प्रवासी पहाड़ियों ने लंदन में भी एक पहाड़ बसा लिया | पूर्व टीवी न्यूज़ एंकर से सुनिए दिलचस्प किस्से
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/ @manupanwar
उत्तराखण्ड के पहाड़ों के कई प्रवासी भले ही कई बरसों से लंदन में रह रहे हैं, लेकिन पूजा के लिए हर साल वो गांव पहुंच जाते हैं। लंदन में पहाड़ के लोगों ने कैसे अपने हिस्से का पहाड़ बसा लिया है, इस पर लंदन में रह रही पूर्व टीवी न्यूज़ एंकर श्रेया बहुगुणा ने इस बातचीत में कुछ दिलचस्प किस्से शेयर किए।
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Пікірлер: 148
पहाड़ी संस्कृति इन जैसी बेटियों से दुनियां में प्रसारित होगी । शानदार
भले ही कहीं में रहो लेकिन जहां भी रहो वहां अपने कामों से लोगों को पता चलना चाहिए कि ये पक्के पहाड़ी है,,, बहुत अच्छी प्रस्तुति
श्रीमान पंवार जी,श्रेया बहुगुणा जी के साथ वार्तालाप में बहुत आनंद आ गया।वास्तव में हम पहाड़ी लोग चाह कहीं भी रहें लेकिन अपना पहाड़ीपन कभी नहीं छोड़ सकते और छूटना भी नहीं चाहिए। ये और भी ज्यादा वास्तविकता है कि देहरादून से ज्यादा पहाड़ीपन दिल्ली में महावीर इंक्लेव, विनोदनगर,बुराड़ी, संतनगर जैसे इलाकों में दिखाई देगा।देहरादून में रहनेवाले पहाडियों में अलग तरह का"ठसकपन"दिखाई पड़ता है। आपकी इस वार्ता के दौरान मेरी आँखों से आँसू छलक गये। अपने गांव गुठ्यार की बात ही अलग है। जय उत्तराखंड।
बहोत बडी बात है एक पहाडी लडकी अपनी मेहनत और संघर्ष से लंडन मे ग्रीनीज बुक को रिपोर्टींग कर रही है. अभिनंदन.God bless you, मनुजी.
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से सभी को जय उत्तराखंड, जय भारत, जय बद्री विशाल।
@anjurawat5238
20 күн бұрын
Jai Uttrakhand
हमारे पहाड़ी और जहां भी रहे राजी रहे खुशी रहे जय देवभूमि उत्तराखंड जय हिंद
❤ बहुत बहुत धन्यवाद बेटी सदा खुश रहो
चिरंजीवी श्रिया बेटी सदा सुखी रहो ! पंवार जी आपकु आभार कि आपन एक अपणी उत्तराखंड की लाडली बिटिया क उदगार अर अपणा पहाड़ी व्यंजनों से जुड़ाव भलु लगदु !💕 आशा करदु छौं कि यु प्यार ,लगाव और अन्तताह बौण बटिन अपणा ढ्यार म वापिसी का प्रण करणु सुविचार छुः! जुगराज रयां जख भी रयां माँ भगवती तुम सभी प्रवासीयों तेई खूब खूब लाड़ प्यार! 🚩जय कैदार 🚩जय बद्री🚩 जय माँ नन्दा 🚩जय उत्तराखण्ड!!!🇮🇳!!! जय भारत💕🙌🙌🙌
हम तो टीवी देखते ही नहीं इसलिए इनको नहीं देखा!पर ये सही है कि पहाड़ियों का पहाड़ में रहते हुए अपने राज्य के लिए इतना प्रेम नहीं उमड़ता लेकिन जब देश के बाहर रहते हैं तो पहाड़ को याद करते हैं ..ठीक यही हाल बिहारियों और बिहारिनों का भी है
देवभूमि और देवभूमि के लोगों का पूरे विश्व में सम्मान होता है क्योंकि वे सरल, मेहनती और ईमानदार माने जाते हैं।यह ईश्वरीय वरदान है।
श्रेया तूने तो मुझे रुला ही दिया भुली। मै तो 45 साल से घर से बाहर हूं पर आज तक कभी अपनी घर माटी नही भुला पाया।
@mrpahadigaming5916
22 күн бұрын
Bhai samay nikaal kar jarur Ghar jaye , aapko sakun milega
@sportslovertak5165
19 күн бұрын
45 saal se ghar se bahar , bhai Kon sa bussiness chala rahe ho ya desh sambhal rakha hai ki ghar jane ka samay nahi hai ..
