राम ने शबरी का जूठा बेर नहीं खाया था | रामायण में कोई प्रमाण नहीं है | पूज्य संत श्री अभय साहब जी
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राम ने शबरी का जूठा बेर नहीं खाया था!
Ram did not eat Shabari's false plum!
- संत श्री अभय साहेब जी
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Пікірлер: 770
परमात्मा कबीर ने पाखण्ड को खण्ड खण्ड किया❤❤❤
@Goruram_jangir_simarla
3 ай бұрын
Kabir Parmatma kahan se ho gaya Kabir Das Ji Ne to Swayam Parmatma Ko swikar Kiya Hai ant Mein Jay Shri Ram
बहोत सुन्दर अब आप जैसे लोग कुछ ही दिनों मे राम ये भी बोलेंगे की राम भी नहीं थे. सबरी को तो हटा ही दिया. क्या बात है संत जी आपके
@manjit134
4 ай бұрын
आपने शबरी को किस रामायण में पढ़ा राम को बेर खिलाते हुए? तुलसी बाली या वाल्मिकी की?
@BhuneswarYadav-wy4qv
Ай бұрын
Prabhu Ram ka gatha bahut hi anadar rup se bol rahe ho ,ye Katha kar nahi hai
भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं उन्होंने स्वयं को सामान्य मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर दुष्टों का संहार किया... भगवान श्रीकृष्ण लीलापुरुषोत्तम हैं, उन्होंने स्वयं को ईश्वर कहां किसी से कोई सहायता न ली और ईश्वर के रूप में दुष्टों का संहार किया
@IndrajeetKumar-en5nm
2 ай бұрын
लीला पुरुष हत्या पुरुष है
भगत हेतु भगवान प्रभु राम धरेउ तनु भुपl किए चरित् पावन परम प्राकृति नर अनुरूप।। राम भगवान ही थे, भक्त के लिए सगुण साकार मनुष्य का रूप धारण किया और भत्तों का कल्याण किया। जिनको आत्म दृष्टि प्राप्त था वो सर्ववापक देखते थे और जिनको नही था आत्म दृष्टि वो साधारण मनुष्य देखते थे
@kailashsharma9395
5 ай бұрын
Kambadh nahi kabandh bolo.
@merabharatmahanjaymulnivas7729
5 ай бұрын
अर्थ- पुरुषों में नाई पूर्त होता है, पक्षिया में कौवा धूर्त होता है. चौपाया में गीदड़ धूर्त होता है। नारियों में मालिनी (सैनी, (शाक्य कुशवाहा मौर्य) जाति की औरतें घूर्त होती है। (3) वर्दकी नापितो गोपः आशापः कुम्भकारकः वीवक किरात कायस्थ मालाकर कुटिम्बिनः एते चान्ये च वहवः शुद्रा मिन्नः स्वकर्मभिः- 10 चर्मकारः भटो भिल्लो रजकः पुष्ठकारो नटः वरटो भेद चान्डाल दासं स्वपच कोलकाः- 11 एते अन्त्यज समा ख्याता ये चान्ये च गवारानः ॥ एषाम सम्भाषणाद स्नानं दशनादर्क दीक्षणमः-12 अर्थ- बढ़ई. नाई, अहीर, अशाप, कुम्हार, तेली, मुशहर, कायस्थ, माली और उनके कुटुम्बी ये सब अपने-आपने कर्मों से भिन्न-मिन्न प्रकार से शुद्र हैं। चमार, मट, भील, घोबी, पुस्कर, नट वरट, मेद, चाण्डाल, दुसाध, दास, गंगी, और काले लोग ये सब अन्त्यज कहे जाते हैं और मांस भक्षण करते हैं, वे भी अन्त्यज है। ब्राह्मण को इनके साथ बात करने पर स्नान करना चाहिए और इनका मुख देख लेने पर सुर्य का दर्शन करना चाहिए तभी शुद्धि होती हैं। - व्यास स्मृति, अध्याय-1 श्लोक न० 10,11,12
