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🕉️AUM NAMAHA BUDDHA BHAGAWAN PRABHU🪔💐🙏HAJURKO JAYAJAYAJAYA PRABHU🪔💐🙏SHADHASHADHA KOTIKOTIKOTI PRANAM PRABHU🪔💐🙏SAMASTA DEVIDEVA BHAGAWANJI HAJURLAI DHERAIDHERAI DHANYAWAD 🙏💐🪔 LOVE YOU MY LORDGOD🪔💐🙏🕊️
5:58 ← Post बुद्ध ने ज्ञान के सार को कुल 55 बिंदुओं में समेट दिया। चार आर्य सत्य पाँच - पंचशील आठ अष्टांगिक मार्ग और अड़तीस - महामंगलसुत बुद्ध के चार आर्य सत्य 1. दुनियाँ में दुःख है। 2. दुःख का कारण है। 3. दुःख का निवारण है। और 4. दुःख के निवारण का उपाय है। पंचशील 1. झूठ न बोलना 2. अहिंसा 3. चोरी नहीं करना 4. व्यभिचार नहीं करना और 5. नशापान/मद्यपान नहीं करना अष्टांगिक मार्ग 1. सम्यक दृष्टि (दृष्टिकोण) / Right view 2. सम्यक संकल्प / Right intention 3. सम्यक वाणी / Right speech 4. सम्यक कर्मात / Right action 5. सम्यक आजीविका / Right livelihood (profession) 6. सम्यक व्यायाम / Right exersie (physical activity) 7. सम्यक स्मृति / Right mindfulness 8. सम्यक समाधि / Right meditation (Vpasana Meditation) तथागत बुद्ध ने 38 प्रकार के मंगल कर्म बताये है जो महामंगलसुत के नाम से भी जाना जाता है, निम्न प्रकार है 2. बुद्धिमानों की संगति करना। 3. शीलवानो की संगति करना। 4. अनुकूल स्थानों में निवास करना। 5. कुशल कर्मों का संचय करना। 6. कुशल कर्मों में लग जाना। 7. अधिकतम ज्ञान का संचय करना। 8. तकनीकी विद्या अर्थात शिल्प सीखना। 9. व्यवहार कुशल एवं विनम्र होना। 10. विवेकवान होना। 11. सुंदर वक्ता होना। 12. माता पिता की सेवा करना। 13. पुत्र-पुत्री-स्त्री का पालन पोषण करना। 14. अकुशल कर्मों को ना करना। 15. बिना किसी अपेक्षाके दान देना। 16. धम्म का आचरण करना। 17. सगे सम्बंधियों का आदर सत्कार करना। 18. कल्याणकारी कार्य करना। 19. मन, शरीर तथा वचन से परपीड़क कार्य ना करना। 20. नशीली पदार्थों का सेवन ना करना। 21. धम्म के कार्यों में तत्पर रहना। 22. गौरवशाली व्यक्तित्व बनाए रखना। 23. विनम्रता बनाए रखना। 24. पूर्ण रूप से संतुष्ट होना अर्थात तृप्त होना। 25. कृतज्ञता कायम रखना। 26. समय समय पर धम्म चर्चा करना । 27. क्षमाशील होना। 28. आज्ञाकारी होना। 29. भिक्षुओ, शीलवान लोगों का दर्शन करना। 30. मन को एकाग्र करना। 31. मन को निर्मल करना। 32. सतत जागरूकता बनाए रखना । 33. पाँच शीलों का पालन करना। 