Shri kaleshwar math Yamunanagar |
यमुनानगर से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में यमुना नदी किनारे स्थित भगवान शिव का यह मंदिर कालेश्वर महादेव मठ के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर में भगवान शिव का अति प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग है। शिव भक्त बेलपत्र व पवित्र यमुना जल से अभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं। मंदिर के सेवादार बताते हैं कि यहां से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश के त्रिकोण पर स्थित श्री कालेश्वर महादेव मठ जो प्राचीनतम व धार्मिक ऐतिहासिक है। यहां पर खोदाई में निकले पत्थर शिलाओं से ज्ञात होता है कि प्राचीनकाल की संस्कृति में सांकेतिक भाषाओं का प्रयोग किया जाता था। पौराणिक मान्यता है कि इस मठ में स्वयं भगवान शिव स्वयंभू लिंग के रूप में विराजमान हैं। यह शिवलिंग बहुत अद्भुत है जिसके मूल में ब्रह्मा जी की नाभि, मध्य में विष्णु जी का चक्र और ऊपर भगवान शिव विराजमान हैं। यहां पहाड़ पर भगवान शंकर और मां पार्वती की गुफाएं प्राचीनकाल से ही रहस्य बनी हुई थीं। ये गुफाएं पहाड़ पर ठीक उसी स्थिति में हैं जैसे कि यहां कालेश्वर महादेव मठ में भगवान शंकर व मां पार्वती के अलग अलग मंदिर बने हुए हैं। यहां पर स्थित पहाड़ियों को द्रोण घाटियां भी कहते हैं। मान्यता है कि गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों को शस्त्रों का ज्ञान दिया था। महाभारत काल से यहां का नाम काफी जुड़ा हुआ है। पांडवों को 12 वर्ष का वनवास और एक वर्ष का अज्ञातवास मिला, तो उन्होंने विराट नगरी में अज्ञात वर्ष बिताया था। यह विराट नगरी मठ से एक योजन दूर स्थित है, जिसे अब बहराल गांव के नाम से जाना जाता
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Пікірлер: 5
Nice 🎉🎉🎉
Har Har Mahadev
@mandeepvlogs2737
Жыл бұрын
Har har Mahadev
Thank you so much for making this video
@mandeepvlogs2737
Жыл бұрын
🙏🏻🙏🏻😊