These are the facts and farce about Manu Smriti I CASTE SYSTEM I ANTI WOMEN I RSS
These are the facts and farce about Manu Smriti I CASTE SYSTEM I ANTI WOMEN I RSS
मनु स्मृति कब लिखी गई? इसे लिखने वाले कौन थे? मनु स्मृति के रचयिताओं ने मानव समाज के लिए किस तरह के नियम-कानून बनाए? क्या मनु स्मृति ने भेदभावकारी जाति व्यवस्था की आधारशिला रखी? क्या ये दलितों और स्त्रियों के ख़िलाफ़ है? अंबेडकरवादी इसका दहन क्यों करते हैं? देखें सच का सामना। एक विशेष श्रंखला जिसमें वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार और प्रो. राम पुनियानी भारत के इतिहास से संबंधित गलत धारणाओं और तोड़े-मरोड़े गए तथ्यों पर से पर्दाफाश करेंगे
When was Manu Smriti written? Who was the one to write it? What kind of rules and regulations did the authors of Manu Smriti make for human society? Did Manu Smriti lay the foundation stone of the discriminatory caste system? Is this against dalits and women? Why do Ambedkarites burn it? Watch Sach Ka Saamna. A special series in which senior journalist Mukesh Kumar and Prof. Ram Puniyani will expose the misconceptions and distorted facts related to the history of India
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#ManuSmriti #Hinduism #SachKaSaamna
Пікірлер: 1 800
ज्ञानवर्धन सार्थक वार्ता के लिए डॉ. पुनियानी जी का हार्दिक धन्यवाद।
@kiteora
2 жыл бұрын
@Stock 4me You can enjoy your free speech, because constitution has enshrined this on you, otherwise with Manu Smriti you would have been sacrificed to please the Gods. Your choice of words clearly shows your class and how irrelevant it is too engage with you in any future conversation.
मुकेश जी और पुनियानी जी की सार्थक बहस मनुस्मृति तथा ब्रह्मणवादी मानसिकता की की है । भारत में बौद्ध और जैन धर्म का हिन्दु धर्म की आडम्बर अंधविश्वास पाखंड को जनता को समझाया । सार्थक चर्चा बहुत बढ़िया
@vkchadha7430
2 жыл бұрын
Bodh Dharam mein bhi do tareh ke hain aur Jain Dharam mein bhi digambar aur shwetambar Hain Jo apas mein sambandh nahi rakhte.Sirf Hinduon ko jation aur samudayon ke Karan doshi manna uchit nahi hai.
@prafullamishra5697
2 жыл бұрын
@@vkchadha7430 Absolutely right sir
@kaafir4579
2 жыл бұрын
ram puniyani baampanthi hai ek no ka dogla manusmriti me chhercchhar kia gya hai y log galat bolta hai
@sanjivdixit6758
Жыл бұрын
The program divides us . Buddhism/ Jainism/ Sikhism/ Lingayats are no different & which is why there is no dispute among them & with rest of Hindus.
@freepaytmcash9847
Жыл бұрын
Pehle pata kar le Manu ब्राह्मण tha ki nahi 😂😂
छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में एक प्रथा प्रचलित थी जिसके अनुसार नवविवाहिता स्त्री को शादी की पहली रात राजा के घर रहना पड़ता था। इस विषय पर भी कुछ बोलना चाहिए
@divyanshkumar6453
2 жыл бұрын
इसे शुद्धिकरण कहते, जो तथाकथित सवर्ण मानने वाले लोग जो अपने आप को शुद्ध समझते थे वह मानते थे कि शूद्रों को विवाह से पूर्व उनके यहां शुद्धिकरण के लिए आना चाहिए जिससे स्त्री शुद्ध हो जाए।
@divyanshkumar6453
2 жыл бұрын
एक देवदासी प्रथा भी है भाई जिसके बारे में यदि आपने पढ़ लिया तो रूह कांप जाएगी आपकी, इस प्रथा के अनुसार स्त्रियों को मंदिर में देव दासी बना कर दान कर दिया जाता था जहां पर उसके साथ वहां एक प्रकार से भोग की वस्तु बन जाती थी
@hirdeshbhargava
16 күн бұрын
अकबर ने चलाई थी ये प्रथा।
बिलकुल सही कह सकते है की मनुस्मृति एक गुलाम बनाए रखने का ही प्रोसेस है
@kangenwithaniitan9077
2 жыл бұрын
kzread.info/dash/bejne/dZ-Xs5ebnMy8k7A.html
@bharatvora4141
2 жыл бұрын
मनुस्मृति बनाता सवर्ण ब्राह्मण लोग ऑर खुद को शुद्र ( ओ बी सी ) सवर्ण मान ने वाला नियमों को फोलो करते हैं ।बहुजनो समजो ।
@satyendrapande9790
2 жыл бұрын
Is vulgate book ko sabko padhna chahiye fir isko burn karo
@panditsatishattri306
10 ай бұрын
@@bharatvora4141 ये पुनियानी हरामजादा वर्ण व्यवस्था को मनुस्मृति में जन्म से बता रहा है,जबकि प्रत्येक श्लोक में कर्म पर आधारित है।
@parmatmakumar-co8jb
5 ай бұрын
अंग्रेजो ने हम भारतीयों को कैसे गुलाम बनाया भाई क्या वो भी मनुस्मृति का सहारा लिए। ब्रिटिश शासन से पहले के भारतीय ग्रंथ पढ़ कर देखो फिर समझ में आयेगा की जातिवादी व्यवस्था किसने बनाया। और अगर जाति व्यवस्था ग़लत है तो फिर संविधान में क्यों जाति व्यवस्था है उसे भी जला सकते हो।
मैने मनुस्मृति 2019 में पढ़ी थी वास्तव में ये ग्रन्थ घृणा ही फैलाने वाला है।मैने संकल्प किया कभी इसे पढ़ने की किसी को प्रेरणा भी नही दूँगा।
@rohitkhelwal9261
2 жыл бұрын
Right
@deekshadongre6714
2 жыл бұрын
सही है
@_0898yt_
2 жыл бұрын
Sabhi ko ye dharmik granth padne ki prerna deni chahiye kyonki
@vishalideokar5176
2 жыл бұрын
👍👍
@vishalideokar5176
2 жыл бұрын
@@rohitkhelwal9261 Hi 👋😊
मुकेश जी और राम पुनियानी जी, आप दोनों को ढेर सारा अभिनंदन और बहुत बहुत धन्यवाद मनुस्मृति को अच्छी तरह समझाने के लिए। ब्राह्मणों ने बड़ी ख़ूबसूरती से मनुस्मृति को बनाया और लोगों को भयभीत कर के आज भी चला रहे हैं…! बुद्धिमान ब्राह्मण सत्ता में शीर्षस्थ भी रहे और सामान्य ब्राह्मण देवी देवता, भूत पिशाच और दूसरे जन्म का डर बता कर लोगों से पैसा, आभूषण आदि दान के रूप में लेते भी रहें…! बढ़ियाँ संयोजन…!!
@deekshadongre6714
2 жыл бұрын
सही है
देश के हर नागरिक को मनुस्मृति के दुष्प्रभाव को उजागर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
मनुस्मृति किसी भी सभ्य समाज मे एक कलंकित कलंक कहा जाना ही उचित संज्ञा दी जा सकती है।
@HanumanManMohan
2 жыл бұрын
Padha hai tumne
@rakshasg3725
2 жыл бұрын
@@HanumanManMohan तुमने पढ़ा ?????
