थे जोश में दरया भी मगर कांप रहे थे | Marsia - e - Meer Ishq | Heart Touching Marsiya | Urdu Poetry |

Ойын-сауық

Channel- Sunil Batta Films
Documentary on Marsia (Urdu Poetry)- Marsia - e - Meer Ishq
Produced & Directed by Sunil Batta, Voice- Navneet Mishra, Camera-Chandreshwar Singh Shanti, Production- Dhruv Prakesh, Camera Asst.- Runak Pal, Kuldeep Shukla,
Synopsis-
मीर इश्क़ का अस्ल नाम सैय्यद हुसैन मिर्जा है। इश्क़ उन का तख़ल्लुस है, नसबी इतेबार से इमामअली रेज़ा अहैहिस्सलाम की औलाद में से थे उन के मोरिसों में सैय्यद जुलफिक़ार अली ईरान से हिन्दुस्तार तशरीफ लाए। और लखनऊ में जो उस वक़्त हिन्दुस्तानी और ईरानी कलचर का मज़हर बना हुआ था सुकुनत पज़ीर हुए। उस ख़ानदान के लोग बारगाहे शाही में फैज़ियाब हुए। और लखनऊ में इज्ज़तो शुहरत के साथ ज़िन्दगी बसर की। मीर इश्क़ के वालिद सैय्यद मिर्जा अनस बादशाहे अवध की मलका नवाबे मलका जहां के नवाबे ख़ास थें।
मीर इश्क़ की पैदाइश 1817 ईसवी में लखनऊ में हुई। और उन की तालीमे तरबियत ख़ुद उन के वालिदे मुहतरम सैय्यद मिर्जा अनस की ज़ेरे निगरानी हुई।
कुफ्फार इधर और उधर कांप रहे थे
थे जोश में दरया भी मगर कांप रहे थे
यह रंग था सहरा का शहर कांप रहे थे
गो ख़ैर थी पर बानिए शर कांप रहे थे
मज़बूत जो कि ख़ाक में ज़िन्दा वह गड़े थे
मुहं रेग में पोशीदा किए शेर खड़े थे
मीर इश्क़ की सबसे बड़ी अहमियत ज़बानों बयान के सिलसिले में उन की खि़दमत की बिना पर है और इस सिलसिला में उन का नाम नामवराने फन की हैसियत से हमेशा याद रख्खा जाएगा। उन्हों ने राएज रविश से ज़रा हट कर मरसिया में नई बाते पेश करने की सई और ज़बान कारनामा समझा और इश्क़ की इसी कोशिश ने उन्हें अपने असरों में एक जुदागाना मक़ाम आता किया।
#UrduPoetry
#MarsiyaKhwaniLucknow
#ImamHussain
#Muharram
#MarsiyaUrdu
#MarsiaMeerISHQ
#IMAMBARA

Пікірлер: 2

  • @Q4Curiosity
    @Q4Curiosity3 жыл бұрын

    ❤️❤️❤️❤️❤️

  • @user-mohammedali
    @user-mohammedali4 жыл бұрын

    bohut bohut shukria !

Келесі