मंदिर की मूर्तियाँ जड़ है या चेतन ? By स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज
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स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज
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Пікірлер: 244
वेदों की ओर लौटना पड़ेगा... प्रणाम गुरुदेव... आपके जैसे क्रन्तिकारी संत की आवश्यकता है... स्वामी विवेकानंद जैसी ओजस्विता है आपकी वाणी में
@Chandangoyal-re7xq
2 ай бұрын
Jai shree Ram bhai i i i
@Chandangoyal-re7xq
2 ай бұрын
Bhai guriuji sri yati narsinghand ji maharaj dasna Devi mandir ghaziabad ka sath do dhanywaad i i i i
@Chandangoyal-re7xq
2 ай бұрын
Bhai aapke Circle mein jitne bhi hindu log unse boleiye jyada bache paida kare tabhi humlog bachege nahi to humlog bharat se bhi khatam ho jayega ii
@Chandangoyal-re7xq
2 ай бұрын
Bhai Arya samaj ko support karo
@Chandangoyal-re7xq
2 ай бұрын
Bhai inki khooni kitab Kuran Hadis padh lo sab samaj aa jayega iii
ओ३म् ही जीवन है, ओ३म् ही आधार है, ओ३म् ही बल है, ओ३म् ही ज्ञान है, ओ३म् ही विज्ञान है, ओ३म् ही प्राण है, ओ३म् ही विवेक है, ओ३म् ही प्रकाश है, ओ३म् ही कर्ता है, ओ३म् ही विधाता है, ओ३म् ही सर्व रक्षक है, ओ३म् ही परब्रम्ह है, ओ३म् ही अपर ब्रम है, ओ३म् ही माता है, ओ३म् ही पिता है, ओ३म् ही सखा है, ओ३म् ही बन्धु है, ओ३म् ही ज्योत है, ओ३म् ही सच्चिदान्द है, ओ३म् ही सृष्टिकर्ता है, ओ३म् ध्यान है, ओ३म् सर्वव्यापक है, ओ३म् सर्वान्तरयामी है, ओ३म् ही सर्वविद है, अन्त में ओ३म् ही सार है ।
@ShriramYadav-zj2yv
4 ай бұрын
गुरुजी पहलाद जी ने देखे थे भगवान
❤अगर आपकी बुद्धि अतिसुक्ष्म है तो हर परमाणु चेतन हैं तो मूर्ति भी चेतन हैं जिसे कोई ब्रह्म कहे, कोई उसे अउम कहे कोई उसे निरंकार कहे।अगर आपकी बुद्धि जड़ है तो परमाणु भी उसे जड़ दिखेगा तो मूर्ति में कभी परमात्मा नहीं देख पाएंगे। कसूर निगाह की है।❤
जय सच्चिदानन्द स्वामी की जय। जय हिन्दु वन्दे मातरम् ॐ
जय श्री राम ❤
Sahi baat hai guru ji 🕉️🚩
महाराज जी यह भी सोचती जो आज बोलने की ताकत सिर्फ परमात्मा ने दी है आपको और हम सभी को सुनने की
आपको कोटि कोटि नमन
श्रद्धेय स्वामी जी, सादर प्रणाम 🌹🌹🌹🌹🌹☂️
श्रद्धा स्वामी जी प्रणाम आपकी बात बिल्कुल सही है
जय।श्री राम
ॐ गुरूजी आपके चरणों कमलों मे सादर प्रणाम सनातन धर्म को बचाना हैं तो युद्ध स्तर पर गुरुकुल खोलना पड़ेगा और अपने बच्चो को गुरुकुल की शिक्षा अनिवार्य कर देनी चाहिए
जय श्री राम जी ❤🙏🙏🌹🌹🚩 हिन्दू राष्ट्र बनाओ देश बचाओ 🌞🪴🌹🌹🚩
Namaste Swamiji ATI sundar katha
सादर नमस्ते जी
Bahut sundar pravachan swami ji
परमात्मा हर जगह लेकिन वह उनको दिखते हैं जो उनको समझने ज्ञानी को थोड़ी परमात्मा को प्रेम से सबको दिखाई देते हैं हर जगह हर स्थान पर
Sahi baat hai ❤
Jay shree Siya Ram ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
