क्या होती है सच्ची मूर्ति पूजा यह वीडियो देखकर जान जायेंगे || By स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज
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स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज
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Пікірлер: 103
अंधो को सही राह बताने के लिए बधाई।
@nareshkumar-vj9cy
9 ай бұрын
नयन सुख राम राम
एकमात्र धार्मिक रास्ता है आर्य समाज।ॐ
नमस्ते जी 🙏 सम्पूर्ण सत्य वैदिक विचारधारा पर आधारित सन्देश
स्वामी जी को शत् शत् नमन,,,,,, सतीश कुमार आर्य
श्रद्धेय स्वामी जी, सादर नमस्ते 🎉
ओम नमः शिवाय स्वामी जी नमस्ते
Dhanyawad swamiji 🙏🙏
Ram ram guru ji🚩
सादर नमन स्वामी जी🙏🙏🙏
Aap ne to aankhe khol diye thanks sant ji
@bhogeeprasad5804
9 ай бұрын
ओ३म् क्रतो समर 🙏
महाराज जी प्रणाम जी, आप तो आज हम सभी को अन्दर से हिला दिया, 🪔 शुरु हो गया, मगर आप सभी को आम आदमी को ये बात जरुर प्रकाश डालन चहिए, की आगे किया करना चाहिए
ૐ જય શ્રી રામ ૐ
आर्य समाज एक जाति नही है बल्कि एक विज्ञान है यानि बुध्दि विवेक से काम करने वाला वीर समाज है । अन्धविश्वास से दूर रहने वाला है । सनातन मे फैली हुई मलिनता पाप कर्म की निन्दा करता है । देवताओ की ईश्वर की निन्दा नही करता है बल्कि देवताओ की उपासना विवेक से करना सिखाता है ईश्वर की प्राप्ति का सरल तरीका बताता है । आर्य समाज उच्चतम कार्य करने वाला सनातन की शाखा है । पंडित सुखदेव
श्रद्धेय स्वामी जी को शत् शत् नमन
🙏🙏🙏👏👏👏👌👌👌 राम जी राम जी राम
हमारा भगवान हमेशा हमारे साथ है
चरण स्पर्श स्वामी जी।
🕉🙏🙏🙏🙏🙏🙏जय हो आर्य समाज की।
Maharshi Dayanand Saraswati ji k sachche vansajo ko koti koti naman vandan
Gurudev apke charanon me koti koti naman.
स्वामी जी बहुत बहुत धन्यवाद नमस्ते जी
🕉🕉🙏🙏जय हो
Namaste Swami Ji Sadar Naman
@user-up2ge6vw9s
9 ай бұрын
नमस्ते स्वामी जी सादर नमस्ते स्वामी जी सादर नमन
Swamiji, you are doing a noble work for Arya Samaj as well as for the nation.
Jay Shri Ram Guru Ji
नमस्ते स्वामी जी
Jay Shri Ram
Jai sanatan dharma and arya samaj
जय श्री राम❤कृष्ण गुरु जी❤
@bhogeeprasad5804
9 ай бұрын
ओ३म् क्रतो समर 🙏
सवामी जी सादर प्रणाम धन्यवाद आपका सही राह दिखाने के लिए
May you live long ! Guru jee sadar namaste.
मान्यवर स्वामी जी जब तक गुरुकुल शिक्षा पद्धति लागू नहीं होगी तब तक समाज का सुधार नहीं होगा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति जी
Jai ho स्वामी जी
Bahut sunder. Sadar Naman Guruu
maharaj apke jaise logon ka hume jab tak surya chand hai tabtak apka sath chai
मूर्ति पूजा नहीं मूर्ति के विचारों की पूजा करते हैं हम,
0:49 0:51
🙏🙏
Svami apako shat shat naman sadar namaskar 5:17
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
Vedic Dharma ki Jay
Namaste Swamiji 🙏🙏🙏
🎉
जिन माता पिता ने हमें जन्म दिया उनको प्रणाम
guru je ko sadar praman
अति सुन्दर स्वामी जी 🙏🚩
Sat sat Naman swami gi🙏
👏👏👏👏🕉️🕉️🕉️🕉️👏👏👏👏
यही तो सर्वोचित सत्य है।
Oum namaste ji guruji
Sita Ram
Jai gurudev ji 🙏
Koti koti pranam Aachary ji Jay shree Ram
स्वामी जी भ्रम की स्थिति बन गई
main bhi hindhu hoon aapki baato se sehmat hoon Indhu dharam sirf fhakand dharam ke naam pe lootna shoshan karnamandir ke naam pe dhongh yahi sab kuch chal raha 😢
Radhe radhe guruji..
