Youth Parliament 2024 में Bhagalpur District का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी जी की प्रेरणा पर भारत सरकार के 'युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय' के तत्वावधान में आयोजित 'राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2024' में अपने जिले और जोन भागलपुर का ऑनलाइन प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
राज्यस्तरीय भाषण पर मैंने तीन में से इस विषय इस विषय का चुनाव किया - सामाजिक परिवर्तन के लिए सोशल मीडिया का उपयोग : युवा प्रभावशाली लोगों की जिम्मेदारियाँ
(1)
"मैं देश नहीं मिटने दूँगा
मैं देश नहीं झुकने दूँगा।"
नमस्कार मैं दर्शन सुधाकर, दानवीर कर्ण की भूमि, विक्रमशिला विश्वविद्यालय की विरासत और जर्दालू आम की खुशबू के साथ अंगप्रदेश भागलपुर की धरती से निर्णायक मंडल के सदस्यों के साथ आप सभी को प्रणाम करता हूँ।
इस देश की महानता को शब्दों में समेट पाना संभव ही नहीं है। पवित्रता में यह राम और कृष्ण की जन्मभूमि है तो स्वाधीनता संग्राम में गांधी का संघर्ष। सामाजिक न्याय में यह अंबेडकर का विचार है तो विविधता में पटेल की अनेकता में एकता का सूत्र। कभी यह नेहरू का 'डिसकवरी ऑफ इंडिया' है तो कभी मोदी का आत्मनिर्भर और विकसित भारत।
(2)
अब मैं विषय की प्रामाणिकता पर आता हूँ। सोशल मीडिया की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब हमारे यशवसी प्रधानमंत्री मोदी जी डुबकी तो लक्षद्वीप के समुद्र में लगाते हैं मगर डूब पूरा मालदीव जाता है। एक क्लिक में सभी जानकारी, देश दुनिया से सीधा कनेक्सन और सरकारी तंत्र से सीधे जुड़ाव ने लोकतांत्रिक भागीदारी में आम लोगों को भी जोड़ दिया है। यह सोशल मीडिया के ही जागरूकता का कमाल है कि जिस कोरोना ने पूरी दुनिया को तबाह कर दिया वो भारत के गाँव तक आते आते ढ़ेर हो गया। मेक इन इंडिया, लोकल फोर वोकल, स्वच्छ भारत और डिजिटल इंडिया जैसे अभियान की सफलता में भी सोशल मीडिया का ही योगदान है।
(3)एक सर्वे के अनुसार विश्व की लगभग 60 प्रतिशत आबादी इंटरनेट पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती है जबकि भारत में 1.2 अरब आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल करती है जिसमें केवल सोशल मीडिया यूज करने वाले की संख्या 0.5 अरब है। इसलिए बड़े पैमाने पर इसके माध्यम से लोगों में बड़ा सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है। हमारे पास संसाधन सीमित है मगर जनसंख्या का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया के द्वारा देशवासियों के अंदर जनसंख्या नियंत्रण पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त रोजगार परक शिक्षा, नारी सशक्तिकरण, भ्रष्टाचार मुक्त समाज, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, संसाधनों का उचित उपयोग, डिजिटल कूटनीति, अधिकार के प्रति जागरूकता, लोकतांत्रिक भागीदारी, अपनी संस्कृति पर गर्व, स्टार्टअप और इनोवेशन के प्रति जागरूकता आदि महत्वपूर्ण विषयों पर तार्किक दृष्टि देकर सामाजिक परिवर्तन में योगदान दिया जा सकता है। यह सभी विषय किसी भी समाज में परिवर्तन लाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह तभी संभव है जब देश का प्रभावशाली युवा इस मुहिम में तन मन से योगदान देगा। इसलिए कहा भी जाता है कि -
संघर्षो के साये में
इतिहास हमारा पलता है
जिस ओर जवानी चलती है
उस ओर जमाना चलता है
(4)
2047 के विकसित भारत का रास्ता भी भारत में बड़े सामाजिक परिवर्तन के साथ ही गुजरेगा। जिसमें सोशल मीडिया की निर्णायक भूमिका होगी। इसलिए आज फेक न्यूज और AI के इस जमाने में जिम्मेदार युवाओं की सोशल मीडिया पर भूमिका और भी महत्वपूर्ण और निर्णायक हो जाती है। सोशल मीडिया से सामाजिक परिवर्तन का सही नतीजा तभी मिल सकती है जब इसका असर समाज में शासन से आम आदमी तक, रोजगार में स्टार्टअप से इनोवेशन तक, इसका व्यवहार पर्यावरण जागरूकता से सतत विकास तक, सोच स्त्री शिक्षा से महिला सुरक्षा तक, परिणाम जर्नल से जमीन तक, इसकी तस्वीर रील से रियल लाइफ तक और इसके नतीजे एक्सपेरिमेंट से एक्सप्रियेन्स तक एवं इसके प्रभाव आत्मनिर्भर से विकसित भारत तक होगा।
राह में कितनी भी रुकावटें हो मगर इतना तय है कि विश्व पटल पर सबसे सुनहरा हस्ताक्षर 21वीं सदी में हिंदुस्तान के नाम का होने वाला है। अंततः मैं यही कहना चाहता हूँ कि
"बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पांवों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों से हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना"
जय हिंद, जय भारत!
#youthparliament #youth #modi #sansad

Пікірлер: 2

  • @rajankumarjhajha8428
    @rajankumarjhajha84285 ай бұрын

  • @thecivilinfo
    @thecivilinfo5 ай бұрын

    Sandar....

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