@rajputvirendra285
3 күн бұрын
ये सब मगर के आंसु वाले है ।
भुली श्रेया बहुगुणा नवानी भौत सुंदर सुंदर बात लगैन आपन. लन्दन मा जाण पर भौत भौत बधाई.
अपना उत्तराखंड सबसे सुंदर 🙏♥️
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
भुली श्रेया थै भौत भौत शुभकामना अर आशीर्वाद. आपन एक बात भौत अच्छी ब्वाल कि एक पहाड़ी कखी बि जालु अपणु पहाड़ दगड़ी लेके चलद. अर एक औरि भली बात कि जीवन क आखरी बगत ही सै वो अपणु गाँव जाण चांद.
जब आप हर जगह से निराश हो जायेंगे तो आपको मशाण छल पूजना ही पड़ेगा और निश्चित फायदा होगा अपनी सभ्यता संस्कृति को कभी नहीं भूलना चाहिए बेटी आपको बहुत बहुत धन्यवाद विदेश में रह कर भी अपनी माटी से प्यार बहुत अच्छा लगा
मशान 😂😂 छौ पूजन वो भी विदेश में , यही तो ताक़त देवभूमि की हैं। आप अपने देवी देवताओं को भुला नहीं सकते ..🙏
@rajputvirendra285
3 күн бұрын
जो नये नये विदेश जाते हे वे कुछ समय तक ही पहाड को याद करते है ,जैसे समशान में जब तक मुर्दा जलता रहता है तबतक ही लकडी देने वालो को वैराग याद आता है ,समशान से बाहर आते ही वैराग फूर हो जाता है ,बाद में ये विदेशी हर प्रसंग में रूपया भेज कर अपना फर्ज पुरा कर दिया समझते है । कुछ सालो बाद मसाण मजाक लगने लगता है ।
ये देखकर मन बहुत खुश हो जाता है श्रेया को बहुत बहुत प्यार और आशीर्वाद
हम जख भी रौला हमरि पैछांण भि अलग रैंदि कभि मसाणं कभि घडेलू कभि थिंचौंणी रैलू बाडी सब हमरि पैछांण
दिल में है पहाड़ पहाड़ में दिल है बीते जीवन से मुझे कुछ तो हासिल है।
अपनी मूल जन्म भूमि हो या घर गांव हमेशा अच्छा ही लगे हैं,
ये तो हमारे उत्तरखंडियों में हर जगह है उनमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की वो किस जाति या धर्म का है वो यदि पहाड़ी है तो ये होता है
भाई ji हमारे उत्तराखंड जैसा कहीं नहीं, जै गढ़पाल, जै कुरमंचल, जै उत्तराखंड, जै बद्री, जै केदार, जै नन्दा माता! जै हिमाल 🙏🌹🚩🚩🚩🙏 जै शंकर ji की!🙏🌹🚩🚩
तुम लोगों बात कै सुण बै बहुत आश्चर्य लोगों मो l पहाड़ो ननो प्रगति तथा पहाड़ी संस्कृति याद कै साथ में लिबे घूमड यहीड़ी कनि देवभूमि उत्तराखंड l बेटा श्रेया thank you very much for your sweet memory about uttarakhand l H. S. Rajwar
जय देवभूमि उत्तराखंड
बहुत बहुत बधाई आगे बढ़ती रहो शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर श्रेया बेटा कहीं पर भी रहो अपना कलचर नहीं भुलना चाहिए आपकी बात सुनकर बहुत अच्छा लगा हमारे बुजुर्ग गढ़वाल से ही थे अब हम हल्द्वानी में रहते हैं मेरी काष्ठ भी बहुगुणा है पहाड़ के कलचर को भुलना नहीं बेटा ऐसे ही नयीं नयीं बात बताते रहना
बहुत सुंदर और सार्थक बातें दिल को छू गई।
Shreya mams experience is heart touching helping nature is in all communities probably it's bit more in our we wish good luck and bright future to all Prawashi
श्रेया बहुगुणा आप यूके में है और भारत के राज्य यूके की ही है ।
मैं कोटद्वार से हूं। मैं समझ गई हूं कि झंडाचोक हमारे घर से कितनी दूरी पर है। मैं कोटद्वार शिवपुर से हूं ❤🎉 माछी पाणी सी ज्यु तेरू मेरू हो।
