कैसे बनती हैं स्कूली किताबें: योगेंद्र यादव और सुहास पल्शीकर से अपूर्वानंद की बातचीत I
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A Hindi blog of long-form discussions on contemporary cultural and socio-political questions faced by the Indian society.
कड़वी कॉफी लम्बी बातचीतों के अलग- अलग सिलसिले हैं. हमारे जिंदगी, दुनिया, देश से जुड़े मसलों को समझने, उनकी बारीकियों और गहराइयों तक जाने की एक कोशिश. हिंदी में क्योंकि वहां शोर और सनसनी से बाहर तसल्ली और धीरज से विचार, विमर्श की जरूरत ज्यादा है. लोकतंत्र, समाज, नागरिकता, शिक्षा, न्याय, राज्य, मीडिया, जेंडर, संस्कृति, बाज़ार जैसे व्यापक संकायों के वे सिरे जो हम सबको प्रभावित कर रहे हैं.
कोशिश रहेगी तथ्य, तर्क और मनुष्यता की रौशनी में बातों को देखना और उस रौशनी को आगे बढ़ाना. यह एक खुला मंच है जो हिंदी के प्रोफेसर अपूर्वानंद, सामाजिक कार्यकर्ता पंकज, पत्रकार एन.आर. मोहंती और निधीश त्यागी की पहल से शुरू हुआ है. इसमें संपादकीय सहयोग पत्रकार अजय शर्मा और तकनीकी सहयोग के मनीष सिंह का है. बिना किसी मुनाफे की मंशा या मकसद के.
आपका स्वागत है. और हमें उम्मीद है कि आपके जरिये ये विमर्श थोड़ा और सार्थक और समृद्ध होगा.
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काफी अच्छी चर्चा है। इस चर्चा में अकादमिक पौष्टिकता की बात आई है, इसे और आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। ये महसूस करने की बात है के जब हम अपने समाज के अकादमिक sphere पे नज़र डालते हैं तो वहाँ भी physical के समान ही academic malnutrition स्पष्ट रूप से नज़र आता है। हम उम्मीद करते हैं के इस विषय पे चर्चा अकादमिक निरीहता के शरीर में कुछ ऊर्जा डाल सके।
मजा आ गया बातचीत सुन कर. बहुत-बहुत धन्यवाद आपको।
तमाम चिंताएं आप तीनों की जाहिर है।काश ऐसे शिक्षक और प्रोफेसर सबको मिलते या मिलें जो सोचने और विचार करने के स्तर पर मजबूर कर दें कोई भी विद्यार्थी,पाठक और श्रोता को।शायद ही एक क्षण के लिए मन और नजर कहीं गया होगा यह पूरा वीडियो सुनते हुए।...प्रोफेसर यशपाल की चर्चा खाशकर जब अपूर्वानंद सर ने की कि समझ की चस्का पैदा करना होगा।अद्भुत संवाद है यह।भागते हुए जीवन को एक ठहराव देनें वाली बातें आपलोग नें की है शायद लोग कुछ इससे सीखने और समझने का प्रयास करेंगे।।...🙏🏻🙏🏻
शानदार बातचीत
Very enlightening discussion Thanks kadwi coffee
अपूर्वा जब बोलते हैं तो बहुत मीठा होता है।
हम विस्तृत चर्चा ही सुनना पसंद करते हैं Thanks ❤🙏
कृपया दिल्ली विश्वविद्यालय पीएचडी एडमीशन प्रक्रिया को साफ़ सुथरा बनाए l आप चेयरमैन होने के बावज़ूद कुछ नहीं हुआ, इस साल एडमीशन प्रक्रिया के बारे मे लेख भी नहीं लिखा गुरुदेव l
Kadwi coffee ka ye pahla program dekha. Amazing knowledge and Samajh ka chaska ❤ wonderful!
मैं भाभी राजनीति विज्ञान का उच्च माध्यमिक शिक्षक बनने बाला हूं आपके विचारो से बहुत कुछ सहमत हूं।❤❤
Thank you sir
Thank you
बहुत ही शानदार बातचीत.....भगवाकरण नहीं घटियाकरण ....अंत में बिलकुल सही शब्द का इस्तेमाल किया सर ने...बहुत ही उम्दा शुक्रिया सर...
@a.b.5240
Ай бұрын
British aur leftist ne Jo textbooks mei likha vahi satya hai bas.jo uss Narrative ko na mane usse Gaali do
@ajaykumarzero
Ай бұрын
@@a.b.5240 आप पूरा देखिए तो मित्र.....उसके बाद अगर आप जायज सवाल पूछने तो जरूर जवाब दिया जायेगा....
On developing critical mind- I haven’t seen any teacher or student asking a simple question ‘why Sun rises only in the East?’. Any aware teacher’s reply must be - Direction where Sun rises is called East. So Sun doesn’t rise in the East it’s the Sun that makes East. Well, creating critical mind is considered dangerous now a days.
Somehow I have always been a great admirer of BipinChandra’s Democracy at Work, class 12 text book. That book however is a bit difficult reading for an average student.
❤❤❤❤ बहुत ही शानदार चर्चा
👍👍
व्याख्या ज़रूरी है।
NCERT ने सुधा मूर्ति को शिक्षाविद बना रखा है
Interesting point- a brief discussion about how will the educationist write about Modi regime in terms of democratic framework, social and economic framework?
स्वागत!!!!!
ये न तो शिक्षाविद है बस पार्टी के लोग हैं इसलिये उनका इतिहास बता ते थे
I thought the T in NCERT was for training
पहले आपने जब परिवर्तन किये तब किसने राय दी
कार्टून्स भी हटाए गए हैं
Btw, how have educationists dealt the Bhagat Singh in their narrative? Any book telling about Bhagat Singh’s atheism, progressive ideas, Socialist thinking? Or it will be wrong depiction of Bhagat Singh? It requires courage to be objective.
देश को वामपंथी विचारधारा का केंद्र बना नहीं पाए aaplog
नीरज अत्री ने Brainwashed Republic नामक पुस्तक लिखी है । उसपर एकबार चर्चा होनी चाहिये ।
All are congress bhakts.😂
@arshadajmal2443
Ай бұрын
AAP bahut zaroori baat kah rahe hain. Ise thoda vistar se likhen.
@deepakprabhat4356
27 күн бұрын
But andhbhakt nhi h n😂
अब bjp ही सही books लिखेगी।।