@romilmahant2971
2 жыл бұрын
@@HanumanManMohan yes, tum bhi padh lo bhai, book se padhna, watsapp se nhi
@rakshasg3725
2 жыл бұрын
@@romilmahant2971 भारत और भारतीयता पर,मानव समता पर,जन्म से जाति/वर्ण निर्धारण के बकवास पर,वर्ण-जाति अनुसार दण्ड/पुरस्कार के बारे में मनुस्मृति के आदेश बतायें!!
@arjunrathod3864
2 жыл бұрын
Manusimriti ek science hai humanity ka bas need hai to dimaag kholkar padne ki kyonki manu bhawaan ne insaan ka pehla bhagwaan maa ko hi bataya hai yeh to uska basic science hai samjhne aur seekhne aur jin logo ke dimaag khulein hai unke liye
राम पुण्यानी जी और भाई को सच्ची बात बताने के लिए तहे दिल से लाखों लाख बार सलाम
@ravipchhokar3792
2 жыл бұрын
सही कहा आपने,,,,,,, सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए, चाहे वो कड़वी या मधुर हो।हम आपसे भी इसी तरह की उम्मीद करते हैं कि आप भी इस्लाम धर्म की उन सामाजिक बुराइयों को समझकर, स्वीकार करें और उसपर चर्चा करें। जिससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है, फिर उनका समाधान निकालने पर समाज सुधारकों को वो समाधान समाज में लागू करने वाले आंदोलन चलाने चाहिए। हर धर्म,समुदाय में जो बुराइयां हैं,उन समाजों के पढ़े लिखे लोगों का फर्ज़ बनता है कि उन सामाजिक बुराइयों को दूर करने वाले असरदार उपाय करने चाहिए। धन्यवाद
@NadeemKhan-bz8hb
2 жыл бұрын
@@ravipchhokar3792 Koran se Bharat me kisi ko fark nhi padta Kyuki bahusankhyak Hindu hai aur RSS ka ek hi lakshya hai Manusmriti ko as a samvidhan laagu karna 🤔🤔🤔 Jisse obc SC ST ki gulami pakki hai 🙄
@ravipchhokar3792
2 жыл бұрын
@@NadeemKhan-bz8hb वो बात अलग है,लेकिन क़ुरान में जो कुरितियां और बुराइयों को तो बताना हर सच्चे मुस्लमान का फर्ज़ बनता है ना, मुस्लमान यानी जिसका ईमान मुकम्मल हो,,,,,, मुस्लिम समुदाय को कितने साल हो गए हैं रहते हुए, आज़ भी उनकी स्थिति बद। से भी बदतर हो गई है। मनु-स्मृति ने तो OBC, ST, SC को सक्षम नहीं होने दिया, लेकिन मुस्लिमों को किस वजह से शिक्षित और समृद्ध नहीं होने दिया। जबकि मुस्लिम समुदाय को सरकार की तरफ से भी बहुत अनुदान दिया जाता रहा है। इस बात को स्वीकार किया जाए या नहीं,,,,,आप खुद ही सोचिए और उस मुस्लिम समुदाय से न्याय कीजिए जो अशिक्षित, अपराधी और अतिपिछड़ा है। इस बात को स्वीकार कर गहराई और गंभीरता से समझना होगा,हर भारतीय मुसलमान को,,,,,,, जय फुले दम्पति, जय बाबा साहेब, जय छोटूराम, जय कांशीराम,,,,,,, #जय भीम जय भारत#
@razamojizraza
2 жыл бұрын
@@ravipchhokar3792 PHULEY FAMILY WAS ABLE TO MAKE THEIR MARK IN HISTORY BECAUSE OF A GREAT MUSLIM LADY NAMED AS FATIMAH WHO PROVIDED THE LAND FOR THE TEACHING CLASSES.
@ravipchhokar3792
2 жыл бұрын
@@razamojizraza आपने जो लिखा है वह सही है लेकिन मैं आपसे पूरी तरह से सहमत नहीं हूं। क्योंकि आपने मेरे सवाल का जवाब वाजिब नहीं दिया है। मैंने जो सवाल किया था, आपने जवाब उससे एकदम अलग दिया है।आप यह जरूर सोचिएगा की फुले दम्पति को पाठशाला के लिए जमीन मुहैया कराने वाली फातिमा बी ने शोषितों और वंचितों के साथ साथ महिला व बालिकाओं को शिक्षा दिलाने में मदद की, जो उन दिनों के हालातों में एक महान क्रांतिकारी परिवर्तनों में से एक था। देश उन महिलाओं और महापुरुषों का क़यामत तक ऋणी रहेगा जिन्होंने देश व समाज को जागरूक किया। लेकिन बावजूद इसके मुस्लिम लड़की और महिलाओं की शिक्षा में सुधार क्यों नहीं आया। दुसरी बात यह है कि अगर फुले दम्पति को जमीन मुहैया मुस्लिम महिला ने नहीं की होती तो क्या फिर पाठशाला नहीं बनाया जाता। आप की सोच और जवाब पर तरस आता है। आपको अहसान मानना चाहिए उस महान फातिमा बी और फुले दम्पति का जिन्होंने आपसी भाईचारे को बढ़ावा दिया और अब इतिहास में हमेशा हमेशा के लिए याद किया जाता है।इन बातों से धर्म बड़ा नहीं होता है बल्कि हर अच्छे लोगों के अच्छे कार्यों के कारण ही धर्म बड़ा कहलाता है ना कि धर्म से कोई व्यक्ति बड़ा कहला सकता है। @इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही पैगाम हमारा........# आपसे एक निवेदन है कि आप अंग्रेजी में चर्चा ना करें क्योंकि मुझे अंग्रेजी कम आती है। आपको अंग्रेजी अच्छी आती है बहुत खुशी की बात है, लेकिन अगर चर्चा हिन्दी में हो तो काफ़ी लोगों को समझने में आसानी होगी। धन्यवाद।
मनुस्मृति मानसिक बिमार पोंगा पंडित गोबर भक्त के ग्रंथ ही साबित हुआ है
@anilsinghal2312
2 жыл бұрын
जिन्हें हिन्दू पध्दति पसंद नहीं तो उसे छोड़ने का उन्हें अधिकार तो उनके पास है ही. तुरन्त इस पध्दति को छोड़ दो.
@devasharma5478
2 жыл бұрын
@@anilsinghal2312 han to koi mutpine wale dharm ko chodna chahe to fir tum logon ko bura kyn lag jata he…….Ambedkar ne sahi kaha tha….hindu dharm chod ke kisi bhi dusre dharam me chale jao
@anilsinghal2312
2 жыл бұрын
@@devasharma5478 कतई किसी को बुरा नहीं लग रहा है. ऐसे लोगों से तो सिख धर्म भी पसंद नहीं कर रहा. सिंधु बार्डर पर धर्म प्रेमी निहंग सिख ने अपने ग्रंथ को ऐसे लोगों से बचाने के लिए बहादुरी दिखाई है. मंदिर प्रवेश तक पर आपत्ति जगजाहिर है. ये लोग जितनी जल्दी बौध्द बन जायें वही बहतर है. मीडिया की खबरों के अनुसार लोग इन्हें पास तक बैठाना पसंद नहीं करते, इनके हाथ का पानी तक नहीं पीते, अपना मकान तक किराए पर नहीं देते, ऐसी स्थिति में बुरा लगने का तो प्रश्न ही नहीं.