@merabharatmahanjaymulnivas7729
5 ай бұрын
अर्थ- पुरुषों में नाई पूर्त होता है, पक्षिया में कौवा धूर्त होता है. चौपाया में गीदड़ धूर्त होता है। नारियों में मालिनी (सैनी, (शाक्य कुशवाहा मौर्य) जाति की औरतें घूर्त होती है। (3) वर्दकी नापितो गोपः आशापः कुम्भकारकः वीवक किरात कायस्थ मालाकर कुटिम्बिनः एते चान्ये च वहवः शुद्रा मिन्नः स्वकर्मभिः- 10 चर्मकारः भटो भिल्लो रजकः पुष्ठकारो नटः वरटो भेद चान्डाल दासं स्वपच कोलकाः- 11 एते अन्त्यज समा ख्याता ये चान्ये च गवारानः ॥ एषाम सम्भाषणाद स्नानं दशनादर्क दीक्षणमः-12 अर्थ- बढ़ई. नाई, अहीर, अशाप, कुम्हार, तेली, मुशहर, कायस्थ, माली और उनके कुटुम्बी ये सब अपने-आपने कर्मों से भिन्न-मिन्न प्रकार से शुद्र हैं। चमार, मट, भील, घोबी, पुस्कर, नट वरट, मेद, चाण्डाल, दुसाध, दास, गंगी, और काले लोग ये सब अन्त्यज कहे जाते हैं और मांस भक्षण करते हैं, वे भी अन्त्यज है। ब्राह्मण को इनके साथ बात करने पर स्नान करना चाहिए और इनका मुख देख लेने पर सुर्य का दर्शन करना चाहिए तभी शुद्धि होती हैं। - व्यास स्मृति, अध्याय-1 श्लोक न० 10,11,12
@manjit134
4 ай бұрын
As per तुलसी जी विप्रहित जन्म लिए थे।
@merabharatmahanjaymulnivas7729
4 ай бұрын
अध्याय १० मनुस्मृति - द्वितीय संशोधित संस्करण १९७८ ४०५ न शूद्रे पातकं किंचिन्न च संस्कार मर्हति । नास्याधिकारो धर्मेऽस्ति न धर्मात्प्रतियेवनम् ॥१२६ शूद्र को आजीविका ब्राह्मण से न चले तो उसे क्षत्रिय की सेवा करनी चाहिए, वह भी न हो सके तो धनी वैश्य की सेवा से जीविका करे । स्वर्ग अथवा स्वार्थ परमार्थ के लिए शद्र को 'ब्राह्मण सेवा ही करनी चाहिए, अमुक शद्र ब्राह्मण का आश्रित है ऐसा कहलाना ही उसके लिए कृत्यकृत्यता होगी । ब्राह्मण- सेवा शूद्र का विशिष्ट धर्म है, इसके अतिरिक्त अन्य कर्म निष्फल होता है। शूद्र की परिचर्या सामर्थ्य, कार्यकुशलता और उसके कुटुम्ब का व्यय देख कर अपने यहाँ से उसको जोविका निश्चित करें । उस सेवक शूद्र को जूठा अन्न, जोणं वस्त्र, असार धान्य तथा जीर्ण ओढ़ने-बिछाने का वस्त्र प्रदान करे । अखाद्य भक्षण में शूद्र को कोई पाप नहीं लगता और न उसके लिए कोई संस्कार ही है, धर्म में उसका न तो अधिकार है और न धमकार्य का उसके लिए निषेध हो है ।।१२१-१२६।।
साहेब बंदगी साहेब 🙏🙏🙏
ये महात्मा जी को मैं प्रणाम करता हूं ❤
Jay shree ram ❤❤❤❤❤
Very nice प्रवचन साहेब जी🙏 के
@ramchandrasahu1561
5 ай бұрын
क्या वेरी नाइस
@merabharatmahanjaymulnivas7729
5 ай бұрын