34. चार आर्य सत्यों का दर्शन करना । 35. आर्य अष्टांगिक मार्ग पर चलना। 36. निर्वाण का साक्षात्कार करना। 37. लोक धम्म लाभ हानि, यश अपयश, सुख-दुख, जय-पराजय से विचलित ना होना। 38. शोक रहित, निर्मल एवं निर्भय होना। अगर कोई अपने दैनिक जीवन में इन 38 मंगल कर्मों का पालन करने लग जाये, तो उसके जीवन से सारे दुःख एवं परेशानियां हमेशा के लिए दूर हो जायेंगी।।। अध्यात्म के क्षेत्र में गहरा उतरने वालों को त्रिपिटक का अध्ययन करना चाहिए किंतु, गृहस्थ जीवन सफल और सम्मानित तरीके से जीने और निर्वाण प्राप्त करने के लिए यहाँ दी गई 55 बातें हीं काफी (सफिसियेंट) है। तो आईये। बुद्ध के बताये मार्ग पर चलकर जीवन यापन करें और धार्मिक आडंबरों और पाखंड से दूर रहें। बुद्धं शरणम गच्छामि ! धम्मं शरणम गच्छामि ! संघम् शरणम गच्छामि ! नमो बुद्धाय
@user-yc3nk6fe3eАй бұрын
नमो बुद्धाय
@ramanlalparmar2402Ай бұрын
Nmo Buddhay
@gobindaupadhyadaessdiya1254Ай бұрын
Badisa,
@user-hb6su8on1gАй бұрын
Namo buddhaye
@user-yn9lr7rs7cАй бұрын
NAMO BUDDHAY, JAY SAMRAT CHANDRAGUPT MORYA MAHAN, JAY SAMRAT ASHOK MORYA MAHAN, JAY ALL MORYA GOVERNMENT, JAY BHIM, JAY INDIAN CONSTITUT TO ALL ALLWAYS.
Пікірлер
namo budhhiya
har har Mahadev
नमो बुद्दय।
Nammobudhyaya
Namo budhaya
Namo Budhhay 😊🙏🙏
🕉️AUM NAMAHA BUDDHA BHAGAWAN PRABHU🪔💐🙏HAJURKO JAYAJAYAJAYA PRABHU🪔💐🙏SHADHASHADHA KOTIKOTIKOTI PRANAM PRABHU🪔💐🙏SAMASTA DEVIDEVA BHAGAWANJI HAJURLAI DHERAIDHERAI DHANYAWAD 🙏💐🪔 LOVE YOU MY LORDGOD🪔💐🙏🕊️
नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय
वीडियो संक्षेप में बनाएं l
Jai Buddha bagwan
Noma budha
❤ नमो बुधाय ❤
Ati sunder namo budhay❤❤
NAMO BHUDDA
Chamche khi ka jhela rha hai
Namo Buddhay
Namaste bida
Namo budhay jai bheem ❤❤❤
Namo Budhaye
Naamo bhudhaa
💎🧘♂️ Namah Buddhay 🧘♀️💎🌏 Koti pranam Koti koti Dhanyawad 💗🙏💗
Namo Budhay
Namo buddhai❤
नमो बुद्घाय ❤
❤namo buddhay
Nmobudy
Ha ha Budhha.....
नमो बुद्धाय
Dusit or sadabhojan karne se
Namaste buddhaya
नमो बुद्धया
No udhay
No,budhay
Very Nice Sir Ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Waheguru ji 🙏
कही का रोड़ा कही का जोड़ा।मिलावटी मावा।
Bhut achchha .
नमोबुध्दाय. बुध्दं. सरनं. गच्छामि. धमं. सरनं. गच्छामि. संघ. सरनं. गच्छामि.