@inayatullahmuhammad6299
2 жыл бұрын
Qqq
@brajkishorebalendu2010
2 жыл бұрын
@@anilsinghal2312 मानसिक बिमारी के इलाज भी किया जाता है और किया जायेगा!
मनुष्य मृति एक राक्षसी ग्रंथ है कैसे मानव का विनाश यही बताता है
प्रोफेसर श्री मुकेश कुमार जी एवं इतिहास के जानने वाले विद्वान श्री राम पुनियानी जी आपको तहेदिल से जय भीम नमो बुद्धाय, आप दोनों विद्वानों ने मिलकर इतिहास से अनजान लोगों को इतिहास के बारे में नयी दिशा और रोशनी💡🔦 देने का अनूठा प्रयास किया है जो सराहनीय एवं प्रशंसनीय है🙏💕
मनुस्मृति बहुजनों को गुलाम बनाने का एक कुत्सित प्रयास हैं हमें बुद्ध फुले पेरियार और बाबा साहेब के सपनो का भारत बनाना है।
@Thepatriot8356
2 жыл бұрын
इसे पढ़ता ही कौन है।हमारे धर्म मे बहुत सारी किताबे है पर जो सबसे बुरी है उसी पे चर्चा होती है। आज के कितने युवा होंगे जो इसे जानते और पढ़ते होंगे सिर्फ वही जिन्हें मंच पर बैठकर बुराई करनी है। और दूसरी किताबे पढ़ लो जैसे श्रीमद्भागवत गीता
@user-bu2kq6wv4b
2 жыл бұрын
@@Thepatriot8356 : जब सत्ता में हीं मनुवादी बैठे हैं! सत्ता के हिसाब से प्रजा और देश चलता है! BJP आने के बाद इस किताब पे कुछ ज्यादा हीं चर्चा शुरू हो गया है! सरकार तो कांग्रेस की भी थी उस टाइम इतना तो नहीं था!
@Thepatriot8356
2 жыл бұрын
@@user-bu2kq6wv4b में भी उसी प्रजा में से हु। तुमसे कुछ छीन लिया क्या सरकार ने। सरकार मनुवादी कैसे हुई बताओ तो
@user-bu2kq6wv4b
2 жыл бұрын
@@Thepatriot8356 : कुछ छीन लिया? बचा हीं क्या है?
@Thepatriot8356
2 жыл бұрын
@@user-bu2kq6wv4b अरे भाई बताओ तो क्या बुरा कर दिया तुम्हारे साथ सरकार ने कुछ पॉइन्ट तो लिखो बस एक ही लाइन बोले जा रहे हो सब बर्बाद हो गया
ये शैतान शास्त्र है।
@satyendrapande9790
2 жыл бұрын
It is v ugly book
मनुस्मृति को सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, क्योंकि इसकी बहुत सी बातें संविधान की मूलभावना के विपरीत है ,जैसे : महिलाओं और sc, st, obc ko अपमानित करती हैं l
@s-jov5660
2 жыл бұрын
✌
@sowmenmukherjee-team7916
2 жыл бұрын
Apke paas jo book hai, us book ka amazon link bhejiye, mai khud ekbaar padkar dekhunga aur khud uska visleshan karunga.
@rakshasg3725
2 жыл бұрын
@@sowmenmukherjee-team7916 बाजार से खरीद लो,उपलब्ध है!!
@diliprathod9554
2 жыл бұрын
@@sowmenmukherjee-team7916 apke pass book he us kis time me likhi gyi he kis bhasa lipi me likhi gyi he usko likhne vala ka name kya he hme batayiye aapke pass to orijnal hogi
@jsk.2005
2 жыл бұрын
Bhiya ye sarkar hi Manu smriti Lana chahti hai ye RSS ke hi log hein ruling govt mein
ब्राह्मण वाद के सारे धर्म ग्रंथों की रचना छठी शताब्दी के बाद की है, संस्कृत भाषा भी बुद्ध के बाद की है, संस्कृत पाली और प्राकृत के बाद की भाषा है, क्योंकि किसी भी धर्म ग्रंथों का पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है
@mohindersingh1435
2 жыл бұрын
Many Smariti is a big blot on humanity
@ganeshbanerjee9841
2 жыл бұрын
बुद्ध स्वयं एक संस्कृत शब्द है
@dharmikrakshak8340
2 жыл бұрын
Taqqiyya
@sweetnidhi6288
2 жыл бұрын
@@ganeshbanerjee9841 अगर बुद्ध संस्कृत का शब्द है तो संस्कृत में बुद्ध का अर्थ क्या होता है।
@atulsingh4495
2 жыл бұрын
Bhasha ke baare me vivaad hai.humaara maanana isse alag hai bashaye samkaaleen hi rahi hongi ya kuch aage peeche par rajya prabhutva ghatne badhane ke karan samapt hui jaise ki sanskrit ka ant hindi ke roop me ya anya bhasao ka vilupt ho jana ye bhi rajya shashan se badalne ke karan hua.iske avshesh aap aaj bhi dekh sakte hain jaha rajyo me hindi ek tarah probitated language hai ya majboori ki bhasha hai.pakistan me to lipi ka sampoorna naash hi hai.
Today is 79th foundation day of Azad Hind Fouz (INA) having 43000 soldiers.They had done matchless sacrifices to attain Freedom for this country. Mohan Singh ,Shah Nawaz ,Gurbax Singh Dhillon , Prem Sehgal & Mohammad Jama Kiyani were main Generals of INA.🙏
@hirensingharay2157
2 жыл бұрын
And they had one kitchen no bhed bav
@surajgadge7418
2 жыл бұрын
@Stock 4me 65 sall badh pahlli barr itna bhedbhav huaa hai kyear sangii angrejon mugalon kee dllali karne walle Desh kaa pahlle atankwade naturam godse kee kyear sangii ajj Bhagat Singh kee wansjon ko atankwade bolte hain hahahaha 😁😂 kisano ko
@ExplainDigital
2 жыл бұрын
@Stock 4me pahle itihas jano.. u are already hacked by feku's IT cell.. all these books are written around 9th-10th century
@RajpalSingh-cs1zh
2 жыл бұрын
1q
@RajpalSingh-cs1zh
2 жыл бұрын
1q
जिस ग्रंथ में मानव कल्याण न हो, मानव में समानता न हो और मानव समाज में ऊर्जा न दें। ऐसा ग्रंथ अनुपयोगी हैं।
@NadeemKhan-bz8hb
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA Kuch nhi hua woh samajhdaar aadmi hai use pata chal gaya ki tum kaun ho🤣🤣 Ab tu mujhe muslim hone ki wajah se gaali dega🤣🤣🤣
@dakshayjakhia6291
2 жыл бұрын
@@NadeemKhan-bz8hb अत्याचार और असमानता को बढ़ावा देना ही एक उद्देश्य है । राम पुनियानी जी ने इनकी पोल उजागर कर दी है। डॉ अम्बेडकर ने अपनी कइ किताब द्वारा इनके षडयंत्र का पर्दाफाश किया है। छूतअछूत और क्या है, शोषण-दमन का झरिया है। किसी को शर्म भी नही आती है।
@badikhabarsp740
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA bohot hi sarthak bhashya nikala hay aap ne, aap Marich or Shambhuk yah do logon k bare me kya kahana chaonge saksena ji.
@badikhabarsp740
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA antar bhi hay or samanata bhi, samanta yah ki un ko Shri Raam ne mara or antar yah un me se pahale do ka koi kasur nahi tha, rahi baat aap ki to aap vishamta k puraskarta banana chahonge k samanata k yah aap par nirbhar hay. Aap ne jo bhashya aap k gantavya me diye ho or aap jis granth ka support karte ho wah aap k vichardhara k hisab se sahi ho sakate hay par kya sahi me yah naitik hay yah bhi bataiye. Kya aap aaj bhi warna vyavasta ko samaj par thopana chahate ho yah bhi 🙏
@tulsiram5069
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA ऐसे पोंगापंथी संस्कृत शब्दों को पढ़ने और बताने से क्या होगा? धरातल पर तो तुमलोग गैर बराबरी ही करोगे।
ऐसे विवादास्पद विषय पर ऐसा सही प्रकाश डालने के लिए आपका बहुत बहुत आभार और धन्यवाद। ऐसे ही सामाजिक कुरीतियों से पर्दा उठाते रहिए ताकि सभी समझदार लोग समाज में तथाकथित "समरसता" नामके ढौंगी शब्द का बहिष्कार करने केलिए तत्पर हो और समाज में बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर जी की विचारधारा के अनुरूप "समता "का माहौल बनाने में मदद मिले। धन्यवाद जी।
@user-bg3be5sd5c
11 ай бұрын
मुकेश कुमारजी एक दुष्ट व्यक्ति पढ़लिखकर और अच्छी सैलरी पर जाकर ब्राम्हणों से जलन और तीव्र ईर्ष्या का जहर उगलता ही है, यह अच्छी तरह जाना हुआ तथ्य है। प्रोफेसर राम पुनियानी इस्लामिक आतंकवाद के समर्थन, वामपंथी एजेंडा फैलाने, जलन के कारन जो कई जगह इसी तरह की जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं। यह भलीभांति जानी हुई बात है। वैसे जातीय नफरत, ब्राम्हणों के विरुद्ध ईर्ष्यापूर्ण प्रचार में काफी पैसा और अन्य सुविधाएँ भी बांटी जा रही हैं। आप कितना कमाते हैं इसका मुझे पता नहीं है। फिर भी ऐसा ही प्रयास आप पर्यावरण को सुधारने, पशुओं को बचाने, मोहल्ले में स्वच्छता बनाए राखमे में करें तो अच्छा होगा। वैसे इस राम पुनियानी का योग चेहरा नहीं देखना चाहते हैं यह बहुत बदनाम है। कृपया अपनी लोकप्रियता खराब न करें।
सर जैन और बौद्ध धर्म के पहले ब्राह्मण धर्म संस्कृति का क्या कोई ऐतिहासिक प्रमाण स्रोत मिलता है?
@ganeshbanerjee9841
2 жыл бұрын
NCERT की किताबें पढ लीजिए
@sandeepgopalan4934
2 жыл бұрын
Even NCERT ne to Ram or Krisna ke astitva ko hi challange kiya hai
@ganeshbanerjee9841
2 жыл бұрын
@@sandeepgopalan4934 तुमन NCERT पढी है कभी ?
@ganeshbanerjee9841
2 жыл бұрын
@@sandeepgopalan4934 कहां किस पुस्तक में ? किस पृष्ठ में ?
@jaiho1947
2 жыл бұрын
@@ganeshbanerjee9841 NCERT पढ़ लीजिए, पृष्ठ संख्या मिल जाएगी।
Good programme
मनुस्मृति एक संकीर्ण मानसिकता छिन्न-भिन्न संस्कृति का बिगड़ा स्वरूप है यह कोई धर्म ग्रन्थ नही माना जा सकता यह एक सत्ता कबजांवर के सत्ता बनाने के बाद संकीर्ण मानसिकता का भविष्य के लिए दुराचारीयो को उर्जा देने के किया क्योकि अन्ध भगत हर दोर मे रहा
@sanjayveer8993
2 жыл бұрын
कभी पड़ी भी है 😂 ? हाँ कुरान एक शैतानिक किताब है और मैंने क़ुरान पड़ी है
@rajeshhmane5198
2 жыл бұрын
Kaunsi bhasha me likhi manusmriti padhi hai
@MANISHKUMAR-og6ym
4 ай бұрын
Shariya aur manusmriti ek hi sikke ke do pahlu nazar aate hain.
मनुवाद जन्म के आधार पर ही था , वरना शुद्रों को वेदों का ज्ञान वर्जित नहीं किया जाता , यदि शुद्र वेदों की शिक्षा ग्रहण कर लेंगे तो वे ब्राहम्णो के समकक्ष हो जाते ।
सिर्फ दुष्ट प्रवृत्ति के बामन ही अब मनु स्मृति को support करता है l सत्य हिंदी और श्री राम पुण्यानी जैसे विद्वानों का बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने भूत काल में जाकर वर्त्मान के लिए बहुजनों के लिए एक सार्थक और सच्चा ज्ञान दिये 👏👌🙏 ll
इस चर्चा में बौद्ध धर्म का भारत में पूर्णतः समूल उच्छेद कर ब्राह्मणवाद की दृढ़तापूर्वक सफल पुनर्स्थापना करनेवाले आदिशंकराचार्य की भूमिका का उल्लेख अपरिहार्य था।जो नहीं हुवा। यह बड़ी चूक कही जायेगी।
आँप कि sereis बहुत बडीया हे.... keep it up
Thanks Satya Hindi for such meaningful episodes specially Dr Mukesh Kumar sir.
