Dharm Adharm ke Kurukshetra Me - Ekal Geet
धर्म अधर्म के कुरुक्षेत्र में
हे केशव दे हमें विवेक
हे युग सारथी हटा मिटा दे
मन में धुंधवाता अविवेक ॥
धर्म अधर्म के......
सच्चा दान वही जो सत्पात्रों
को विनत दिया जाता
पर वह व्यर्थ अधर्म अधन है
जब कुपात्र होता दाता
देखो छिलका तिनका खाकर
गौरस देती गौमाता
पर गौरस पी पीकर पन्नग
जग को विष ही विष देता
दानव ही सच्चा जब दाता
सांधे पात्रापात्र विवेक ॥ १॥
धर्म अधर्म के......
कपटी घौरी के कुचक्र में
पृथ्वीराज छले जाते
शकुनि जाल में फसने देखो
धर्मराज खुद ही आते
भस्मासुर को भी वर देकर
भोले खुद फिसले जाते
वह गोकुल क्या कुटिल पूतना
पय से पूत पले जाते
सद्गुण बन जाता है दुर्गुण
जब हो जाता गुणातिरेक || २ ॥
धर्म अधर्म के......
सर्वपंथ समभाव सही
जब सबके मन में भाव यही
मेरा ही पथ सर्वश्रेष्ठ है
अहंभाव यह सही नहीं
कौन है कट्टर कौन सहिष्णु
इतिहासों ने कथा लिखी
अरी अफजल पर वीर शिवा की
युक्त नीति ही सफल रही
हिन्दू की है देन विश्व को
सत्य एक है मार्ग अनेक ॥
धर्म अधर्म के कुरुक्षेत्र में
हे केशव दे हमें विवेक
हे युग सारथी हटा मिटा दे
मन में धुंधवाता अविवेक ॥
धर्म अधर्म के......
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