अध्यात्म, ज्ञानमार्ग, आत्मन, ब्रह्मन, अद्वैत वेदांत आदि विषयों पर चर्चा
Talks on spirituality, advaita, path of knowledge, consciousness, mind, science and other interesting topics.
साधक मित्रों के प्रश्नों और शंकाओं का समाधान मैं ऑनलाइन करने का प्रयास करता हूँ। बैठकों की जानकारी के लिए कृपया नीचे कड़ी देखें।
Пікірлер
प्रणाम गुरु जी 🙏🙏🙏🌼
Thank you Guru ji..This gave so much clarity
Jaye ho🙏🙏🙏♥️♥️♥️
Perfect 🙏🙏🙏🙏🌻
🙏❤️🙏
महापुरुष की सेवा व सान्निध्य का मौका कैसे मिले,,?? कैसे हम समझे,, सामने वाला महापुरुष है,, हमने इस चाहत में ही तो,, काल,, के हवाले हो गए,, आदि में जीव ( हम) स्वतंत्र ही तो थे,, फिर परतंत्रता की( जड वस्तु) बेरी कब और कैसे पडी,, क्या हम,, अपने फांसने वाले से ही,, सम्बन्ध तो नहीं बना लिया, अच्छे के फेर में घटिया अपना लिया, मुक्ति के फेर में बंधन का संग कर लिया,, दयाल के संग की चाहत में काल के हवाले हो गया,, हम कब से संसारी भए,, सत्य कहकर झूठ ( माया) ने हमें फांस लिया,, अब इससे छूटने को छटपटा रहे हैं,, पर यह ऋधियो, सिद्धियों में, प्रपंच में, सुख दुःख में, अपने पराये में हमें ऊडझाए हुआ है,, हम तो उस तोते के समान हो गए हैं,, जिसके पिंजड़े का मुख भी खोल दो तो वह उडना भी भूल गए हुआ है,, अगर पिंजड़े से बाहर भी निकले तो,, काग, चील्ह ( काल पुरुष) चोंच से मार मार कर घायल कर पिंजड़े पर लौटने को विवश कर रहा है,, हम इस मामले ह माया के प्रचंड प्रहार से ऊवरे तो कैसे ऊवरे,, भाई लोग कहते,, सदगुरु मिले तो ऊवरे,, अपन को सदगुरु की पहचान नहीं,, सदगुरु के नाम पर फिर फिर पकड़ कर काल अपने बथान में ले जाता,, भेष देख समझते साधू है, संत है, उद्धारक है,, पर जब तक पता चलता कि कालनेमि है तब तक देरी हो चुकी होती,, संसार देने वाले न संसार के आकर्षण में आसक्त कर रखा है,, बेटा, नाती, पोता, स्त्री, मित्र, माता, पिता,, सब खुद काल के हवाले है, हम भी काल के हवाले है, एक दिन सब छूट ही जाएगा, ऐसा समझ के भी नासमझ बने बैठे है , ,तो क्यूँ, ? क्योंकि हम पर सत्य का नहीं माया का प्रभाव है,, माया के हमारे इस प्रभाव को हटा पान में यदि हम सक्षम होते तो एकबारगी झटक देते, पर रोते, बिलखते, तरसते, तडपते दिन गुज़र रहा है, तौ भी इस माया में ही आकंठ डूबे हुए हैं, अगर अपने दम पर छूटना होता तो छट जाते, तो,,? जब तक कोई समरथ पुरुष न छुडाबेंगे तब तक हम इस दुस्तर माया की आसक्ति से कैसे छूट सकते, जब तक मैं मैं है, तब तक मेरा मेरी है,, हम दिन रात अहंता व ममता के शिकार हो रहे हैं, कुत्ते की तरह हड्डी चूस रहे हैं,, और इसी नरक में समझते हैं कि आनंद है,, धिक्कार है,, हमारी कायरता को, ,, धिक्कार है, हीरा जैसे अमोलक मानुष जन्म गंवाने को, ,, क्षणिक ज्ञान का झलक आता व चला जाता है,, फिर वही रमा कठोला,, फिर वही,, मायावती संसार व उसके बनाए जाल का आकर्षण,, रस, रूप, की तृष्णा, काम क्रोध का आवेग आता है,, सारे शांति को लूटकर चले जाता है,, हम उस,, काल निरंजन,, को पहचान नहीं पाते जिसे हम भगवान् समझकर पूज रहे होते हैं,, वह हमें सुन्दर असुन्दर कर्म फल का संसार देकर स्वयं निरपेक्ष है,, हम उसके,, कैसे कैसे ग्रास,, बने हुए हैं यह हमें होश भी नहीं है,, कोई महापुरुष, हमारे अपने स्वजन हमें इससे छुडाने भी आवे तो यह बीच में खड़ा हो जाता,, यह नहीं चाहता कि हमारा एक भी गुलाम हमारे राज्य से छिटके,, इसलिए महापुरुष का प्रयास ही सार्थक हो सकता,, जीव का प्रयास कदापि नहीं,, यह मेरा मानना है,, ,,,, प्रणाम,,
