आत्म मंथन,Aatm Manthan

आत्म मंथन,Aatm Manthan

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Пікірлер

  • @Dheerajshukla335
    @Dheerajshukla3357 күн бұрын

    Har har Mahadev 🙏❤️

  • @amityadavffking
    @amityadavffking20 күн бұрын

    जय श्री र

  • @amityadavffking
    @amityadavffking20 күн бұрын

    ज य श्री राम

  • @rajendrapoddar1681
    @rajendrapoddar16813 ай бұрын

    Jai shree Ram

  • @suyashsharma8758
    @suyashsharma87583 ай бұрын

    ❤❤

  • @chitramvaishnow1219
    @chitramvaishnow12194 ай бұрын

    जय श्री राम गुरूजी राधे राधे कोटि कोटि नमन 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @xyzagriculture4072
    @xyzagriculture40725 ай бұрын

    Har har maha dev

  • @xyzagriculture4072
    @xyzagriculture40725 ай бұрын

    Jai maha kaal jai shiv ji

  • @shiv-dh6jp
    @shiv-dh6jp7 ай бұрын

    JO. KATA. HAEY. PER. MATAMA. NAHE. HAEY. SURY. BHAGOAN. HAEY.

  • @babulalgupta2590
    @babulalgupta259011 ай бұрын

    जै श्री राम🚩🚩🚩

  • @yadurajshivansh312
    @yadurajshivansh31211 ай бұрын

    हर हर महादेव 👏👏👏👏

  • @prabhatsingh00001
    @prabhatsingh00001 Жыл бұрын

    Radhe Shyam🙏🙏🙏

  • @akpandey6504
    @akpandey6504 Жыл бұрын

    सब भगवान का है

  • @renubala2580
    @renubala2580 Жыл бұрын

    Jai Ho maharaj ji ki koti koti dandvat pranam Maharaj ji aap ko kripa kare Maharaj ji

