आत्मज्ञानी की सुषुप्ति अवस्था ही समाधि है ! The sleeping state of the Self-realized is Samadhi.
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Пікірлер: 48
Param pujya Shri sadgurudev Bhagwan Ji ke Pavan Shri charanon mein koti koti pranam❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Jai Guru Maa Ji ki 🎉🎉🎉
परम पूज्य युगपुरुष अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी श्री सतगुरू देव भगवान को सादर दण्डवत् प्रणाम।
दुर्लभम् मानुषौ दैहो दैहिनाम् क्षणभंगुर: स्थीतश्च यत्र कुत्रापि मुक्तो सो नात्र: संशय: । साष्टांग दंडवत प्रणाम गुरुदेव।
जितनी जल्दी आतमा ए अपना स्वपरिवतँन करेगी ऊतना ही बेहदका विष्वपरिवतँन जल्दी होगा 108कि माला बनानी है बादमे 1008भी आएगें बेहदके बेहदकी सभी आतमा ए जागृत हो बेहदका विष्वपरिवतँन जल्दी हो सभी आतमा ओका कल्याण हो परम महाशान्ति 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🙏🏾❤️ प्रभु कोटि-कोटि नमन करते हैं।❤️🙏🏾
Sadgurudev Bhagvan ki jay ho Shri Charno Mein Koti koti naman 🙏🙏🙏
Shatat shatat naman guru dev bhagwaan🙏🙏🙏🙏🙏
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपकी योगमे ध्यान स्थिर करने कि आतमा को शुरुआत करने के लिए बहुत अच्छी है सभी आतमा ओको परमशान्ति का अनुभव जरूर कराना परमपिता परमात्मा से अलमाइटि ओथोरिटि से योग जरूर लगवाना बेहदकी परम महाशान्ति 👏👏👏👏👏👏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💖💖💖💖💖💖💖🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
ॐ सत्गुरु देवाय नमः शिवाय ॐ राम भगवान् प्रणाम 🌹🙏🌹🙏
ॐ परम पूज्यनीय श्रीसद्गुरूदेव भगवानजी के पावन श्रीचरणों में सादर कोटि - कोटि नमन
Naman prabhu🙏🙏🙏
जय जय श्री गुरुदेव दत्त कोटी कोटी प्रणाम गुरुदेव
Jai ho Maharaj Ji
🙏
Jai guru Dev
नमन सदगुरुदेव भगवान के चरणों में🙏🙏🙏💓
श्री राम, जय राम, जय जय राम 🌺🙏🙏🌺
Srigurucharanmevandan
Swami ji namo narayan. Sashtaang dandawat pranam 🙏🙏🙏
🙏💐🙏
परम् पूज्य सद्गुरू श्री युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरी महाराज जी के पावन चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🌺🌺🙏🙏🌺🌺
@gopalkeshrani325
2 жыл бұрын
l
@rameshchauhan7320
Жыл бұрын
@@gopalkeshrani325
Param pujya Gurudev ji ke Pawan charno mai koti koti Naman 🌹🌹🙏🙏
ॐ शान्ति: शान्ति:शान्ति:🙏🙏🙏
अद्भुत प्रबचन, जय हो गुरूजी की 🙏🌹
Gurudev ko PRANAM mai apko Pichhle 2 varsh se you tub ke madhyam se sun raha hu. Mujhe jagrat me attmbhav to kabhi kabhi khyal me Ata hai Par swapna awastha me dehatm bhav hi Bna rahta hai.
दिया जलानेके लिए जितनी आगकि जरूरत पडती है ऊतनी भी परमलाइट किसिभी आतमा ने पा लिया तो दो भृकुटि के बीच आतमा पोईँट ओफ लाईट है उसमे लानी है अपनी आत्मा एक स्टार कि तरह चमकती है परम महाशान्ति 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
Kya me grudikha le sakti hu btaye kab
@AkhandParamDham7011
2 жыл бұрын
8126814006 Aap is number par sampark karen
क्या गुरुजी से में बात कर सकता हूँ , मेरा एक प्रश्न में संचय निवारण चाहता हूँ गुरुजी से