Namasteji nice
माता सबरी तो ऐसे ही राम राम कर रही थी😢 आर्य समाजी को प्रभु के नाम में कुछ दिखता ही नही😔
आर्य समाज हमारे देश के नहीं है ऐसा सुनने मे आता है कि ये दूसरे देश से हमारे देश मे आकर बस गये।
कृपा बतायें भगवान कौन है
🕉️
🚩🚩🚩
Aastha hi... Marriage
Well said
Pranam, bhakti Marg ke liye murthi chahihe ya nahi
0:51
ARUN🚩🚩🚩🚩🚩😉
ASURONI VICHAR DHARA MEANS SWAMINARAN
Sir AAP think kah the lekin Aaj Hindi Mandi murti pujak Jag haha hai
Ayodaya ka mandir kaya kahta hai
AabjailkobandkardenachahlyekyoklayHbgagwanbanayahai
Aap Alwar Rajasthan m aana ved prachar karne ke liye
Is baat ko kabhi bataayi nahi gayi
Insan ki banai Moorti bhagwan nahi lekin bhagwan mein dhyan lagane ka madhyam hota hei. Agar shraddha sachi hei to bhagwan insan ki banai moorti se bhi ashirvad de sakti hein. Iske udharan meerabai aur narsi bhagat hein. Agar insaan bhagwan ki banai moorti hein to aisee bahut si moortiyan bhayanak hoti hein kyunki atankwadi bhi bhagwan ki banai moorti hue! Iska arth yeh hua ki bhagwan ki banai achhi aur kharaab moortiyan alag karni chahiye!
Kuchh log guruji seva bhi karte hain aadmiyon mein bhi Mandir dekhte hain aadmiyon ke andar bhi Bhagwan dekhte hain lekin Murti mein bhi unki Aastha Hoti hai to vah galat to nahin 🙏
वेद मे फिर मूर्ति मे प्राण प्रतिष्ठान का मंत्रा कहा से आया जब आर्य समाज वेद के नियम पर चलता है ,फिर आर्य समाज क्यू नही मूर्ति पूज रहे है ओर येसा बोला जाता है की प्राण प्रतिष्ठान के दौरान कैसे सीसा टूट जाता है।
स्वामी जी आप मूर्ति पूजा को नहीं मानते हैं और मूर्तियों की रक्षा करते हैं तो घर में क्यों नहीं रखते हैं ये तो दूसरे को मूर्ख बनाना है
स्वामी जी जय श्री राम आपके वीडियो देखता हूँ लेकिन इसमें मूर्ति को जो पत्थर की कहा गया है इससे मैं सहमत नहीं हूँ क्योंकि मन्दिरों में पत्थर की मूर्तियां तो हजारों लाखों वर्षों से पूजा जाता है शिवलिंग में क्या भगवान शिव को नहीं देखा जाता है प्रिभु श्री राम ने भी लंका पर आक्रमण करने से पहले श्री राम ने भी शिवलिंग बनाकर उसकी उपासना की थी जिसको राम रामेश्वर के नाम से जाना जाता है रहा मूर्तियों का जब भी मूर्तियां मन्दिर में स्थापित की जाती है तो सबसे पहले उसकी प्राणप्रतिष्ठा की जाती है उसके बाद ही वह पूजने के योग्य कहलाती है जिसमें प्राणप्रतिष्ठा की जाती है तो सम्भवतः उसमें भी प्राण शक्ति उत्पन्न हो जाती है उसके सामने जब भी हम अपना मस्तिष्क टेकते हैं तो वह भी हमारी प्रार्थना को स्वीकार करती है भले ही वह भोजन स्वीकार नहीं करती किन्तु प्रार्थना को तो जरूर सुनती है अगर ऐसा नही होता तो शायद इस धरती पर कोई भी मन्दिर नही होते और न ही कोई मन्दिरों की चौखटों पर अपना माथा रगड़ते भले ही इसको एक मनुष्य द्वारा पत्थर पर छैनी हथौड़े चलकर बनाया गया हो किन्तु जब यह मंदिर में इसकी प्राणप्रतिष्ठा हो जाती है तो इसमें भी सम्भवतः प्राण तो उतपन्न होते ही होंगें