हिन्दू धर्म का आधार है, एक समुदाय को भगवान का दर्जा और दूसरे समुदाय को अछूत। क्या हमें ऐसे धर्म और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए
@GautamKumar-qu7st
2 жыл бұрын
नही
@lalitshah3501
2 жыл бұрын
Bilkul Aise manyata ko jadmul se nest nabud karana chahiye
@siyacharanchaudhary6188
2 жыл бұрын
No
@gyaniyomeinshreshth6448
2 жыл бұрын
मेरे भाई बुद्धि का उपयोग करो सनातन धर्म ही सत्य है।
@AdarshTiwari-hx1wr
2 жыл бұрын
प्राचीन भारत में जातियां तो थी पर जातिवाद नही था..भारत मे कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था थी.. वर्ण (वरण) का एक अर्थ "चुनना" या "ग्रहण" करना भी होता है... वर्ण व्यवस्था मे सभी को कर्म के आधार पर कर्म करते हुए उपर उठने का अधिकार था.. वाल्मीकि जंगल में रहने वाले भील जाति के थे..रत्नाकर (वाल्मीकि) लोगों को लूटता और हत्याये करता था..परंतु बाद में राम नाम जप कर ब्रह्मर्षि हो गए.. इसी तरह विश्वामित्र जन्म से क्षत्रिय थे पर बाद में तप से राजर्षि और बाद में अहंकार का नाश होने पर ब्रह्मऋषि हुए... ,शबरी जो भीलनी थी उसे मतंग ऋषि ने शरण दी और वह राम की भक्ति करते हुए साक्षात राम के दर्शन कर पाई... व्यास केवट जाति की माता से पैदा होने के बावजूद महर्षि वेदव्यास कहलाये और वेद के ज्ञान को ही अट्ठारह पुराण के रूप में प्रस्तुत किया ...राजा भरत(क्षत्रीय) जिनके नाम से हमारे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा...कर्म के आधार पर उनके 100 पुत्रो मे में से 82 वेदपाठी ब्राह्मण, 9 क्षत्रीय राजा और 9 योगेश्वर (सन्यासी) हुए... वही ब्राह्मण माता पिता से जन्म लेने के बावजूद अजामिल,धुन्धकारी आदि को उनके बुरे कर्म के कारण शूद्र (संस्कारहीन) ही माना गया.. ब्राह्मण पिता की संतान होने के बावजूद रावण को उसके निकृष्ट कर्मो के कारण राक्षस ही कहा जाता है...ऐसे अनेको उदाहरण है जिससे सिद्ध होता है कि वर्ण व्यवस्था जन्म आधारित नही बल्कि कर्म आधारित थी... हाँ , हम यह मानते है कि लगातार विदेशी आक्रमणो और उसके परिणाम स्वरूप इस व्यवस्था मे खराबी जरूर आई और समाज में उच्च और नीच का वर्गवाद पनपता और बढ़ता गया... अन्त में अन्ग्रेजो की गुलामी से आजादी के बाद भी हमे हमारी पुरानी व्यवस्था के इतिहास को सही से न बताया गया और न ही पढ़ाया गया.. हमे मार्क्सवाद प्रेरित घृणित इतिहास पढ़ाई गई और हमारा बटाँ हुआ सनातनी समाज और भी बटता ही गया ... आज हमारे आप जैसे युवा भी पूर्व की गलतियों से सीखकर सनातन समाज को एकजुट करने की बजाय उस जातिवाद की ईर्ष्या भरी खाई को और गहरी करने का काम कर रहे है... कृपया सनातन समाज को तोड़ने की बजाय जोड़ने का काम करे जिससे हृदय की ईर्ष्या की अग्नि शान्त होगी और सच्चे अर्थो में आनंद और बुद्धत्व के मार्ग की प्राप्ति होगी ।
Mukesh ji, Manu Smriti ki sateek jaankari ke liye hardik dhanyavad. Manu Smriti ki baat to bahut hoti hai, lekin janta ko bahut kuchh nahi maloom hai. 👌
@brajkishorebalendu2010
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA और नारी वो है जो शादी से पहले पिता के अधीन रहे /शादी के बाद पति के अधीन रहे और पति के बाद पुत्र के अधीन रहे / जो यह नहीं मानते हैं वो कुलक्षणा स्त्री हैं /यह मनुस्मृति के दोगलापन है
@thetruewire9878
2 жыл бұрын
मनुस्मृति एक महान ग्रंथ है जिसे आधार बनाकर पूरे विश्व में सामाजिक, न्यायिक और राजनीतिक व्यवस्था बनाई गई है. इससे सटीक विश्लेषण इस संसार में और कोई किताब में नहीं है.कोई कितना भी पढ़ ले और कितनी भी डिग्रियां हासिल कर ले, वो कभी भी राम, कृष्ण या बुद्ध नहीं बन सकता.
@roshanara4800
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA to Ambedkar ne manusmriti kyun jalayi aur buddh Dharm kyun adopt kya aur yeh kyun kaha ki mein hindu paida to hua hoon lekin hindu marunga nahin.
@roshanara4800
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA don't call them momin they r Pakistani aap bhi zara Jamiat ulama e hind aur unki desh k prati sewa ko jaaniye agar Ambedkar ne Islam nahi qabul kiya to ye muslim ki ghalti thi Islam ki nahin. Maulvi Ahmadullah Shah, maulana Husain Ahmad Madni ko padhiye tab samajh mein aayega ki desh sewa kisne ki thi.
@roshanara4800
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA kariye
बहुत स्पष्ट शब्दों में विषय को समझाया गया है।
Interesting 🧐 information ℹ️ Also understand laws of “Manu Smriti” extended to Burma, Thailand, Cambodia and Indonesia. Manu Smriti was first translated into English by “Sir” William Jones. in 1776 and used to construct the Hindu CASTE Laws for British East India 🇮🇳 Company !!
साधुवाद एवं मंगलकामना।
जो सत्य है वह तो समाज में दिखाई देता है
Untouchability & Casteism main cause of religious conversions..
@kamalkamal-ie1sp
2 жыл бұрын
Apni Ammi aur Appa ko kaale tent me dhak kar kyun rakhta hai
@NadeemKhan-bz8hb
2 жыл бұрын
Are bhai tum apni mata ji aur Didi ko Khajuraho style me rakkho kisne mana kiya hai 😂
@thestoryteller4241
2 жыл бұрын
@@NadeemKhan-bz8hb well said Nadeem Khan.👍
@ikbalazam1513
2 жыл бұрын
@@kamalkamal-ie1sp , Agar auroto Ko kapde pehne me poore adhikar hona jaroori hein to koi aurot poori nange rahna chahe to tumhe usme koi apatti nhi hona chahiye.
@fizasiddiqui3163
2 жыл бұрын
@@NadeemKhan-bz8hb kya bat bol diya bhai,head off
अशोक के जितने भी शिलालेख है, कोई भी संसकृत भाषा मे नही है, कया उस समय संसकृत भाषा नही थी?
@ganeshbanerjee9841
2 жыл бұрын
बुद्ध और महावीर ने लोकभाषाओं -पाली और अर्धमागधी- को बहुत सम्मानपूर्ण स्थान पर पहुंचा दिया था
@vishalideokar5176
2 жыл бұрын
नही थी.
@ganeshbanerjee9841
2 жыл бұрын
'अशोक' स्वयं एक संस्कृत शब्द है
महत्वपूर्ण चर्चा । बधाई । जहां तक मैं समझा हूँ ये मूल लड़ाई इतिहास और कल्पना की है । मसलन, हिन्दू धर्म के अलावा भारत में जितने भी धर्म हैं, चाहे वे इस देश की धरती पर पैदा हुए, फले-फूले या फिर विदेश से आए, वे हकीकत पर आधारित थे जैसे बौद्ध, जैन, इस्लाम, ईसाई और सिख धर्म । इन कल्पनावादियों ने ही समाज को अलग अलग वर्णों और बाद में जातियों में तोड़ा । इसमें जन्म और कर्म का सिद्धांत भी अव्यवहारिक है इससे जो भारत, सम्राट असोक और नन्द के राज में महाभारत बन रहा था, वह सिकुड़ता चला गया । बाबासाहेब ने भारत से महाभारत बनने और बौद्ध-जैन धर्म के उदय को क्रांति कहा था , जो वास्तव में धर्म नहीं धम्म यानि एक जीवन दर्शन, जीवान जीने की कला है । हिन्दू धर्म जो प्रारंभ में हिन्दू नहीं था । इसके कई नाम थे । इसके पुनः स्थापित होने को ही बाबासाहेब ने प्रतिक्रांति कहा है । मनुस्मृति भी उसी प्रतिक्रांति की देन है । क्रांति-प्रतिक्रांति का ये सिलसिला आज तक जारी है । अगर ये सिलसिला रुका नहीं तो भारत के पुनः विखंडित होने का खतरा है । सुदेश तनवर 9868862563 / 9999093364
Ram puniyani ko thanks.. ek dum right bola apne..