हमारे परम श्रद्धेय साधु संत अपने अपने प्रवचनों में एक दूसरे के मत का खंडन करते रहते हैं जिससे धर्म भीरु जनता भ्रमित होकर अपने शास्त्रों पर ही अविश्वास कर दूसरे धर्मों को श्रेष्ठ मानने लगती है कुछ ऐसा प्रयास किया जाए कि अपने धर्म पर श्रद्धा बढ़े
@user-nq7cl2yb7d
4 ай бұрын
Sunder bichar😊
ये सम्पूर्ण श्रष्टि ही परमात्मा मय है, परमपिता परमात्मा सर्वज्ञ सर्वब्यापी है, ॐ ॐ 🎉🎉
बहुत सही स्वामी जी, नमस्ते ji
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
परमात्मा सब जगह पर मौजूद हैं।
अति उत्तम व्याख्यान।🙏
Om
एक बात का उत्तर जरूर देना परमात्मा सर्वत्र है फिर मंदिर मे क्यों हाँ परमात्मा सर्वत्र है वायु भी इस खुले ब्रह्माण्ड मे सर्वत्र है पर ज़ब ध्यान दीजिये टायर मे हवा भराते है तो टायर की टोटी खोल देते है और हवा भर जाती है ये सत्य है फिर उसे हवा भरवाने क्यों जाना पड़ता है जय सनातन 🙏
परमात्मा एक है, सर्वत्र व्यापक है
Nice sweet real gyan by Swamiji. OM.
Swamiji sacchai hai😊
अगर आर्य समाज वाले इस धरती पर और होंगे तो भगवान को सारी जगह से छुप जाएंगे ऐसे लोगों का ज्ञान सुनकर
Satya Sanatan vedic dharm ki jai
ओउम्
🙏🇮🇳
Sahi Baat hai Sachidanand ji Maharaj 😊😊❤❤❤❤
Jay shree ram
You are the only Arya samaji who strongly condems idol worship as swami Dayanand used to. You are doing a great service to sanatan.
एकदम सही बात बताई गुरुजी!! मनुष्य का मन ही मंदिर है और भगवान मन को देखते हैं!! जिसका मन और विचार खराब हो वह चाहे कितने भी मंदिर में जाए!! मन शुद्ध होगा तो भगवान को पसंद होगा मंदिर जाने से नहीं!!
Namste ji
सर्व खल्विदं ब्रह्म चराचर जगत में घट घट में
OM
मानव शरीर के अन्दर है..दोनो आखो के पीछे और बीचो बीच है...
❤
में तो मानता हूं आज आर्य समाज में स्वामी सच्चिदानंद जैसा निर्भीक व्यक्तित्व और कोई नहीं
ओम् , सादर ओम् प्रणाम ्🎉🎉
Very nice.
Mahant Shri Aap Sahi Kah Rahe Mandir Dhyan Lagane Ka Kendra Tha Aaj Money Banane Ka Kendra Ban Gaya Hai Isliye Humare Desh Ke Khand Khand Ho Gaye Aaj Bhi Log Aapne Aarya Dharma Ka Palan Nahi Kar Rahe Hum Jese Logo Jyan Dene Ke Liye Aap Ka Abhar Jai Maa Bharti
ईश्वर सर्वव्यापक है।
Pranam guruji ❤❤
मन मन्दिर का रूप ही मन्दिर है
आप प्रेम आनंद जी से मिलकर शास्त्रार्थ करने की कृपा करें।
@chandramajhi8049
3 ай бұрын
Right Ram ram 🙏🙏🙏🙏
मन में भी भगवान की काल्पनिक मूरत होती है
नमस्ते गुरुजी 🚩🙏
Guru ji bachho ko ye bhi bato ki prmatma kaise milta hai please 🕉️🚩🚩
Bahut Sundar Guruji aapke charanon mein कोटि-कोटि Naman 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌺🌹🌺🌹🌹🌹🌹🌷🌹🌹
सादर प्रणाम
❤ Praan Pratishta ! ' Praan tattwa ' - granth ...Swami Vishnu Tirth Narayan kuti Sanyas ashram , Devas , M.P. We expect discussion on above subject .