@user-yh2ce5fd2d
3 ай бұрын
आपने स्वामी जी को मूर्ति के बारे मे खरा खरा सटिक उतर दिया है । यदि देश मे सर्व देवताओ के मंदिर नही होते तो सब जगह मुल्लो की मस्जिदे होती ईशाईयो के सर्च ही होते । मंदिर कितने ही तोड़े पर जो मंदिर बच्चे तो सनातन धर्म भी बच गया है । वरना हम सब मुश्लिम हो जाते ।
apke bato men galat kuch nai
जिस परमात्मा ने इंसान को बनाया वही इंसान कहता है परमात्मा निराकार है सत्यार्थ प्रकाश में परमात्मा की जगह पुरुष लिख रखा है क्या जरूरी था परमात्मा ही लिख देता खिचड़ी खोल दी कोई समझ ना ले ये ज्ञान था
Ye to islam vali bat h
Murti puja is perfect science
Muje apse bat kar karni he kese ho sakti he ....
@Adarshkumar-qf8gi
9 ай бұрын
आप सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़े
Alwar m kbhi ved prachar karne ke liye Arya samaji aate hi nahi hai
Musalman hi sahi karte hain inki Sobha Yatra pe aur murti pe Patthar marta hain .
बात तो आप वेदों (ब्रह्म ज्ञान) की करते हो परंतु आप का ज्ञान केवल शरीर की इंदिरियो, लाभ हानि, मन अपमान, केवल मेरा मार्ग सत्य बाकी सब गलत। आप कहते है ईश्वर का अवतार नही होता फिर आप कैसे इस धरा पर आ गए।। वेद के ही कहते है अहं ब्रह्मस्मि। ईश्वर कण कण में व्याप्त है तो क्या वह प्रतिमा में क्यो नही होंगे। ये आप की अज्ञानता है।। आप अपने मार्ग पर चले ये तो ठीक है, परंतु केवल आप का ही मार्ग सत्य है बाकी सब गलत तो महाशय ये केवल आप की मूर्खता है।।
SWAMINARAN MURDABAD.
आप क्या जानो वैदिक पूजा और प्राण प्रतिष्ठा, श्रद्धा, विश्वास, मंत्र
😂😂😂😂 muje hasi aa raha hai
महाशय कभी कभी तो बाते तो ब्रह्म ज्ञान की करते है और फिर आप का ज्ञान शरीर के इंद्रियों तक ही सीमित होता है।। पहली बात तो हम शरीर नहीं आत्मा है।। और आत्मा परमात्मा का अंश है, अर्थात आत्मा परमात्मा है ये तो सब जानते है। (अहं ब्रह्मस्मि) एक मृत शरीर है जिससे आत्मा निकल चुकी है क्या उसमे इतनी क्षमता है की वो कोई वस्तु बना सकती है और एक जीवित शरीर अर्थात आत्मा उसमे विद्यमान है इससे अनेक कार्य हो सकते है। हमारे शरीर चलायमान है जिसमे आत्मा की उपस्थिति की प्रधानता है।। अर्थात ईश्वर (आत्मा)ही हमारे शरीर को चला रहे है इससे होने वाले प्रत्येक कार्य ईश्वर की शक्ति (आत्मीय बाल) से ही है ये बात तो सोचना ही मूर्खता है की इंसान का शरीर कुछ बना सकता है दिखता अवश्य है की इंसान ने इस प्रतिमा को बनाए परंतु ऐसा नहीं है अब ऐसा भी नही है की इंसान बुरे आचरण करे और ईश्वर पर थोप दे। इससे अच्छे और बुरे कार्य यह एक अलग विषय है।
Nahi hai
🙏🙏
🙏🙏