किसी भी आयु का ब्राह्मण पितातुल्य होता है। सौ वर्षों का वृद्ध क्षत्रिय भी 10 वर्ष के बालक ब्राह्मण को पिता बराबर ही समझे। (मनुस्मृति, 2/138) 4. शूद्र द्वारा अर्जित धन को ब्राह्मण निर्भीक होकर ले सकता है, क्योंकि शुद्र को धन रखने का अधिकार नहीं है। (मनुस्मृति, 8/416) 5. बिल्ली, नेवला, चिड़िया, मेढक, गधा, उल्लू और कौवे की हत्या में जितना पाप लगता है, उतना ही पाप शूद्र (अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा बर्ग) की हत्या में है। (मनुस्मृति, 11/131) 6. ब्राह्मण दुश्चरित्र भी पूजनीय है और शूद्र जितेंद्रिय होने पर भी पूज्य नहीं। (पराशर स्मृति, 8/33) 7. जो शूद्र अपने प्राण, धन और स्त्री को ब्राह्मण को अर्पित कर दे, उत्त शूद्र का भोजन करने योग्य है। (विष्णु-स्मृति, 8/33) 8. चाहे वह खरीदा गया हो अथवा नहीं, लेकिन शूद्रों से सेवा ही करानी चाहिए, क्योंकि शूद्रों की उत्पत्ति ब्रह्मा ने ब्राह्मणों की सेवा के उद्देश्य से ही की है। (मनुस्मृति, 8/412) 9. इन शूद्रों को श्मशान, पहाड़ और उपवनों में ही अपनी जीविका के कर्म करते हुए निवास करना चाहिए। (मनुस्मृति, 10-49) 10. इन नीची जाति वालों के लिए कफन ही इनका वस्त्र है, फूटे बर्तनों में ये भोजन करें, इनके आभूषण लोहे के हों और वे सर्वदा भ्रमण करते रहें तथा एक स्थान पर बहुत दिनों तक ना रहें। (मनुस्मृति, 10-51) 11. धर्माचरण करने वाला मनुष्य इन नीच जाति वालों के साथ बातचीत न करे तथा उन्हें ना देखे। (मनुस्मृति, 10/52) 12. यदि नीची जाति का व्यक्ति ब्राह्मण अथवा गाय के लिए अपने प्राण त्याग दे, तो वह उच्च पद को प्राप्त होता है। (मनुस्मृति, 10/61) 13. यदि किसी कारणवश यज्ञ पूरा ना हो रहा हो तो उसकी पूर्णता के लिए वैश्य के यहाँ से धन ना मिलने पर शूद्र के यहाँ से धन ले सकता है, क्योंकि शूद्र का यज्ञ से कोई संबंध नहीं होता। (मनुस्मृति, 11/13) 4. जिस ब्राह्मण ने शूद्र का वध किया है, उसे छः माह के व्रत तथा एक वैल तथा ग्यारह गायें दूसरे ब्राह्मण को दान में देनी चाहिए। (मनुस्मृति, 11/130; पराशर स्मृति, 6/16) वर्ण-व्यवस्था के जनक और शूद्र /
साहेब वंदगी साहेब। बहुत सुंदर प्रवचन दिये हैं जागरुकता कार्यक्रम है
@kkkumarsharma
5 ай бұрын
Kahan se aa haate hain be sir per ki baat karne waale
Abhi in guruo ne Sri Ram Ji ki leela ka gyan paya hai.jis din ye log Ram ko pa lenge sara pakhand,tanj kasna bhool jayenge.❤Jai Sri Ram❤
आप से बड़ा सर्वज्ञ कोई नहीं है क्योंकि सबको पाखंड करना नहीं आता
जैसा पाये वैसा सुनाओगे तो एक न एक दिन टूटे जाओगे
Wah साहेब .... साहेब bandagi 🙏🙏🙏 andh bhakt hai sab jo hai hi nahi uski pooja karte hai jo b hai hum swayam hi hai ...khud hi hai baki sab bhram hai 😊
आपके अनुसार राम चरित मानस असत्य है कृपा करके पुनः किसी सत्य गुरु का सान्निध्य प्राप्त करें। जय सीताराम
समझ रहे हैं।आप समझ गए तो ठीक। कबीर जी ने अपना दर्शन रखा आपकी तरह आलोचना नहीं करते थे।
Yah kabirpanthi Sabke Sab Ravan ke Vanshaj hai abhi tak bhi Inko Ram Se Vahi Ber hai Jo Ravan ko Ram Se tha Jay Shri Ram
बहुत अच्छा ज्ञान दिया है. आपने धन्यवाद.
