👉 वह पथ क्या पथिक कुशलता क्या, यदि बिखरे पथ में शूल न हो नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, यदि धाराएँ प्रतिकूल न हो।।👉 इस पथ का उद्देश्य नहीं है शांत भवन में टिक रहना मगर पहुचना उस सीमा तक जिसके आगे रह नहीं । कुलदीप मिश्रा शिक्षक, लेखक एवं समाजसेवी
Пікірлер