श्री रामाचं सगुण रूप | तुलसीदास यांच्या दृष्टीतून रामाचं मनोहर दर्शन |
श्री रामाचं सगुण रूप आहे तरी कसं? गोस्वामी तुलसीदास यांच्या दृष्टीतून रामाचं मनोहर दर्शन या बद्दल बोलतायत रवींद्र पाठक.
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चौपाई
सरद मयंक बदन छबि सींवा। चारु कपोल चिबुक दर ग्रीवा।।
अधर अरुन रद सुंदर नासा। बिधु कर निकर बिनिंदक हासा।।
नव अबुंज अंबक छबि नीकी। चितवनि ललित भावँती जी की।।
भुकुटि मनोज चाप छबि हारी। तिलक ललाट पटल दुतिकारी।।
कुंडल मकर मुकुट सिर भ्राजा। कुटिल केस जनु मधुप समाजा।।
उर श्रीबत्स रुचिर बनमाला। पदिक हार भूषन मनिजाला।।
केहरि कंधर चारु जनेउ। बाहु बिभूषन सुंदर तेऊ।।
करि कर सरि सुभग भुजदंडा। कटि निषंग कर सर कोदंडा।।
दोहा/सोरठा
तडित बिनिंदक पीत पट उदर रेख बर तीनि।।
नाभि मनोहर लेति जनु जमुन भवँर छबि छीनि।।147।।
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जय श्रीराम ,अगदी भावपूर्ण ,मनोहर दर्शन घडवलं ,दादा ,मघाव ,निषाद आणि वाद्यवृंद सर्वांचे आभार ,प्रभू मूर्तिमंत भेटले.❤
आदरणीय श्रीरवी दादा आणि समस्त श्रीप्रभुरामचंद्र यांचे भक्त यांना सस्नेह नमस्कार.'सगुण ' दर्शन नितांत सुंदर व चौपायी गायन श्रवणीय!खुप छान!🌹🙏🌹
जय श्री राम 🙏🌹 अप्रतिम मनमोहक वर्णन ❤ श्रीराम जय राम जय जय राम 🙏🌹
श्री राम जय राम जय जय राम.
🌿🌹 श्रीराम 🚩🙏
जय श्रीराम!🌹🙏👌
🙏🙏 ll श्रीरामजयरामजयजयराम ll 🙏🙏
श्री राम जय राम जय जय राम
🙏🚩जय श्रीराम
🌹🌹🌹Shri Ram jai Ram jai jai Ram 🌹🌹🌹
श्री सद्गुरू ब्रह्मचैतन्य महाराज गोंदवलेकर यांच्या चरणी माझा दंडवत श्रीराम जय राम जय जय राम
Very nice🙏👏👏👍
🙏🙏🙏
सरद मयंक बदन छबि सींवा। चारु कपोल चिबुक दर ग्रीवा।। (नील सरोरुह नील मनि नील नीरधर स्याम। लाजहिं तन सोभा निरखि कोटि कोटि सत काम।।) अधर अरुन रद सुंदर नासा। बिधु कर निकर बिनिंदक हासा।। नव अबुंज अंबक छबि नीकी। चितवनि ललित भावँती जी की।। भुकुटि मनोज चाप छबि हारी। तिलक ललाट पटल दुतिकारी।। [ कुंडल मकर मुकुट सिर भ्राजा। कुटिल केस जनु मधुप समाजा।। उर श्रीबत्स रुचिर बनमाला। पदिक हार भूषन मनिजाला।। केहरि कंधर चारु जनेउ। बाहु बिभूषन सुंदर तेऊ।। करि कर सरि सुभग भुजदंडा। कटि निषंग कर सर कोदंडा।। ] (जासु अंस उपजहिं गुनखानी। अगनित लच्छि उमा ब्रह्मानी।।) (गिरा अरथ जल बीचि सम कहिअत भिन्न न भिन्न। बदउँ सीता राम पद जिन्हहि परम प्रिय खिन्न।।) छबिसमुद्र हरि रूप बिलोकी। एकटक रहे नयन पट रोकी।। चितवहिं सादर रूप अनूपा। तृप्ति न मानहिं मनु सतरूपा।। 🙏
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम