Podcast: क्यों सारे भगवान का जन्म भारत में हुआ? | Dharma Live | Sanatan Dharm | Ved | Puaranas
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Podcast: क्यों सारे भगवान का जन्म भारत में हुआ? | Dharma Live | Sanatan Dharm | Ved | Puaranas | Lajpat Rai Aggarwal | Yogi Vishal Tiwari | Neha Rajpput
Dharma Live के Podcast #DharmaSamvad में इस बार हमारे मेहमान हैं, Lajpat Rai Aggarwal जी ( वैदिक मिशनरी ), जो एक संपादक हैं और Yogi Vishal Tiwari जी ,जो Spiritual Mentor हैं, आज इस Podcast में हम जानेंगे कि क्या वाकई भगवान अवतार लेते हैं? साथ ही Vedas, Purana और सनातन धर्म से जुड़े अनेक रहस्यों पर चर्चा होगी.
Anchor- Neha Rajpput
Producer- Mukesh Kaushik
Video Editor- Subodh Sinha
Video Journalist- Dharm Ji & Jassie
DHARMA LIVE is a Spirituality based Entertainment channel. The channel brings viewers information about Daily Horoscope Predictions, Weekly Horoscope Predictions, Monthly Horoscope Predictions, Yearly Horoscope prediction, Planetary Movements and Its Effect. We also talk about Remedies, Transit, Conjunction, Mythology, Numerology, Vedic Astrology, Tarot, Palmistry, Vastu, Yog, Yoga Gurus and Influential Personality and a lot more. We believe Spirituality should be an encouraging and positive part of our daily life. The motive is to bring Spirituality alive while dispelling fears and myths. This vertical is a part of ABP Live.
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/ abplivedharma
Пікірлер: 2 800
केवल पढ़ने से पुस्तक ज्ञान होता गुरु से ज्ञान की समझ और सिद्धि प्राप्त होती है
ईश्वर कभी आवतरित नहीं होता जब इंसानी समताये और उसके आयाम ऊपर जाने लगते है तो व्यक्ति उसे भगवान मानने लगता है
@shivdhanush3676
Ай бұрын
Avatar concept bhakti movement me aya i.e 4th century AD... Hero worship pehle se chalti aa rahi thi especially from mauryan Empire
@KrishnaMourya-ht2hc
5 күн бұрын
Gadhon ko samajh mein nahin aaega yogi Ji ki baten Sadhu Sadhu sang karna padega yogi Ji ki baten
@sanatandharmgyangangasanat5707
22 сағат бұрын
परमात्मा प्रेम के वशीभूत होकर अवतार भी लेते है श्री मद भगवद गीता में श्री भगवान यह सत्य बताते हे ईश्वर को पुस्तक से नही निस्वार्थ प्रेम वाली भक्ति से ही जाना जा सकता है मित्र
@Undertaker-qi1lc
21 сағат бұрын
@@sanatandharmgyangangasanat5707 इस दुनिया में ऐसा क़ोई नहीं jiska स्वार्थ ना रहा हो भक्ति के पीछे क़ोई मोक्ष के लिये क़ोई सक्तियों के लिये क़ोई किसी लिये भक्ति करता है. और ये अवतार क्या होता है q🤣🤣🤣avtar🤣matlab अवतरित होना है योनि से नहीं आना aur🤣आपने किसको देखा अवतरित होते हुवै 🤣qq
महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज की जय कृणवन्तोविश्मार्यम् 🙏🚩
गुरूजी की बातों में तर्क है l
@princestudiomds
4 күн бұрын
जब भी किसी दो लोगों से धर्म संवाद करे तो दोनों का सवाल जवाब का समय निर्धारित करे ताकि अपने समय में रहकर अपने विचार रख सके यहाँ योगी जी को ज़्यादा समय दिया गया गुरुजी को कम समय मिला तय समय नहीं होने का कारण गुरु जी बात को योगी जी बीच में काटते रहे ये सही नहीं है ये न्याय भी नहीं है समय निर्धारित कर संवाद करे
लाजपत जी लाजवाब है उनका कथन सच है वेद से उपर कोई किताब नहीं है, और वेद को समजने वाले ही सच है बाकी तो सब दूकाने चलाने के लिए थीक है,
@bikashraut645
2 ай бұрын
Ved se upar koi nehin par keval ved hi pramaan nehin hai ...yadi aisa hai..Sanskar jo karte ho yagyapabit aadi iska pramaan ved me hai kya ?
