Sangat Ep.49 | Mrinal Pande on Hindi Fiction, Media, Shivani, Mythology & Music | Anjum Sharma
हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के समादृत व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 49वें एपिसोड में मिलिए समादृत लेखिका और पत्रकार मृणाल पाण्डे से। 26 जनवरी 1946 को मध्यप्रदेश टीकमगढ़ के जन्मी मृणाल पाण्डे की प्राथमिक शिक्षा नैनीताल में हुई। इसके बाद इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य से एम.ए. किया। संस्कृत, प्राचीन भारतीय इतिहास के साथ-साथ उन्होंने गंधर्व महाविद्यालय से संगीत विशारद तथा कॉरकोरम स्कूल ऑफ वाशिंगटन से चित्रकला एवं डिजाइन का विधिवत अध्ययन किया। साठोत्तरी स्त्री-कथाकारों में मृणाल पाण्डे का विशेष स्थान है। मृणाल पाण्डे कई वर्षों तक विभिन्न विश्वविद्यालयों (प्रयाग, दिल्ली, भोपाल) में अध्यापन के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आईं। ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘वामा’ तथा ‘दैनिक हिन्दुस्तान’में उन्होंने बतौर संपादक कार्य किया। वह ‘कादंबिनी’और ‘नंदन’ से जुड़ीं रहीं। उन्होंने ‘स्टार न्यूज़’ और ‘दूरदर्शन’ के लिए हिंदी समाचार बुलेटिन का संपादन किया। वर्ष 2010 से 2014 तक प्रसार भारती की चेयरमैन भी रहीं।
‘विरुद्ध’, ‘पटरंगपुर पुराण’, ‘देवी’, ‘हमका दियो परदेस’, ‘अपनी गवाही’ (उपन्यास); ‘दरम्यान’, ‘शब्दवेधी’, ‘एक नीच ट्रैजिडी’, ‘एक स्त्री का विदागीत’, ‘यानी कि एक बात थी’, ‘बचुली चौकीदारिन की कढ़ी’, ‘चार दिन की जवानी तेरी’ (कहानी-संग्रह); ‘मौजूदा हालात को देखते हुए’, ‘जो राम रचि राखा’, ‘आदमी जो मछुआरा नहीं था’, ‘चोर निकल के भागा’, ‘संपूर्ण नाटक’ (नाटक) और देवकीनन्दन खत्री के उपन्यास ‘काजर की कोठरी’ का इसी नाम से नाट्य-रूपान्तरण; ‘परिधि पर स्त्री’, ‘स्त्री : देह की राजनीति से देश की राजनीति तक’, ‘स्त्री : लम्बा सफ़र’ उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं। मृणाल पाण्डे की माँ 'गौरा' उर्फ शिवानी हिंदी साहित्य की प्रतिष्ठित लेखिका रही हैं। उनका साहित्य स्त्री के विभिन्न पक्षों की ओर ध्यान दिलाता है। 21 वर्ष की उम्र में उनकी पहली कहानी ‘धर्मयुग’ में छपी। तब से वो लगातार लेखन कर रही हैं। उनके लेखन में वर्ग भेद, छुआछूत, दहेज प्रथा, बाल विवाह, सती प्रथा और यौन रोग जैसी अनेक सामाजिक समस्याओं को देखा जा सकता है। मृणाल पाण्डे के निजी जीवन से लेकर उनके रचना-संसार को जानने-समझने के लिए देखिए अंजुम शर्मा के साथ संगत का यह रोचक एपिसोड।
संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गये लिंक पर जाएँ : • संगत
Hindwi channel is part of Hindwi.org website. The website is a initiative of Rekhta Foundation, dedicated to Hindi literature.
हिन्दवी के सोशल मीडिया चैनलों से जुड़िए :
Facebook : / hindwiofficial
Instagram : / hindwi_offi. .