@PawanKumar-hj9kc
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA अब क्या रिप्लाई करू आपको सक्सेना जी सदियों se तुम लोगो ने इन ग्रंथो की आड़ मे लोगों को गुलाम बनाया अब तो ये ढोंग करना बंद करो बक्श दो, आने वाले टाइम मे लोगो दूसरे प्लैनेट्स मे रहने लगेंगे. यहाँ तो तुमने ये झूठे भगवान बना दिए.... other planets पर क्या करोगे इस देश को आगे बढ़ जाने दो.. इंसान ने धर्म बनाया है धर्म ने इंसान nahi बाकी गाली देनी है तो दो.. मैं तुम्हारे भीतर मौजूद ईश्वर को नमन करता हूं 🙏
@sabiyasyed5487
2 жыл бұрын
@@PawanKumar-hj9kc kayasth samaj ko apna itihaas hi nahi malum innke bare mai khud manu ke kiya vichar hai kiya inko malum hain? Agar kisi kayastha ki parchhayee Brahman par pad jaye to turant ussko suraj ki taraf dekhna chahiye. Innko Brahman ne Yam ke lekha jokha rakhne wale Chitargupt ka vanshaj bataya. Ram Vishnu Brahma Shiv ka vanshaj nahi kaha. Ye log Shudar samaj ke hain jinhe Brahman ne shadyantar ke karan savarn category mai shamil kiya ye vaishye se neeche hi hain abhi bhi. Ye naye naye sawarn apne ko ziyada sawaran sabit karne mai lage rahte hai. Kabhi kayastha samaj se aane wale Munshi Premchand ko padh lo apne samaj ki sachchai pata chal jayegi.
Very good and informative comments. Thanks Prof Mukesh Kumar ji.
Hats off to you, Mukesh Ji, for bringing out the truth everytime.
प्रो. मो.मुकेशजी, डा. मो. पीडियानिजी आपकी कोशिश रंग लाएगी!कभी न कभी या कयामत तक आपके प्रलाप से दूसरे भी रूदन जरूर करेंगे?प्रकृति के रहस्य से आप परिचित है और प्रकृति आपके आधीन है,मेरा अनुरोध है की आप दोनों ही ईश्वर के मैसेंजर है, मैं आशा करता हूं की आप अवतार ही है !आप सभी विषयों के अधिकृत प्रकांड ऋषि हो...गहरे पानी पैठ के मंडुक तुम्हारी जय जय...
Buddhists era was the golden era of the country
@donhanley1400
2 жыл бұрын
@@sarapara174japan tak gaya bhai....par yahi khatam ho gaya 😂😂😂...... Hinduism sucks
एस सी एस टी ओबीसी एक हो जाओ। जाती छोड़ो रोटी बेटी का सम्बन्ध जोड़ो।
@vinetkumar4339
2 жыл бұрын
Right
@brajkishorebalendu2010
2 жыл бұрын
Good thought! 👍👍👍👍👍
@donhanley1400
2 жыл бұрын
Tumlog Krishna ji banna chodo pehle
@manishrao20
2 жыл бұрын
Bilkul
@siddharth45504550
2 жыл бұрын
Ryt
स्वाभाविक है कि मनुस्मृति के अनुसार जिन जातियों को श्रेष्ठ बताया कहा गया है वे इसकी प्रशंसा करेंगे और जिन्हें निम्न कहा गया है वे मनुस्मृति की भर्त्सना करेंगे । जिस धर्म ने अपने अनुयायियों को ऊंच - नीच में विभक्त कर रखा है ।उस धर्म को धर्म कहना मूर्खता है।
@aalokraj9281
2 жыл бұрын
बिल्कुल सही
@prafullpandhare9943
2 жыл бұрын
Absolutely right 👍
@amandmx
Жыл бұрын
Lekin obc wale aaj v manu ko bhgwan mante hai
@Danube-nu5vl
4 ай бұрын
@@amandmx because they are supposed to be higher than dalits.
जी! प्रो मुकेश कुमार एवं प्रो राम पुनियानी साहब आपने बहुत ही अच्छी और प्रासंगिक चर्चा जनहित मे की है! जब देश और विश्व बहुत बहुत आगे की ओर देख रहे है! मनु स्मृति जैसी किताबे बढ़ती प्रगति के विपरीत हजारो वर्ष पीछे की कलातीत ब्यवस्था की ओर ले जाने का प्रयास है!!!
मनु स्मृति अंधकार का ग्रंथ है
@nityanandsingh3968
2 жыл бұрын
Padhne se andhkar ujjla nahi hota anubhab Karo kya andhkar hai kya ujjla hai
@parmachandyadav2066
2 жыл бұрын
@@nityanandsingh3968 जी , ज्ञान की बात अब जाके आपने की है.. पढ़ने से कोई ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता है.. ज्ञान केवल आपकी सेवा करने से ही प्राप्त कर सकते हैं.. आप यह ज्ञान किसकी सेवा करने के बाद प्राप्त कर लिया है?
@nityanandsingh3968
2 жыл бұрын
@@parmachandyadav2066 gurudev or mata pita ki
@kumarnarayana5105
2 жыл бұрын
@@nityanandsingh3968 sirf apni ya kisis doosre ki bhi.... bhakt-uddin?
@gajendratripathi452
2 жыл бұрын
Tum log khud hi andhkar mai ho ,granth ko andhkar ka bol raha.🤣😂🤣😂😂
Very nice discussion on Manushmriti, many many thanks to Mukesh sir
Congretulation to Dr puniyani sir to give historical knowledge to young people
प्रोफेसर मुकेश कुमार जी तथा माननीय डॉक्टर राम पुनियानी के मध्य तथाकथित विवादित पुस्तक मनुस्मृति पर विस्तृत चर्चा अत्यंत विचारणीय है.. समाज में हिन्दू और मनु के नाम से भयभीत करते हैं कुछ लोग.. कि हम सब मनु की संतान हैं जिनको ब्रह्मा ने अपने पैर के अंगूठे से उत्पन्न किया था.. कहीं तो ऐसा लिखा है कि ब्राह्मण ब्रह्मा के मुख से पैदा हुए है.. कितना विवादास्पद विषय है?
Manu ko dhahan Karna chahiye bahujan samaj ko
The basic concept of Manu Samriti is that knowledge, money and power should exist only with the few. Rest everyone should live in extreme poverty, which has been going on from centuries. Many religions like Buddhism, Jainism and Sikhism have questioned this way of life. Prior to independence the concept of middle class never existed. Thanks to our education system and jobs created by the public sector we see the economic growth of the middle class. Today if India is know to the world is mainly due to the middle class.
@maaz87
2 жыл бұрын
Ustaz I have heard my Indians saying k caste system doesn't exit it was some British Commissioner I forgot his name who conducted first censes and categarozued different castes. Even Ram Madhav is propogagting the same idea, ap Ka version Kiya hai
@KUMAR786NAREN
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA I read manusmiriti. What a bogus book.
@asingh5482
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA , Manusmiriti is modified version of Sanatan Dharma. This possibly happened approximately 2 to 5 thousand years ago. What was considered incorrect in Sanatan Dharma was included in Manusimitri.
@SATENDRASINGH-qe5fu
7 ай бұрын
@@KUMAR786NARENmene v padha h behad hi ghatiya bakwas wahiad kitab h ,ab me is kitab ko apne washroom me rak dia h as a toilet paper use karta hu
आप दोनोको नमन ! ब्राम्हणबादी बिषमतामूलक मनुस्मृती के मूल्य मान्यताके बारेमे सूक्ष्म विश्लेषण करके जानकारीयाँ देनेके लिए मै नेपाल से आभार व्यक्त करता हुँ । नमो बुद्धाय: ! जय भीम !!