@jayantpatel7734
Ай бұрын
@@bikashraut645 जो वेद मे है यही प़माण है और कुछ उपनिषद जैसे की छंद उपनिषद,कठो उपनिषद तथा सत्यार्थ प्रकाश में भी हमारे 16 संस्कार को समझाया है लेकिन वोह पुरानो के संस्कार से थोड़ा अलग समझाया है जैसे कि 16 संस्कार तो है लेकिन उसे लेकर जो उनकी विधीयां है वोह पुरानो मे सिर्फ कर्मकांड में ही निपटा ली गई है सही अर्थ आप को सत्यार्थ प्रकाश में मील जायेगा और वेद सर्वोच्च हे उसका मतलब ऐसा नहीं हे की पुरान और दुसरे गंथ सही नहीं है लेकिन वोह वेद तुल्य नहीं है
@jayantpatel7734
Ай бұрын
@@bikashraut645 जो वेद मे है यही प़माण है और कुछ उपनिषद जैसे की छंद उपनिषद,कठो उपनिषद तथा सत्यार्थ प्रकाश में भी हमारे 16 संस्कार को समझाया है लेकिन वोह पुरानो के संस्कार से थोड़ा अलग समझाया है जैसे कि 16 संस्कार तो है लेकिन उसे लेकर जो उनकी विधीयां है वोह पुरानो मे सिर्फ कर्मकांड में ही निपटा ली गई है सही अर्थ आप को सत्यार्थ प्रकाश में मील जायेगा और वेद सर्वोच्च हे उसका मतलब ऐसा नहीं हे की पुरान और दुसरे गंथ सही नहीं है लेकिन वोह वेद तुल्य नहीं है
@bikashraut645
Ай бұрын
@@Jiwandarshnam19 संस्कार परम्पराओं की देन है ? जब आप के अनुसार वेद से भिन्न सभी अवैदिक है तब संस्कार वेद मे वर्णन ना होने के कारण अवैदिक कैसे नहीं है ? थुंक के चाटना ईसी को कहते हैं ,,। वेद मंत्र से जोडकर निष्ठावान किया जाता है ? जब विषय वेद है ही नहीं तब जोडना तो व्यर्थ ही है , कौनसा संस्कार वेद में है ? जो आप जोडने की बात करते हो ? और आप बोल रहे हैं मंत्र को पूर्णता प्रदान करते हैं ,अच्छा इसका अर्थ यह हुआ की मंत्र अपुर्ण है जीसको आप वाद मे जोडकर पुर्ण करते हो ? गझब है भाई , पर सिद्धान्त तो कुछ ओर ही कहता है की "पुर्ण से पुर्ण की उत्पत्ति होती है" तब वेद ईश्वर से उत्पन्न होने के कारण पुर्ण होने चाहिए था ,पर आपका तो कहना है की मंत्र को पूर्णता प्रदान करते हो 😊
@rambehariawasthi5606
Ай бұрын
Sabse pahle main apko dhanyawad deta hun jo aapne dharm ke vishay ko chuna. Pahle aap dharm ko paribhashit karway😂e.Meri alp jankari ke anussr dharm shabd ko bahut se alag alag arthon me prayog kiya jata hai. Ekdam se bhagwan eeshwar per Sam ad samajhna mushkil hai.
योगी जी बहुत बोले चुप नहीं हुए पर उत्तर कुछ भी नही दिया हां कविताएं अच्छी सुनाई 😂😂😂
@ashishniraula235
Ай бұрын
आँप बताओ कि क्या सत्य हे
@pankajindian...6294
13 күн бұрын
Yogi ji sawaal ka jawab nhi diya
@SwamiAmitYogi
10 күн бұрын
योगी विशाल जी जिस अनुभव की बात कर रहे हैं वह हमारे पूर्व स्मृति होती है, यह प्रयोग हमारे आश्रम में हमने साधको पर किए हैं, पांच साधक को बताया गया कि हमने गधे कि मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर दी है यह ईश्वर की स्वरूप हो गई है मूर्ति, जबकि पाँच साधकों को बताया गया कि कृष्ण की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है अब यह ईश्वर रूप हो गई है मूर्ति, और पांच साधकों को बिना मूर्ति के साधन में बैठाया गया। परिणाम उत्तम थे गधे वाले को गधा ही परमात्मा रूप में बात कर रहा था अनुभव दिला रहा था कृष्ण वालों को कृष्ण रूप में बाते और अनुभव करा रहा था जबकि बिना मूर्ति वालों को वह आनंद का अनुभव कर रहा था और ज्ञान विज्ञान का अनुभव कराया जो बात उनको नहीं बताई गई कभी उन्होंने सुनी भी नहीं थी उस पर तर्क वितर्क कर रहें थे। इसे ही ईस्वर कि कृपा कहते हैं. और योगी होने के नाते हमारे तो अनुभव सभी प्रकार के हैं। अगर किसी को ईश्वर के दर्शन करने हैं जिस रूप में भी करना है वह संपर्क कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे वह ईस्वर नहीं आपकी स्मृति आधारित ईस्वर होगा। ईश्वर के अनुभव को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। हमने बहुत प्रयास किया कि उन्हें शब्दों में लिखा जा सके परंतु नहीं लिख सकते जिस प्रकार जब स्त्री पुरुष में संबंध बनाए जाते हैं तो जो आनंद के अनुभूति होती है उन्हें शब्दों में नहीं लिखा जा सकता उसी प्रकार ईश्वर के अनुभव को शब्दों में नहीं लिखा जा सकता। गुरूजी को नमस्कार और योगी जी को अभी और साधना कि आवश्यकता हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद जय श्री राम