  • @Varadvinayak_goat_farm
    @Varadvinayak_goat_farm Жыл бұрын

    जय श्रीराम 🙏

  • @vijayrajputrajput9029
    @vijayrajputrajput9029 Жыл бұрын

    Jay shree ram guru ji 🙏🙏

  • @shivshankarsaxena2144
    @shivshankarsaxena2144 Жыл бұрын

    जय जय सिया राम

  • @shriram5818
    @shriram5818 Жыл бұрын

    राधा तुम्हें मुझे बुलाना ही पड़ेगा वृंदावन ❤कृष्णप्रिया❤

  • @jagannathpanda2418
    @jagannathpanda2418 Жыл бұрын

    Ramram

  • @ravikewat8554
    @ravikewat8554 Жыл бұрын

    जय जय श्री सीताराम

  • @user-tm4nc7me3t
    @user-tm4nc7me3t2 жыл бұрын

    🙌🙌🙌 हर हर हर महादेव 🙌🙌🙌

  • @PriyankaMishra-bd8pq
    @PriyankaMishra-bd8pq2 жыл бұрын

    Ram Ram 🙏🙏

  • @tribhuansrivastava5108
    @tribhuansrivastava51082 жыл бұрын

    पूज्य महाराज जी को सादर चरण स्पर्श।

  • @shantikaam3795
    @shantikaam37952 жыл бұрын

    हरि मिलन 〰️🌼🌼〰️ सबरी को आश्रम सौंपकर महर्षी मतंग जब देवलोक जाने लगे तब सबरी भी साथ जाने की जिद करने लगी। सबरी की उम्र दस वर्ष थी। वो महर्षि मतंग का हाथ पकड़ रोने लगी महर्षि सबरी को रोते देख व्याकुल हो उठे! सबरी को समझाया "पुत्री इस आश्रम में भगवान आएंगे यहां प्रतीक्षा करो!" अबोध सबरी इतना अवश्य जानती थी कि गुरु का वाक्य सत्य होकर रहेगा! उसने फिर पूछा "कब आएंगे? महर्षि मतंग त्रिकालदर्शी थे वे भूत भविष्य सब जानते थे वे ब्रह्मर्षि थे। महर्षि सबरी के आगे घुटनों के बल बैठ गए, सबरी को नमन किया आसपास उपस्थित सभी ऋषिगण असमंजस में डूब गए, ये उलट कैसे हुआ! गुरु यहां शिष्य को नमन करे! ये कैसे हुआ? महर्षि के तेज के आगे कोई बोल न सका! महर्षि मतंग बोले "पुत्री अभी उनका जन्म नही हुआ!" अभी दसरथजी का लग्न भी नही हुआ! उनका कौशल्या से विवाह होगा! फिर भगवान की लम्बी प्रतीक्षा होगी फिर दसरथजी का विवाह सुमित्रा से होगा ! फिर प्रतीक्षा! फिर उनका विवाह कैकई से होगा फिर प्रतीक्षा! फिर वो जन्म लेंगे! फिर उनका विवाह माता जानकी से होगा! फिर उन्हें 14 वर्ष वनवास होगा और फिर वनवास के आखिरी वर्ष माता जानकी का हरण होगा तब उनकी खोज में वे यहां आएंगे! तुम उन्हें कहना "आप सुग्रीव से मित्रता कीजिये उसे आतताई बाली के संताप से मुक्त कीजिये आपका अभिष्ट सिद्ध होगा! और आप रावण पर अवश्य विजय प्राप्त करेंगे!" सबरी एक क्षण किंकर्तव्यविमूढ़ हो गई! अबोध सबरी इतनी लंबी प्रतीक्षा के समय को माप भी नही पाई! वह फिर अधीर होकर पूछने लगी "इतनी लम्बी प्रतीक्षा कैसे पूरी होगी गुरुदेव!" महर्षि मतंग बोले " वे ईश्वर हैं अवश्य ही आएंगे! यह भावी निश्चित हैं" लेकिन यदि उनकी इच्छा हुई तो काल दर्शन के इस विज्ञान को परे रखकर वे कभी भी आ सकते हैं! लेकिन आएंगे अवश्य" जन्म मरण से परे उन्हें जब जरूरत हुई तो प्रह्लाद के लिए खम्बे से भी निकल आये थे! इसलिए प्रतीक्षा करना ! वे कभी भी आ सकते हैं! तीनों काल तुम्हारे गुरु के रूप में मुझे याद रखेंगे! शायद यही मेरे तप का फल हैं । सबरी गुरु के आदेश को मान वहीं आश्रम में रुक गई उसे हर दिन प्रभु श्रीराम की प्रतीक्षा रहती थी । वह जानती थी समय का चक्र उनकी उंगली पर नाचता हैं वे कभी भी आ सकतें हैं हर रोज रास्ते मे फूल बिछाती हर क्षण प्रतीक्षा करती! कभी भी आ सकतें हैं हर तरफ फूल बिछाकर हर क्षण प्रतीक्षा! सबरी बूढ़ी हो गई !! लेकिन प्रतीक्षा उसी अबोध चित्त से करती रही और एक दिन उसके बिछाए फूलों पर प्रभु श्रीराम के चरण पड़े! सबरी का कंठ अवरुद्ध हो गया! आंखों से अश्रुओं की धारा फूट पड़ी! गुरु का कथन सत्य हुआ! भगवान उसके घर आ गए! सबरी की प्रतीक्षा का फल ये रहा कि जिन राम को कभी तीनों माताओं ने जूठा नही खिलाया उन्ही राम ने सबरी का जूठा खाया!❤️❤️❤️❤️❤️

  • @sabitakitchen4245
    @sabitakitchen42452 жыл бұрын

    Jai shree ram

  • @surajsalunke4125
    @surajsalunke41252 жыл бұрын

    RAM RAM

  • @surajsalunke4125
    @surajsalunke41252 жыл бұрын

    RAM RAM

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री सिया राम जी 🙏🙏🙏

  • @uttarakhandi1497
    @uttarakhandi14972 жыл бұрын

    😅

  • @amishrakumarmishra3517
    @amishrakumarmishra35172 жыл бұрын

    Jai shree krishna 🙏🙏🙏

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री राधे कृष्णा 🙏🙏🙏

  • @rajninarrey8651
    @rajninarrey86512 жыл бұрын

    🌼🌺

  • @tulsisangathan3048
    @tulsisangathan30482 жыл бұрын

    सीता राम👏👏

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री सिया राम 🙏🙏🙏

  • @adityavikramsingh7296
    @adityavikramsingh72962 жыл бұрын

    परम् पूज्य श्री गुरूदेव जी महाराज के पावन चरणों में सादर नमन वंदन जय जय श्री राम जय जय श्री हनुमान जी महाराज हर हर महादेव 🙏

