(गीता-10) दुख का अंत सुख पाकर नहीं होता || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2022)
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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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वीडियो जानकारी: 19.05.22, गीता सत्र, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ निष्काम कर्म का अर्थ
~ कृष्ण हमें क्या समझाना चाह रहे हैं?
~ गीता का सही अर्थ
~ किन्हें गीता कभी समझ नहीं आती?
~ वेदों में कर्मकांड का कितना महत्त्व है?
यदा ते मोहकलिलं बुद्धिर्व्यतितरिष्यति।
तदा गन्तासि निर्वेदं श्रोतव्यस्य श्रुतस्य च।।
जब तुम्हारी बुद्धि मोह या अज्ञान रूप पाप को छोड़ देगी तब सुनने योग्य और सुने हुए विषयों में
तुम्हें वैराग्य प्राप्त होगा अर्थात् वे विषय तुम्हारे सामने निरर्थक हो जाएंगे।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक ५२)
श्रुतिविप्रतिपन्ना ते यदा स्थास्यति निश्चला।
समाधावचला बुद्धिस्तदा योगमवाप्स्यसि।।
जब अनेक प्रकार की लौकिक और वैदिक फल-श्रुतियों को सुनकर विक्षिप्त हुई तुम्हारी बुद्धि
निश्चल हो जाएगी तब तुम समबुद्धि की अवस्था को प्राप्त होओगे।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक ५३)
अर्जुन उवाच
स्थितप्रज्ञस्य का भाषा समाधिस्थस्य केशव।
स्थितधीः किं प्रभाषेत किमासीत व्रजेत किम्।।
अर्जुन ने पूछा - हे केशव! समाधियुक्त स्थितप्रज्ञ व्यक्ति का क्या लक्षण है? अर्थात् स्थितप्रज्ञ व्यक्ति में
कौन-कौन से विशिष्ट लक्षण प्रकट होते हैं? स्थितबुद्धि अर्थात् जिसकी बुद्धि आत्मा में स्थित है वह,
कैसी बातें करता है, किस तरह रहता है? और कहाँ-कहाँ विचरण करता है?
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक ५४)
श्री भगवानुवाच
प्रजहाति यदा कामान् सर्वान् पार्थ मनोगतान्।
आत्मन्येवात्मना तुष्टः स्थितप्रज्ञस्तदोच्यते।।
कृष्ण कहते हैं कि आत्मा में ही अर्थात् बाहरी विषयों से हटकर स्वरूप के आनंद में संतुष्ट रहकर
जब व्यक्ति मन की सभी कामनाएँ त्याग देता है तो उसको स्थितप्रज्ञ कहते हैं।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक ५५)
दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः।
वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते।।
दुखों में जिसका मन उद्विग्न नहीं होता, सुखों में जो आकांक्षा-रहित है, आसक्ति, भय, क्रोध से रहित है,
ऐसे व्यक्ति को स्थितधिय या स्थितप्रज्ञ या स्थितबुद्धि मुनि कहते हैं।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय २, श्लोक ५६)
संगीत: मिलिंद दाते
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Пікірлер: 514
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@prajwalmohite3633
Жыл бұрын
Jo sirf Brahma (ब्रह्म) ko Jane wahi Brahman Hain.
@universeinfnite
Жыл бұрын
🙏Waheguru🙏
@asmitapyakurel9656
Жыл бұрын
❤❤
देश भर के कट्टर लोग अब तिलमिला रहे हैं क्योंकि एक बार फिर कबीर लौट आए हैं। भले ही हमारे बाप दादाओं ने ओशो जैसे व्यक्तिव का विरोध करके उन्हें दबा दिया लेकिन हम आचार्य जी को कुछ नहीं होने देंगे। आचार्य जी हमको श्रीकृष्ण तक लेकर गए हैं, अब आगे का युद्ध हमे खुद ही लड़ना है। 💪
@atreyshuklavlogs1695
Жыл бұрын
आचार्य जी स्वयं श्री कृष्ण हैं इस युग के।
@rohanrawat45
Жыл бұрын
Osho ko kon dbaa saka hai Osho Aaj bhi jinda hai apne baato se apne Gyan se . Aur unke jesa koi insan dusra abhi tk bs mene Prashant ji ko dekha hai
@DevyaniJoshi-bs2dt
Жыл бұрын
@@atreyshuklavlogs1695 krishna atma hai , bramha hai , unko iss bhautik sansaar se mat jodo
@SachinKumar-nf9tn
Жыл бұрын
Hamlog ready hai
@shubhashishgautam4683
Жыл бұрын
Kabir sahab hi nahi unhe Satya ke paksh me rehne wale ek ek vyakti se bair hai. Unhe krishna hi nahi pasand toh Kabir sahab ki kya baat karte ho.
