shiv khori gufa !! कटरा से शिवखोड़ी यात्रा !! shivkhori gufha Darshan complete detail !! shivkodi
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shivkhori yatra !! कटरा से शिवखोड़ी यात्रा !! shivkhori gufha Darshan complete detail !! shivkodi
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Shiv Khori Jammu
Shiv Khori snowfall month
Shiv Khori to Katra
शिव खोड़ी गुफा का रहस्य
शिव खोरी पैदल दूरी
Shiv Khori Shrine Board
Jammu to Shiv Khori distance
Shiv Khori photos
Shiv Khori distance from Katra
शिव खोरी क्यों प्रसिद्ध है?
शिवखोड़ी की चढ़ाई कितनी है?
शिव खोरी की कहानी क्या है?
वैष्णो देवी से शिव खोरी कितनी दूर है?
= इतिहास एवं परिचय ==
शिव खोड़ी शिव तीर्थ का कोई प्रामाणिक इतिहास आज तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। लोक श्रुतियों में कहा गया है कि [[सियालकोट]] (वर्तमान में यह स्थान पाकिस्तान में है) के राजा सालवाहन ने शिव खोड़ी में शिवलिंग के दर्शन किए थे और इस क्षेत्र में कई मंदिर भी निर्माण करवाए थे, जो बाद में सालवाहन मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुए।
इस गुफा में दो कक्ष हैं। बाहरी कक्ष कुछ बड़ा है, लेकिन भीतरी कक्ष छोटा है। बाहर वाले कक्ष से भीतरी कक्ष में जाने का रास्ता कुछ तंग और कम ऊंचाई वाला है जहां से झुक कर गुजरना पड़ता है। आगे चलकर यह रास्ता दो हिस्सों में बंट जाता है, जिसमें से एक के विषय में ऐसा विश्वास है कि यह कश्मीर जाता है। यह रास्ता अब बंद कर दिया गया है। दूसरा मार्ग गुफा की ओर जाता है, जहां स्वयंभू शिव की मूर्ति है। गुफा की छत पर सर्पाकृति चित्रकला है, जहां से दूध युक्त जल शिवलिंग पर टपकता रहता है।
इस गुफा में दो कक्ष हैं। बाहरी कक्ष कुछ बड़ा है, लेकिन भीतरी कक्ष छोटा है। बाहर वाले कक्ष से भीतरी कक्ष में जाने का रास्ता कुछ तंग और कम ऊंचाई वाला है जहां से झुक कर गुजरना पड़ता है। आगे चलकर यह रास्ता दो हिस्सों में बंट जाता है, जिसमें से एक के विषय में ऐसा विश्वास है कि यह कश्मीर जाता है। यह रास्ता अब बंद कर दिया गया है। दूसरा मार्ग गुफा की ओर जाता है, जहां स्वयंभू शिव की मूर्ति है। गुफा की छत पर सर्पाकृति चित्रकला है, जहां से दूध युक्त जल शिवलिंग पर टपकता रहता है।
यह स्थान [[रियासी]]-[[राजौरी]] सड़कमार्ग पर है, जो [[पौनी, रियासी|पौनी]] गाँव से दस मील की दूरी पर स्थित है। शिवालिक पर्वत शृंखलाओं में अनेक गुफाएँ हैं। यह गुफाएँ प्राकृतिक हैं। कई गुफाओं के भीतर अनेक देवी-देवताओं के नाम की प्रतिमाएँ अथवा पिंडियाँ हैं। उनमें कई प्रतिमाएँ अथवा पिंडियाँ प्राकृतिक भी हैं। देव पिंडियों से संबंधित होने के कारण ये गुफाएं भी पवित्र मानी जाती हैं। डुग्गर प्रांत की पवित्र गुफाओं में शिव खोड़ी का नाम अत्यंत प्रसिद्ध है। यह गुफा तहसील रियासी के अंतर्गत पौनी भारख क्षेत्र के रणसू स्थान के नजदीक स्थित है। [[जम्मू]] से [[रणसू]] नामक स्थान लगभग एक सौ किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए जम्मू से बस मिल जाती है। यहां के लोग [[कटड़ा]], [[रियासी]], [[अखनूर]], [[कालाकोट]] से भी बस द्वारा रणसू पहुंचते रहते हैं। रणसू से शिव खोड़ी छह किलोमीटर दूरी पर है। यह एक छोटा-सा पर्वतीय