृपया समाधान किजिए
अपने वक्तव्य को थोड़ा मधुर बनायें, बुद्ध जैसे महापुरुष को ऐसे बोलना ठीक नहीं है ऐसे कथन समाज में भाईचारे को हानि पहुंचाने वाले हैं। पिछले उनतीस वर्षो से मैं विपश्यना ध्यान से जुड़ा हुआ हूं, उससे पहले आर्य समाज में था मैंने दोनों को अच्छी तरह जाना है। अतः अपने कथन पर पुनः विचार करें।
🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