जिंदगी जरूरतों के हिसाब से जीना चाहिए, ख्वाइसो के हिसाब से नहीं। जरूरते भिखारियों की भी पूरी हो जाती है, ख्वाइसे राजाओ की भी अधूरी रह जाती है।
जिस प्रकार से वायुमण्डल में वायु है लेकिन दिखता नहीं, उसी प्रकार ब्रह्माण्ड में भगवान है लेकिन नास्तिको को दिखाई नहीं देते।
पूरी दुनिया में इतने धर्म है लेकिन विज्ञान का टक्कर हमेशा सनातन धर्म से ही होता है। कुछ तो बात थी मेरी शिक्षा में जहाँ विज्ञान और आध्यात्म दोनो साथ साथ चलते थे।
Пікірлер
Thanks sir
Bht Badhia hai Bhai. Thank you🙏
Nice