Twitter : / hindwiofficial
Telegram : t.me/Hindwiofficial
#sangat #Hindwi #mrinalpande
Пікірлер: 134
मृणाल जी को सुनना हमेशा अच्छा लगता है। पिछले दिनों कुमायूँनी में आज हिन्दी में उनको सुनकर आश्चर्य होता है कि उनके पास भाषा का ऐसा सहज वैभव है
ये तो सच है कि अनुभवी और ज्ञानी लोगों को सुनने में ही एक सुख है, आनंद है। मृणाल जी को सुनने में अतिशय आनंद मिला। मृणाल जी का उपन्यास 'सहेला रे' पढ़ा हुआ है, एवं एक अन्य पुस्तक 'ध्वनियों के आलोक में स्त्री' भी पढ़ रखी है। लेकिन आज के इस इंटरव्यू के बाद देवी, पटरंगपुराण और बच्चों को न सुनाने लायक कहानियाँ, इन तीन पुस्तकों को भी क्रय करने की सूची में रख लिया है। शुक्रिया मृणाल जी 💯🙏 इस अद्भुत इंटरव्यू के लिए
एक अरसे बाद इतनी सुन्दर और सारगर्भित बातचीत सुनने को मिली। वाकई इस कार्यक्रम का नाम 'संगत' एकदम सार्थक है जैसे तबले की थाप और घुंघरू की झंकार, कहीं कोई कमी नहीं। मृणाल जी तो विदुषी है ही पर सवाल पूछने का अंदाज और गहराई भी लाजवाब है। लग रहा था कि पुराना वक्त लौट आया जब घर में मासिक पत्रिका आते ही पहले पढ़ने की होड़ और उसके बाद कहानी, लेख के बारे में बातचीत करना .. कितना कुछ याद आ गया। इस नायाब कार्यक्रम के लिए दिल से शुक्रिया।
स्वाभाविक न्यायपरकता , गहरे तक छू गया ये शब्द और आपका ये कहना और भी अधिक सच कि इतना न्यायपरक भी नहीं होना चाहिए! परिवार भी पराया हो जाता है!❤
आज बहुत फ़ुर्सत से सुनने का समय मिला। मृणाल पंत जैसी विदुषी को सुनना अपने आप में अनूठा अनुभव है। ख़ूब अनुभव वृद्ध हो कर ही और ख़ूब अच्छी पाठक परंपरा के पश्चात ही मृणाल पंत हुआ जा सकता है। गौरा पंत शिवानी जैसी माता की अनुकृति उनकी परंपरा को ख़ूब समृद्ध और परिष्कृत करती हैं। आभार आपका अंजुम, आपने मृणाल जी से बहुत सुंदर संवाद स्थापित किया।
बिल्कुल सही जिस उम्र में पुरुष जीवन में प्रोग्रेस कर रहा होता है। उस उम्र में महिलाएं बच्चे पैदा करती हैं और उन्हें पालने में ही अपना जीवन बीता देती है।
बहुत संयत और गंभीर साक्षात्कार ।साफ बातचीत जो दुर्लभ हो रही है ।मृणाल जी की मैं पुरानी प्रशंसक हूँ ।साक्षात्कार कर्ता भी उतनी ही शालीनता के साथ स्पष्ट प्रश्न रख कर उत्तर के लिए पर्याप्त स्कोप दे रहे थे । सुन कर अच्छा लगा ।🙏🏻
बहुत अच्छा एपिसोड , एक सिटिंग में देख गई , हर समय अपने मन और अपने कर्म के बीच कैसे संतुलन बैठाकर इतनी ऊंचाई हासिल की जा सकती है सीखा , सदा से मृणाल जी को पढ़ती रही हूं पर आज सुनकर और अधिक आनंद आया ,ज्ञान मिला , समझ बढ़ी , अंजुम जी बधाई
ये हर हफ़्ते इस कार्यक्रम के माध्यम से हम जैसों के हित अपना शुद्ध निश्छल प्यार परोसने के 'हिंदवी' की टीम को प्यार ❤
संगत पर हुए बेहतरीन संवादों में से एक है यह बातचीत! शुक्रिया हिन्दवी ❤
मीनू दी, आज आपको सुनकर दिद्दी की बहुत सी स्मृतियाँ जाग गई 🥰
@mrinalpande6526
6 ай бұрын
गुड्डी तुम और तुम्हारा परिवार आज भी यादों में बहुत प्यार से सुरक्षित है ।
अंजुम शर्मा जी जैसे साक्षात्कार कर्ता विरले ही होते हैं। असीम शुभकामनाएं आगामी संगत के लिए
@SunitaPrasad-xf9yu
8 ай бұрын
Mranaal ji ke bare me Mai naachej kya bol sakti hu. Etni mugh me samgh nahi. But Anjum Ko bhi hat's off
शानदार प्रस्तुति. अभिनंदन और असीम शुभकामनाएँ. सुज्ञान मोदी के प्रणाम स्वीकारें.