Anyone??? Pls reply aarti जी की आवाज़ dim क्यूँ है ??? 🙏🙏
गले की समस्या थी।
बहोत खूब 🙏🕉💕💃
आरती जी आपकी voice को क्या हुआ??? 🙏🙏
Bahot sundar 🙏🕉💕💃💥💐💦🥀🌸🌺
You are the Astavakra of modern time thank you GURU ji
❤️🙏🙏🙏💞💞💞💞💞💞💞🎉🎉🎉🎉🎉🎉💕💕💕💕💕🌹🌹🌹🌹💕💕💕🎉🎉🎉🎉
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Thank you Satguru ji
आप कहते हो की सब मिथ्या है... बस आपसे मुझे ये जानना है की आप जिस स्तर पर हो वहां से कुछ भी ऐसा मिला जो वास्तव में सत्य हो??
त्रिज्ञान - सम्पूर्ण कार्यक्रम और प्रश्नोत्तर kzread.info/head/PLGIXB-TUE6CRKyZ1cCKPSvu00Wcd3iba6
But swamy ji when someone not done any wrong things unfortunately Sidi get not one day it's a work of somany year for that some one bare so much of pain when nature made any thing that is not wrong things it made it very carefully a man can made wrong things but not nature it's not a one day work it's a process of seed becomes a big tree the nature give rain on time winter...and season frout season flower every thing which is dependent on nature it's taken long time to process man achive every thing but not nature nature decide when should rain and everything and it's decided the person also there is no recmandation because of their nature it's take but swamy ji how can decide some one some people are want to clean everything they just express their opinions no one can decide others inners filling they're decide what they see that is not true a person can not thinking like that if nature wants to it will do some one outer expression not other decide how can a man decide other are doing wrong we will not go in their inside body and listen their heart felling if they are not like that and other decide your likes that who is correct a person are a nture person can made mistakes not nature
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Thank you Satguru ji
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🙏🪻🙏
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Wah... Har jageh bas mai hi mai hu...🙏🕉💕💃🌹💥🌺💐🌸🥀💢
😢😢😢😢😢😢😢
Thank you Satguru ji
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जी आभार गुरु जी कृपा है आपकी ❤
Super hero u❤❤❤❤❤❤❤❤
प्रणाम स्वामी जी 💐👏, अति सुंदर ❤🎉
🌹🙏😇
So good 🙏🙏🙏🌻🌻
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Bahot sahi 🙏🕉💕💃
Thank you Satguru ji
video mein apne "vartman ko smay ka abhav" kha hai kyun....yeh kuch nahi aaya hai guruji
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1000% right bhataya apane guruji and lot's of thank u.
Thank u guruji.
Pranaam Prabhu
Such high quality channel only 21 k subscribers? You deserve much more
Pranam Guruji 🙏
Pranam guru ji ❤
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