ये यात्रा कब रुकेगी? || आचार्य प्रशांत (2023)
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#acharyaprashant
वीडियो जानकारी: 22.12.23, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ अगर हम तटस्थ हो गए तो फिर आगे की यात्रा?
~ यात्रा कब समाप्त हो जाती है?
~ यात्रा मंज़िल के लिए की जाती है या यात्रा के लिए?
~ यात्रा करने में और भटकने में क्या अंतर है?
~ जीवन यात्रा की मंज़िल क्या है?
संगीत: मिलिंद दाते
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Пікірлер: 39
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अहम् की मुक्ति का नाम आत्मा है।
बाहर भी शून्य है,और भीतर भी शून्य है,सब मिलाकर शून्य बराबर शून्य
कोटि कोटि आभार आचार्य जी
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼❤
यात्रा यात्रा के लिए नहीं की जाती, यात्रा मंजिल के लिए की जाती है,
चलने की दिशा भी देखनी होगी। कहीं गोल गोल तो नहीं चल रहें या जहां से चले थे वहीं तो नहीं आ गए। Thank you sir.🙏
चले तो बहुत हैं फिर वही पर आ गए❤❤
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर साहब को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l कोटि कोटि नमन मेरे कृष्ण समान गुरुवर आचार्य प्रशांत को 🙏❤️
आचार्य जी आप को शत शत नमन...मन प्रसन्न हो जाता हे आपको देखके 😊
Pranam Acharya ji Ham pata nahi kyu kabhi ap se dur jana jahate hai aur dur jake ke bhi fir apake pas ajate hai 🙏🙏
Love you aachariye ji ❤❤
अहम् को अर्थ चाहिए, स्वार्थ नहीं,
फ़ालतू चलने में कोई लुत्फ नहीं होती,बस बर्बादी होती है,उस अवसर की जिसको कहते हैं जीवन,
Men search for meaning
❤❤❤❤
salute sir
Namaskar guru ji
आत्मा बोध है, प्राण है,जगत का कल्याण है, आत्मा नहीं तो सर्वत्र सब,निर्थय नाशवान है। आत्मा अपनी प्रकृति पराई ध्यान दें और जान ले, आत्मा से प्रेम ही धर्म है, प्रेम भले ही प्राण ले।
😮😮
❤❤
🙏🙏🙏🙏
Parnam guru ji 🙏🙏
❤
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤🙏🙏
🙏🙏🙏प्रणाम आचार्य जी
❤😇😊🙏 great
🙏🙏🙏
Sub khel aur thakne k baad aaraam karke phir khel na h
🙏
Thank you sir 🪔🪔🪔🪔
🙏❤️❤️
🙏🙏🌹
Dukh ki yatra moj me ho... to
यात्रा की लत को वृत्ति कह सकते हैं ? यदि अहम् रहेगा तो वृत्ति रहेगी ही🙏
आचार्य जी प्रणाम❤🎉
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