अगले एपिसोड का प्रोमो क्यों नहीं दिया गया। आप सभी से विनती है संगत की ये कड़ी अनवरत,अविराम चलती रहनी चाहिए।
मृणाल जी स्वयं एक संस्थान हैं... उन्हें सुनना एक समूचे कालखंड को सुनना है। बड़े होते हुए वामा पत्रिका को पढ़ने का सौभाग्य मिला...उस उम्र में भी यह स्पष्ट समझ में आया था कि वह पत्रिका कुछ अलग थी, उस समय प्रचलित पत्रिकाओं से हटकर थी। बहुत-बहुत धन्यवाद, आभार! 🙏🏾
Aaj pahli baar sanyog se yeh program dikhai de gaya. Mrinal ji ko dekh kar sunna shru Kiya to mantra mugdh hokar poora sunne ke baad hi chhor saki. Main ne haal hi men unka laghu upanyas himli heeraman katha padha aur logon se kaha ki itni klisht hindi bhi itni sunder aur rochak ho sakti hai nahin socha tha. Abhi to unki saral swabhavik bhasha ne kanon men ras ghola aur bahut kuchh seekhne ko bhi Mila. Main urdu ki senior ( age wise) lekhika hoon. Unke bahut se vichaar bahut pasand aye. Kaash kabhi milne ka saubhagya prapt ho sake. Do chaar baar gurra bhi len to koi darr nahin lagega Salamat rahiye likhti rahiye
बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण एपिसोड, हिंदवी टीम को हार्दिक बधाई 💐💐 मृणाल जी बहुमुखी प्रतिभा की धनी लेखिका हैं , उनके लेखन के आयाम विस्तृत हैं और इतने विस्तार से उनको सुनना बहुत ही सुखद और रोचक रहा।
@rashmikaithora
8 ай бұрын
टूजी gv😊
जीवन में तटस्थ रहना और होना दोनों ही अलग बातें हैं , जो हर कोई निभा नहीं पाता परंतु मृणाल मै'म को सुनकर लगा कि आपमें ये दोनों ही बातें मौजूद हैं l बहुत सुन्दर और सारगर्भित बातचीत l धन्यवाद संगत l मृणाल जी को सादर प्रणाम l
सबसे पहले अंजुम जी आपका शुक्रिया , कितनी निश्चिंतता से , अच्छी रिसर्च के बाद आप ये संगत के interview करते हैं - सारे सटीक सवाल और इतनी सहजता से मानो बातचीत चल रही हो , एक फ्लो में। अभिभूत हूँ मृणाल जी जैसे चिंतक लेखिका संपादक को सुनकर - सच में मेरी भी लड़कियों से इसलिए मित्रता कम होती है , पता नहीं क्यों स्त्रियों ने अपनी दुनिया घर/सास/ बच्चों के आगे देखा ही नहीं है - यहाँ तक की ज़्यादातर काम काजी स्त्रियां भी सौंदर्य /फैशन / शॉपिंग /टीवी सिनेमा के अलावा कुछ से भी सरोकार नहीं रखती ( ये अधूरा शसक्तीकरण है ), मानो पर्यावरण / अर्थव्यवस्था राजनीती जैसे मुद्दे इनकी दुनिया के है ही नहीं - हम ५० प्रतिशत हक़की बात करते हैं - भागीदारी क्यों नहीं दिखाते , अच्छी हिंदी पत्रिकाओं का कम होना चुभता है लेकिन बात फिर वही आजाती है कौन सा पाठक या दर्शक खड़ा है जो बेकार को बेकार कहे और अच्छे के लिए लड़े - कितनी स्पष्टता से आप अपनी बात रखती हैं मृणाल - मैंने आपको सिर्फ अखबारों और पत्रिकाओं में पढ़ा है - बहुत कुछ बाकी है पढ़ना आपको - सच में हिंदी अखबारों या बोल चाल वाली हिंदी का पतन दुःख देता है वो सभी लोग जो धारा के विरुद्ध सोचते हैं कहीं बोलना लिखना चाहते हैं उन्हें अब इतना सोशल मीडिया के होने के बावजूद जगह नहीं मिलती - अब तो दोस्तों से संवाद तक होना मुश्किल हो गया है इतना ध्रुवीकरण है समाज में - आपका हिंदी मीडिया से " लवर्स क़व्वारेल " जारी रहे , क्यूंकि जब तक आप जैसे लोग हैं कहीं न कहीं कुछ तो उम्मीद है ही बाकी ! Couple of days back I also watched an interview of a well known actress almost of same age who considers feminism as 'Faltu' and what a contrasting interview I must say - "Class " and Knowledge will never be outdated .
