(गीता-8) धर्म के झूठे रूप को तोड़ते श्रीकृष्ण || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2022)
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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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#acharyaprashant #upanishads #krishna #geeta #rightwork #veda #vedanta
वीडियो जानकारी: 09.05.22, गीता सत्र, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ कर्मयोग का अर्थ
~ कृष्ण हमें क्या समझाना चाह रहे हैं ?
~ गीता का सही अर्थ
~ किन्हें गीता कभी समझ नहीं आती?
~ वेदों में कर्मकांड का कितना महत्त्व है?
संगीत: मिलिंद दाते
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Пікірлер: 420
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@anukaushal8689
Жыл бұрын
😌THANK YOU🙏 16 November, 2022 Wednesday (11:29am)
@anitachaturvedi9579
Жыл бұрын
🙏🙏
@v.bgaming5362
Жыл бұрын
In my view, it's very crystal clear analysis of very complex issues of Life
@dilsediltakunknown3357
11 ай бұрын
❤❤❤❤❤
@ayushkumar4731
8 ай бұрын
😊
गीता के 7०० श्लोकों को बारीकी से समझने के लिए ऐसे कई वीडियो चाहिए इन्हें प्रकाशित करने में खर्च भी होता है 100 रुपए कोई बड़ी बात नहीं सत्य का साथ दें आर्थिक सहायता करें ❣️
@subhowr01
11 ай бұрын
1:08
@respect.pandit1762
9 ай бұрын
❤❤
@respect.pandit1762
9 ай бұрын
Bilkul bhaiya ji
एक गलती तो ये है कि आप वेदों की ओर देखे ही नहीं और दूसरी गलती ये है कि आप वेदों की ओर देखें और कर्मकाण्ड में ही उलझ के रह जाएँ। -आचार्य प्रशांत
मन तुम्हारा माँग रहा है कृष्ण रस और दुनिया तुम्हें दिखा रही है मधुरस। -आचार्य प्रशांत
गीता के श्लोकों को गहराई से समझाने के लिए धन्यवाद । 🙏
आत्मा की ओर बढ़ने में प्रयत्न नहीं आवश्यक होता समझ आवश्यक होती है। समझ के बाद जो श्रम होना होता है वो स्वयं होता है। श्रम का बहुत महत्व है लेकिन बोध के बिना श्रम का कोई महत्व नहीं है। वास्तविक बात है- बोध जो समझ गया वो बड़े से बड़ा श्रम कर जाता है। और उसके श्रम में एक निष्प्रत्नता रहती है। -आचार्य प्रशांत
आपको पता हमने कर्म कांड वाली बातें बहुत की , कर्मकांड में मुक्ति की भी इच्छा वाले कर्म होते है न , हमने वह किए भी थे बहुत सारे किए भीष्म पंचक व्रत , कार्तिक , माघ वैसाख , श्रावण , मास में बहुत सारे कर्म , हम दिन भर ये सब कर के इतना थक जाते थे , पूछो मत , पर मुक्ति तो मिलती नहीं थी , बल्कि और उदास रहते थे कि शायद यह वाला कर्म हम से ढंग से हुआ , ll फिर भी कमी रह ही जाती थी कुछ तो कुछ कमी बेरंग सा,अजीब सा, मन का माहौल होता और बेचनी, और जब से आप को सुनना शुरू किया तब से सही अर्थों में मुक्त होना शुरू हुआ ll मन ll धन्यवाद जी 🙏
धर्म के नाम पर अधिकांशतः जो होता है उसमें अध्यात्म कहीं नहीं है उसमें बस कामनापूर्ति है। वो पूरे तरीके से भौतिक चीज़ है। -आचार्य प्रशांत
मन यदि ये कल्पना कर पा रहा है कि आप इस स्थिति से अलग भी किसी स्थिति में हो सकते थे जिसमें आपको सुख मिलता तब भीतर से वर्तमान स्थिति के प्रति विरोध उठता है, उसी को दुःख कहते हैं। जो निर्विकल्प हो जाता है वो इस कष्ट से बच जाता है। -आचार्य प्रशांत