न सुख की आस, न दुःख का डर। जो सही है, वो चुप-चाप कर।। ~ आचार्य प्रशांत
@harishverma2006
Жыл бұрын
❤️❤️❤️
@reejuyadav8723
Жыл бұрын
अति सुन्दर सत्य मान लो
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय! बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो मिलाय! 🙏❤️🥀
साधारण धर्म का लक्ष्य होता है- कामनापूर्ति और वेदांत का लक्ष्य है- मुक्ति। साधारण धर्म का लक्ष्य है- सुख और वेदांत का लक्ष्य है- मोक्ष। जिसको तुम संस्कृति कहते हो, वो साधारण धर्म पर ही तो चलती है साधारण संस्कृति तुम्हारे सुख के लिए तैयार की गई एक व्यवस्था मात्र है। इसीलिए जो साधारण धर्म के अनुयायी होते हैं उनके लिए धर्म और संस्कृति में कोई भेद नहीं रह जाता। -आचार्य प्रशांत।
रोज रोज के परिवार के सुख दुख मैं आदमी मस्त है उसको अंत मे मरते समय ही अहसास होता है के गलत जीवन जिया मेने
ज्ञान से भारत अछूता ही राह जाता यदि आचार्य जी ने होते,आज जितने भी आपको जानते हैं, एक दिन समस्त दुनिया आपको सुनना चाहेगी।
न सुख की आस, न दुख का डर जो सही, है वो चुप चाप कर। 🙏🙏🙏
अपूर्ण मन हर चीज़ को संसाधन की तरह देखता है कि इसका इस्तेमाल करके मुझे पूर्णता मिल जाए। -आचार्य प्रशांत
सुख दुख दोनों के प्रति समभाव, आत्मा बोध स्वरूपा है।।🙏
गुरूजी दुनिया के तमाम दर्शन से लेकर शास्त्र तक प्रत्येक विषयों में आपकी इतनी गभीरता, दृढ़ जड़ की भांति प्रखर पकड़ और सूक्ष्म तल से जांचने परखने की आपकी प्रक्रिया की गरिमा ही दूसरी
@maarajeshwari8687
Жыл бұрын
🌺🙏🏼🙏🏼
@rashmiacharya9407
10 ай бұрын
Sat sat naman gurujee
हम तो गीता जी की पूजा ही करते थे, आचार्य जी ने तो गीता जी को जीना भी सिखा दिया ।नमन गुरुदेव !