@rkkushwahavyasji1301
5 ай бұрын
तुम भी लगता है वैसे ही हो भाई ये कलुवा शक्ल से भी और अकल तो है ही नही
પ્રણામ જી 🙏🌹
अति सुन्दर गजब विचार है साहेब जी 👌👌👌👌👌👌
@BHAKTI_OFFICIAL6326
3 ай бұрын
लिख लोरा पत्थर का किया अर्थ होता है
कलीयुग मे सब अपने आप को सही बताएंगे अब राम हि जाने राम अपने भगतो के संग कैसे रहे होन्गे सब अच्छे कर्म करो राम ने यही सिखाया हे।सभी अलग अलग ज्ञान सुनाते हे। जय श्री राम
इस कार्यक्रम को बहुत बहुत समर्थन करते हैं जय भीम जय भारत छ ग,
@shantiprasadbhatt5619
5 ай бұрын
À00000000000000
@IshwarPatel-lh4wl
2 ай бұрын
अच्छा तो यह भीमराव वाला है, इसलिए यह इतिहास का इतना विरोध करता है,
बहुत सुंदर व्याख्यान ऐसा हैआप का
Satguru, Satnam ❤❤❤
सदगुरु कबीर साहब के जैसा ना कोई ज्ञानी पैदा हुआ ना होगा साहिब बंदगी
@ptamitpandeyptamitpandey6721
3 ай бұрын
ऐसे चुटिया वक्ताओं की इनकी कथाओं का विरोध किया जाए इनको अभी विरोध किया जाए जय सनातन
Pandit ji sader नमन है आपको sabri ne ber अगर नहीं Khae tuo koi baat nahi kahe tuo ठीक h lakin sab log ak rahegay apas me jo प्यार bacha h उसे naa katam karo कुछ kisi ka yanha कुछ नहीं स्थाई h. Bhagwaan ne अपने हाथ रखा bus जब तक h एक Doosray का सहारा बने ये ज्ञान Do. हाथ जोड़कर नमन है.
@ajaykumarbind5517
3 ай бұрын
इसका मतलब गंदगी फैलाने वाले ग्रंथ लिखकर गंदगी फैलाते रहे, और आप उनका सहयोग करते रहें, पाखंडी ने वेद रामायण पढ़ने व सुनने पर पहले भी पाबंदी लगाया था, और अब तुम भी......
मेरे भाई तुलसीदास जी ने पहले ही लिख दिया है कि कलयुग मैं येशे लोग हुंगे जो ग्रंथों को झूंठा मानेंगे राम जी मर्यादा में रहकर ये सब काम कर रहे थे क्यों गलत तरीके से बात करते हैं सबरी के गुरु कह कर गए थे तभी सबरी बाट जोहती है जैसे तुम्हारे पिताजी कहे की तुम यहीं पर रहना तुम्हारी मां आबेगी उसके साथ चले जाना तो आप अपने पिताजी के कहने पर बाट नहीं करेंगे आप अपने पिताजी को ही झूँठा मानेंगे कुछ तो शर्म करो मेरे देश के नए ज्ञानियों इस देश मै क्यो अराजकता फैला रहे हो कंश और जरासंधो
@RKSINGH-kb9qb
2 ай бұрын
Kabir sahab see pahle kitne kabir aye aur chale gaye adhyatmik post par baithhe mahapurus chota badda n hote hai sab apne ko guru ka das Mante app jaisee log ki wajah see Kabir sahab ki sakh ko girati hai
@BanshilalmeenaHarmor
6 күн бұрын
पहले ज्ञानी बनो फ़ालतू ज्ञान मत करो यूं ही ज्ञान नहीं मिलता है मेहनत करनी पड़ती आलसी भक्ति कर नहीं सकता है और ज्ञान करता है अगर पढ़ें लिखे नहीं और केवे हमको पढ़ाई पूरी फाइनल कर दी है या गाड़ी चलाना सिखा नहीं और केवे मैं गाड़ी चला देता हूं फिर कहीं खड्डे में गिराकर सबको मरवाएगा ६२६
सब कुछ ज्ञान आपको ही है क्योंकि आप राम वाले युग में मोजूद थे। लोगों को धर्म के आधार पर एक दूसरे से लड़ाना यही काम है