जीवन पहले कैसा था, अब कैसा है सत्य की दिशा में हैं तब होता है निष्काम कर्म।।
ज्ञान का उद्देश्य आपको सुख देना नहीं होता, ज्ञान का उद्देश्य आपको सुख-दुःख दोनों से मुक्त करना होता है। -आचार्य प्रशांत
आज तो सच मे धन्य हो गए हम जैसे शक्षात् श्री कृष्ण रूपी कोई हमें अमृत रूपी वाणी का पान करा रहा हो।
ज़मीनी प्रगति मायने रखती भी है और मायने नहीं भी रखती है। उड़ने में सहायक हो गयी तो मायने रखती है, उड़ने में सहायक नहीं हुई तो कोई अर्थ नहीं। -आचार्य प्रशांत
जीवन को उच्चतम आदर्श की सेवा में समर्पित कर देना ही योग है। -आचार्य प्रशांत
प्रातःकाल और गीता का विशुद्ध ज्ञान, अद्भुत आचार्य जी। इसी विशुद्ध ज्ञान की पूरे विश्व को जरूरत है। चरण स्पर्श आचार्य जी। 🙏
@Umeshkumar-wc7cy
Жыл бұрын
पद वंदन गुरुदेव
@Prabhat152
Жыл бұрын
जय श्री कृष्ण
@radheyshyamsharma7171
Жыл бұрын
Very nice
वेद और भेद का अन्वेषण कर । बाहर का विकल्प ही भीतर का विरोध है । नाँचो-नाँचो बहुत हुआ, अब जाँचो-जाँचो-जाँचो । प्रणाम आचार्य जी 🙏
वेदों का अतिक्रमण कर प्रकृतिगत आयाम से परे हैं वेदांत । वेदों का शीर्ष वेदांत। ......आचार्य जी
अनंत से कोई भी संबंध हो आपको, आपको अनंतता की तरफ ही ले जाएगा।🙏
Thanks & प्रणाम आचार्यजी।।इससे ज्यादा तो क्या लिखूँगी ।पर में रोज फ्री होते ही सुनने को उत्सुक रहती हूं।
जहाँ आप निर्विकल्प हो जाते हो वहाँ मन को कष्ट होना बंद हो जाता है। इस बात को थोड़ा समझियेगा, बात ज़रा सूक्ष्म है। किसी भी स्थिति में यदि आपको मानसिक पीड़ा हो रही होती है तो उसका कारण मानसिक द्वंद होता है। -आचार्य प्रशांत
जो वेदांत का अनुसरण करता है केवल वही सनातनी है। 🙏🙏🙏🙏
कृष्ण साफ़-साफ़ समझा रहे हैं कि "वेद कामना मूलक हैं और वेदों से आगे निकल जा पार्थ!" -आचार्य प्रशांत
जीवन को उंच्चतम उद्देश्य के लिए समर्पित करना ही योग है 🙏🙏🙏
सनातन धर्म का अर्थ वेदांत के अतिरिक्त और कुछ नहीं है , जी गुरूजी 🙏
यही गीता की आधारभूत सीख है- सही काम चुनो। घटिया और व्यर्थ का काम चुनकर के उसमें संतुष्ट होने की आशा रखना बड़ी मूर्खता है। और अगर सही काम चुन लिया तो फिर उसमें कितनी भी विपदाएँ आयें, कितने भी कष्ट झेलने पड़े, जादू हो जाता है मन तब भी संतुष्ट रहता है। गलत काम में तुम्हें सुख भी मिल गया, सफलता भी मिल गयी तो भी संतुष्टि नहीं पाओगे। और सही काम में, कृष्ण कर्म में, निष्काम कर्म में सौ बार हारोगे तो भी पाओगे भीतर से तृप्त हो आनंदित हो। -आचार्य प्रशांत
महानायक श्रीकृष्ण 🙏 की बात बहुत सरल है आचार्य जी को प्रणाम 🙏
This guy seems to be OSHO of the Current Generation
वेदों का जो काम्य खंड है वो कामनापूर्ति के मार्ग लेता है और वेदों का जो ज्ञान खंड है वो मुक्ति का मार्ग लेता है। वो कहता है- दुःख से अगर पूर्ण निवृत्ति चाहिए तो तुम्हें दुःख सुख यानि अहंकार से ही पूर्ण मुक्ति चाहिए। वो रास्ता उपनिषदों का है, वेदांत का है। -आचार्य प्रशांत
जीवन में उच्चतम बस मुक्ति है 🙏
First, we read Bhagwad geeta and after tell all friends to read. I think this is One of the Nishkam karma.