  • @shantikaam3795
    @shantikaam37952 жыл бұрын

    मनुष्य के बार-बार जन्म-मरण का क्या कारण है ? एक बार द्वारकानाथ श्रीकृष्ण अपने महल में दातुन कर रहे थे । रुक्मिणी जी स्वयं अपने हाथों में जल लिए उनकी सेवा में खड़ी थीं । अचानक द्वारकानाथ हंसने लगे । रुक्मिणी जी ने सोचा कि शायद मेरी सेवा में कोई गलती हो गई है; इसलिए द्वारकानाथ हंस रहे हैं । रुक्मिणी जी ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा-‘प्रभु ! आप दातुन करते हुए अचानक इस तरह हंस क्यों पड़े, क्या मुझसे कोई गलती हो गई ? कृपया, आप मुझे अपने हंसने का कारण बताएं ।’ श्रीकृष्ण बोले-‘नहीं, प्रिये ! आपसे सेवा में त्रुटि होना कैसे संभव है ? आप ऐसा न सोचें, बात कुछ और है ।’ रुक्मिणी जी ने कहा-‘आप अपने हंसने का रहस्य मुझे बता दें तो मेरे मन को शान्ति मिल जाएगी; अन्यथा मेरे मन में बेचैनी बनी रहेगी ।’ तब श्रीकृष्ण ने मुसकराते हुए रुक्मिणी जी से कहा-‘देखो, वह सामने एक चींटा चींटी के पीछे कितनी तेजी से दौड़ा चला जा रहा है । वह अपनी पूरी ताकत लगा कर चींटी का पींछा कर उसे पा लेना चाहता है । उसे देख कर मुझे अपनी मायाशक्ति की प्रबलता का विचार करके हंसी आ रही है ।’ रुक्मिणी जी ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा-‘वह कैसे प्रभु ? इस चींटी के पीछे चींटे के दौड़ने पर आपको अपनी मायाशक्ति की प्रबलता कैसे दीख गई ?’ भगवान श्रीकृष्ण ने कहा-‘मैं इस चींटे को चौदह बार इंद्र बना चुका हूँ । चौदह बार देवराज के पद का भोग करने पर भी इसकी भोगलिप्सा समाप्त नहीं हुई है । यह देख कर मुझे हंसी आ गई ।’ इंद्र की पदवी भी भोग योनि है । मनुष्य अपने उत्कृष्ट कर्मों से इंद्रत्व को प्राप्त कर सकता है । सौ अश्वमेध यज्ञ करने वाला व्यक्ति इंद्र-पद प्राप्त कर लेता है । लेकिन जब उनके भोग पूरे हो जाते हैं तो उसे पुन: पृथ्वी पर आकर जन्म ग्रहण करना पड़ता है । प्रत्येक जीव इंद्रियों का स्वामी है; परंतु जब जीव इंद्रियों का दास बन जाता है तो जीवन कलुषित हो जाता है और बार-बार जन्म-मरण के बंधन में पड़ता है । वासना ही पुनर्जन्म का कारण है । जिस मनुष्य की जहां वासना होती है, उसी के अनुरूप ही अंतसमय में चिंतन होता है और उस चिंतन के अनुसार ही मनुष्य की गति-ऊंच-नीच योनियों में जन्म होता है । अत: वासना को ही नष्ट करना चाहिए । वासना पर विजय पाना ही सुखी होने का उपाय है । बुझै न काम अगिनि तुलसी कहुँ, विषय भोग बहु घी ते । अग्नि में घी डालते जाइये, वह और भी धधकेगी, यही दशा काम की है । उसे बुझाना हो तो संयम रूपी शीतल जल डालना होगा । संसार का मोह छोड़ना बहुत कठिन है । वासनाएं बढ़ती हैं तो भोग बढ़ते हैं, इससे संसार कटु हो जाता है । वासनाएं जब तक क्षीण न हों तब तक मुक्ति नहीं मिलती है । पूर्वजन्म का शरीर तो चला गया परन्तु पूर्वजन्म का मन नहीं गया । नास्ति तृष्णासमं दु:खं नास्ति त्यागसमं सुखम्। सर्वांन् कामान् परित्यज्य ब्रह्मभूयाय कल्पते ।। तृष्णा के समान कोई दु:ख नहीं है और त्याग के समान कोई सुख नहीं है । समस्त कामनाओं-मान, बड़ाई, स्वाद, शौकीनी, सुख-भोग, आलस्य आदि का परित्याग करके केवल भगवान की शरण लेने से ही मनुष्य ब्रह्मभाव को प्राप्त हो जाता है । नहीं है भोग की वांछा न दिल में लालसा धन की । प्यास दरसन की भारी है सफल कर आस को मेरी ।।