@KrishnaMourya-ht2hc
5 күн бұрын
Sadhu santon ka sang karna padega guruji ki baat samajhne ke liye murkhon ko baat samajh mein nahin aaegi
कृष्ण अवतार भी है वहीं भगवान भी है वे सब कुछ हैं जो जानना चाहता है पूरी श्रद्धा से भक्ति करेपतााा लग जाएगा ।जानने के लिये ज़िन्दगी देनी पड़ेगी।
यह अच्छी चर्चा है। जब वेद एवं तर्कों के अनुसार सृष्टिकर्ता परमात्मा निराकार, सर्वव्यापी है तो वह सब स्थानों पर पहले ही है तो उसको अवतार लेने की आवश्यकता ही नही है। इसलिए अवतारवाद का सिद्धान्त गलत है। अतः अवतार होने प्रश्न नहीं उठता। जहां भी अवतार का समर्थन किया गया है वह भ्रमात्मक है। अवतारवाद के कारण बहुत से गलत विचार प्रचलित हो गये हैं। जब निराकार है तो परमात्मा की मूर्ती भी नहीं बनाई जा सकती। जड मूर्ति पूजा के कारण मजार पूजा भी प्रचलित हो गयी है और मूर्तियो व मजार पर चढावा चढाने का प्रचार करके जनता को चढावा चढाने के लिए प्रेरित किया जाता और चढावे को प्रचारकों व पुजारियों द्वारा उठा लिया जाति है। कुछ व्यक्ति अपने को ईश्वर या ईश्वर का अवतार बताकर चढावे आदि के द्वारा लूट रहे हैं। विद्वानों का कर्तव्य है कि वेद व तर्क के अनुसार सृष्टिकर्ता परमात्मा, आत्मा, व प्रकृति के गुणों व परिभाषा का सही सही प्रचार करके जनता से अज्ञान को दूर करें।
@hetvantbarot4473
17 күн бұрын
Nirakar ka arth bina aakar nahihe.
वेदों का ज्ञान आज की youth के लिए अनिवार्य है। कृपया कोई भी धर्म से जुड़े सवाल और उसके सही उतर ढूँढने का सही प्रयास करे। वेदों के ज्ञान के पूर्ण ही हम सब भारत वासी हर सवाल के सटीक उतर देने योग्य बनेंगे। 🙏🏻
@saptsindhusindhu2084
Ай бұрын
बहुत सही कहा 👍
@tasnimali5659
Ай бұрын
Jis dharm me bahut saare bhagwan ko puja jata hai use dharm nahi pakkhand kehte hai😃😃😃kaafir
@Kalu69_
Ай бұрын
आपने कभी वेद पढ़ा है?
@karma.8855
19 күн бұрын
😂kzread.info/dash/bejne/dauFzZiDiJPQm5M.htmlsi=7ygIRMzzNGVR5R4P
@user-hn8yk2kl4m
14 күн бұрын
बहन जी धर्म तो एक ही है बाकी तो सब मजहब एवं पंत हैं धर्म तो केवल सनातन वैदिक धर्म है
जैसे राष्ट्र पति की कोई पार्टी नहीं होती ठीक वैसे ही सृष्टि कर्ता ईश्वर का कोई मत महजब पथ सम्प्रदाय आदि अलग से नहीं होता है।। सत्य सनातन धर्म एक है और असत्य झूठ पाखंड मन घडंत पथ अनेक है। जय वेद भगवान्। ओउम्।
शास्त्री जी को नमन। वेद ही जीवन है। हम सभी को वेद पढ़ना और पढ़ना परम कर्तव्य है। 🚩🙏🏻
गुरुजी, परमात्मा अवतार लेते हैं परमात्मा कण कण में व्याप्त है वह असीम शक्तियों का मालिक है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती उसका कोई स्वरूप नहीं,वहां निराकार है, लेकिन वह हर कण कण में हर आकार में व्याप्त है जिस भाव से उसे याद करोगे उस भाव में दर्शन देंगे । जाकी भावना जैसी प्रभु मूरत देखी वैसी ।
दर्शनशास्त्र का वचन है ज्ञानेंमुक्ति: यानी ज्ञान ही मुक्ति का मार्ग है | यानी जब हम वेद और दर्शन शास्त्र पढके ज्ञान प्राप्त करते हैं तब हमें परमात्मा का सही स्वरूप पता चलता है हमें परमात्मा के गुण कर्म स्वभाव के बारे में पता चलता है| बिना ईश्वर को जाने ध्यान साधना व्यर्थ है क्योंकि व्यक्ति ध्यान ही उसी चीज का करता है जिसे वह जानता है बिना ईश्वर को जाने अगर व्यक्ति ध्यान करता है तो वह ध्यान नहीं वह उस व्यक्ति की कल्पना मात्र है| इसलिए मैं आदरणीय गुरुजी के बाद से सहमत हूं हमें ईश्वर को वेदों एवं दर्शन शास्त्र के माध्यम से जानना चाहिए और उसके बाद ध्यान करना चाहिए|
अच्छा मंच है होना ही चाहिए,,सत्य स्पष्ट होकर ही रहता है।वेदो अखिलो धर्ममूलम्।
@rahulhindu2687
2 ай бұрын
सत्य वचन
@Amrendra612
Ай бұрын
Satya vachan❤
केवल पुस्तकें पढ़ने मात्र से सत्य ज्ञान असंभव है, अनुभव अधिक अवश्यक हैं.