Namh Budhayh
Namo buddhay
5:58 ← Post बुद्ध ने ज्ञान के सार को कुल 55 बिंदुओं में समेट दिया। चार आर्य सत्य पाँच - पंचशील आठ अष्टांगिक मार्ग और अड़तीस - महामंगलसुत बुद्ध के चार आर्य सत्य 1. दुनियाँ में दुःख है। 2. दुःख का कारण है। 3. दुःख का निवारण है। और 4. दुःख के निवारण का उपाय है। पंचशील 1. झूठ न बोलना 2. अहिंसा 3. चोरी नहीं करना 4. व्यभिचार नहीं करना और 5. नशापान/मद्यपान नहीं करना अष्टांगिक मार्ग 1. सम्यक दृष्टि (दृष्टिकोण) / Right view 2. सम्यक संकल्प / Right intention 3. सम्यक वाणी / Right speech 4. सम्यक कर्मात / Right action 5. सम्यक आजीविका / Right livelihood (profession) 6. सम्यक व्यायाम / Right exersie (physical activity) 7. सम्यक स्मृति / Right mindfulness 8. सम्यक समाधि / Right meditation (Vpasana Meditation) तथागत बुद्ध ने 38 प्रकार के मंगल कर्म बताये है जो महामंगलसुत के नाम से भी जाना जाता है, निम्न प्रकार है 2. बुद्धिमानों की संगति करना। 3. शीलवानो की संगति करना। 4. अनुकूल स्थानों में निवास करना। 5. कुशल कर्मों का संचय करना। 6. कुशल कर्मों में लग जाना। 7. अधिकतम ज्ञान का संचय करना। 8. तकनीकी विद्या अर्थात शिल्प सीखना। 9. व्यवहार कुशल एवं विनम्र होना। 10. विवेकवान होना। 11. सुंदर वक्ता होना। 12. माता पिता की सेवा करना। 13. पुत्र-पुत्री-स्त्री का पालन पोषण करना। 14. अकुशल कर्मों को ना करना। 15. बिना किसी अपेक्षाके दान देना। 16. धम्म का आचरण करना। 17. सगे सम्बंधियों का आदर सत्कार करना। 18. कल्याणकारी कार्य करना। 19. मन, शरीर तथा वचन से परपीड़क कार्य ना करना। 20. नशीली पदार्थों का सेवन ना करना। 21. धम्म के कार्यों में तत्पर रहना। 22. गौरवशाली व्यक्तित्व बनाए रखना। 23. विनम्रता बनाए रखना। 24. पूर्ण रूप से संतुष्ट होना अर्थात तृप्त होना। 25. कृतज्ञता कायम रखना। 26. समय समय पर धम्म चर्चा करना । 27. क्षमाशील होना। 28. आज्ञाकारी होना। 29. भिक्षुओ, शीलवान लोगों का दर्शन करना। 30. मन को एकाग्र करना। 31. मन को निर्मल करना। 32. सतत जागरूकता बनाए रखना । 33. पाँच शीलों का पालन करना। 34. चार आर्य सत्यों का दर्शन करना । 35. आर्य अष्टांगिक मार्ग पर चलना। 36. निर्वाण का साक्षात्कार करना। 37. लोक धम्म लाभ हानि, यश अपयश, सुख-दुख, जय-पराजय से विचलित ना होना। 38. शोक रहित, निर्मल एवं निर्भय होना। अगर कोई अपने दैनिक जीवन में इन 38 मंगल कर्मों का पालन करने लग जाये, तो उसके जीवन से सारे दुःख एवं परेशानियां हमेशा के लिए दूर हो जायेंगी।।। अध्यात्म के क्षेत्र में गहरा उतरने वालों को त्रिपिटक का अध्ययन करना चाहिए किंतु, गृहस्थ जीवन सफल और सम्मानित तरीके से जीने और निर्वाण प्राप्त करने के लिए यहाँ दी गई 55 बातें हीं काफी (सफिसियेंट) है। तो आईये। बुद्ध के बताये मार्ग पर चलकर जीवन यापन करें और धार्मिक आडंबरों और पाखंड से दूर रहें। बुद्धं शरणम गच्छामि ! धम्मं शरणम गच्छामि ! संघम् शरणम गच्छामि ! नमो बुद्धाय
नमो बुद्धाय
Nmo Buddhay
Badisa,
Namo buddhaye
NAMO BUDDHAY, JAY SAMRAT CHANDRAGUPT MORYA MAHAN, JAY SAMRAT ASHOK MORYA MAHAN, JAY ALL MORYA GOVERNMENT, JAY BHIM, JAY INDIAN CONSTITUT TO ALL ALLWAYS.
Namo budhai ji 🙏
Namo Buddhay, very nice
Good updesh namo budhay
Namo Budday
Namu bhudhay
❤sharir me kamjore hai to kya karana chaheye❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😂🎉😢😮😅😊😊