जितना समय आचार्य जी के सानिध्य में रहोगे उतना ही सत्य के लिए प्रेम बढ़ेगा, शक्तिशाली हो जाओगे।
@anukaushal8689
8 ай бұрын
⚡🌟
कर्मकाण्ड के पीछे का मनोविज्ञान समझा जाए तो वो भी मुक्ति के उद्देश्य में सहायक हो सकता है पर निराधार व अमनोवैज्ञानिक कर्मकाण्ड तो अंधविश्वास और बंधन ही देता है।
जानना ही सर्वोच्च बात है| और यदि वो सर्वोच्च है तो कौन चिंता करे उसके परिणाम या दुष्परिणाम की| जो सबसे ऊंचा है अगर उसका भी दुष्परिणाम आता है तो आने दो न..आने दो| फिर तो यह अस्तित्व ही विकृत है, चिंता करके भी फिर क्या होगा? और यदि बोध ही सर्वोच्च है तो जानने के परिणाम की हमको कोई परवाह नहीं! -आचार्य जी
बचपन से गीता के श्लोक ओं का पाठ संस्कृत में किया है मगर जीवन में गीता कभी भी सार्थक नहीं हो पाई । आचार्य जी के सानिध्य में गीता के 1-1 श्लोक का अर्थ समझने का जो सुअवसर प्राप्त हुआ है इस मनुष्य जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य दूसरा नहीं हो सकता । आचार्य जी ने जो बीडा उठाया है हम सब को सब तरफ से उनका भरपूर सहयोग करना है , यह विश्व के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिनमें ज्ञान के साथ साथ निष्काम कर्मठता भी कूट कूट कर भरी है। आचार्य जी को शत शत नमन🙏🙏🙏
सतगुरु मिला जु जानिये, ज्ञान उजाला होय। भ्रम का भाँडा तोड़ी करि, रहै निराला होय।। 😊 🙏
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l कोटि कोटि नमन 🙏🙏 आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है,फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l 🙏
@upharganit
3 ай бұрын
बिल्कुल सही कहा बहन आपने ❤❤
मजा आ गया! बहुत रस पिलाया! कभी सोचा नही था कि नीम लड्डू में भी इतना रस होता होगा! कोई हवा हवाई बाते नहीं। बिलकुल ठोस, जमीनी बाते! अध्यात्म को बिलकुल जमीन पर उतार दिया! बहुत सालों से गीता पढ रहा था लेकिन इतना वैज्ञानिक विश्लेषण पहले कभी नही सुना था!!! 👌 🎯 ❤ 🙏
जो आत्मा में स्थित है मात्र वही अनुगृहीत (blessed) है। छान्दोग्य उपनिषद
आप की आवश्यकता आज पूरे विश्व को हैं।। ❤❤🙏🙏❣️❣️
आचार्य प्रंशात सर आप उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है🙏🙏🙏 👏👏🙏🙏🙏😌😌👍👌🙏🙏🙏
Acharya Prashant Sir is not a normal person, he is a great person, I always support him 🙇👫👬👭👬
We need 10M subscribers this year ✨️
@maheshkumarsunar9308
Жыл бұрын
सहमत🎉🎉🎉
@sudhanshusrivastava1906
Жыл бұрын
Ho jayega is saal 🎉
@AnchalSingh-dc9vz
10 ай бұрын
Ho gye bhai 😂
जहाँ कामना है- वहाँ मोह और अज्ञान है। -आचार्य प्रशांत
हम तो आज तक गीता जी की पूजा करते थे, आचार्य जी ने तो गीता जी को जीना भी सिखा दिया । चरणों में शत् शत् नमन गुरुदेव !
न सुख की आस, न दुःख का डर जो सही है वो चुपचाप कर! आचार्य प्रशांत (श्रीमद्भगवतगीता, सांख्य योग, निष्काम कर्म)
न सुख की आस,न दुख का डर | जो सही है, वो चुप चाप कर | आचार्य जी 🙏
केंद्र में स्थापित होकर जब आप अपना किरदार निभाते हो, उस अभिनय में बात दूसरी होती है, आपका जो भी किरदार होता है उसकी माध्यम से आत्मा मुखरित होती है।।
"समझ के क्षण में अपने आप को समझ से बांध लो" - आचार्य जी का धन्यवाद आभार 🙏
Na sukh ki aasha na dukh ka darr Jo sahi wo chupchaap kar Acharya prashant❤🙏🙏🙏
Jay Shree Krishna 🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
@anitaverma649
Жыл бұрын
Pranam Acharya ji
Pranam acharya ji 🙏🙏
आपका गीता वाला प्रवचन हम लोग मानसूनी जलवायु में जैसे किसान बारिश का इंतजार करते है,वैसे ही हम सब आपके गीता का प्रवचन का इंतजार दिलो जान से करते है। हरे कृष्णा।
ना सुख की आश ना दुख का डर जो सही है चुप चाप कर 🕊❤ यही निष्काम कर्म योग है
#IamWithAcharyaPrashant 💙🕉️💙
@S-tx2lk
Жыл бұрын
👍👍
🙏🙏🙏🙏🙏 ACHARYA JI
धर्म है मन को उसकी इतिश्री तक ले जाना। उसे वहाँ तक ले जाना जहाँ वह लय हो जाता है मिट जाता है। 🙏🙏
Naman mere guru dev aapko...