आचार्य जी आपको भविष्य में याद किया जाएगा 🙏💯🗡️❤️
Namaste 🙏 Maha purush Sach mai aap mahapurush hai. I always follow you.
जो भी तुम्हें खींच रहा है सच्चाई से दूर, कृष्ण से दूर उसमें कोई दम नहीं हो सकता। वो कितनी भी मिठास दिखा रहा हो, वो बहुत कड़वा होगा। -आचार्य प्रशांत
सनातन धर्म का अर्थ वेदान्त के अतिरिक्त कुछ नहीं 🙏🙏❤️
@pushparai3288
Жыл бұрын
pranam acharya ji
जीवन में उच्चतम क्या हैं ? -) मुक्ति सत्य वचन आचार्य प्रशांत
नमस्कार आचार्य जी बहुत अच्छा लगता हैं आप को सुन कर
माया मरी ना मन मरा, मर मर गया शरीर, आशा तृष्णा कुछ ना मरी कहै गए दास कबीर। 🙏
प्रणाम श्री जी, अगर सच्चे मन से धर्म की राह पर चलें और बिल्कुल सच्चे मन से सत्य के लिए ही सारे काम करें जैसा आप बताते है तो हमारी थोड़ी बहुत इच्छाएं अपने आप पूरी होने लग जाती हैं ll हां जी, सच्ची ,ऐसा ही होता है ऐसा हमारे साथ होता है l पर सच बताएं हमारी इच्छाएं बहुत बड़ी बड़ी नहीं होती वो इच्छाएं भी सत्य के लिए ही होती है l चुप रहा नहीं जाता इसलिए कह देते हैं और सच बताएं कहने को कुछ है ही नहीं ll 🙏
Gita ka baki sessions (matlab 8 ta bad) ka video plz youtube ma dalia plz Acharya ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
jai ho Acharya ji 🙏 Satyam Sivam Sundram Yhi param Satya h 🙏 ♥ 💖 ❤ 💙 💕 🙏 Aaj Sunne ko mila Bastvik giyan
Thank you श्रीमान 💕🧿
Jo kitab mai adhura rhe jata h vo acharya ji complete dete h ❤️
जो उच्चतम आदर्श आपके लिए संभव हो उस दिशा में काम करने को कहते हैं- निष्काम कर्म। -आचार्य प्रशांत
भक्ति ग्यान बैराग सब है रूहानी प्यार, इससे अपने मन, बुद्धि और संस्कार को इतना भर दो की इनके अंदर पड़ा कचरा निकल जाए. धन्यवाद.
"बेरोजगारों/फकीरों का महानतम अड्डा" प्रणाम आचार्य!! 😊🌹🙏🏻🙏🏻
आचार्य जी गीता बहुत गहरी बात कहती है ये तो पहले ही समझ आता था । आपके कारण मुझे कृष्ण अब ज्यादा अच्छे लगते है , उनसे प्रेम अब बहुत हो गया है।और आपके ज्ञान से भी।🌿🍁❤ आप न होते तो हम सबका क्या होता।
प्रणाम आचार्य जी भ्रांतियों को दूर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏,धन्यवाद आचार्य जी जीवन को सही दिशा देने के लिये 🙏🙏
nice satsung.