सत्यता , स्पष्टता और निश्छल हँसी का सुन्दर समन्वय है मृणाल जी🎉🎉🎉🎉😊
मृणाल जी को सुनना नयी खिड़की खुलने जैसा है। आपने सही कहा है पराश्रित का दर्द लिखा जाना आवश्यक है।
आदरणीया मृणाल पांडे जी को बहुत दिनो बाद सुनना हृदय को सुकून दिया l सादर प्रणाम स्वीकार करें l
मृणाल जी जैसे साधक विरले ही हैं। उनको सुन कर लगता है कितना कुछ जानने को है। अंजुम से मुलाक़ात आकाशवाणी दिल्ली में हुई थी। उनकी अध्ययनशीलता को भी नमन।
स्वयं को समझते एवं स्वीकारते एक सशक्त रचनाकार मृणाल पाण्डेय को सुनना देखना अच्छा लगा !
बहुत बढ़िया एपिसोड । बहुत बधाई।
जब - जब किसी कवि और लेखक को सुनता हू पढ़ता हूँ ,तो लगता है मै ही हुँ भविष्य के ॥
मृणाल जी और शिवानी जी को शत शत नमन 🙏🙏🙏🎉🎉🎉
मेरा परम सौभाग्य कि मेरे पास इनके बचपन की इतनी सुन्दर तस्वीर है जिसमें मैं शिशु रूप में इनकी कनिया में सुशोभित हूं।❤
संगत की टीम और अंजुम जी का जितना धन्यवाद किया जाए काम होगा मृणाल पांडे जी के साथ यह साक्षात्कार वाकई लाजवाब है🙏🙏🙏
Apko sunkar anayas hi shivani ji ki bahut yad ati hai .🙏🙏🙏🙏🙏
आपके साक्षात्कार की एक विशेषता यह भी है कि वह समय प्रवाह को पुनर्व्याख्यायित कर रहा है आपके अतिथि साहित्यकार के शब्दों में भाषा के स्तर पर भी यह अत्यंत संतोषप्रद और मुग्ध करने वाला है मृणाल जी का साक्षात्कार एक और सुनहरा एहसास रहा रहा इस साहित्यिक यात्रा का ---- कितने विषयों पर बातें हुईं और कितनी नवीनता संचारित रही पूरे वातावरण में वह अकथनीय है --घिसे पिटे ढर्रे पर पिटे पिटाए मुहावरे' कहीं न कहीं ' उनमें से एक है लेकिन अंजुम शर्मा की चौपाल में महफ़िल का स्तर अलग ही है आप की आवाज़ भी बेहतरीन है ---मृणाल जी को सादर चरण स्पर्श 🌹
परम आदरणीय मृणाल जी का साक्षात्कार सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई। आपको बचपन से सुनते आ रहा हूँ। आपके जन्मस्थान से ही आता हूँ पर अब अमेरिका मैं रहता हूँ। आपने टीकमगढ़ का गौरव बढ़ाया है। ईश्वर आपको और आपके परिवार को स्वस्थ और प्रसन्न रखे। सादर प्रणाम।
अंजुम सर आपकी वही आवाज जिसका कोई सानी नही.... बस आते रहिये कुछ न कुछ लाते रहिये
Thanks for this interview. I have a great regard for Mrinalji.I have read her articles in TOI.Heard her on the TV. Read her English translation of a travelog written in marathi around 1857 by a poor brahmin who travels on foot from Ratnagiri to Jhansi & back.
यह साक्षात्कार सुनकर आनंद के सागर में गोते लगता रहा शिवानी जी मेरी अत्यंत प्रिय लेखिका हैं उनके बारे में उनकी ही विदुषी बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न सुपुत्री से जाना अपने आप में अनोखा अनुभव रहा मृणाल जी की बहुत सी पुस्तक पड़ी है मैंने इस में साक्षात्कार से मालूम चला कि उनकी कौन कौन सी पुस्तक हमें पढ़नी चाहिए साक्षात्कार का स्तर अत्यंत उच्च स्तरीय है.......
