भारतीय ज्ञान परम्परा की आवश्यकता | डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे |
विषय परिचय:
राष्ट्रं स्कूल ऑफ़ पब्लिक लीडरशिप और रिषीहुड यूनिवर्सिटी के उद्घाटन समारोह में अपने व्याख्यान में डॉ अनिल सहस्रबुद्धे ने भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व और आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए सारे प्रतिनिधियों को अभिवादन किय। शिक्षक की शिक्षा तथा उनके मन में भारतीय परंपरा की ओर रुझान उनके छात्रों को भी भारतीय ज्ञान की ओर प्रेरित करेगा ऐसा उनका वक्तव्य है।
वक्ता परिचय:
डॉ अनिल सहस्रबुद्धे वर्तमान में अखिल भारतीय तकनिकी शिक्षा परिषद् के चेयरमैन हैं। वे IIT में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रह चुके हैं।
Inaugural ceremony link: • Inaugural Ceremony: Th...
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Пікірлер: 10
सादर अभिनन्दन
🙏🚩
जींदगी में सबको एक बार स्वामी विवेकानंद के पुरे सब ग्रंथो को अवश्य पढना चाहिए उसके बिना सनातन धर्म को संपूर्ण समजना असंभव है
सत्य सनातन वैदिक धर्म की सदा ही जय हो 🚩🙏
सनातन धर्म के सर्वश्रेष्ठ तत्वज्ञान के ग्रंथों है वेदान्त(उपनिषदो) , योगदर्शन शास्त्र , ब्रह्मसुत्र, गीता ए शास्त्रो संपूर्ण विज्ञान संमत है
ॐ नमः शिवाय 🚩🚩
आदरणीय सर आप सब से अनुरोध है की शिक्षा नीती मे पर्यावरण विज्ञान विषय पाठ्यक्रम मे शामिल करने की कृपा करे जैसे हिन्दी है गणित है । बेहद दुखद है की भारत के प्रधानमंत्री जी को पर्यावरण का सबसे बडा सम्मान मिला और उसी देश मे पर्यावरण विज्ञान विषय पाठ्यक्रम से गायब है । AICTE ने भी पर्यावरण विज्ञान विषय को अपने पाठ्यक्रम से निकाल दिया यह और भी चिंतित करने का बिषय है। धन्यवाद
🙏🙏
सत्यानाश कब तक करेंगे क्या सब फायदा है अपनी सरकार बनाने का