मोतियाबिंद तो आपको भी है। भगवान् श्रीनराम मानव लीला कर रहे हैं। जानते हुए सब कुछ अनभिज्ञ हो आम मनुष्य जैसे व्यवहार कर रहे हैं। जिस समय तुलसी और सूरदास राम और कृष्ण के भक्ति से ओत पोत भक्तिमय साहित्य लिख रहे थे, यह नीरु और नीमा नामक जुलाहे के घर पलने वाला अनाथ कबीर, गुरु रामानंद जी जो भगवान् श्री राम के उपासक थे का शिष्य बने । फिर भी अन्न तो जुलाहे का खाये थे । जैसा अन्न वैसा मन। जैसे घर में पले थे उस वातावरण का प़भाव उन पर पड़ा था। वैसे ही उनके संस्कार बने। वे अनपढ़ थे और भक्ति विरोधी विचारों से घर से ही प़भावित थे। जुलाहे दम्पति भक्ति थोड़े सिखायेगे अपने गोद लिये अनाथ बच्चे को। इन्ही कारणों से वे साकार ब़ह्म के विरोध में विचार रखते थे। वे कुछ तुकबंदी भी लिखने लगे। हिन्दू लोगों को तो विरोध किसी का करनो नहीं । सर्वे भवन्तु सुखिनः। इसी में मजा है। काहे को खाम खा तनाव मोल लेना। वे सबके हां में हां मिलाने के नाते कबीर को निराकार ब़ह्य की कविता लिखने वाला कवि मान बैठे। कबीर कवि से कबीर साहब कस बन गया भगवान् जाने। भारत के लोग भी धन्यवाद के पात्र हैं। बकलोल को भी भगवान् बना देते हैं और उसकी उपासना करने लगते हैं।🎉
@Abdv1981
3 ай бұрын
Raju bheekh ka aur pakhand ki dakshina ka jo Anna khaye hai unki buddhi lampat hogi hi
@ramlakhansinghsingh9557
3 ай бұрын
Murkh ko kya
संत शिरोमणि को बार बार धन्यवाद नमन इस संसार में किसी व्यक्ति को यदि सही और गलत की पचान नही है तो सौ बार जन्म लेना पड़ेगा आखिर अंत 000है
*_लभन्ते ब्रह्मनिर्वाणमृषयः क्षीणकल्मषाः ।_* *_छिन्नद्वैधा यतात्मानः सर्वभूतहिते रताः ॥_* _(श्रीमद्भगवद्गीता-५.२५)_ जिनके सब पाप नष्ट हो गए हैं,जिनके सब संशय ज्ञान द्वारा निवृत्त हो गए हैं, जो सम्पूर्ण प्राणियों के हित में रत हैं और जिनका जीता हुआ मन निश्चलभाव से परमात्मा में स्थित है,वे ब्रह्मवेत्ता पुरुष शांत ब्रह्म को प्राप्त होते हैं।
ये कबन्ध जी महाराज साक्षात इनको ऐसी-ऐसी कथा बहुत आती हैं
, आप राधा को एक नारी जानते हों ओर कृष्ण को आदमी । आप अपने ज्ञान से केवल अंहकारी हो गए ज्जबकी राधा और कृष्ण दो नही हैं एक माया है एक ब्रह्म है। ये दोनों kabhi alag nahi ho sakte.
@rakshasg3725
4 ай бұрын
तब रूक्मिणी से विवाह क्यों किया ??
इसीलिए तो राम जी को मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहते हैं मैं उनको पता होते भी वह मर्यादा में रहना चाहते थे सीता जी को उसने पहले ही अग्नि देव को भेज दिया था
@diwanshukumar5632
2 ай бұрын
बहुत बढ़िया
बहुत खूब
स्वयं भू सन्त ना जाने कब अर्थ का अनर्थ कर दें पता ही नहीं चलता।असल में इस धन्धे में अथाह धन वैभव ऐशो आराम प्राप्त होता है वही सब कुछ इनकी बुद्धि भी हर लेता है।
Saheb bandhgi
कबीर साहब भी राम को मानते थे आज के उनके पाखंडी भक्त लोग राम को नहीं मानते
@stock.92
5 ай бұрын
कबीर के राम दशरथ के पुत्र नही
@ramanujbaladev9354
3 ай бұрын
गर्व क्यों सोई नरहरिyo siyaramji se bhajan padho Kabir saheb ka
वहा जी वहा महाराज धन्य आप जी।
जय श्री राम ! इन महाशय को यह ज्ञान होना चाहिए की आप राम कथा का ज्ञान दे रहे तो ! ये मालूम होना चाहिए की श्री विष्णु भगवान के अवतार श्री मर्यादापुरोषतम राम ने नर शरीर धारण कर पृथ्वी पर लीला की है! तो वह स्वयं साधारण मानव की तरह ही तो व्यवहार करेंगे ! देश में बहुत सारे कथा वाचक हो गए जो को सनातन धर्म व शास्त्रों की मर्यादा खंडित करते रहते है!