स्त्री-विमर्श के विशुद्ध भारतीय सन्दर्भों को समझने के लिए इसे सुनना चाहिए। मृणाल जी ने न सिर्फ़ स्त्रियों पर लिखा, बल्कि एक संघर्षशील, स्वतंत्र और कामयाब स्त्री की तरह जीवन व्यतीत करके भी दिखाया।
अंजुम शर्मा द्वारा मृणाल पांडे के साथ एक बहुत ही विस्तृत साक्षात्कार सुनने को मिला।ये साक्षात्कार, समाज में महिलाओं की जीवनभर के विभिन्न चरणों की स्थिति के बारे में बहुत कुछ जानने का अवसर मिला। इस इंटरव्यू का सबसे अच्छा हिस्सा समाज में महिलाओं के बारे में मिथक और समाज के विकास के साथ उनकी सोच में बदलाव की कहानी है। साथ ही इन की तरफ से व्यक्तिगत स्तर पर उठाए गए कदमों की दी गई जानकारी आज की महिलाओं के लिए प्रेरणादायक और उन्हें सशक्त बनाने वाली हो सकती है। इस साक्षात्कार के लिए संगत चैनल, मृणाल पांडे और अंजुम शर्मा जी का बहुत धन्यवाद। मोहन बेगोवाल
मृणाल पाण्डे जी का साक्षात्कार हिंदवी पर एक अदभुत ज्ञानमय अनुभव रहा। वामा जैसी अप्रतिम पत्रिका से लेकर अपने लेखन और कथाओं द्वारा मृणाल जी ने हम पाठकों का हिन्दी जगत में मार्गदर्शन किया है। आज उनको साक्षात्कार में सुन कर बहुत ही अच्छा लगा। 🙏
It was so delightful to listen to this interview. Mrinal ji is outspoken, and like breadth of fresh air in today’s world.
हिंदी के प्रति इतना सम्मान, और अपनी सतत गति से लेखन कार्य करते रहना... निसंदेह सम्मानजनक एवं प्रेरणादायक है!🙏
विशेष हर्ष इस बात का हुआ कि एक विदुषी मां ने अपने कार्य क्षेत्र में तो नाम रोशन किया ही उन्होंने अपने संतानों को इतना योग्य बनाया की समाज की सोच को एक नई दिशा देने के लिए मृणाल पांडे जी को सक्षम बनाया
अंजुम जी जो आपका तरीका है, जिस बेबाकी से आप प्रश्न को पूछते हैं वह आप जैसे विरले लोग ही होते हैं। बहुत कुछ सीखने को मिला आप दोनों से।
My research paper is based on this theory of childless motherhood.... Very happy to see that you also believe in it. 😊🙏 Awesome interview... ❤
Please don't stop sangat 😢😢
मृणाल जी आपके साहस लगन और ज्ञान की जितनी भी सराहना की जाए कम होगी । मैंने आपकी कोई भी रचना नहीं पड़ी सिर्फ़ TV पर आपको सुना और देखा है और आज आपका interview देख कर बहुत प्रभावित हुई। आप ऐसे ही अपना मनोबल बनाए रखें और अच्छा अच्छा लिखती रहें। अंजुम जी आप बहुत प्रभावित करते है आपकी आवाज़ बहुत अच्छी है 🙏🏼🙏🏼👍🏼👍🏼
सच मृणाल पांडे को सुनना सौभाग्य की बात है। बहुत सी जानकारी देने के लिए भी कोटि-कोटि धन्यवाद ।
What an enriching conversation. Enjoyed thoroughly!!
विदुषी महिला, रचनात्मक प्रतिभा।
बहुत शानदार इंटरव्यू असल विदुषी हैं मृणाल जी❤
मृणाल जी को सुनकर मैं समृद्ध हुई।बहुत शुक्रिया, हिंदवी।
मैने शिवानी जी को बहुत पढ़ा है, मृणाल पांडे जी का साक्षात्कार बहुत अच्छा लगा
What an exalted human being...loved each of her responses... I discovered Amritlal Nagar through her translation ' of "Gadhar Ke Phool"Gathering The Ashes.. brimming with knowledge,ideas with erudite articulation... absolute fan of hers!!!!💕
what a phenomonal intellect and analysis of hindi wallas i do write in hindi some kudos to anjum sharma mrinal a phenominal hindi writer i still read her stoty aranya sharanya i forget the title exactly fpl forget and ignore typos kamla dutt
मृणाल जी को सुनकर अच्छा लगा।
Very nice interview of a very balanced person.👍
The interview was conducted and given beautifully
Exclusive touching my heart.I'am bottom to my heart good reader of Shivani ji...
बहुत अच्छी बातचीत 🙏
❤❤iss ek program mein hee mrinaal ji key sampoorna jeewan kaa vistaar praapt huaa.
कितनी इमानदारी से जवाब मिला...