Adhbhut pravachan yase hi gurookul ki bevastha bharat me honi chahiye .dhanyavad
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि नमन हम मूर्ति पूजक हे और रहेंगे भगवान सर्वत्र हे और मूर्ति से हमे अपने आराध्य पर ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती हे 🕉️🇮🇳🙏🚩 जय श्री राम जय आर्यावर्त 🙏🇮🇳🕉️🚩
परमात्मा सब जगह रहता है । सूर्य का प्रकाश सब जगह होता है लेकिन सूर्य का प्रकाश गंदा नही होता है ऐसे ही ईश्वर गंदे नही होते है सूर्य का प्रकाश मरे हुए जानवर पर पडता है तो प्रकाश गंदा नही होता है इसीलिए हमारे भाव से प्रत्येक मूर्ति मे ईश्वर होते है । ईश्वर जड नही है मूर्ति जड है । मन का भाव ईश्वर मे विलीन होता है । ईश्वर देवताओ की मूर्ति मे होते है ।
ओ३म् स्वामीजी सादर नमस्ते
भक्ति चाहे सगुण करो या निर्गुण करो करना जरूरी है भगवान दया के महासागर है दया कर ही देंगे ईश्वर हमारे भाव के भूखे है की हम किस भाव से उनको भजते बाकी तो मनुष्य जन्म दुर्लभ है मिल चुका ईश्वर दया से तो फायदा उठाओ । भक्ति करो खूब करो भक्ति से ही मुक्ति संभव है जब तक सच्चा गुरु नही मिलता तब तक सगुण भक्ति करो पूजा पाठ करो जो मर्जी करो लेकिन करो जरूर भक्ति खाली नही जाती फल जरूर मिलेगा एक दिन आएगा आपकी प्रेम भक्ति चाहे सगुण रूप में क्यों ना करी हो ईश्वर दया करके पूर्ण सतगुरु से मिला ही देंगे आपकी तड़प सच्ची होगी तो सब कुछ मिल जायेगा । ईश्वर आप सभी को पूर्ण सतगुरु महात्मा जी की प्राप्ति करवा देवे ऐसी प्रार्थना करता हु प्रभु जी के आगे अगर पूर्ण संत महात्मा मिल चुके है तो बस उनकी आज्ञा का पालन करो बेड़ा पार हो जायेगा
Swami ji ko kotti kotti Naman
🙏🏻🕉🙏
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
हवा सबजगह है तो टायरमे हवाभरवानेकेलिये कोमपरेसेके पास क्यो जाना पडता है
जय स्वामी दयानंद सरस्वती जी
Vivekanandjijabkalimakemandirmeggayetounkomurtimehimakalikedarshaehuyethe🎉🎉🎉jai❤❤❤mata🎉🎉🎉🎉de
सबका ईश्वर एकहै
Pramaanda maharajse dibetakare bo bhagwaanako dekhehe or dikhaabisakatehe radhe radhe Ram Ram 🙏🙏🙏🙏
जय आर्य समाज, जय देव दयानंद सरस्वती जी, जय सनातन धर्म। जय आर्य श्रेष्ठ योगिराज श्री कृष्ण चंद्र जी महाराज।।
गुरु जी यदि मनुष्य के द्वारा बनाई मंदिरों में भगवान नहीं है और भगवान मन मंदिर में ही रहते हैं। तो मंदिर का जरुरत नहीं है। जब भगवान के द्वारा बनाई मुंह,तन और पैर है तो ध्वनि विस्तारक यंत्र,कपड़ा और यात्रा के लिए वाहनों की क्यों आवश्यकता है? जैसे सांसारिक वस्तुओं को जीवन में आवश्यकता होती है वैसे ही भगवान और मंदिरों कि भी आवश्यकता होती है।
Bhagwan Ram ki Murti ke vicharon ko Ham Pranam Karte Hain, Mahapurushon ki Murti ke vicharon ko Ham Pranam Karte Hain, inke vicharon ki aagya ka Palan Karte Hain,
फिर तो लोगों के मंदिर में कोई आस्था नहीं रही हो और सारे मंदिर बंद हो जाएंगे आप जैसे लोगों के प्रवचन सुनकर
Arya samaj jindabad Jai sri Ram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jabardast
Sahi
भगवान तो कण कण वासी क्षण क्षण अवतारी हैं तो मूर्ति में भी है लेकिन मूर्ति तो भाव बनाने के लिए है और मूर्ति भगवान तक पहुंचने की सीढ़ी का पहला स्टेप है और मूर्ति में भाव बनाने वाला भक्त ध्यान लगा ते लगाते वह विराट पुरुष में खोजाता है और तब भक्त नहीं केवल भगवान ही रह जाते हैं।
@user-mr3lc6pu6b
2 ай бұрын
जड़ अर्थात विवेक शून्य शक्ति पदार्थ वस्तु।। चेतन अर्थात विवेक युक्त स्वरूप युक्त शक्ति क्रियाशील रहनेवाला ।।
कृष्ण भागवन ही ईश्वर था। मनुष्य का रुप धारण कर के आया था
@Aryaveer0086
3 ай бұрын
ईश्वर अजन्मा, अनादि, है ईश्वर का कभी जन्म और मरण नही होता है ।।
Moorti Puja sabse nimn level ki Puja hai.