गुरुजी जितनी आयु बची हे उतनी वेद समजनेमे लगाये और बाकी यमराज जी समजयेंगे 🙏राधे राधे 🙏🚩
@jai_shree_ram_krishn
Ай бұрын
Kuch bhi kaho manusmriti darshan upanishad har jagah vedo akhilo dharm moolam bola hai matlab ved hi dharm ke.mool hai kyuki keval ved hi ishvar dwara direct diya hua gyan hai isliye ved ko hi keval shruti kehte hain aur ved mei kahin bhi avatar vaad aur moorti pooja nahi hai Aur swami dayanand saraswati ne bhi debate mei aise hi jeete the ved mei moorti pooja koi na dikha paya unhe aur na idhar apke pauranik guru dikha paye koi praman
@VinVin-fd7bp
16 күн бұрын
Radha koi thi hi nhi bolo ok namaste
@ARVINDKUMAR-bn8gm
11 күн бұрын
तुझे ज्यादा आते हो तो समझाओ
परमात्मा सर्वव्यापी है औरनिराकार भी है जीव और परमात्मा में अंतर इतना ही है कि जीव शरीर को धारण करता है परमात्मा शरीर को धारण नहीं करता क्योंकि इसका विशिष्ट गुण निराकार है परंतु प्रत्येक पदार्थ को यह प्रभावित करता है इसलिए यह सर्वशक्तिमान है इसलिए इस अवतार लेने की आवश्यकता नहीं होती विशिष्ट कार्य के लिए आत्मा को प्रेरित करता है इस तरह प्रत्येक पदार्थ इनके अधीन है इसलिए परमात्मा सर्वशक्तिमान है आत्मा का अवतार होता है परमात्माका नहीं इसलिए वेद कहता है परमात्मा के विषय में नत्स्य प्रतिमा अस्ति इसलिए परमात्मा शक्ति के स्रोत हैं
@user-km3zq9cn2h
2 ай бұрын
✌️😎👌
@rakeshvishwakarma2563
Ай бұрын
जब शाश्वत परमात्मा पंचभूतों के द्वारा नश्वर अवतार धारण करता है, तब उसे भगवान कहा जाता है, और भगवान की ही प्रतिमा होती है, परमात्मा के विराट विश्वरूप की प्रतिमा संभव ही नहीं है । आत्मा, परमात्मा का ही स्वरूप है । 🚩जय श्री सीताराम 🙏
@rajendraprasad2321
Ай бұрын
नास्तिको वेद निन्दक:।
@Manoharsingh-et2cq
18 күн бұрын
Parampita paramatma nirakar Jyoti Bindu arthat Prakash swaroop hai, sarvashatiman hai, gyan,Pavitrata, Shanti, Shakti, sukh,Prem wa Anand ke sagar arthat sort hain.........parantu sabmain pyapt nahin hai 🙏
जिस परमात्मा ने विशाल ब्रम्हांड को बनाया जिसमे अनगिनत आकाश गंगाए ,तारे,ग्रह बनाये है जिसने विविध प्रकार के जीव जंतु पक्षी ,विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे बनाये और अरबों की जनसंख्या में हर व्यक्ति की पहचान और चेहरा अलग है इतनी विविधता जिस परमात्मा ने बनायीं है उसके लिए अवतरित होना कोनसी बड़ी बात है जो निराकार होकर साकर सृष्टि की रचना करता है वो खुद भी साकर रूप में प्रकट हो सकता है उस सर्वशक्तिमान ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नही है।
@ManishEntertainmentmusicCG
Ай бұрын
सत्य ❤❤
@user-mk9nf4ge1b
Ай бұрын
Wo kar sakata hai par karega nahi ye uski attributes ke kilaf ab tum aise bol sakte iswar sabkuch kar sakta to use bhuk bhi lag sakti bachhe bhi paida kar sakta hai aorat se ye sab kar sakata par karega nahi ye uske attributes ke kilaf hai
@shashankkgupta
28 күн бұрын
@@user-mk9nf4ge1b mat samjha bhai inhe ye us layak nhi hai jo samjh saken 😂 Jab Maine kaha ishvar sarv vidyaman hai to bhai avtak kyun hi lega jab pahle se hi har jagah hai 😂😂
@paleshsardar3838
27 күн бұрын
