Mam is that worms harmful if we ate them??? Bcoz accidentally we too ate same orange with worms today
@khalid-kz5nn5 ай бұрын
I have eaten them it’s not harmful
@khalid-kz5nn5 ай бұрын
But maybe for babies it’s not good
@rakhisipani56097 ай бұрын
बहुत बढ़िया उच्चारण और भक्ति से भरपूर पाठ । कृपया किसने पाठ किया है नाम बताये 🙏🏻
@mymelody18808 ай бұрын
But what is a cow do it in the world?
@mymelody18808 ай бұрын
Bro, you’re so dumb
@lalitabhutoria29608 ай бұрын
❤❤
@dr.navyanshijain17479 ай бұрын
Namo namo jainam 🙏🏻🪔🌹
@friendsforever31489 ай бұрын
😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😴😴🔥
@j.m.nahata45949 ай бұрын
Omarham Omarham
@seemagulecha51429 ай бұрын
This song is created by our god it is not meditation
@seemagulecha51429 ай бұрын
Very nice but in 12 gatha it is vish vishdhar but you told vish vishdhara see the diffrence if want to see check in panch pratikaman mul vastu or do pratikaman dharmik book
@falgunashah41679 ай бұрын
Santi santi santo falguna usa
@tarannumkhanam8569 ай бұрын
Aur kahen ka v paisa exchange kar sakte h kiya
@tarannumkhanam8569 ай бұрын
Koi v bank ja sakte h
@pawangoenka635010 ай бұрын
Jai Dadi Ki Pls Share Your Contact details..
@shashibalajain16010 ай бұрын
Thanks for clarification.
@user-rp3pq1eu4f10 ай бұрын
the fact that you can put funny music😢😢
@rachanagalundia938610 ай бұрын
Very iffective n peaceful 🙏🙏🙏
@anujasinghvi353210 ай бұрын
वंदन करतीं हूं। पहली किसी जैन साध्वी जी (या साधुजी) को सुनकर अच्छा लगा स्वीकार करने को मन हुआ। वर्ना जैन कम्युनिटि का तो दिखावा , अंहकार , दंभ और जल कपट ही इतना... बड़ा है कि इन लोगों के लिए धर्म अंहकार को पालने पोसने का माध्यम मात्र बन गया । (हम कौन?कि हम जैन। जो कभी प्याज, लसुन नहीं खातें,बासी खाना नहीं खातें, रात्रि भोजन नहीं करतें । इसलिए हमारा जैन धर्म सबसे महान। इस अंहकार से ये कम्युनिटि कभी बहार नहीं आ सकतीं । प्याज, लसुन के अलावा सारी अनिती ये सीना तान कर करतें हैं।) हमारे जानने में ऐसे लोंग हैं जो चातुर्मास में प्याज, लसुन नहीं खातें ।ऐसे चुपचाप कर्म करनेवालीं अनेकों कम्युनिटि हैं जो अपने हिसाब से प्याज ,लसुन नहीं खातें ।पर वे कर्म प्रोपेगंडा नहीं करतें तो जैनों ने घमंड पाल लिया कि बहुत धार्मिक हैं कि हम प्याज लसुन नहीं खातें ।पर समय पर कोई गरीब ब्याज न चुका सकें तो खुश चुसना इनके धर्म में पाप नहीं माना जातां । न रात्रि भोजन से पाप लगता हैं न बासी खाने से ।पाप तब लगता हैं जब दुष्ट भावना से खाना पकाया, घमंड में लिप्त होकर खाना पकाना, मन में दुर्भावना के साथ पका हुआ खाना ग्रहण करना पाप है। जैसा खायें अन्न वैसा हो मन ।ये कहावत इसलिए बनी है।
Пікірлер
Good and Devotional
that's osm ! Best spinal exercise to rejuvinate!
