श्री नवपल्लव पार्श्वनाथ जिनालय - मांगरोल

श्री नवपल्लव पार्श्वनाथ
मौर्यवंश के महान संप्रतिमहाराजा ने आज से लगभग २३०० से ज्यादा वर्ष पूर्व वल्लभीपूर में अनेक मंदिरो बंधाकर और प्रतिमाजी प्रतिष्ठित की थी।
वल्भिपुर के ध्वंस होने पर वहां से कुछ प्रतिमाजी प्रभास पाटण, भिनमाल आदि ले गए|उस में से एक पार्श्वनाथ परमात्मा की प्रतिमाजी को मांगरोल ले जाने लगे, तब बीच मार्ग में प्रतिमाजी की दो उंगली खंडित हो गयी थी| परंतु एक चमत्कारी घटना बनी प्रभु के अधिष्ठायक देवो ने भक्ति कर मांगरोळ पधारते ही वे दोनों उंगलियाँ पुन पल्लवित हो गई, इस चमत्कार से इस प्रतिमा का नाम “नवपल्लव” पड़ा| ऐसे स्वयं नवपल्लवित होने से शोभायमान परमात्मा का "नवपल्लव पार्श्वनाथ" ऐसा नाम प्रसिद्ध हुआ।
मांगरोल नगर पहले “मेगलपुर” नाम से प्रसिद्ध था| यहाँ अनेक मंदिर थे| परमार्हत कुमारपाल ने इस मंदिर का निर्माण कराया था और वि.सं. १२६३ में नव पल्लव पार्श्वनाथ की प्रतिष्ठा कराइ थी|समय सुन्दर उपाध्याय ने “नवपल्लव रास” की रचना की है| उस रचना के अनुसार यह प्रतिमाजी पहले वल्भिपुर में थी|
श्री नवपल्लव पार्श्वनाथ - मांगरोल
जूनागढ़ जिले के मांगरोल शहर में कंपाणी फलिया में श्री नवपल्लव पार्श्वनाथ का भव्य जिनालय है| यह प्रतिमा फने रहित ३३ ऊँची व २७ इंच चौड़ी है| सवंत १२६३ में श्री नवपल्लव पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिष्ठा हुई ऐसी साबिती परिकर की पलाठी के नीचे का खंड मिला है। जिस पर "संवत १२६३ प्रतिष्ठा करिता" ऐसा लेख है। २३०० से ज्यादा वर्ष प्राचीन ऐसे नवपल्लव स्वामी ८०० से ज्यादा वर्षो से मांगरोळ नगरे बिराजमान है।
सवंत १४८७ में श्री जयसागर मुनि द्धारा रचित एक तीर्थमाला स्तवन में उन्होंने मांगरोळ के श्री नवपल्लव पार्श्वनाथ के दर्शन किए थे।
यहाँ पर भोजनशाळा और धर्मशाळा की सुंदर व्यवस्था उपलब्ध है।
स्तुति
नवपल्लवित निज अंगुली करनार प्रभु,नयने धरो,
मुज भावना मूर्छित बनी नवपल्लवित तेने करो,
मांगरोळ नगरे ईश हे जगदीश तुं जग जाणीतो,
श्री नवपल्लव प्रभु पार्श्वने भावे करुं हुं वंदना
जाप मंत्र
ॐ ह्रीं अर्हं श्री नवपल्लव पार्श्वनाथाय नमः
पता
श्री नवपल्लव पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन तीर्थ,
कंपारी फळीया,
मु.पो.मांगरोळ,
जि.जुनागढ-३६२२२५
फोन:०९५३७१९७०५१
#jaintirth #jaintirthdarshan

Пікірлер: 2

  • @hirensukhdiya4426
    @hirensukhdiya4426 Жыл бұрын

    🙏🙏🙏🙏

  • @user-kd8wn3db3b
    @user-kd8wn3db3b Жыл бұрын

    પાશ્વ નાથને નમ નવ પલ્લવ પાશ્વ નાથને નમો નમઃ.

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