Har jaga hai prakat ki khud is nirakar bhada ideilogy ko hamesh ghumate raho
@Manoharsingh-et2cq
18 күн бұрын
Bahut sahi Bhaiji
आत्मा संसार का सबसे सुक्ष्मतम् तथा सबसे शक्तिशाली परमाणु है जिससे ही प्रकृति के सभी परमाणुओं का निर्माण हुआ है ( सबसे सुक्ष्म परमाणु ही सबसे शक्तिशाली होता हैं यह विज्ञान का मानना है।) जिसने आत्मा नाम के परमाणु को जान लिया वह प्रकृति में किसी का भी निर्माण व नाश कर सकता है। संसार में शिव ही प्रथम आत्म ज्ञानी थे जिसने सप्त श्रृषियो को इसका ज्ञान दिया। शिव परम्परा में ही एक सिद्ध गोरखनाथ हुए जिसने माटी से लाखों सेनिक बना दिये जिन्हें गोरखा कहते हैं। अमेरिका मशिनो के द्वारा इस परमाणु को पाना चाहता है लेकिन यह निरर्थक है आत्मा को केवल मानव शरीर के द्वारा ही पाया या खोजा जा सकता है। एक आत्म तत्व ऐसा है जिससे कई ब्रह्मांडों की रचना की जा सकती है। इसका उदाहरण ऋषि विश्वामित्र है जिसने सात गृहों की रचना की जिसे आज हम सप्त ऋषि कहते हैं।यह कोई कल्पना या भ्रम नहीं पुर्ण वैज्ञानिक व सारस्वत है।
अति सुंदर संवाद सत्य सनातन पर रखा लाजपत जी को मेरी ओर से नमस्ते
I am with Aggarwal ji. Jasa jasa i listen you. I become fan of you. Now I will study Arya samaj
@Rashtriye_swamsevak_billa
Ай бұрын
Same I'll also study about arya samaj
@NaveenSharma-qu9jq
Ай бұрын
Read Satyarth Prakash first.
@KALKIKALIYUG
15 күн бұрын
पूर्ण बकवास है आर्य समाज मेरे भाई।
@shona2262
14 күн бұрын
@@KALKIKALIYUGtumhare jese budhimaan vyakti ko ishwar sadbudhi de
@KALKIKALIYUG
14 күн бұрын
@@shona2262 पढ़ लिया पूरा? पहले पढ़ लो, बिना पढ़े मैं निष्कर्ष नहीं देता।🙏 सद्बुद्धि की आवश्यकता आपको अधिक है।
ईश्वर निराकार है, सर्वशक्तिमान है,अगर वह इच्छा अनुसार साकार रूप धारण करते हैं तो इसमें आश्चर्य की गुंजाइश नहीं। रिषि मुनि निराकार की अराधना करते हैं। लेकिन सर्व साधारण खासकर वह जो पढ़े लिखे नहीं है उनके लिए साकार की अराधना उपयुक्त है। कर्मकांड
@RameshbhaiJadav-db5cx
18 күн бұрын
भाई जी भगवान शिव निराकार राजस्थान में आया है इस भषटाचारी दुनिया को खत्म कर नयी श्रेष्ठाचारी दुनिया बनाने 1936 से धरती पर आया है उसका नाम परमपिता परमात्मा शिव निराकार सत्यम शिवम् सुंदरम है ज्योति बिन्दु स्वरूप है अब वह प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा भारत को स्वर्ग बनाने आया है
@manojkumarshaw4196
4 күн бұрын
Sri Gitaji me likha hai dharm ki sthapana ke liye aate hai,
योगी जी का ज्ञान आत्मिक है गुरु जी का ज्ञान बौद्धिक एवम तार्किक है
ईश्वर की वाणी वेदों को अपडेट करने की सामर्थ्य ईश्वर के सिवाय किसी में नहीं है।
वैदिक धर्म और तथाकथित धर्मो की एक प्रमुख ग्रंथ होता है वैसे सृष्टि के आदि से वेद वैदिक धर्म का प्रमुख ग्रंथ वेद है वेद का अर्थ ज्ञान है जिसे ईश्वर ने सृष्टि के आदि में कुछ ऋषि मुनियों को समाधि की अवस्था मे दिया था वेदो श्रुति ग्रंथ भी कहते है जिसका अर्थ सुनकर कंठस्थ करना। ऋषियों मुनियों ने वेदो को अपने शिष्यों को सुनाकर कंठस्थ करवाया और फिर उसी ज्ञान को लिपिबद्ध करके चार भागों में लिखा गया वेदो को ज्ञान को जानकर ऋषियों मुनियों व अन्य लोगो ने सरल करके अन्य ग्रथो की रचना की। जो आर्ष ग्रंथ कहे जाते है बाकी सब अनार्ष ग्रंथ है अगर आपको