आंचलिक गांव है। इस गांव की आबादी तीन सौ के करीब है। यहां कई जलकुंड भी हैं। यात्री जलकुंडों में स्नान के बाद देव स्थान की ओर आगे बढ़ते हैं। देव स्थान तक सड़क बनाने की परियोजना चल रही है। रणसू से दो किलोमीटर सड़क मार्ग तैयार है। यात्री सड़क को छोड़ कर आगे पर्वतीय पगडंडी की ओर बढ़ते हैं। पर्वतीय यात्रा तो बड़ी ही हृदयाकर्षक होती है। यहां का मार्ग समृद्ध प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर है। सहजगति से बहते जलस्त्रोत, छायादार वृक्ष, बहुरंगी पक्षी समूह पर्यटक यात्रियों का मन बरबस अपनी ओर खींच लेते हैं। चार किलोमीटर टेढ़ी-मेढ़ी पर्वतीय पगडंडी पर चलते हुए यात्री गुफा के बाहरी भाग में पहुंचते हैं। गुफा का बाह्य भाग बड़ा ही विस्तृत है। इस भाग में हजारों यात्री एक साथ खड़े हो सकते हैं। बाह्य भाग के बाद गुफा का भीतरी भाग आरंभ होता है। यह बड़ा ही संकीर्ण है। यात्री सरक-सरक कर आगे बढ़ते जाते हैं। कई स्थानों पर घुटनों के बल भी चलना पड़ता है। गुफा के भीतर भी गुफाएं हैं, इसलिए पथ प्रदर्शक के बिना गुफा के भीतर प्रवेश करना उचित नहीं है। गुफा के भीतर दिन के समय भी अंधकार रहता है। अत: यात्री अपने साथ टॉर्च या मोमबत्ती जलाकर ले जाते हैं। गुफा के भीतर एक स्थान पर सीढ़ियां भी चढ़नी पड़ती हैं, तदुपरांत थोड़ी सी चढ़ाई के बाद शिवलिंग के दर्शन होते हैं। शिवलिंग गुफा की प्राचीर के साथ ही बना है। यह प्राकृतिक लिंग है। इसकी ऊंचाई लगभग एक मीटर है। शिवलिंग के आसपास गुफा की छत से पानी टपकता रहता है। यह पानी दुधिया रंग का है। उस दुधिया पानी के जम जाने से गुफा के भीतर तथा बाहर सर्पाकार कई छोटी-मोटी रेखाएं बनी हुई हैं, जो बड़ी ही विलक्षण किंतु बेहद आकर्षक लगती हैं। गुफा की छत पर एक स्थान पर गाय के स्तन जैसे बने हैं, जिनसे दुधिया पानी टपक कर शिवलिंग पर गिरता है। शिवलिंग के आगे एक और भी गुफा है। यह गुफा बड़ी लंबी है। इसके मार्ग में कई अवरोधक हैं। लोक श्रुति है कि यह गुफा [[अमरनाथ]] स्वामी तक जाती है।
Пікірлер: 20
Bahut aacha vidio...👍
Jai Mata Di Jai shri Ram har har Mahadev radhe radhe ❤️🙏
❤❤
ॐ हर हर महादेव शंभु ॐ 🌹😊🙏🏻🚩
Her her mehadev
Har har mahadev
हर हर महादेव
@BHARATKEDARSHAN
7 ай бұрын
हर हर महादेव
Har har Mahadev Jai shree Krishna Jay shree Ram 🌹👌👌👌🙏🙏🌴
@BHARATKEDARSHAN
7 ай бұрын
Jai Shree Krishna
Jai Mata di
मोबाइल लेकर जाना allow h kya koi media se jaaye to kya mic or mobile le ja sakte h kya koi permission लगनी है और कहा से होगी
@BHARATKEDARSHAN
Ай бұрын
Mandir ke andar nahi le ja sakte hai
Sir katra se shivkhodi ka bus fare kitna hai?
@BHARATKEDARSHAN
4 ай бұрын
250 ana jana dono ka
Hello sir, kya afternoon me 12 baje shivkhodi ja sakte he? 12 baje jate he to kitne baje approximate Katra vapas ayenge
@BHARATKEDARSHAN
7 ай бұрын
Agar 12 baje ap jayenge to raat me 11 baje ke ass pass vapas katra pahuch jaoge or 12 baje Jana hai to privet taxi kar ke Jana jaldi ho jayega. Katra se
@user-zr6ji8zd9q
7 ай бұрын
@@BHARATKEDARSHAN Thank you sir Jay mata di Har har mahadev
@BHARATKEDARSHAN
7 ай бұрын
Jai mata di
भाई भाभी जी कुछ न बोल रही 😐🙏🏻...