नमन आचार्य श्री। 🙏🏼
Pranam Acharya ji 🙏🙏🙏
Radhe Radhe acharya Ji 🙏 aapka pic dekh kar hi subah roj hoti he Mera...or man manstik apki Gyan se sthir rahti he Puri taraha..thank you Aacharya ji.🙏🙏🙏
Man shuddh ho gaya acharya ji
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏❤✨
जिस जगह पर जाकर वेद भौतिकता का अतिक्रमण कर जाते हैं उसको बोलते हैं- वेदांत। -आचार्य प्रशांत
इतना अच्छा वीडियो मेरा बहुत सारा भ्रम दूर गया । चरणस्पर्श आचार्य जी ...
आचार्य श्री के चरणों में प्रणाम👏
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏
Kitne mahino se taalash he eske 🙏🙏🙏
🙏🌷 Jai Shree Krishna 🌷🙏
सुप्रभात आचार्य प्रशांत जी
बहुत धन्यवाद गुरूजी गीता जैसे महान ग्रंथ में निहित गूढ़ ज्ञान को शुद्ध और सटीक रूप से विश्लेषण के लिए,, जीव कुल के कल्याण हेतु आपका ये निस्वार्थ संग्राम को सैल्यूट गुरूजी।🙏
@akshaychaudhari6801
Жыл бұрын
Uchchvichar🙏
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏
Naman guru ji
Pranam acharya ji 🙏🙏🙏🙏
🚩आर्ष वचनो के लिए , हे गुरूश्रेष्ठ ! धन्यवाद 🙏🏼💐
जीवन को वास्तविक ज्ञान देने के लिए कोटि कोटि नमन।
जय श्री कृष्ण आचार्य जी 🙏
Jay ho Acharyaji Jay shree Krishna
नमन आचार्य जी 🙏
कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
महात्मा आचार्य जी प्रणाम #जयहो
शत शत नमन गुरुजी 🍂
Pranam Acharya ji 🙏🙏🙏 Thankyou for such a beautiful explanation.🙂
सादर प्रणाम गुरुदेव। 🙏🙏
आचार्य जी कोटि कोटि नमन आपको
अचार्य श्री गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏
कितना रस आया 😊😊 , कितने भ्रम टूटे आज धन्यवाद आचार्य जी 👣🙇🙏
गुरु जी प्रणाम। 🙏
Pranam acharya ji 🌺🌺🌺🌺🙏🙏🌍
युग पुरुष आचार्य जी चरण स्पर्श 🌷🙏🌷🙏🌷🙏
धन्यवाद आचार्य जी इतनी स्पष्टता से समझने के लिए
Shubhprabhat guru ji 🙏🏼🙏🏼🌹🌺
Today we need teachers like Sir who can beat the spoiled children like us with a stick of words, only then some change may take place in future.
गुरू जी आप की चरणो मे कोटी कोटी नमन 🙏🚩🌹💗🕉️😭
शत शत नमन गुरूजी ❤️🙏
आचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏🙏
जी आचार्य जी🙏🙏🙏🙏 शुभ प्रभात 🙏🙏
चरण स्पर्श, आचार्य जी...🙏🏻🙇🏻
I am Mumbai police on duty listening
गीता ज्ञान अमृत से सराबोर करके हमारा जीवन सफल करने के लिए नमन गुरुदेव । 🙏🙏 गीता 9 का बेसब्री से इंतजार है ।
One of the best scientific explanation of geetA verses 🙏🙏🙏
I was eagerly waiting for this 😀🙏🏼 thankyou
जैसे ही मेरे विकल्प हटे बाहर से वैसे मेरे सारे विरोध हटे अंदर से। । - आचार्य जी🙏🙏
शत् शत् नमन, आचार्य जी
Pranam Acharya Ji
Sumptuous 👌 Delightful ❗️
शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏
स्थूल अनुशासन को कहते हैं दमन सूक्ष्म अनुशासन को कहते हैं शमन इन्द्रियाँ भाग रही हों किसी ओर को उनको रोक देना है - दमन। मन भाग रहा है किसी दिशा में उसको रोक देना कहलाता है- शमन। लेकिन दमन शमन ज्ञान से पहले नहीं आते। -आचार्य प्रशांत