किसी भी धार्मिक ग्रंथ जो बातें वेद विरुद्ध है उसे न माने जो बातें वेदो के अनुकूल उसे मानना चाहिए। और वेद कहते है कि बिना तर्क के क्योई भी बात माननी नही चाहिए। बुजुर्ग व्यक्ति ने निष्पक्ष और तार्किक बातें कही। लेकिन योगी जी 90% बिना सिर पैर की कर रहे है कुछ लोग अंधभक्त और पाखण्ड में फंसे रहना चाहते है अपने शास्त्रो को अध्ययन करें। अगर कुछ समझ न आये तो किसी परंपरागत वैदिक गुरूकुल के आचार्य जी संपर्क करके उनके सानिध्य में शास्त्रो का अध्ययन करें धन्यवाद🙏वेदो और गुरुकुलों की ओर लौटो🙏 ओ३म🙏
@Brahmachari-df7lk
Ай бұрын
ओम् 🚩
@user-SanatanRaj
Ай бұрын
@@Brahmachari-df7lk ओ३म नमस्ते🌹🙏☺️
बहन जी आप ऐसी चर्चा निरंतर करती रहे जिससे समाज की आंखें खोल सके आज आज ऐसे लोगों ने समाज में भ्रांति फैला रखी है आज आए दिन मौतें हो रही है
गुरु जी का एक बात बहुत अच्छा लगा , लड़ाई आस्तिको के कारण होता है और ये बात सत्य है आज तक जितना भी लड़ाई हुआ है सब धर्म के कारन हुआ है |
मेरे को तो इतना खुशी है कि हमारे सनातन धर्म में इतना महान व्यक्ति हैं जो भटके हुए लोगों को राहपे लाने के लिए अपनी पूरी जीवन वैद और ग्रंथ को समझने में और जनता तक पहुंचने में अपने सारा जीवन बिता देते है इस चैनल को मैं सब्सक्राइब किया हूं यही हमारे धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जय सियाराम सत्य सनातन वैदिक धर्म कि जय
@kailashchandra9521
Ай бұрын
गुरु जी और योगी जी दोनो वीद्वान है परन्तु यदि अंहकार को छोड़ कर सहजता स्वीकार्यता सम्मान का सहारा लिया जाय,ओर सतर्कता से बात कही जाय, प्रमाण तब तक न मांगा जाय जब तक मंथन न करलिया जाय तो संवाद सार्थक होगा!
@kailashchandra9521
Ай бұрын
कृपया बताएं कि धर्म क्या है,यह प्रश्न योगी जी से व गुरुजी दोनों से है?
बिखरे हुए समाज को जो एक सूत्र में बंद है वही धर्म सबसे उत्तम धर्म है
कोई व्यक्ति कम समझदार हो उसे समझाने के लिये ईश्वर उसके प्रतिनिधि (पैग़म्बर)को भेज देता है ।और ज़्यादा बुद्धिमान है तो ईश्वर का पुत्र (ईशा ) समझाकर जाता हैl और जो सबसे बुद्धिमान है उसे समझाने के लिये स्वयं ईश्वर अपने जीवन व आचरण द्वारा समझाकर जाता है पर इस राजनैतिक बहस के बजाय इस तरह की चर्चा होती रहनी चाहिए ।
I purely agreed with Yogi ji 🙏❤️ . It's really appreciate 👏🙏
75 वर्ष k गुरु जी 101%सत्य कह रहे है वेद k अनुसार. Om
@A-KR18
2 ай бұрын
सिर्फ उम्र से तुम नही बता सकते वो कितना ज्ञानी है😂
@realisticcoments283
2 ай бұрын
आर्य समाजी बडे या तुकाराम महाराज ? तुकाराम जी कहते हैं: वेद अनंत बोलीला , अर्थ इतकाची साधिला, विठ्ठलाशी शरण जावे, निज निष्ठे नाम गावे!!
@user-ep1ni5xm3o
2 ай бұрын
@@A-KR18Yajurveda Aadhya 32 mantra 3 padhke aa khud kabhi ved nahi padha joh padhe hai unhe Gyan deta hai nastik kahika😂
@user-ep1ni5xm3o
2 ай бұрын
@@realisticcoments283ved bada ya tukaram ji Arya samaj wo kahta hai Jo ved mein likha hai ved virudh tum mante hoge hamm nahi
@realisticcoments283
2 ай бұрын
@@user-ep1ni5xm3o वेदका हम आदर करते है; लेकिन आर्यसमाज ने वेदों का अर्थ अपने मनगढंत रूप से किया है. तुकाराम महाराज के साथ तुम्हारे स्वामीने एक कोटी जन्म लिया तो भी बराबरी नहीं हो सकती; तुकाराम महाराज वैकुंठ गये, तुम्हारा महाराज विष से मर गया.
