उत्तरायण और दक्षिणायन
उत्तरायण और दक्षिणायन - सूर्य की उत्तर और दक्षिण की ओर गति।
पहले के एक वीडियो में, हमने सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की गति के बारे में जाना था।
जैसा कि आप जानते हैं, कि सूर्य प्रतिदिन पूर्व दिशा में उगता है।
लेकिन पूर्व दिशा में यह स्थान साल भर बदलता रहता है।
स्टेलेरियम ऐप में लिए गए इस एनीमेशन में हम यह स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
यह बदलाव मुख्यतः पृथ्वी की झुकी हुई धुरी के कारण होता है।
आइए एक मॉडल की मदद से इस सूर्योदय के स्थान में होने वाले बदलाव को समझने की कोशिश करें।
गियर के साथ लगी इस प्लेट को हाथ से घुमाया जा सकता है।
गियर के कारण पृथ्वी की धुरी को ठीक से दिखाया जा सकता है।
स्पोक पृथ्वी की धुरी के रूप में कार्य करेगी, जो एक कोण पर झुकी हुई है।
जब हम इसे घुमाते हैं, तो आप धुरी के झुकाव को देख सकते हैं।
यह बड़ी गेंद हमारी पृथ्वी है।
फोन की टॉर्च सूर्य के रूप में काम करेगी। आइए इसे केंद्र में रखें।
हम बड़ी गेंद पर एक और फोन लगा देंगे।
इस फ़ोन का कैमरा, सुबह क्षितिज पर उगते हुए सूर्य की स्थिति को रिकॉर्ड करेगा।
इस डायल पर महीनों के नाम उचित स्थान पर दिखाए गए हैं।
21 मार्च - वसंत विषुव
21 जून - यानी ग्रीष्म अयनांत या संक्रांति
23 सितंबर - शरद विषुव
22 दिसंबर -यानी शीतकालीन अयनांत या संक्रांति
बायां फ्रेम दृश्य को ऊपर से दिखा रहा है, जबकि दायां फ्रेम पृथ्वी से देखा गया सूर्योदय दिखा रहा है।
आइए 21 मार्च से शुरुआत करें। जो एक वसंत विषुव भी है। इसमें दिन और रात बराबर होते हैं।
इस दिन सूर्य ठीक पूर्व में उगता है और ठीक पश्चिम में अस्त होता है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में दिन और रात बराबर होते हैं।
इस समय सूर्य की स्थिति थोड़ी सी उत्तर की ओर खिसक गई है।
21 जून - इस दिन उत्तरी गोलार्ध में दिन लंबे और रातें छोटी होती हैं।
21 जून को यह उत्तर दिशा में अपने चरम स्थान पर पहुंच जाता है।
इस दिन के बाद से, यह दक्षिण दिशा की ओर अपनी यात्रा शुरू करता है,
जिसे दक्षिणायन कहा जाता है।
23 सितंबर को भी यह 21 मार्च वाली स्थिति में ही रहता है।
जिसे शरद विषुव भी कहते हैं। इस समय उत्तरी गोलार्ध में दिन और रात बराबर होते हैं।
सूर्योदय के स्थान की यात्रा 22 दिसंबर तक दक्षिण की ओर चलती रहती है।
अब यह दक्षिण दिशा में अपने चरम स्थान पर है।
इस दिन से सूर्य अपनी उत्तर की तरफ यात्रा प्रारम्भ करेगा। इसे उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है।
21 मार्च को सूर्य पुनः उसी स्थान पर उगता है।
आपको दिखाने के लिए यहां पृथ्वी से देखे गए सुर्योदय के स्थानों का एक दृश्य दिया गया है।
इसे रिकॉर्ड करते समय, हमने अपना कैमरा भूमध्य रेखा पर रखा था।
पूरे साल में पृथ्वी के दूसरे स्थानों से सूर्योदय को देखना और भी दिलचस्प होगा।
सूर्योदय की तरह, आप सूर्यास्त को भी देख सकते हैं।
पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कोण में बदलाव करने से क्या होगा? इसके बारे में आपका क्या ख्याल है।
इसे भी आज़मा कर देखिए।
धन्यवाद
#astronomy
#northward
#uttarayan2023
Пікірлер: 28
Great work 👍👍🙏
Om grahni Suraya namha🌞💐💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Ingenious!!
Excellent.
excellent keep up th great work
Very nice presentation.
Amazing!!
Best video on internet for jyotish 100 likes
एकदम मस्त. ☝️👍
समजावून सांगताना माॅडेल बनवण्यासाठी वापरलेल्या वस्तू आणि पध्दत खूपच कौतुकास्पद आहे...
5:03
So beautifully explained. Please make more such videos in hindi. So that we can teach our children about ancient Indian knowledge
Awesome👍
This is a fantastic tutorial and you're making a positive impact.
Koee bhi rasi 21 ya22 ko suroor hota hai, to sankranti 14/15 Tarik ko kese?
Nice
Thank you
कृपया ये सभी वीडियो को इंग्लिश में भी बनाएं जिससे कि इंग्लिश मध्यम बच्चों को भी इसे समझाया जा सके ये बाहत अच्छा कंटेंट हैं
@mandarghaisas.9001
5 ай бұрын
English subtitles are available
Good. Direction not shown.
Nicely made models. On the topic, my question is, if the 22nd Dec is the day of उत्तरायण, why do we celebrate it on 14th Jan? What is the significance of 14th Jan?
@RavindraGodbole
8 ай бұрын
Long time back uttaryan used to happen on this day. Now it is not. It is attributed to precession of Earth's axis.
@gohilurvish
8 ай бұрын
@@RavindraGodbole Apart from this, all the Indian festivals are based on Tithi. How come this is based on Gregoriyan date?
@Silent_arhats
7 ай бұрын
In present, 22 nd December is the date of uttarayna but the date of 14-15 January sun enter in the makar rasi that's why we celebrate it as surya makar sankranti, not uttrayana.
ऐसा लगता है, आपने एक ही परिभाषा को २ बार कह दिया है। कृपा वीडियो की जांच करें। वरना कई सारे लोगों तक गलत ज्ञान पहुंच जाएगा।
उत्तरायन मकर संक्रांति से होता है या 22 दिसंबर से कृप्या बतायें मकर संक्रांति तो 15 जनवरी को होता है
@RavindraGodbole
6 ай бұрын
22 December
@satyendramishra7877
6 ай бұрын
@@RavindraGodbole व्रत त्योहार निरयन पर आधारित है। सायन मान से 22 दिसंबर होगा।