प्रणाम गुरुजी 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾 ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ हम सब का ये परम सौभाग्य है कि हम आपसे इस सर्वश्रेष्ठ ज्ञान को सुन रहे हैं। प्रशांत अद्वैत संस्था को मेरी बारम्बार प्रणाम।🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
मेरा सौभाग्य है कि हमे आपको सुनने को मौका मिला
100% truth I have experienced. but the world is not ready to accept this one.
i request the foundation to release more videos from 2014 if available, his sessions with students during that year are just so special.
Aaj ki yuva pidi ko sambhalne ke liye acharya prashant ji ka bahoot bahoot dhanyawad 👍👍
Jis tarah aapko Krishna itne pasand hai....usi tarah Krishna ko bhi aap bahut pasand honge.... Geeta ko itne achhe se aap hi samjha sakte hai sir...🙏🙏
Pranam Aacharya ji 💐🙏🙏🙏
आज के समय में हम कहेंगे कि हम मुक्ति के लिए पैदा हुए हैं हमें मुक्ति चाहिए। यह बातें बड़ी विचित्र लगेंगी लोगों को सुन के। हमको सिर्फ बचपन से ही बताया गया है कि खाना कपड़ा रोटी रहना ही होना चाहिए शरीर के लिए सारी व्यवस्थाएं बता दी लेकिन मन के लिए कोई व्यवस्था नहीं बता पाए। और पूरी जिंदगी हमें जीना मन में ही होता है मेरा सौभाग्य जो मैंने मुक्ति और आत्मा आचार्य जी शिखा 🙏🙏🙏🙏🍀🍀
Finally acharya prashant is back in his old dressing style
@S-tx2lk
Жыл бұрын
It's an old video of 2022🥲
कुल धर्म हमारे लिए बस इतना ही है , एक ऊंची शक्ति है जिसको कोई नाम दे दो उस ऊंची शक्ति ने निर्देश दिए हैं, नियम बनाए हैं, वो ऊंची शक्ति कहती है ऐसे-ऐसे आचरण करो। अगर हम उसके प्रकार से आचरण करेंगे, तो वह हमें सुख देगी और हमारी कामनाएं पूरी करेगी। सुख है ही कामनाओं की पूर्ति में। तो मेरी जो भी कामनाएँ हैं वो ऊँची शक्ति पूरी कर देगी और मैं अधिकार से बोल पाउँगा देखो, 3 साल तक मैंने तुम्हारे सभी नियमों का पालन किया है अब मेरी इच्छाएं पूरी करो। और अगर मैंने उसके बनाए नियमों का उलंघन करा, तो दुःख मिलेगा, पाप लगेगा, नर्क मिलेगा। कुल मिलाजुलाकर आम आदमी का धर्म इतना ही है। कृष्ण अर्जुन को वास्तविक धर्म की ओर ले जाना चाहते हैं। कृष्ण कह रहे हैं ये तुम कहाँ फंसे हुए हो बाल कथाओं में?ये थोड़े ही धर्म है। आचार्य प्रशांत
धर्म का आशय मुक्ति से है। सुख, भोग या कर्मकांड से नहीं। 🙏🙏
एक ही अधर्म है- मन को कामनाओं पर चलने देना। तो ऐसे धर्म को तुम अधर्म ही जानो जो मात्र तुम्हारी कामनापूर्ति का साधनभर हो। -आचार्य प्रशांत
शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏
Pranam Acharya ji 🙏💗💗💗🙏
सादर प्रणाम आचार्य श्री,।। आप जैसे लोगो की भारत को बहुत आवश्कता है 🙏
@prateek5208
Жыл бұрын
Ram ram bhai
साधारण धर्म का लक्ष्य है सुख और वेदांत का लक्ष्य है मोक्ष। 🙏🙏🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी को। 🙏
Na sukh ki aas na dukh ka dar 🙏🙏🙏
Jay Shree Krishna 🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