योगीजी मे अभी ज्ञान का अभाव है । सिर्फ़ बात घुमा रहे है तथ्यों से कुछ भी सिद्ध नहीं कर पा रहे । सनातन धर्म का आधार ही वेद है । अग्रवाल जी परम ज्ञानी है । वेद अल्पबुद्धि वालों के समझ के परे है तभी इससे पढ़ने का अधिका भी सबको नहीं था और इसलिए पुराणों की रचना की गई थी । वेद को समझने का सरल रास्ता वेदान्त है जिससे उपनिषदों के रूप मे रचा गया है । और किसीभी उपनिषद मे भी अवतार की चर्चा नहीं है । तत्वम् असि 🙏 एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति 🙏 अद्वैत वेदान्त ज्ञान को संतुष्ट करने वाला वेदों का सार ही है ।
@amitattafe
2 ай бұрын
Thottha channa bajje ghanna. Yogi ji upnishad keh rahe hamare mukhya 11 upnishad mai kaunsa avtar ki charcha hai? Upnishad bhram ki charcha kar rahe.. Vedon mai devta aur bhramm hai
@umeshpdsah4441
Ай бұрын
Ishwar sarwashaktiman hai. Nirakar bhi hai aur sakar bhi hai. Nirakar gyan pradhan hai aur sakar prem pradhan hai . Nirakar universal aur sakar personal. Nirakar roop me ek hai to sakar roop me anek. Ved gyan-vichar pradhan hai to Puran prem bhakti pradhan. Nirakar roop dada sashwat hai to sakar roop samay ke anusar. Nirakar aur sakar ek hin sikke ke do pahlu hai.
@virenderjoshi3865
Ай бұрын
आप ने समझा नही अग्रवाल जी रट्टू है गियानी नही। इस बात को समझो
@kapilkushwaha2658
Ай бұрын
पहली बात तो आप पहले उसी व्यक्ति को बुलाओ जो बराबर का ज्ञान रखता हो अगर आप बुलाना चाहती हो तो अग्रवाल जी के सामने राघवाचार्य जी को बुलाओ फिर पता चलेगा अग्रवाल जी को ईश्वर अवतार लेते है कि नही
@Brahmachari-df7lk
Ай бұрын
@@kapilkushwaha2658 बिल्कुल सही कहा आपने
आज के समय पर कोई वे्दोंको समाज नाही सकता, हमारे संतोने भगवान की असीम कृपासे वेदोंका सही अर्थ निकाला हे वही पुराण, संत तुकाराम महाराज जी की गाथा और संत ज्ञानेश्वर महाराज जी की ज्ञानेश्वरी पडीये 🚩🙏🙏
भगवान ने स्वय कहा है मुझे ज्ञान बुद्धि से नही जान सकते ❤❤❤
मैं आर्यसमाज और उसके विद्वानों के प्रति श्रद्धा और सम्मान रखता हूं और जानता हूं कि वे सत्य को जानते एवम् समझते हैं परंतु यह भी जानता हूं की आम आदमी वास्तव में ज्ञानी और पंडित नही है।इस एपिसोड में कई कमेंट देखकर लगता है कि सत्य को जानने या स्वीकार करने में उनका ज्ञान समर्थ ही नहीं है। मेरे विचार से इस संबंध में मैं आर्य समाजियों से भी निवेदन करना चाहता हु कि वे मूर्ति पूजा को उस पहली कक्षा के बच्चे के समान समझे कि वह बच्चा अ एक अक्षर है,नही जानता वह अ से अनार ही बोलेगा अगली कक्षा में अ से अनार के साथ अमरूद,अन्नानास, अदरख भी पढ़ता है तब उसे पता चलता है कि अ से बहुत शब्द बनते हैं अ अनार नही एक स्वतंत्र अक्षर है उसी प्रकार यदि मूर्ति पूजक भी यह सत्य जान ले कि मूर्ति में भी भगवान हैं,ठीक वैसे ही जैसे कण कण में हैं,किंतु मूर्ति ही भगवान नहीं है।परंतु पौराणिक मूर्ति को ही भगवान मान बैठा है उसका ज्ञान आगे बढ़ना ही नही चाहता।
@Jiwandarshnam19
Ай бұрын
आपने सत्य वचन कहा है मान्यवर ❤❤
@dhirendrakumaryadav9977
Ай бұрын
वाह अदभुत धन्य हैं आप को प्रणाम है
@user-tg8sb6dv1e
Ай бұрын
आस्था का संबंध भाव से है, मूर्ति के रूप में भाव प्रदर्शित किए जाते हैं और उन्हें ही निहिलाया खिलाया और सुलाया जाता है।
@Jiwandarshnam19
Ай бұрын
@@user-tg8sb6dv1e 🤦♂🖐😃😃😃🤣
@bhuwanchandrapandey2525
Ай бұрын