प्रणाम स्वामीजी। बहुत सुंदर। मेरे एक प्रश्न है आपसे की जब ईश्वर सर्वत्र है तो क्या फिर क्या ईश्वर मंदिर में नही है। ईश्वर सृष्टि के हर कण में है तो फिर क्या मूर्ति में ईश्वर कैसे नही है। जब हवा हर जगह है हवा में ऑक्सीजन हर जगह है तो फिर बीमार आदमी को ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन क्यों देते है । बीमा सिलेंडर के ही ऑक्सीजन क्यों नही ले लेते। परमात्मा भीतर बाहर सब जगह है। प्राप्त करने की विधियां अलग अलग है। यह सनातन है । अपने अपने भाव होते है
@Ram47988
4 ай бұрын
ईश्वर सर्वत्र है तो सर्वत्र ही उसका भाव करना चाहिए ना कि एक जगह पर उसका भाव करना। हवा का उदाहरण गलत क्योकि हवा अचेतन है जड़ है और ईश्वर चेतन है। आप ईश्वर के साकारवाद को सिद्ध करने के लिए जड़ साधन प्रकृति का उदाहरण क्यो दे रहे है
@omprakashverma5271
4 ай бұрын
@@Ram47988 ईश्वर सिर्फ निराकर है यह कहना उसकी विराटता को सीमित करना होगा। और ईश्वर मंदिर में नही यह कहना उसकी सर्वव्यापक्ता को सीमित कर देता है। में तो आपकी बात को भी मानता हु ईश्वर हृदय में परमात्मा के रूप में विद्यमान। क्या आप यह मानते है की ईश्वर मंदिर में नही है। आप इतना बता दीजिए की ईश्वर मंदिर में है या नही।
@harshhuria8788
4 ай бұрын
मित्र निस्संदेह इश्वर मंदिर मे भी है और पत्थर की मूर्ति मे भी क्योंकि इश्वर निराकार है पर मै आपसे पूछता हूं कि क्या आपको कभी मंदिर मे भगवान मिले या आप जिस मूर्ति या तस्वीर को भगवान समझकर पूजा कर रहे हैं, उस ने कभी आपको आशीर्वाद दिया या आपसे बात की या आपकी कोई इच्छा पूरी की हो या कोई वरदान दिया हो तो गम्भीरता से सोचें मित्र, इश्वर ने आपको भी बुद्धि दी है।
@harshhuria8788
4 ай бұрын
मेरी एक बात का जवाब दें कि यदि आप बेजान पत्थर की मूर्ति को भगवान समझ रहे ह़ो और तर्क दे रहे हो कि मूर्ति मे भी भगवान है जो कि सही तर्क है तो इस तर्क के हिसाब से तो कीड़े मे भी इश्वर है, कुत्ते मे भी इश्वर है, सुअर मे भी इश्वर है, तो क्या आप कीड़े, कुत्ते या सुअर को इश्वर मानकर पूजा कर सकते हैं, अगर नहीं तो बेजान मूर्ति को भगवान मानकर क्यों पूज रहे हो।
@omprakashverma5271
4 ай бұрын
@@harshhuria8788 जी बिलकुल सभी प्राणियों में ईश्वर परमात्मा के रूप में है। जब ईश्वर आपके हृदय में है तो चींटी के हृदय में भी ईश्वर है। मैने कभी नही कहा की ईश्वर केवल ओर केवल मूर्ति है है। मैने तो यह कहा की जब ईश्वर सब जगह तो तो मूर्ति में भी है। आप ही कह रहे थे मूर्ति में ईश्वर नही होता।आप में है मुझ में है चींटी में भी है। अब रही बात पूजने की तो जिसकी जैसा श्रद्धा और भाव उसको पूज ले। किसी और की श्रद्धा में में अपना मत क्यों दू की तुम गलत हो और में सही ही। में तो सिर्फ इतना ही कह रहा हु जब ईश्वर सब जगह है तो मंदिर में क्यों नहीं हो सकते। और अपने मान भी लिया की मूर्ति में भी ईश्वर है। जिसके जैसे भाव और श्रद्धा होगी उसे वैसे ही नजर आएंगे
Swami ji namaskar.