बहुत प्यारा साक्षात्कार।
Achcha Laga Dil chhu liya❤🌹🌹🙏
मृणाल जी को सुनना खुद को समृद्ध करना है. मुझे हमेशा लगा जो वो हैँ जितना खजाना उनके पास है वो आना बाक़ी है
Good to see you, hear you. God bless you
What Mrinaal ji has described about parental home pampering brother's family is a bitter truth & prevalent in each family ..
बहुत सुंदर बातचीत!
Apke sabhi program niymat dekhte hun
आप बहुत अच्छे और विद्वत जनों का इंटरव्यू करते हैं
बहुत सी बातें जानी, अच्छा लगा ।
धन्यवाद sir
मैं उनके द्वारा सम्पादित वामा की नियमित पाठक थी और उसकी कई बातों ने मेरे ऊपर प्रभाव डाला
अंजुम सर आप बहुत अच्छा इंटरव्यू लेते हैं
Behtarin bahut shandar bridal Ji ko samachar padhte hue Apne Bachpan mein dekha tha ham logon ko bada ideal lagti thi itne sare gunon ka Bhandar ek mahila ke andar bilkul durlabh vyaktitva
मृणाल जी ! मेरा मन आनंदित है कि उसकी घुमड़न बयान हो रही है।
अद्भुत साक्षात्कार
मन खुश हो गया!
मैंने दो बार कोशिश की लेकिन १००% सच लिखना बहुत कठिन है क्योकि सब अपने ही आस पास कहने को होते हैं
बहुत सुंदर 🙏
पारदर्शितापूर्ण,समीक्षात्मक दृष्टि कोण की विधवाओं में,पारांगत हैं, लेखिका और लेखनी ।
बहुत ख़ूब ❤❤
बहुत अच्छा
दिलचस्प संवाद !
जब मृणाल जी वामा में थी मुझे शिवानी के सुरंगमा का इंतजार रहता था. वामा में ही अमृता प्रीतम का लिखा सारा शगुफ्ता को पढ कर पहली बार पाकिस्तान की शायरा को पढ़ने को मिला था
Bahut samay bad aapko sunkar bahut
sundar
जिन्हें सीखना हो बोलना / लिखना वो मृणाल जी को सुने
मृणाल पांडे जी का मैं बहुत हृदय से सम्मान करता करता हूं लेकिन पिछले दिनों जिस प्रकार से एक महिला कंगना रानाउत के उपर जिस प्रकार उन्होंने अभद्र निकृष्ट टिप्पणी करी है उसे उनकी छवि समाज में पहले जैसी नहीं रही मैं तो दुखद आश्चर्य में हूं कि एक विदुषी प्रगतिशील महिला की पुत्री होने के नाते उन्होंने यह संस्कार कहां से पाए ........ आदरणीय शिवानी जी की पुत्री से ऐसी टिप्पणी की आशा कदाचित नहीं करी जा सकती है
What is your view about Mandi, Himachal Pradesh?
❤
मृणाल जी बहुमुखी रचनाकार और पत्रकार हैं, लेकिन जब वह हिन्दुस्तान की संपादिका थीं तब आमचुनाव में जो शीर्षक लगाए जाते थे,वे मिथकीय होते थे, जबकि संवैधानिक होने चाहिए थे। जैसे देवासुर संग्राम और समुद्रमंथन आदि। इससे पत्रकारिता की भाषा में विजातीय शब्दावली को वैधता मिली?
@user-bp7cs6by5q
8 ай бұрын
विजातीय क्या होता है?
मेरी प्रेरणा हमेशा हमेशा
मृणाल जी के शब्द-शब्द में अहंकार टपक रहा है l इनका ख़्याल है कि यही सबसे बुद्धिमान और प्रतिभावान हैं l शेष सब मूर्ख हैं l
@Rudrakshe_PrincessRK
7 ай бұрын
Aapko aisa kahan lagha unmai ahankaar hai, vo kehtai han na ki yatha drishti tatha Srishti-drishti dosh hai
No promo for the forthcoming episode. Kya Sangat ka silsila apni samapti ki oor hai..
मैंने शिवानी की बहुत किताबें पढ़ी उम्दा इंटरव्यू
👌👍❣️🙏🌹
Coming from an extremely privileged background, she has made good use of everything and passed on to her next generation. And that anecdote about Abdullah 😂😂😂😂
बाद में आत्मकथात्मक अंश पिता वाला किस किताब में है अंजुम ?
सोशल मीडिया पर मृणाल का कुछ और ही रूप दिखाई देता है, भीतर से कुंठित और दंभी महिला का।
मैं नीमच में रहता हूं।
26👍