गीता का सही अर्थ जान कर जीवन में बहुत ही स्पष्टता आ रहा है धन्यवाद आचार्य जी ❤🙏
Aapke jaisa koi nhi hai gurudev 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🙏🙏🙏
Bhagavad Gita, Chapter 2, Verse 47, Lord Krishna says: "Your right is to perform your duty only, but never to its fruits. Let not the fruits of action be your motive, nor let your attachment be to inaction."🥰🙏🏻
🙏🙏🙏🙏🙏🙏ॐ🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Achraya ji deserve the highest place in Indian constitutional places. He really deserve to be Prime Minister of India or the President of India for a lifetime.🙏🙏🙏
सादर अभिवादन आचार्य जी को।
नतमस्तक हूँ, सत्य के समक्ष 🙏🌷🙏🌷🙏
बहुत बहुत आभार आचार्य जी, गीता के अर्थों को एकदम गहराईयों में लाने की, अगर सही मायनों में इस गीता का अर्थ जन जन में उतर जाए और उसे जीने लग जाए, तो जनसंख्या अपने आप नियंत्रण में आ जाएगी
DHANYAWAD GURUDEV ❤
नमस्ते
Kuch shabd hi nhi he mere pass , itne mahan vyakti ki bahot zaroorat he ham sab ko. Thank u God muze aachrya Tak pohchane k liye👏
कोटि कोटि नमन और आभार आचार्य जी🙏🙏🙏🙏
हमारे लिए तो आप ही कृष्ण हो गुरुदेव, नमन है आपको 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤
Prnam aachary ji
!! नमन आचार्य जी !!
आचार्य जी के चरणों मे कोटि कोटि नमन कोटि कोटि वंदन 🙏🙏🙏🙏
Shat Shat Naman Acharya Ji 🙏🙏 Charan sparsha 🙇♂️🙇♂️🙇♂️
Asli gyaan aur Geeta ji ka satik arth bataya Acharya ji ne❤ Pata nahi log Acharya ji ke gyaan ko kyon nahi grahan Kar rahe hain...
It is the accurate reply to those who are opposing Acharya ji..22:00 Gita ka ek slok kafi hota hein jhuth ko expose karne k liye ❤
जय श्री कृष्ण
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य श्री।🙏🌹
चरण स्पर्श, आचार्य जी | 🙏🏻🙇🏻
Hare Krishna hare Krishna Krishna Krishna hare hare ❤️you Achary ji🙏🙏🙏
Naman acharya 🙏🙏🙏❤❤❤
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤❤❤
नमन आचार्य जी।
आचार्य श्री गुरुदेव के चरणों में बारम्बार प्रणाम है मेरा 🙏🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏
Sat sat Naman Aacharya ji🙏🏼🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤⚘⚘
गुरु जी प्रणाम। 👏
धन्यवाद आचार्य जी। गीता पर 10वा वीडियो का मै बेसब्री से इंतजार कर रहा था ।
आचार्य जी प्रणाम! सच है एक सुख अनेक दुःख, तथा एक दुःख अनेक सुख लेकर लाता है
आचार्य जी❤🌟
अन्तिम सत्य ! जय श्रीकृष्ण !!!
शत् शत् नमन आचार्य जी🙏🙏
आचार्य जी नमन,🙏🙏🙏
बहुत बहुत आभार आचार्य जी 🙏
मेरे जीवन के दीपक... आचार्यजी को कोटि कोटि वंदन
The truth 😇😇😇❤️❤️❤️
Gurudev ko koti koti naman! Bohot lucky feel hota hai guru ji aapka channel dekh ke
Thank you so much Acharya Prashant ❤
pranam guruji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