@vivekdubey1447
5 ай бұрын
लकिन गोस्वामी तुलसीदास जी भी महान संत है जो किकबीर दास जी महान संत है इनकी बात को सआधारण ब्यक्ति नही समझ सकते हैं
@dr.vijaysahu4881
5 ай бұрын
ऐसे कथावाचक लोग ही धर्म को नष्ट कर रहे कम ज्ञान महाकल्याण है
@AshishNirmohi
5 ай бұрын
अबे बेकूफ कमबध नहीं ,कबंध नाम था,खुद को कुछ पता नहीं चले हो ज्ञान पेलने, इनपर तो देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए,
Bhut Sundar prvachan hkikat se prichay huwa
@shivrajsinghhada-gz9ou
4 ай бұрын
अब तक तो आप हक़ीक़त से दूर रहें पर आज इन ज्ञानी ने आप को सत्य से रूबरू करा दिया अब तो भगवान तो आप मानते नहीं पर कबीर जी तो मिल जायेंगे अब तो उद्धार होना तय है। भाई अब आप लोग दलितों में नफ़रत के बीज बो रहे हो इन ढोंगी ज्ञानी जी द्वारा समाज में नफ़रत के अलावा कुछ नहीं दे रहे हैं। वैसे ही नव दलित बौद्ध बन कर हिन्दू धर्म को बदनाम करना हिन्दू देवी देवता का अपमान करना अपना पेशा बना लिया है। पर किसी की आस्था को चोट पहुंचाना भी तो पाप है। हां मैं यह ज़रूर मानता हूं कि हिन्दू धर्म का जितना सत्यानाश ब्राह्मण जाति ने किया है उतना नुक्सान किसी भी जाति ने नहीं किया। भारत को गुलाम बनाने में सौ प्रतिशत यदि किसी जाति का हाथ है तो वह है ब्राह्मण इस मक्कार ठग आलसी परजीवी कौम ने अपने एशो-आराम के खातिर वर्ण एवं जाति व्यवस्था का निर्माण किया जिससे यह जाति बिना मेहनत के एशो-आराम की जिन्दगी जिये रक्षा करने पर मरें राजपूत धन कमा कर दे बनिया और फिर रात दिन सेवा करें शुद्र यह सब इस कोम ने अपने हिसाब से धर्म की रचना की इसमें कोई दो राय नहीं है। पर आपसे विनती है कि अब आप लोग भी इन ब्राह्मणो की तरह समाज में फूट मत डालों। वर्तमान में सभी दलित संगठन हिन्दुओं की बदनामी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यह गन्दी बात है और तो और अब दलित संगठन राष्ट्र से विरोध भी करने लग गये है। अरे भाई यह राष्ट्र ही नहीं रहेगा तो न बौद्ध बचेगा न ही दलित। अभी जो समय चल रहा है सभी हिन्दुओं को जालीदार टोपी पहनाने की तैयारी चल रही है हां आप इस हरामी कोम का विरोध करिये हम भी इस हरामी जाति के कारण आज हिन्दुओं की यह दुर्गति हुई है उसके शिकार हैं। आज इस समय यह मक्कार कोम मुस्लमानो की पैरोकार बनी हुई है। चाहे वह पत्रकार राजनेता मानवाधिकार कार्यकर्ता जज सब ब्राह्मण उसमें लगे हुए हैं इस हरामी कोम को पता है कि सत्ता की चाबी इनके पास है जहां सत्ता वहीं ब्राह्मण मिलेगा मैं भी राजपूत हूं पर इस हरामी जाति ने अपने स्वार्थ से राष्ट्र का कितना नुक्सान किया है उसको बयां नहीं किया जा सकता
साहेब बंदगी गुरु साहेब 🙏🌹🌹🌹
राम जी राम ❤❤👏👏🙏🙏🙏👌👌👌
मैंने वाल्मीकि रामायण पढ़ी है और उसमे शबरी और लक्ष्मण रेखा का कोई भी विवरण नहीं है बाकि रामचरित मानस में यह सब है 👍
@shashikantrai9652
20 күн бұрын
Ek baklol aur sahi
Guruji aapane Satya Kahan Jay Bheem namo buddhay Jay sanvidhan Jay Kabir sahab aapke charno mein koti koti Naman 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
रामायण तुलसी ने लिखा जो कवि थेकवि की कल्पना को आप सच मान लिए आपके पास जरा सी भी विवेक नही हैं साहेब ठीक कहते हैं कबीर इसके घोर विरोधी थे
महात्मा कबीर के पद का बेहतरीन विश्लेषण करने वाले महाशय आपके ज्ञान पर हर किसी किसी को गर्व है परंतु महात्मा कबीर एक मुक्तक रचनाकार हैं और गोस्वामी तुलसीदास का रामचरितमानस एक प्रबंध काव्य है जिसके हर पंक्ति का संबंध शृंखलात्मक रूप से है अतः दोनों के विश्लेषण में भूमिकाओं का महत्व बढ़ जाता है कथा के वर्णन का आधार कथाकार किस प्रसंग से लेता है यह बहुत महत्वपूर्ण होते हुए तत्कालीन परिवेश से प्रभावित होता है
@pooranmalverma9212
4 ай бұрын
तो महाशय फिर तुलसीदास जी ने राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाने का विरोध क्यों नहीं किया?