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री राधे कृष्णा 🙏🙏🙏

  • @shantikaam3795
    @shantikaam37952 жыл бұрын

    भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश युद्धभूमि में क्यों दिया ? भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में दिया और वह भी तब, जब युद्ध की घोषणा हो चुकी थी, दोनों पक्षों की सेनाएं आमने-सामने आ गईं थीं । रणभेरी बज चुकी थी । क्यों ? भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश किसी ऋषि-मुनियों और विद्वानों की सभा या गुरुकुल में नहीं दिया, बल्कि उस युग के सबसे बड़े युद्ध ‘महाभारत’ की रणभूमि में किया । युद्ध अनिश्चितता का प्रतीक है, जिसमें दोनों पक्षों के प्राण और प्रतिष्ठा दाँव पर लगते हैं । युद्ध के ऐसे अनिश्चित वातावरण में मनुष्य को शोक, मोह व भय रूपी मानसिक दुर्बलता व अवसाद से बाहर निकालने के लिए एक उच्चकोटि के ज्ञान-दर्शन की आवश्यकता होती है; इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान वहीं दिया, जहां उसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी । श्रीकृष्ण जगद्गुरु हैं । गीता के उपदेश द्वारा श्रीकृष्ण ने अर्जुन को मन से मजबूत बना दिया । महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सामने कई बार ऐसे क्षण आए भी । अभिमन्यु की मृत्यु के समाचार से जब अर्जुन शोक और विषाद से भर गए, तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को स्मरण कराया- ‘’यह युद्ध है, यह अपना मूल्य लेगा ही । युद्ध में सब कुछ संभव है ।’ यह गीता के ज्ञान का ही परिणाम था कि अर्जुन दूसरे दिन एक महान लक्ष्य के संकल्प के साथ युद्धभूमि में आते हैं । महाभारत का युद्ध द्वापर के अंत में लड़ा गया था और कलियुग आने वाला था । भगवान श्रीकृष्ण जानते थे कि कलियुग में मानव मानसिक रूप से बहुत दुर्बल होगा क्योंकि धर्म के तीन पैर-सत्य, तप और दान का कलियुग में लोप हो जाएगा । मनुष्य के पास सत्य, तप और दान का बल कम होगा । मनुष्य शोक और मोह से ग्रस्त होकर ऊहापोह की स्थिति-‘क्या करें, क्या न करें’ में भ्रमित रहेगा । उस समय गीता का ज्ञान ही जीवन-संग्राम में मनुष्य का पथ-प्रदर्शक होगा । जीवन-संग्राम में मनुष्य का सबसे बड़ा पथ-प्रदर्शक है गीता का ज्ञान!!!!!! आज मनुष्य का सम्पूर्ण जीवन ही एक संग्राम है । मानव जीवन में छोटे-छोटे युद्ध (धन का अभाव, पारिवारिक कलह, बीमारी, बच्चों की अच्छी परवरिश, शिक्षा व विवाह आदि की चिंता, ऋण-भार आदि) नित्य ही चलते रहते हैं । जीवन का गणित ही कुछ ऐसा है कि जीवन सदा एक-सा नहीं रहता है । यहां जय-पराजय, लाभ-हानि, सुख-दु:ख का क्रम चलता ही रहता है । समय और परिस्थिति के थपेड़े हमें डांवाडोल करते ही रहते हैं । इस युद्ध में मनुष्य बुरी तरह से टूट कर आत्महत्या जैसे गलत कदम भी उठा लेता है । गीता का ज्ञान मनुष्य यदि हृदय में उतार ले, तो फिर हर परिस्थिति का वह अर्जुन की तरह डट कर सामना कर सकता है- ▪️‘सुखदु:खे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ’ अर्थात् सुख-दु:ख, लाभ-हानि, जय-पराजय-हर परिस्थिति में सम रह कर जीवन युद्ध लड़ो, समता का दृष्टिकोण अपना कर कर्तव्य पालन करो । ▪️‘जो पैदा हुआ है, वह मरेगा अवश्य ।’ अत: मृत्यु के प्रति हमें स्वागत की दृष्टि विकसित कर लेनी चाहिए ।’ यह जीवन-दर्शन भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में जीकर भी दिखाया । जन्म से पूर्व ही मृत्यु उनका पीछा कर रही थी । कौन-से उपाय कंस ने श्रीकृष्ण को मरवाने के लिए नही किए ? परंतु हर बार मृत्यु उनसे हार गई । जब वे इस धराधाम को छोड़कर गए, तब भी संसार को यह सिखा दिया कि मृत्यु का स्वागत किस तरह करना चाहिए ? महाभारत युद्ध में बड़े-बड़े ब्रह्मास्त्रों और दिव्य अस्त्रों की काट अर्जुन को बताने वाले श्रीकृष्ण मृत्यु के वरण के लिए एक वृक्ष के नीचे जाकर लेट गए और पूरी प्रसन्नता और तटस्थता के साथ जरा व्याध के तीर का स्वागत किया और अपनी संसार-लीला को समेट लिया । ऐसा अद्भुत श्रीकृष्ण का चरित्र और वैसा ही उनका अलौकिक गीता का ज्ञान; जो सच्चे मन से हृदयंगम करने पर मनुष्य को जीवन-संग्राम में पग-पग पर राह दिखाता है और कर्तव्य-बोध कराता है । जय श्री कृष्ण*

