स्वामी श्री प्रेमपुरीजी आश्रम ट्रस्ट - परिचय

ब्रह्मलीन स्वामी श्री प्रेमपुरीजी महाराज मुंबई में लगभग ३२ वर्ष से चार्तुमास में सत्संग करने आते थे. परम कृपालु परमात्मा के असिम कृपा से १९५५ में एक मंगल दिन आया कि स्वामीजी प्रेमकुटिर के सान्निध्य में आ गये, जहाँ आप प्रातः प्रवचन करने लगे. श्री हरकिशनदास अग्रवाल स्वामीजी के परमभक्त थे. इस मायानगरी मुंबई में नित्य सत्संग के लिए निजी भवन हो यह कामना आपके मन में अंकुरित हुई और आपने वेदांत सत्संग मण्डल के स्थापना के साथ प्रेमपुरी आश्रम ट्रस्ट की स्थापना का मनोदय स्पष्ट किया.
सत्संग के लिए निजी भवन की नितांत आवश्यकता थी वह फरवरी १९७५ में बाबुलनाथ रोड पर अरोरा हाऊस नामक भवन खरीदकर पूर्ण हुई. लेकिन भवन मे भाडूत होने के कारण यहाँ सत्संग के लिए सभगृह बनाना जरूरी था. अतः मकान के उपर दो मंजिल बढाने का संकल्प ट्रस्टीगण ने किया. इस प्रक्रिया में स्व. हरिलाल ड्रेसवालाजी तथा श्री हरकिशनदास अग्रवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मुंबई के उदार एवं धर्मप्रेमी जनता से दान राशी इकठ्ठा करके यह भवन तीन मंजीला का बनाकर दुसरे मंजील पर वाचनालय, कार्यालय, संत निवास तथा तिसरे मंजील पर सत्संग प्रवचन नियमित रूप से शुरू हुआ.
महाराजश्री का संकल्प आध्यात्मिक ज्ञान के साथ मनुष्य के शारीरिक, मानसिक एवं शैक्षणिक विकास था, जिसके लिये आश्रम भवन पर और दो मंजिले बढायी गयी. अब प्रातः सायं योग, एक्युप्रेशर-मैग्नेटिक थेरपी से उपचार, आयुर्वेदिक चिकित्सा, होमिओपेथिक औषधोपचार, मनोवैज्ञानिक चिकित्सा, मास हिलींग, पठन वर्ग, बाल संस्कार केंद्र, व्यक्तित्व विकास वर्ग महिला मण्डल के धार्मिक समारंभ, वयस्कों के लिए शिबीर, भजन संध्या, व्याख्यानमाला इत्यादि तीस विविध प्रवृत्तियाँ आश्रम के विशाल भवन में संपन्न होती है.
इन सभी प्रवृत्तियों की विशेष जानकारी वेबसाइट में उचित स्थल पर उपलब्ध है.

Пікірлер: 4

  • @VinodSharma-md2uf
    @VinodSharma-md2uf Жыл бұрын

    साष्टांग दंडवत चरण वंदन ब्रह्म लीन स्वामी प्रेमपुरी जी महाराज के चरणों में नमन।

  • @girishthakar1561
    @girishthakar1561 Жыл бұрын

    सत्यं परम धीमहि ।। समस्त जगत ने भगवान सुखी राखो ।। ‌‌ ।। वंदे महा पुरुष ते चरणा रविन्दे ।। ‌‌ ‌ ।। हरी ॐ ।। ‌‌ श्रीमद् भागवत, मर्मज्ञ,,,, ‌ गिरीश भाई,,, ठाकर

  • @girishthakar1561
    @girishthakar1561 Жыл бұрын

    प्रेमपुरी आश्रम ना समस्त ट्रस्ट मंडलने सा, ध्यक्ष, सहित, संतो एवं मंडलेश्वर सह ‌ गिरीश भाई,, ठाकर ना स,,विऩम़ स, प्रेम ।। वंदन एवं हरी ॐ।।

  • @dhruvkapadia8641
    @dhruvkapadia86412 жыл бұрын

    I get silentfor tw0 hours in evening

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