@UPSCMOTIVATION-wo1lib
4 ай бұрын
@@pooranmalverma9212 इसे समझने के लिए आप को लोकवादी तुलसी दास किताब पढ़ना पड़ेगा और यदि पढ़ा है तो फिर मेरी समझ से आपका ये प्रश्न वाद विवाद कारण नहीं होना चाहिए!
पहली बात बात तो ये, की प्रभू श्री राम जी आप जैसे लोगों के समझ से बाहर है। जिस दिन आप भगवान राम को अच्छे से पढ़ लेंगे उस दिन से, आपकी सारी ओवर कॉन्पिडेंट खत्म हो जाएगी। वो प्रभु श्री राम की लीला थी। मनुष्य के रूप में। पूरी जानकारी लेने के बाद ही किसी चीज की आलोचना की जाती है। जय श्री राम 🙏🙏
@user-is2cv8ie8d
3 ай бұрын
😂😂😂😂😂
मुर्ख मन काहे को बके खुद मुक्त होजा
Satnam sahab ji
Ram nam Aisa h Jo ram ke aane se pahle bhi tha sab ram ohi h
तुलसी दास कौन थे? क्या वे राम से मिले थे, या अपनी कल्पना हो कवि लोग करते है, उससे ही रामचरित लिखे है?? जानकर व्यक्ति कोई हो तो मेरे प्रश्नों का जवाब दे
@shanker.verma35
4 ай бұрын
तुलसी दास जी राम से नही मिले थे। तुलसी दास जी एक ट्रांसलेटर थे, संस्कृत रामायण को हिंदी में लिखे थे।
સુંદર સંભાષણ !
Nice
जब जानकारी नहीं है तो राम पर टिप्पणी कर रहे हो,,,,,आप बहुत जानकार है तो एक रामायण की रच ना कर ले, ,,क्यों अपना समय बकवास में bita रहे हो
@RKSINGH-kb9qb
3 ай бұрын
Aisee log hi Kabir sahab ko kahi ka n chodde raidas ji isliye koi panthh n chalaye thhe shiwaye bhakti msig kee issi boli ke chalte ek bar unke guru bhi tokke thhe baki bad mee
@Ashish-zb9el
3 ай бұрын
राम कैसे पैदा हुए। खीर से। माता को कभी अपने पति की जरूरत nhi पड़ी क्या।।।
@purushottammehta2244
2 ай бұрын
Bilkul sahi baat hai aapane is Sant Ji ko bhi Ek Ramayan ka Rachna karna chahie chauki Gyani to bahut ho gaye hain
@user-cc1gj6xl4p
2 ай бұрын
ये अपने अल्प ज्ञान से सब कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं 😂😂
आप भगवान श्री राम का नाम अमर्यादित तरीके से ले रहे हैं। ये आपके आचरण हीन होने का परिचय देता है। 🙏
Sahab satnam satnam
😎😎😎😎😎
साहेब बंदगी
Saheb bandagi saheb satnam
साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी देवराज गुर्जर टोंक राजस्थान
Jay Jay Shri Ram
आप जैसे लोग संत की उपाधी कौन दे देता है आपको
भक्तों को मान देने के लिए भक्तों का मान बढ़ाने के लिए उन्होंने सभी से पूछे तुम्हारी बुद्धि ना भ्रष्ट हो गया है
@user-ez6li7wh3i
5 ай бұрын
राम सब कुछ जानते थे सर्वज्ञ शिरोमणिथे
@bedardi2062
5 ай бұрын
जी खीर पुत्र 😂
Veri nice satguru sant Kabir Das ji sat sat Naman
जय हो बंदी छोड की
Saheb bandagi saheb
नास्तिक का ये काम है धर्म का अपमान करना !
आचरण ही लोग मंच पर आएंगे उसे प्रकार सी बातें करेंगे यही तो कलयुग है
Good thoughts🎉
सबसे बड़ा पढा़ लिखा ये कबीर साहेब के माने वाले ही हैं क्योकि 1398ई में जन्मे और एक जुलाहे के यहा जो बना वही खाये इस लिए कबीर दास के लोग ज्ञानी हो गये
Jai ho
Jai sat guru ravidas ji
वाह ज्ञानी महात्मा आप तो बहुत ही बड़े बाबा हो बाप रे
राम बड़े या कबीर? क्या कबीर दास भगवान को मानते थे या वह स्वयं भगवान थे? आजकल हिन्दू हो मुसलिम हो, बौद्ध हो ईसाई हो कोई भी हो सबको राम और रामायण शूल की भांति चुभने लगे हैं । यह कबीर कथा वाचक कौन से अग्य है?
