Lockdown poem | बादशाह मंद मंद मुस्करा रहा है | COVID19 Poem

#बादशाह_मंद_मंद_मुस्कुरा_रहा_है
इस लॉक डाउन में
मजदूरों के पैदल चलने पर भी
पाबंदी है!
पर 'उन्हें' पूरी छूट है
बैठकर
चमचमाती गाड़ियों में
मजदूरों को कुचलने की!
लॉक डाउन में
मजदूरों के लिए
खाने-पीने पर भी
पाबंदी है
वे मर-कुचल जाने को
छोड़ दिए गए हैं
अपने हाल पर!
इनमें से कई एक
पैदल ही निकले थे अकेले
कई अपने बच्चों संग
कुछ साइकिल से चल पड़े थे
बचते-बचाते
पुलिस की मार खाते
पर तभी
ट्रक ने कुचला
कार ने कुचला
अब सरकार की
मालगाड़ी ने भी कुचला!
पहले भी रौंदा गया था
मजदूरों के
जिस्म को
हक-अधिकार को
सपनों को
सांसों को
परिवारों को
इस लॉक डाउन में
यह सिलसिला
पहले से भी ज्यादा
तेज हो चला है।
रौंदने के इस सिलसिले पर
बादशाह को पहले भी
कोई फ़र्क नहीं पड़ा था
और बादशाह अब भी
मंद-मंद मुस्कुरा रहा है!
-मुकेश कुमार
#SanjeevSocialJustice #TheRealDeshBhakt
Telegram - @sanjeev_SicialJustice (Sanjeev Social Justice)
Twitter - @sanjeev_SicialJustice

Пікірлер: 10

  • @kundantiwari6905
    @kundantiwari69054 жыл бұрын

    Kaise hai jee pahchane ki nhi

  • @SanjeevKumar-px7hw

    @SanjeevKumar-px7hw

    4 жыл бұрын

    Yaad to aa rahi hai. ASHISH sath the jab aap se mile the

  • @kundantiwari6905

    @kundantiwari6905

    4 жыл бұрын

    @@SanjeevKumar-px7hw ye Ashish kaun hai

  • @SanjeevKumar-px7hw

    @SanjeevKumar-px7hw

    4 жыл бұрын

    Aap siriniya se hain na

  • @kundantiwari6905

    @kundantiwari6905

    4 жыл бұрын

    @@SanjeevKumar-px7hw nhi

  • @kundantiwari6905

    @kundantiwari6905

    4 жыл бұрын

    kzread.info/dash/bejne/a5yVqc6qZr3KpLw.html

Келесі