बहुत महत्त्वपूर्ण ज्ञान, आप दोनों का आभार 🙏🙏
@user-bg3be5sd5c
11 ай бұрын
मुकेश कुमारजी एक दुष्ट व्यक्ति पढ़लिखकर और अच्छी सैलरी पर जाकर ब्राम्हणों से जलन और तीव्र ईर्ष्या का जहर उगलता ही है, यह अच्छी तरह जाना हुआ तथ्य है। प्रोफेसर राम पुनियानी इस्लामिक आतंकवाद के समर्थन, वामपंथी एजेंडा फैलाने, जलन के कारन जो कई जगह इसी तरह की जानबूझकर दुष्प्रचार करते हैं। यह भलीभांति जानी हुई बात है। वैसे जातीय नफरत, ब्राम्हणों के विरुद्ध ईर्ष्यापूर्ण प्रचार में काफी पैसा और अन्य सुविधाएँ भी बांटी जा रही हैं। आप कितना कमाते हैं इसका मुझे पता नहीं है। फिर भी ऐसा ही प्रयास आप पर्यावरण को सुधारने, पशुओं को बचाने, मोहल्ले में स्वच्छता बनाए राखमे में करें तो अच्छा होगा। वैसे इस राम पुनियानी का योग चेहरा नहीं देखना चाहते हैं यह बहुत बदनाम है। कृपया अपनी लोकप्रियता खराब न करें।
Very very educational. Thank you for taking this interview.
Thanks for explaining difficult subject.
थैंक्यू सर आप को बहुत बहुत धन्यावाद जी आप ने हमे महान विचार शेयर किया ओर हमे हमारे देश की मनुस्मृति के बारे मे बताया सर मनुस्मृति की बात करे तो यह हमारे देश को वापसी गुलाम बना सकती है इस ग्रन्थ मे शुद्र के साथ अत्याचार ओर क्रूरता है एसे मे मनुस्मृति की ओर नही देखा जाना चाहिए
Please advise books in Hindi and English to understand Manusmriti and also the reaction of RSS when the constitution was built.
Thank you Dr Ram puniyani sir ,Apki baten parilakchit hoti dikh rahi hi.you are absolutely right.
बहुत सुंदर जानकारी मुकेश सर।
I am a hindu an ex-Defence ( NAVAY) doctor.i have read Buddhas history and Dhamma.it is very good and practical for living day to day life.No hatred no castism no lies.i saute buddhism.if we follow his teaching.India will not suffer like now
एक माध्यम से पैदा होता है , एक जैसा मरता है , एक ही ज़मीन का उगा हुआ खाता, पानी पीता है । फिर एक से दूसरा श्रेष्ठ कैसे हो सकता है। मनुवाद सामंतवाद , मनुस्मृति,,, ,, मुर्दाबाद मुर्दाबाद
Thanks Mukeshji Puniyaniji.
Thanks mukesh ji and punyani ji
Guru Nanak kehtay hai koiee bhee OOCHA/NEECHA nahin hai - Bhagwan Kee ankhon mein ham sab “Insaan hein”.
@bijoydasudiya
2 жыл бұрын
लेकिन सभी गुरु और गुरु माताएं खत्री थे। मजहबी, रामगढ़िया, जट जाति के लोग नहीं थे।
@dhainchand1643
2 жыл бұрын
@@bijoydasudiya Jeh bhi Sahi hai ji .
@newer8643
2 жыл бұрын
Bhir bhi shikh jatiwaad me hinuose Kam nai hote
यह दुष्ट और कपटी लोग हम लोगों को गुलाम बनाकर रखने की एक साजिश थी हमारी किस्मत अच्छी थी कि बाबा साहब ने 25 सितंबर को मनुस्मृति में आग लगाकर इन कपटी लोगों को हमें बचाया जय हो बाबा साहब की🙏
Good Infermation
Equality always!!!!!
थैक्यू यू सर दोनो लोगो को मूलनिवासियो को जगाने के लिये
महाभारत में यक्ष के प्रशन का जबाब देते हुए युध्दिष्टिर नें कहा था कि व्यक्ति के ऊंच-नीच का निर्धारण उसके कर्म से होता है।
हमारा संविधान हमें और हमारे समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है.. जबकि मनुस्मृति बिल्कुल इसके विपरीत हमें और हमारे समाज को प्रकाश से अंधकार की ओर ले जाता है.. जिस तरह से समाज विरोधी फिल्मों को बैन कर दिया जाता है, उसी भाँति इस विकृत मानसिकता वाली पुस्तक को बैन कर देना चाहिये.. और समाज में समरसता का भाव संचार का प्रसार करें..!!!
@ramjain8115
2 жыл бұрын
सत्य रूप में जो भी आसमानी किताबे पुरे विश्व में है वो कोई भी किताब सत्य रूप में आसमानी नही है । जिस वक्त जिस किताब का उदय हुआ व जिसने किया वो व्यक्ति उस वक्त अपने समूह पर अपनी बात रखने का प्रभाव रखता था व साथ ही साथ व्यक्तिगत तौर पर ताकतवर था अपने प्रभाव की ताकत को मजबूत करने के लिए उसने अपना दर्शन शास्त्र आसमानी किताब के रूप में प्रभावित कर अज्ञानता पर अपने ज्ञान की जीत करी। मात्र स्वयं की ताकत के पक्ष के लिए किया गया प्रयास व साथ ही साथ अज्ञानता की स्वीकृति और राज तन्त्र की बनने वाली ढाल में संयोग ने उसे 100% सत्य रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी शेशव के ज्ञान के रूप में प्रभावित ने मानसिकता में सत्य कर दिया । इसलिए यदि एक नए युग का प्रयास करना है तो सभी आसमानी किताबों को पुर्ण रुप से प्रतिबंध लगाने पर ही मानवीय सभ्यता में बदलाव आएगा ।
@AkhileshYadav-oe9ey
2 жыл бұрын
@@ramjain8115 कुछ लोग धर्म की राजनीती करके देश और राज्य की सत्ता को हथिया कर मुखिया के रूप में आसीन होना चाहते हैं। देश का कोई भी नागरिक चाहे वह किसी भी समुदाय से हो किसी भी धर्म में आस्था रखता हो उसको देश में किसी भी तरह का दंगा फसाद खून खराबा स्वीकार नहीं होगा .जहाँ केवल और केवल मानवता और मासूम की जान जाती हो। क्या हम और आप ने कभी इस बारे में सोचा है की हमारी भावना संवेदना क्यों उन राजनेताओं के हाथों में है जो कभी भी देश में शांति नहीं चाहते। क्यों किसी को हिंदुत्व खतरे में लगता है किसी को इस्लाम किसी को ईसाईयत खतरे में लगता है। परिवर्तन ही संसार का नियम है और समय के अनुसार स्वयं को ढालना ही समझदारी है, इतिहास गवाह है कि जो समाज वक्त के साथ नहीं चला वक्त ने उस समाज को इतिहास बना दिया.
For me amazing point was Annihilation of cast vs Samajik Samarasata. It's really important to understand. Very micro observation.