1 no such bat h guru maharaj
Very thanks 🙏 👍
टीबी पर देखे हैं ❤❤❤❤
Aapke baato me bahut dam hai guru ji... Bahut sunder tarike se aapne samjhaye.
Your statement is correct
Sabri ko guru shringi ne bataya tha ki Ram aayenge aap Ram ki Leela ko nahi Jaan paye ravan ki tarah
@ritasingh1348
5 ай бұрын
Jay Shree Ram 🚩🚩🙏🌹 Jai Shree Ram Bhai Ji matang ne bataya tha Sabri ko ki Ram Ji aaenge samaye nishchit nahi bataya tha
@lakshyaclasseshutar....711
4 ай бұрын
Jisne bhi bataya lekin ... Lekin is maharaj ko kuchh nhi pta😂
Saheb bandagi gurudev ji
कंबध नाम का राक्षस नहीं था कबंध नाम का था।
@user-kf1tm8dg4j
22 күн бұрын
😂😂😂😂
Saheb bandagi Ji prnam
Saheb bandigi
जय श्री राम।इन महाराज को सद्बुद्धि दें
@rakshasg3725
4 ай бұрын
सदबुद्धि चाहिये तो पहले खुद रामायण पढ़ो,तब सन्त की सदबुद्धि के लिये याचना करो...
@IndrajeetKumar-en5nm
2 ай бұрын
सद्बुद्धि तुमको मिले
@rakshasg3725
2 ай бұрын
@@IndrajeetKumar-en5nm आपको भी मिले क्योंकि,we the people of INDIA हैं.
Mahaa agyani manav
Right nice
भगवान आपको सत बुद्धी दे
@IndrajeetKumar-en5nm
2 ай бұрын
बुद्धी तुमको मिले ताकि सचाई जान सके
@SumanOnpassive
2 ай бұрын
Sachhai se pakhandio ko dar lagta hai
Very nice
संत जी को सादर प्रणाम। अंधविश्वास और पाखंड भगाओ ।जागरूकता फैलाओ । कर्म ही सच्ची पूजा है जिसे साहेब कबीर ने भी किया है।
Khub sundor saral vasha me bol rahe hai dada ko johar
Jay ho kabeer das, ji ka ❤❤❤❤❤❤
Kabirdas ak mahan sant the jo ram ke parm bhakt the lekin unake chela kabirdas ko parmbraham banane par tule huye hai jo ramayan bhagawat or hindu dharm par ungali utha kar Bhagwan banane ka prayas kar rahe Hai
जय श्री राम राधे कृष्णा जी 🙏🙏🙏
@balramdasvaishnav832
3 ай бұрын
एक संत पुरूष को किशी धर्म ग्रंथ पर विरोधी बात नही करना चाहिए। जो विरोध करता है वह संत हो ही नही सकता है एको ब्रहम द्गतियो नास्ति। व्यापक एक ब्रहम अविनाशी। सत् चेतन घन आनंद राशि।।
@balramdasvaishnav832
3 ай бұрын
Radhe Radhe
सतगुरु कबीर साहब जी को मानने वालों को पाखंड से दूर रहना चाहिए।
@user-zm3mv8ji4v
5 ай бұрын
Around pineapple beer quiz I have a severita or sovereign muliva site
@AshuYadav-cz7fc
5 ай бұрын
Au
@subhashsopari
4 ай бұрын
ये महा मूर्ख है।
@SurajMishra-tf6kj
3 ай бұрын
Matang risi guru the sabari ke. Unhone hi sabari mata ko bataya tha ki ram ji tumhare pas aayenge aur Shri Ram ji kyu manusya rup me pragat huve ravan ne vardan maga tha ki. Use na bhagwan mar sake na janvar sabse tuchh manav hi isi liye bhagwan manav rup me aaye sadharan manav ka hi palan kiye Jay siya ram
@diwanshukumar5632
2 ай бұрын
किसी को भी पाखण्ड से दूर रहना चाहिए केवल कबीर दास क्यो
❤
Jay shree ram
G Baba Aapka bat Saty Hai 🎉
bhai tum galat bola sabri mata ke guru matang rishi bahut pahle bata diya ram aayenge apne kutiya par
Sat.saheb.kabir