💩💩💩🤞💩💩💩💩💩🤚💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩💩🌋🌋🌋🌋🌋👃👃👃👃👃
Gurudev ji ke Pavan Charan Kamal mein sat sat naman Gurudev ji aapke Darshan samay shikharji mein hue the aapki yaden aati hai Vikas patni Gaya
😮😮😮😮😅😅😅😅
LAGHU SHANTI LAGHU SHANTI LYRICS - Hindi Lyrics शान्तिं शान्ति-निशान्तं, शान्तं शान्ता-शिवं नमस्कृत्य. स्तोतुः शान्ति-निमित्तं, मन्त्र-पदैः शान्तये स्तौमि........ .1. ओमिति निश्चित-वचसे, नमो नमो भगवतेर्हते पूजाम्. शान्ति-जिनाय जयवते, यशस्विने स्वामिने दमिनाम्....... .2 सकलातिशेषक-महा-संपत्ति-समन्विताय शस्याय. त्रैलोक्य-पूजिताय च, नमो नमः शान्ति-देवाय.....3 सर्वामर-सुसमूह-स्वामिक-संपूजिताय न जिताय. भुवन-जन-पालनोद्यत-तमाय सततं नमस्तस्मै.....4 सर्व-दुरितौघ-नाशन-कराय सर्वाशिव-प्रशमनाय दुष्ट ग्रह-भूत-पिशाच-शाकिनीनां प्रमथनाय.............5 यस्येति नाम-मन्त्र-प्रधान-वाक्योपयोग-कृत-तोषा. विजया कुरुते जन-हित-मिति च नुता नमत तं शान्तिम्.......6 भवतु नमस्ते भगवति!, विजये! सुजये! परा-परैरजिते!. अपराजिते! जगत्यां, जयतीति जयावहे! भवति......7 सर्वस्यापि च संघस्य, भद्र-कल्याण-मंगल-प्रददे!. साधूनां च सदा शिव-सुतुष्टि-पुष्टि-प्रदे! जीयाः ......8 भव्यानां कृत-सिद्धे!, निर्वृति-निर्वाण-जननि! सत्त्वानाम्. अभय-प्रदान-निरते!, नमोस्तु स्वस्ति-प्रदे! तुभ्यम्..... .9 भक्तानां जन्तूनां, शुभावहे! नित्यमुद्यते! देवि!. सम्यग्-दृष्टीनां धृति-रति-मति-बुद्धि-प्रदानाय......10 जिन-शासन-निरतानां, शान्ति-नतानां च जगति जनतानाम्. श्री-संपत्कीर्ति-यशो-वर्द्धनि!, जय देवि! विजयस्व......11 सलिला-नल-विष-विषधर-दुष्ट-ग्रह-राज-रोग-रण-भयतः. राक्षस-रिपु-गण-मारि-चौरेति-श्वापदा-दिभ्यः.....12 अथ रक्ष रक्ष सुशिवं, कुरु कुरु शान्तिं च कुरु कुरु सदेति तुष्टिं कुरु कुरु पुष्टिं, कुरु कुरु स्वस्तिं च कुरु कुरु त्वम्..13 भगवति! गुणवति! शिव-शान्ति- तुष्टि-पुष्टि-स्वस्तीह कुरु कुरु जनानाम्. ओमिति नमो नमो ह्राँ ह्रीँ ह्रूँ ह्रः, यः क्षः ह्रीँ फट् फट् स्वाहा.......14 एवं-यन्नामाक्षर-पुरस्सरं, संस्तुता जया-देवी. कुरुते शान्तिं नमतां, नमो नमः शान्तये तस्मै........15 इति पूर्व-सूरि-दर्शित-मन्त्र-पद-विदर्भितः स्तवः शान्तेः. सलिलादि-भय-विनाशी, शान्त्यादि-करश्च भक्तिमताम्.....16 यश्चैनं पठति सदा, शृणोति भावयति वा यथा-योगम् स हि शान्ति-पदं यायात्, सूरिः श्री-मान-देवश्च.....17 उपसर्गाः क्षयं यान्ति, छिद्यन्ते विघ्न-वल्लयः मनः प्रसन्नतामेति, पूज्यमाने जिनेश्वरे...18 सर्व-मंगल-मांगल्यं, सर्व-कल्याण-कारणम् प्रधानं सर्व-धर्माणां, जैनं जयति शासनम्
Omarham Omarham
Jai gurudev
Jai gurudev
Jai gurudev
Han I kutte se kutte se han Aaye FL
😂😂😂🎉❤❤❤❤😂😢😅💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙
Miya nhi madarchod ram ka ghoda pada
Omarham Omarham
Nice song 😊
Samayik ke sath pratikraman
🙏🙏🙏
Madhur aawaj sunte hi Maan saant or ekagrata kay saath soon tha hai thank you ❤
Ye video me photo Galt rakha he aapne plz Change
Nothing's gonna happen with these worms hahaa.
Very sweet voice
Jain dharam me konse aagam me likha h k bhawan waasi or vayantar devi ki puja ya saadhna karo
🙏🙏🙏🙏
Photo chang karo
JAI JINENDRA I LISTEN NANI SHANTI EVERYDAY. THE VOICE IS SO CLEAR THAT WE CAN LISTEN EACH WORD 👌
Yeh laghu shanti sathothr hain is liye jo photo rakhi hai uche hata dijiye
Super
મધુર અવાજ છે ,સ્પષ્ટ અને શુદ્ધ ઉચ્ચાર છે..મનને શાંતિ મળે એવી શાંતિ સાંભળી ખૂબ આનંદ મળ્યો..👍🙏
Ye stot kis book me milenge
शान्तिं शान्ति-निशान्तं, शान्तं शान्ता-शिवं नमस्कृत्य. स्तोतुः शान्ति-निमित्तं, मन्त्र-पदैः शान्तये स्तौमि........ .1. ओमिति निश्चित-वचसे, नमो नमो भगवतेर्हते पूजाम्. शान्ति-जिनाय जयवते, यशस्विने स्वामिने दमिनाम्....... .2 सकलातिशेषक-महा-संपत्ति-समन्विताय शस्याय. त्रैलोक्य-पूजिताय च, नमो नमः शान्ति-देवाय.....3 सर्वामर-सुसमूह-स्वामिक-संपूजिताय न जिताय. भुवन-जन-पालनोद्यत-तमाय सततं नमस्तस्मै.....4 सर्व-दुरितौघ-नाशन-कराय सर्वाशिव-प्रशमनाय दुष्ट ग्रह-भूत-पिशाच-शाकिनीनां प्रमथनाय.............5 यस्येति नाम-मन्त्र-प्रधान-वाक्योपयोग-कृत-तोषा. विजया कुरुते जन-हित-मिति च नुता नमत तं शान्तिम्.......6 भवतु नमस्ते भगवति!, विजये! सुजये! परा-परैरजिते!. अपराजिते! जगत्यां, जयतीति जयावहे! भवति......7 सर्वस्यापि च संघस्य, भद्र-कल्याण-मंगल-प्रददे!. साधूनां च सदा शिव-सुतुष्टि-पुष्टि-प्रदे! जीयाः ......8 भव्यानां कृत-सिद्धे!, निर्वृति-निर्वाण-जननि! सत्त्वानाम्. अभय-प्रदान-निरते!, नमोस्तु स्वस्ति-प्रदे! तुभ्यम्..... .9 भक्तानां जन्तूनां, शुभावहे! नित्यमुद्यते! देवि!. सम्यग्-दृष्टीनां धृति-रति-मति-बुद्धि-प्रदानाय......10 जिन-शासन-निरतानां, शान्ति-नतानां च जगति जनतानाम्. श्री-संपत्कीर्ति-यशो-वर्द्धनि!, जय देवि! विजयस्व......11 सलिला-नल-विष-विषधर-दुष्ट-ग्रह-राज-रोग-रण-भयतः. राक्षस-रिपु-गण-मारि-चौरेति-श्वापदा-दिभ्यः.....12 अथ रक्ष रक्ष सुशिवं, कुरु कुरु शान्तिं च कुरु कुरु सदेति तुष्टिं कुरु कुरु पुष्टिं, कुरु कुरु स्वस्तिं च कुरु कुरु त्वम्..13 भगवति! गुणवति! शिव-शान्ति- तुष्टि-पुष्टि-स्वस्तीह कुरु कुरु जनानाम्. ओमिति नमो नमो ह्राँ ह्रीँ ह्रूँ ह्रः, यः क्षः ह्रीँ फट् फट् स्वाहा.......14 एवं-यन्नामाक्षर-पुरस्सरं, संस्तुता जया-देवी. कुरुते शान्तिं नमतां, नमो नमः शान्तये तस्मै........15 इति पूर्व-सूरि-दर्शित-मन्त्र-पद-विदर्भितः स्तवः शान्तेः. सलिलादि-भय-विनाशी, शान्त्यादि-करश्च भक्तिमताम्.....16 यश्चैनं पठति सदा, शृणोति भावयति वा यथा-योगम् स हि शान्ति-पदं यायात्, सूरिः श्री-मान-देवश्च.....17 उपसर्गाः क्षयं यान्ति, छिद्यन्ते विघ्न-वल्लयः मनः प्रसन्नतामेति, पूज्यमाने जिनेश्वरे...18 सर्व-मंगल-मांगल्यं, सर्व-कल्याण-कारणम् प्रधानं सर्व-धर्माणां, जैनं जयति शासनम् 19