जो धर्म एक समुदाय को नीच बताता है वो कभी भी स्वीकार्य नही हो सकता है
पुनियानी जी की बातें इतिहास की एक पुनर्थन जैसी होती हैं मनु स्मृति पर उनकी बात खोजपरक भी है और तर्कसम्मत भी इस पुस्तक ने भारतीय सामाजिक व्यवस्था को एक तरह से जकड़कर रख दिया है परिणामतः आजभी भारतीय समाज सदियों पुराना दिखता है इस प्रकार की पुस्तकों को किसी गहरे कुएं में ही दफन होना चाहिये
Thank you for the lucid discussion and analysis of Manu Smriti. It seems that the radical conservatives of all traditions tend to defend their old "values" in a new language but to maintain the unjustifiable privileges.
@farhadfaisal9410
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA Again in plain English, "... radical conservatives of all [sic!] traditions...".
@kamalkamal-ie1sp
2 жыл бұрын
@@farhadfaisal9410 Halala ka avishkar kisne kiya tha?
@NadeemKhan-bz8hb
2 жыл бұрын
@@kamalkamal-ie1sp Jisne niyog,suddhikaran,devdasi,khajuraho aur asaram chinmayanand ka kiya tha 🙄🤔🤔
@Thepatriot8356
2 жыл бұрын
@@farhadfaisal9410Dear faisal Manu Smriti is a rubbish book written 500 years back by a human therefore not a trusted and famous among hindus. More than 90% hindus have never read it. I also have heard about it 3 years back in media, my family, friends, colony people also don't know about this book. Only Shrimad Bhagavat gita represents Almighty message, one and only one book
@jagdeepsandhu9659
2 жыл бұрын
@@Thepatriot8356 even if nobody has read it every body is following manusmriti in India . If they don't follow it , caste system will disappear overnight .
मनुस्मृति भृगु ब्राम्हण समूहने इ.पू. २०० के दरम्यान रचा था. इसमे तथाकथीत मनुका कोई योगदान नही.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जनाब मुकेश जी और जनाब पुनियानी साहब मैं आपके जवाब का इंतजार कर रहा हूं
Agreed. Thank you Ram sir
Sabse badi baat ...iss kitab ki Mahima.. Mandan Jo log karte hain....they consider this book as replacement of Indian Constitution ...
@vijayjosh5895
2 жыл бұрын
The lousy buggers.
@satyendrapande9790
2 жыл бұрын
Aisa kabhi nahi hoga agar hua satyanaash hoga
@satyendrapande9790
2 жыл бұрын
Group of dhurt brahmano ne ye vulgare book likha
Very good analysis of manuismrity by dr.RAM Puniyani.mukeshjee aap bahut achchha kam kar rahe hai.
माननीय मुकेशजी हिंदू संस्कृति के साथ साथ सनातन धर्म की कुछ बाते सुनी जाती है। तो एक खास कार्यक्रम सनातन के बारे में भी बनाया जाएं। 🙏
Thanks sir. Please continue this series. Hindustan ki sabse badi problem jati vyavastha hai.
Magesthenese from the Darbar of Chandragupta morya wrote a book named Indica There is nothing about the Vaidiks or Vaidik religion or culture
@sabiyasyed5487
2 жыл бұрын
Kataria mane dalit samaj. Vandana katariya ke sath Brahmano ne kiya kiya tha Olympic ke semifinal ke match se pehle.
Very nicely explained sir. Manusmriti is nothing but a curse to Hindu brothers. Ambedkar was a right man.
ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਵਿਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਦਿਲੋਂ ਧੰਨਵਾਦੀ
जो अमानवीय सिख देता हो, वह कोई आदर्श धार्मिक किताब हो नहीं सकता I
Very good Lecture. Thank you.
Good information by punyani ji an Mukesh ji thanks.
Bahut achhi jankari program se mili Thank !🙏 Muekeh ji aur Pr. Punaiyani ji
Mukeshji bahot hi Shandar subject pe charcha huyi hai kyuki aam logo ki soch se pare hai ye topic hume apne astitva ki bachane ke liye aisi charcha honi chahiye aur jo sach ho vo bahar ana chahiye dhanyawad aapka Mukeshji dil se salute
Satya ki Jay Ho*
@NadeemKhan-bz8hb
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA 🤣🤣🤣 Andbhakt bhi Jaha inki pole khulne lagti hai waha Muslim aur Koran ka sahara lekar uske peeche chupne ki asafal kosis karte hai😂
@NadeemKhan-bz8hb
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA 🤣🤣🤣 bhayankar mirchi lagi hai sach sunkar bahut baukhlaya hai Manuvadi 😂 Ek baat batau Manusmriti ko gaali dene wala use jalane wala koi muslim nhi balki Hindu hi hai ya the 🤔🤔🤔
@satyendravermaji4855
2 жыл бұрын
Dharm ki pariklapna hi galat thi aur thi to purane jamane me iska jarurat hoga
@NadeemKhan-bz8hb
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA RSS news kisi aur ko sunana 😂 Jo Koran na padha ho 🤣 Copy paste what's app university matter😂
@NadeemKhan-bz8hb
2 жыл бұрын
@BRIJ SAXENA Angrezi na aati ho toh 🤣🤣🤣 Tujhe Angrezi me what's app university se mila usi language me copy paste kar diya tujhe khud nhi maloom kya likha hai 🤣🤣🤣🤣 Waise baukhlahat gajab ki hai 😂 Itni jyada ki bina Jane ki kya matter hai kya nhi de copy paste le copy paste RSS news 🤣🤣🤣👉👌👌👌👌
डॉ राम पुनिया जी ने बहुत तथ्यपरक और सारगर्भित विचार को रखा। धन्यवाद।
Thanks Mr mukesh and Mr puniyani for exposing our religious lies propogated by these self appointed guardians of religion.What a shame.How do you change these old mindset.Keep on exposing them for the sake of poor folks and women
Great scholar ram puniyani jee🙏🙏
Sir भारत की ladies को पता नही कब समझ आये गा। कि हम इन लोग को sport न करे जो मनु समर्थन को लना चाहते है।
@castelessaastik4655
2 жыл бұрын
Lol, duniya ke sabhi dharma grantho me kuch milawat he. Bhagwat Gita hindus ka granth hai, manusmriti nahi
@Devil-gn7mx
Жыл бұрын
Tab tak nahi samjh aayega jab tak education na mil jaaye not just in cities but in villages too
strongly Agreed the facts has been presented by Dr. Ram Puniyani..
Bahut hi badhia thank u
Very good studied knowledge and interpretation. God bless you.
Brilliant analysis. We must be extremely careful
डा.राम पुनियानी जी ने मनु स्मृति में जातिगत (वर्णवादी) व्यवस्था के बारे में अलग-अलग कोणों से जानकारी दी है , और ब्राह्मणों, क्षत्रियों, वैश्यों व क्षुद्रों के बारे में बारिकी से विश्लेषण तथा हमारे संविधान निर्माताओं ने बौद्ध दर्शन व जैन दर्शन जो ब्राह्मण वादी मूढ़ परंपराओं व स्त्रियों एवं क्षुद्रों के हितार्थ संविधान की पृष्ठभूमि को समझाया है पुनियानी जी को साधुवाद सहधन्यवाद साथ ही चैनल सत्य हिंदी के एंकर महोदय को गहनता से प्रश्नावली व जिज्ञासा भरी जानकारी चाहने पर साधुवाद सहधन्यवाद।
मनु स्मृति बहुजन समाज के लिए एक गुलाम बनाने का षड्यंत्र है आपने इतनी अच्छी जानकारी दी आपका बहुत-बहुत आभार