हे गुरूवर ईश्वर को भी भुख नही लगता है।
Banke vihari jai shri ram kausalya k god
भगवान श्रीकृष्ण ही ईश्वर है क्योंकि स्वयं आप भी उनको भगवान ही कह रहे हो की भगवान श्रीकृष्ण ने गीताजी में कहा की मैं सर्वव्यापक हुं स्वयं भगवान श्रीकृष्ण गीताजी में कहते हैं की अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य है उसको तु नहीं जानता मैं जानता हूं।।
तनोट राय मंदिर जैसलमेर चले जाओ अपने आप पता चल जाएगा
Vedo ka saar vedant me hai Vivekananda ne shikago vishv dharm sammelan me speech dekar pramanit kiya. Geeta upnishad aur Brahm Sutra Bharat ke kendriya granth hai
गुरुदेव में भगवान को दिखा सकता हूं और आप जितने व्यक्तियों को लगे उनको सबको दिखा सकता हूं लेकिन क्या आप मुझे क्या आप मुझे दर्शन कर
@BabluKumar-hr5vm
3 ай бұрын
Aapne kb God ka darshan kiye, kaise kiye, iska kya proof hai, or kon karaya hai, shastra sammat proof or santusthjanak reply ki aasha hai, .. Jay sri ram
तुम लोगों ने अभी तक क्या किया कितने लोगों को दर्शन करवा दिए भगवान के
We live at jila Bahrach UP. Sir sattyarth prkash book hamne kahn se milege
Swami ji ko meri bhi Umar lag jaye
मुझे समझ नही आता कि क्यूं आर्य समाज वेद की अन्य शिक्षाओं को छोड़कर केवल मूर्ति पूजा के पीछे पड़े हुए हैं, परमात्मा की प्रतीक उपासना के बाद लोग अपने आप उनके निराकार, निर्गुण सचिदानंद स्वरूप की ओर लग जायेंगे लेकिन भ्रमित कर दिए जाने पर कुछ नहीं करेंगे
❤ Aap ko Bhagwan ki prapti huvi hai kya ? Kaise ? Sadhana ka margdarshan kare . 😊
सच्चाई यही है सा।
परमात्मा कल्पना है जैसे जिसकी भावना वैसा ही उसको दिखाई देता है यहां तक मंदिर जाने या ना जाने का सवाल है वह एक स्थान है जहां सभी मिलकर आपस में संपर्क स्थापित कर सकते हैं
Parmatma ki satta sab jagah hain .
मनुष्य कभी मूर्ति बना क्या स्वयं को जाना,में कौन हूं यह जाना। कण कण में भगवान हैं बताया मैं कौन हूं नहीं बताया हर महात्मा, ज्ञानियों ने।हम प्रश्न करेंगे।
Dusra bhag
Naginrajjain bhiwandi Jay shree
हम मानते हैं कि परमात्मा की कोई मूर्ति नहीं लेकिन आप तो बहुत ज्ञानी हो गुरुजी आप तो बहुत शास्त्रों का ध्यान रखते लेकिन आप एक बार सबको दिखा दो कि परमात्मा ऐसे है सभी लोग मान जाएंगे आपके प्रवचन सुनकर
@Jayshreerambhajanmarga
26 күн бұрын
Bilkul sahi kaha aapne 🙏
@RajeshKumar-vo5pm
20 күн бұрын
भाई परमात्मा की जब कोई मूर्त नही तो दो दिखा कैसे सकते हैं उसको महसूस किया जा सकता है जैसे प्रकाश की कोई मूर्त देखी / हवा की कोई मूर्त देखी उसको महसूस कर सकते उनका कोई आकार नहीं है प्रणायाम करो बौद्धिक विकास करो जय सनातनॐ
@RajeshKumar-vo5pm
20 күн бұрын
और परमात्मा को कोई बाहरी आँखो से कोई नहीं देख सकता क्योंकि इनसे वो ही दिख सकती है जो नाशवर है लेकिन परमात्मा नाश्वर नहीं है