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री राधे कृष्णा 🙏🙏🙏

  • @nakuldewangan7542
    @nakuldewangan75422 жыл бұрын

    Jai jai Siyaram Jai Hanumaan Jai Maharaj🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @bikashkumarverma9944
    @bikashkumarverma99442 жыл бұрын

    Jay Shree Ram 🙏🙏

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏जय श्री सिया राम 🙏🙏🙏

  • @sonumalik6131
    @sonumalik61312 жыл бұрын

    हरे कृष्णा दंडवत प्रणाम 🙏 Rajeshwaranand maharaj goswami ji ke Charno me dandvat parnaam h , Baba maharaj ki agar kirpa hui to me aap se ek din jarur miluga

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री राधे कृष्णा 🙏🙏🙏

  • @anitasatija83
    @anitasatija832 жыл бұрын

    जय सियाराम जी

  • @sudarsanbarik9133
    @sudarsanbarik91332 жыл бұрын

    Hari om🙏🙏🙏

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 हरि ॐ शंकर🙏🙏🙏

  • @s.p.s.m.8104
    @s.p.s.m.81042 жыл бұрын

    Jai shri siyaraam siyaraam siyaraam siyaraam siyaraam siyaraam siyaraam. Jai shri siyaraam hanumaan Ji🙏🙏. Jai shri siyaraam sad guru devbhagwanji.

  • @kumarchakravarty8058
    @kumarchakravarty80582 жыл бұрын

    उत्तम प्रसंग है p

  • @akpandey6504
    @akpandey65042 жыл бұрын

    जय श्री सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री सिया राम 🙏🙏🙏

  • @mksharma729
    @mksharma7292 жыл бұрын

    बहुत ही सुंदर ! श्री राम बालरूपाय नमः 🙏🌹🙏 संत श्री चरणों में सादर नमन ! 🙏🌹🙏

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏जय श्री सिया राम 🙏🙏🙏

  • @VIVEKKUMAR-mc5xu
    @VIVEKKUMAR-mc5xu2 жыл бұрын

    @@aatmmanthan5693 Oooo uclid

  • @sureshverma6980
    @sureshverma69802 жыл бұрын

    जय श्री राधे

  • @shaileshmishra325
    @shaileshmishra3252 жыл бұрын

    Jay shree ram

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री सिया राम 🙏🙏🙏

  • @jaishriramsharma5855
    @jaishriramsharma58552 жыл бұрын

    Jai sri ram sita ram jai hanuman 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री सिया राम 🙏🙏🙏

  • @subhashsharma863
    @subhashsharma8632 жыл бұрын

    श्री राम जय राम जय जय राम।

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏जय श्री सिया राम 🙏🙏🙏

  • @rajninarrey8651
    @rajninarrey86512 жыл бұрын

    🌼🌺

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏

  • @alokmishra-vg3uw
    @alokmishra-vg3uw2 жыл бұрын

    प्रभु जी प्रणाम

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 प्रणाम महाराज जी🙏🙏🙏

  • @jagannathpanda2418
    @jagannathpanda24182 жыл бұрын

    Ramram

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏 जय श्री सिया राम 🙏🙏🙏

  • @udaykantsrivastav7630
    @udaykantsrivastav76302 жыл бұрын

    Jai Sri Ram Jai Bajrangbali ki 🙏

  • @aatmmanthan5693
    @aatmmanthan56932 жыл бұрын

    🙏🙏🙏जय बजरंगबली हनुमान जी की 🙏🙏🙏