जयदेव भूमि उत्तराखंड
बहुत शानदार! बेटी श्रेया खुश रहो और अपनी पहाड़ी संस्कृति के लिए समर्पित रहो ||बहुत- बहुत शुभकामनाएं! 🎉🎉🎉🎉
यह देवभूमि यूं ही नहीं है। विश्व में कहीं भी चले जाओ कितनी भी भाषा क्यों न सीख लो । किसी न किसी रूप में देवी-देवताओं को पूजता ही है।चाहे वह उसे माऩे या ना माने
अगर आप लोग बातचीत भी पहाड़ी में करते तो ज्यादा अच्छा लगता। 😊
मनु भै श्रेया बहुगुणा थैं हमसे मिलाण क वास्ता भौत भौत धन्यवाद🙏🙏🙏
@ManuPanwar
24 күн бұрын
बहुत धन्यवाद भैजी
@PawanBanduni1
22 күн бұрын
@@ManuPanwar एक छोटा सा उत्तराखंड हमने भी यहां सिडनी ऑस्ट्रेलिया में बस रखा है अपने बच्चों को अपनी भाषा और खान पान से भी जोड़ के रखने का पूरा प्रयास करते हैं। जय बद्री विशाल
जय हो देव भूमि उत्तराखंड की
Shreya ji avam Manu ji Bahut bahut Dhanyabad is episode ke liye.😊🙏
Uttarakhand ki culture,existence now safe.we are proud of our young generation Jan aap khud,Meenakshi kandwal,anchor mr.dhaundiya,Angad Bisht,Urwashi rautela,Anushka Sharma bahut bade nam apni culture se judkar progress kare hai.shreyaji aap jaise log hamari shan hai.good luck.
Waah bahut hi lajwab👌👌👌👌👌 mazaaa aa gaya aap dono ki baten sunkar.
Apko bahit bahut badhayien ho ki aap uttrakhand ko represent kar rahi ho jai uttrakhand
कही भी रहो देवता पूजने पहाड मे आना पढेगा
Kotdwar se हम भी यही से है बहुत सुंदर लगा ❤
बहुत सुन्दर विचार ❤❤
ये एक बिडम्बना है कि पहाड़ी दुनिया के कोने कोने तक तो पहुँच गए पर पहाड़ बिरान हो गए। फार्म हाउस सबको चाहिए पर गौं हाउस का क्या?
Great.. Apni jadon se pariwar ko jodna bahut achha hai. My son also comes india from Canada for Devta pujan frequently.
बहुत सुंदर 🥰🙏🙏🌺💐
Gajab ke pahadi baba kedarnath ji ki kripa hamesha.rahe jai devbhumi uttrakhand ❤
Wow really great talk. It’s in our DNA wherever we go phad is our inspiration. When I was in Germany in forest related study I observed that in deep forest there was identical flora and fauna. It’s true that every pahadi is sentimentally sensitive and crave to breathe his or her last in pahad only.
यही तो पावर हे हमारे मसाण की
बहुत बढ़िया! 👏 👏
Wah panwar ji great Jai dev bhumi uttarakhand
बहुत सुंदर
हमें अपनी संस्कृति पर गौरव है।
Jai Uttarakhand 🎉
Bahut hi sunder god bless you
Great dear acha lagta h feeling roud
आति सुन्दर 👏👏👏🙏🏻
छल पूजन... बहुत सुंदर दीदी❤
❤❤❤bhut sunder pratuti ❤❤❤❤
Bhut badiya pahardi cchetero ke jaha bhi jate hai apni sanskirti calture ko bar kar rakha hua hai 👌 ak bar British ne kabja kar ke base theye angrejo ko pahardi ccheter bhut pasanth tha
God Bless Beta.
oho bahut badhiya bahut badhiya madam bahut badhiya
Waw किया बात h
मसाण पूजन हमारी भ्रान्ति, अशिक्षा और भय पर आधारित एक रिवाज है , वर्ना शिक्षित पहाङी तो आज उपनिषदों का संरक्षक है , .
@yashodadhyani3843
22 күн бұрын
इतना शिक्षित भी मत हो जाना कि अपनी उत्तराखण्ड की संस्कृति और परमपराएं ही भूल जाएं
Bhut khoob
Waah.jay.uttrakhand
Shreya ki video bahut acchi lagi mujhe❤👍
Thanks bahan apka
Nice sis stay united stay safe 🙏
ये टीवी में चल नहीं पाई होगी. ज़्यादातर लड़कियों को एंकरिंग चाहिए होती है लेकिन जब उनको फील्ड में दौड़ाया जाता है तो नौकरी छोड़ देती हैं..इसीलिए बहुगुणा जी ने दूसरा रास्ता चुन लिया
Good
पहाड़ी लोगो ma अपनत्व महसूस कहते है।
Jai Uttarakhand jai div bhumi
एक पहाड़ी मी भी छौं यख😊😊
Superb ❤️💕💖
Nice interview vedio.. I miss my Hometown in Kumaun...
Very good
100/Right
NICE 👌🙏
👌👌
सही बोल रहे हो आप,देहरादून में गड़वाली लोग गड़वाली nhi बोलते
अगर पहाड़ में ये अन्धविश्वास बन्द होगा उस दिन पहाड़ असली देवभूमि होगी वहां केवल ज्यादा स्याणे लोग व महा मुर्ख रहते हैं बाकी तो खाली हो रहा है स्याणे लोग मुर्ख का शोषण करते हैं बाकी अपनी अपनी मर्जी ओम नमो शिवाय ॐ
Didhi apako sonkar acha. Laga Mari 4. Bati haii aap ka pahadi gana Sona
❤❤
🙏🙏
One side you and another side Raju boda jo u k walo ko gaali deta hai salute to you❤❤🎉🎉
@arunjoshi5102
21 күн бұрын
राजू ब्वाड़ा कू च ? जु पहाड़ियों तेई गाली दींन्द! मि तेई ऊंक कुई विडियो भेजिन मि ऊंकी बुजेई करलु 🤔
Jai Badri Vishal aur Jai Maa Nanda ki Bahut sundar aur saduvad es prastuti par. 2026 main ayojit hone ja rahi Maa Nanda lok Jan yatra aap sabhi Dev Bhumi Uttarakhand premiyon ko aamantrit karti hai. Dev Bhumi ki es Shreya beti ko Maa Nanda din dooni rat chauguni Pragati de. Gaurav senani Gopal Datt Mamgain
.🙏🙏💐kotdwar se...
Mam acha hota aap garwali mey he bat karte. Gusain from new delhi.
❤❤❤❤❤👍🏽👍🏽👍🏽👍🏽👍🏽
England me kandali bhi dikhti hai. British logo ne delhi ki garmi se bachne ke liye shimla and mussourie nanital ko viksit kiya. British india ki capital delhi 6 months +6 months shimla tha. Ye official fact hai. Delhi me khali i dian and majdoor log garmi me rahte the. All British family sahit all hill station chale jate the 6 months ke liye.
Great... Stay Anywhere in the world or out of the world.... But speak your kumauni gharwali.... Learn as much as language of other countries you can
Jaise aapane jalvayu ke bare mein bataya ki similar hai to yahan ki faslon Jaisi vahan bhi fasal hoti hai. Kaun-kaun se anaaj hote hain Uttrakhand se milte julate.
अति सुन्दर
Meri beti bhi earl,s court mein rahti thi Laika radio mein radio jo ki thi albeli Ritu main bhi gai thi vahan per per vahan per to Hindi wali bhi nahin mile pahadi to chhodo ek Mili thi to unhone bola main kiniya se hun aur bad mein pata Laga kyon Pakistani hai per mujhe vah bhi acchi lagi suit pahna hua tha to aisi lagi ki Apne hi desh ki hain
मनुष्य कहीं भी पैदा हो या रहता हो यह आपकी मानसिकता में पारिवारिक संस्कारों के द्वारा डाला जाता है।
Mai bhi pahari hu.
मजा आ गया आपकी बात सुनकर पियोर गडवाली बोली बोल रहे हो ,भंगुलू ,जाख्या,सच में हम भी जब गांव जाते हैं तो ये सब लाते हैं
Pahadhi kitna bhi uncha uth jay par unka andh viswas kabhi khatm nahi hoga.madhan pooje walon ne apana net work pakka kar rakha hai.mand budhi wale hi inke chhakar me aate hai.