अल्लाह या खुदा या परवरदिगार सर्वशक्तिमान हैं, अल्लाह क़े जो भक्त होते हैं यानि जो उनकी पूजा या इबाबत करते हैं जो उनके जानने वाले होते हैं अगर उनको किसी भी प्रकार क़ि तकलीफ पहुँचती हैं तो वह उनके लिए रोतें हैं अल्लाह उनको इस दुनियाँ में उच्चतम दर्जे का सम्मान देतें हैं उन्हें हि फरिस्ते कहा जाता हैं औऱ ज़माने वाले उसे प्यार कहते हैं इसलिए अल्लाह या परमेश्वर या परमात्मा क़ो प्यार का सागर कहते हैं दया का सागर कहते हैं अल्लाह शांति क़े प्रतिक हैं युद्ध क़े नहीं पहले वह पैर पकड़कर अपने जनों क़ो समझाते हैं फ़िर भी उनके अपने जन हि नहीं मानते हैं तो वह अपने भक्तों क़ि रक्षा क़े लिए अपना हि ख़ून बहाने क़ो तैयार हों जाते हैं जैसे हिन्दुओं क़े भगवान या परमात्मा जगत पिता वासुदेव गोविन्द नारायण श्री कृष्ण औऱ मुस्लिम धर्म क़े आखिरी नबी या पैग़म्बर मुहम्मद(सल्ल) साहब वों अपने अनुयायी क़ि रक्षा क़े लिए स्वयं युद्ध में उतर गए, सिख़ धर्म क़े गुरु गोविन्द सिँह अपने अनुयायियों क़ि रक्षा क़े लिए स्वयं युद्ध में उतर गए औऱ जो भगवान क़ि हि तरह दयालु होते हैं वों बिल्कुल कभी भी हिंसा करना नहीं चाहते वे केवल प्रेम करना जानते हैं वे अमन औऱ शांति चाहते हैं वों स्वयं हि आत्महत्या कर लेते हैं जैसे बाबा राम सिंह कूका सिंहरहा करनाल वाले किसानों क़ि रक्षा क़े लिए उनपे हों रहे जुल्म क़ो देखकर जिनक़ि बदौलत समाज औऱ राष्ट्र चलता हैं उनसे सहन नहीं हुआ अगर वों चाहते तो क्षण भर में किसानों क़ो एकजुट कर युद्ध क़ि घोषणा कर देते औऱ भारत क़े राजा नरेंद्र मोदी क़ो मौत क़े घाट उतार देते पर वों इतने दयाल थे रहनुमा थे फरिस्ते थे क़ि उन्होंने हिंसा नहीं करनी चाहि औऱ स्वयं शरीर छोड़कर शैतान यानि राक्षस डेविल्स यानि ब्रम्ह यानि कालनिरंजन क़े लोक क़ो छोड़कर चले गए शर्म आनी चाहिए BJP क़े लीडर मोदी क़ो चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए मोदी तो शरीर छोड़ नहीं पायेंगे उनको तरीका हि नहीं पता हैं क़ि उनकी राज्य में भगवान तुल्य संत मोदी क़े अत्याचार क़ो देखते हुए अपना शरीर छोड़कर चले जा रहे हैं!
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अल्लाह या खुदा या परवरदिगार सर्वशक्तिमान हैं, अल्लाह क़े जो भक्त होते हैं यानि जो उनकी पूजा या इबाबत करते हैं जो उनके जानने वाले होते हैं अगर उनको किसी भी प्रकार क़ि तकलीफ पहुँचती हैं तो वह उनके लिए रोतें हैं अल्लाह उनको इस दुनियाँ में उच्चतम दर्जे का सम्मान देतें हैं उन्हें हि फरिस्ते कहा जाता हैं औऱ ज़माने वाले उसे प्यार कहते हैं इसलिए अल्लाह या परमेश्वर या परमात्मा क़ो प्यार का सागर कहते हैं दया का सागर कहते हैं अल्लाह शांति क़े प्रतिक हैं युद्ध क़े नहीं पहले वह पैर पकड़कर अपने जनों क़ो समझाते हैं फ़िर भी उनके अपने जन हि नहीं मानते हैं तो वह अपने भक्तों क़ि रक्षा क़े लिए अपना हि ख़ून बहाने क़ो तैयार हों जाते हैं जैसे हिन्दुओं क़े भगवान या परमात्मा जगत पिता वासुदेव गोविन्द नारायण श्री कृष्ण औऱ मुस्लिम धर्म क़े आखिरी नबी या पैग़म्बर मुहम्मद(सल्ल) साहब वों अपने अनुयायी क़ि रक्षा क़े लिए स्वयं युद्ध में उतर गए, सिख़ धर्म क़े गुरु गोविन्द सिँह अपने अनुयायियों क़ि रक्षा क़े लिए स्वयं युद्ध में उतर गए औऱ जो भगवान क़ि हि तरह दयालु होते हैं वों बिल्कुल कभी भी हिंसा करना नहीं चाहते वे केवल प्रेम करना जानते हैं वे अमन औऱ शांति चाहते हैं वों स्वयं हि आत्महत्या कर लेते हैं जैसे बाबा राम सिंह कूका सिंहरहा करनाल वाले किसानों क़ि रक्षा क़े लिए उनपे हों रहे जुल्म क़ो देखकर जिनक़ि बदौलत समाज औऱ राष्ट्र चलता हैं उनसे सहन नहीं हुआ अगर वों चाहते तो क्षण भर में किसानों क़ो एकजुट कर युद्ध क़ि घोषणा कर देते औऱ भारत क़े राजा नरेंद्र मोदी क़ो मौत क़े घाट उतार देते पर वों इतने दयाल थे रहनुमा थे फरिस्ते थे क़ि उन्होंने हिंसा नहीं करनी चाहि औऱ स्वयं शरीर छोड़कर शैतान यानि राक्षस डेविल्स यानि ब्रम्ह यानि कालनिरंजन क़े लोक क़ो छोड़कर चले गए शर्म आनी चाहिए BJP क़े लीडर मोदी क़ो चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए मोदी तो शरीर छोड़ नहीं पायेंगे उनको तरीका हि नहीं पता हैं क़ि उनकी राज्य में भगवान तुल्य संत मोदी क़े अत्याचार क़ो देखते हुए अपना शरीर छोड़कर चले जा रहे हैं!