@AkhandParamDham7011
2 жыл бұрын
8126814006 Aap is number par sampark karen....
साधारण मनुष्य की सुषुप्ति अवस्था तो गहरी निद्रा है जो की तमोगुण के प्रभाव से होती है जो अज्ञान जनित है जबकि ज्ञानी की समाधि एक सुषुप्ति अवस्था है परंतु वो तमोगुण के कारण नही है और गहरी निद्रा नही है बल्कि ज्ञानी इस अवस्था में जाग्रत होता है
@mohanlalgurjar892
2 жыл бұрын
आपकी बात से दो निष्कर्ष निकाल रहे हैं महात्मा जी ,१, ज्ञानी में तमोगुण नहीं होता २ सुसुप्ति में ज्ञानी निद्रा में नहीं होता । क्या ये शास्त्र सम्मत है अनुभव में आया है किसी को भी । कृपया प्रसंग सहित प्रमाण सहित स्पष्ट करने की कृपा करें । मैं पिछले १४ वर्ष से महात्माओ से उपनिषद गीता ब्रह्म सूत्र आदि पढ़ रहा हूं पर ऐसा कहीं उल्लेख नहीं पाया है ।कि ज्ञानी में तमोगुण नहीं होता वे नींद में नहीं होते
@shashankparihar4984
2 жыл бұрын
@@mohanlalgurjar892 आप ठीक से समझ नही पाए, समाधि को समझाने का प्रयत्न किया है जैसे सुषुप्ति अवस्था में कोई इंद्रियाँ नही होती हैं क्युकि वहां कार्य का सिद्धांत नही होता है केवल कारण होता है, समाधि सुषुप्ति अवस्था के जैसी होती हैं परंतु इसमें ज्ञानी जाग्रत होता है, तमोगुण के बिना निद्रा कैसे आयेगी, समाधि में ज्ञानी जागृत होता है
@mohanlalgurjar892
2 жыл бұрын
@@shashankparihar4984 महात्मा जी प्रणाम आपकी बात ठीक से समझ नहीं पाए इसीलिए समाधान चाह रहे हैं सुषुप्ति में इंद्रिया नहीं होती यह भी समझ में नहीं आ रहा है इंद्रियां हमेशा रहती हैं तभी तो जागने पर काम करने लगती हैं सुषुप्ति में मन इंद्रियों को जगह नहीं पाता इसलिए लय रहती हैं मन को इंद्रियों की आवश्यकता नहीं रहती समाधि सुषुप्ति अवस्था एक जैसी नहीं होती समाधि कृतिम है उसमें समाधि करता होता है वह कृतिम अवस्था अभ्यास प्रयत्न का परिणाम है निद्रा सहज है इसमें कोई निद्रा का कर्ता नहीं होता । हजारों समाधिया भी निद्रा की पूर्ति नहीं कर सकती निद्रा आवश्यक है समाधि आवश्यक नहीं है निद्रा अनिवार्य है आवश्यक है समाधि में ज्ञानी जागृत रहता है तो क्या समाधि में अज्ञानी जागृत नहीं रहता समाधि में ज्ञानी अज्ञानी का भेद है समझ में आता है
@shashankparihar4984
2 жыл бұрын
@@mohanlalgurjar892 इंद्रियाँ जाग्रत और स्वप्न अवस्था में रहती है, आप दोनों अवस्थाओं में इंद्रियों से सब अनुभव करते हो जबकि सुषुप्ति अवस्था में इंद्रियों के माध्यम से कोई अनुभव नही होता है आप अत्यंत गहरी निद्रा में होते हो जहां कोई अनुभव नही होता है
@mohanlalgurjar892
2 жыл бұрын
@@shashankparihar4984 स्वप्न में इंद्रियां जागृत नहीं रहती महात्मा जी मन ही इंद्री बनता है मन ही अनुभव बनता है मन ही अनुभव कर्ता बनता है याने स्वप्न में जो कुछ भी बनता है वह मन बनता पड़ता है तभी तो वह स्वप्न है मन का संसार है मन वहां स्वयंभू रहता है वहां का इंद्री के वहां का प्रकाश वहां का जगत वहां का अनुभव वहां का अनुभव कर्ता वहां के अनुभव की प्रक्रिया सब कुछ । इंद्रियों के जागृत रहते हुए स्वप्न निद्रा असंभव है।