अति चिंतन (over thinking)पर विजय कैसे पाएं,मन तो प्रवाहित धारा है-जिसका कोई आकार -प्रकार नहीं है।

अति चिंतन (over thinking)पर विजय कैसे पाएं,मन तो प्रवाहित धारा है-जिसका कोई आकार -प्रकार नहीं है।,@सफल जीवन की‌ यात्रा,# आचार्य # यात्रा #174
मन स्वत:एक अदृश्य धारा है-जिसका कोई उदगम्, आकार-प्रकार, स्थिति/गंतव्य सब कुछ पर्दे के रहस्य में डूबा हुआ है। फिर भला सोचो!इससे लड़कर
अथवा नियन्त्रण की बात सोचना कितना हास्यास्पद है।
प्रस्तुत वीडियो अंक में इसी तथ्य पर विमर्श के साथ जीवन को कनेक्ट करनें की चर्चा की गई है।
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समस्त मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित।
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राजन आचार्य
motivational n spiritual speaker
@ सफल जीवन की‌ यात्रा
आचार्य # यात्रा #174

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