Ok
Mam is that worms harmful if we ate them??? Bcoz accidentally we too ate same orange with worms today
I have eaten them it’s not harmful
But maybe for babies it’s not good
बहुत बढ़िया उच्चारण और भक्ति से भरपूर पाठ । कृपया किसने पाठ किया है नाम बताये 🙏🏻
But what is a cow do it in the world?
Bro, you’re so dumb
❤❤
Namo namo jainam 🙏🏻🪔🌹
😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😴😴🔥
Omarham Omarham
This song is created by our god it is not meditation
Very nice but in 12 gatha it is vish vishdhar but you told vish vishdhara see the diffrence if want to see check in panch pratikaman mul vastu or do pratikaman dharmik book
Santi santi santo falguna usa
Aur kahen ka v paisa exchange kar sakte h kiya
Koi v bank ja sakte h
Jai Dadi Ki Pls Share Your Contact details..
Thanks for clarification.
the fact that you can put funny music😢😢
Very iffective n peaceful 🙏🙏🙏
वंदन करतीं हूं। पहली किसी जैन साध्वी जी (या साधुजी) को सुनकर अच्छा लगा स्वीकार करने को मन हुआ। वर्ना जैन कम्युनिटि का तो दिखावा , अंहकार , दंभ और जल कपट ही इतना... बड़ा है कि इन लोगों के लिए धर्म अंहकार को पालने पोसने का माध्यम मात्र बन गया । (हम कौन?कि हम जैन। जो कभी प्याज, लसुन नहीं खातें,बासी खाना नहीं खातें, रात्रि भोजन नहीं करतें । इसलिए हमारा जैन धर्म सबसे महान। इस अंहकार से ये कम्युनिटि कभी बहार नहीं आ सकतीं । प्याज, लसुन के अलावा सारी अनिती ये सीना तान कर करतें हैं।) हमारे जानने में ऐसे लोंग हैं जो चातुर्मास में प्याज, लसुन नहीं खातें ।ऐसे चुपचाप कर्म करनेवालीं अनेकों कम्युनिटि हैं जो अपने हिसाब से प्याज ,लसुन नहीं खातें ।पर वे कर्म प्रोपेगंडा नहीं करतें तो जैनों ने घमंड पाल लिया कि बहुत धार्मिक हैं कि हम प्याज लसुन नहीं खातें ।पर समय पर कोई गरीब ब्याज न चुका सकें तो खुश चुसना इनके धर्म में पाप नहीं माना जातां । न रात्रि भोजन से पाप लगता हैं न बासी खाने से ।पाप तब लगता हैं जब दुष्ट भावना से खाना पकाया, घमंड में लिप्त होकर खाना पकाना, मन में दुर्भावना के साथ पका हुआ खाना ग्रहण करना पाप है। जैसा खायें अन्न वैसा हो मन ।ये कहावत इसलिए बनी है।
Jai jenendra