अत्यंत सहज व सरल अभिव्यक्ति।।ज्ञान का परम तो अ उ म से शब्द ब्रह्म को जान लेना है जो कि ध्वनि ॐ है जिसे माहेश्वर सूत्र में शिव के डमरू से पाण्नी महाराज ने प्रथम बार सुना,। तो *म* मकार से मौनता की अनुभूतिगम्यता हेतु हमारे सामने रख दिया। कोई सांसारिक ध्वनि नही केवल अनहद ॐ😊वही परमब्रह्म:तत्सत।।
वेद ईश्वरीय ज्ञान है
गुरु जी ने यह बात तो ठीक कही है कि पूर्वाग्रह से प्रभावित होकर नहीं कहना चाहिए।
विशाल भाई कि तो इन बातों से और वेशभूषा से ही कमाई हो जायेगी,,,, क्योंकि भारत मे किसी बात को गहराई से जानने वाले 5% मनुष्य होगे बाकि सभी बहकटे है ।
हवा जब चलती हे तो उसे महसूस कर सकते है लेकिन देख नही सकते किसी आकर में या दूसरे किसी भी तरह तो इस का मतलब ये थोड़ी हुआ की हवा का अस्तित्व नहीं है, अगर कोई कहता है हवा का अस्तित्व नहीं है तो फिर वह महसूस क्यों होती है। बस इसी तरह भगवान का असित्व है जो दिखता नहीं है लेकिन उसे हम हर जगह महसूस कर सकते है शक्ति स्त्रोत से ।
आप बहुत बहुत धन्यवाद दूंगा आर्य समाज का जिन्होंने मेरे जीवन परिवर्तन किया
पवित्र श्रीमद् भागवत गीता के अंदर तो अवतारों का वर्णन वासुदेव कृष्ण के मुख से कई बार आया है और वासुदेव कृष्ण तो एक महान आर्य थे । और वैष्णव मत के अनुसार ईश्वर के पूर्ण अवतार भी।
श्रद्धेय योग योगी श्रीमान बद्रीविशाल जी,के अद्भुत,दिव्य साथ ही सरल, शालीन,सुंदर व सत्य ज्ञान को स्वभाव को मेरा सादर नमन।।
@AnnantDhyan
2 ай бұрын
🙌🙌
@IshwarSarma
Ай бұрын
Excellent yogi ji🎉
@shrikantbabhulkar1572
Күн бұрын
😃😃😃
गुरुजी आज की जनरेशन जो अंग्रेजी माध्यम में पढ़ रही है उन्हें हमारे वेद और पुराणों का ज्ञान किस तरह समझाया जाए उस पर योगी जी काम कर रहे हैं ज्ञान आप दोनों का ही असीम है बस शिक्षक आप दोनों अलग तरह के है ।
@freefireroorkee
2 ай бұрын
Aapko agarwaal ji ka nahi pata Sahitya jagat me inka naam hi kafi hai
@freefireroorkee
2 ай бұрын
Kuraan ,baibel,bodho ke granth sabki khaal utari hai agarwaal ji ne. Aapk kya jano inke bare me
Sansar ke kartar ka aakaar na hota, to usk yeh sansar bhi sakar na hota Sakar se jaahir hai nirakar ki hasti, Sakar na hota to nirakar na hota.🙏👍
YOGI JI NE BAHUT SARAL SAMJHAYA HAI, JABKI GUR JI KE ANDAR AHANKAR PRATAIT HO RAHA HAI
सत्य सनातन वैदिक धर्म सहि है।गुरुजी हर शब्द सहि बोल रहेहै विशाल जि ने सत्य स्वीकार करन चाहिय।
योगी जी बिल्कुल सही कह रहे हैं गुरुजी तो बात बात पर गर्म हो रहे हैं जिसने वेद लिखे हैं उन्होंने उपनिषद लिखे उससे सरल भाषा में और उसे सरल भाषा में पुराण लिखें तो योगी महाराज तो सही कह रहे हैं कि भैया हर मानस के लिए जन जन तक पहुंचना पहुंचने के लिए ही उनकी रचना हुई भाषयो की यह तो सिर्फ दयानंद सरस्वती को पड़कर बैठ गए कभी कुरानो भी चले जाते हैं कुरानो से अपनों को क्या काम वह जाने उनका काम जाने योगी महाराज राइट है 👍🙏
वेद नित्य जब राम हुए तब भी वेद था । जब कृष्ण हुए तब भी वेद था । जैसे कि अश्वमेध यज्ञ राम जी ने किया जो कि यजुर्वेद के 22 अध्याय में प्रतिपादित है यज्ञ को ही सब कुछ माना गया है यज्ञ में ही ईश्वर का स्वरूप देखा गया है पुरुष सूक्त में यज्ञ की या उस नारायण का स्वरूप है उसकी व्याख्या किया गया है किंतु समय हमारे यहां ऋषियों ने शास्त्र स्मृति पुराण का का लेखन किया दयानंद सरस्वती जी 18 वीं शताब्दी के हैं उससे पूर्व हमारे यहां पतंजलि की आदि गुरु शंकराचार्य जी आदि ऋषि हुए हैं उन्होंने ईश्वर को स्वीकार किया है
I am truly indebted to Dharma Live for inviting GuruJi and Yogi Ji. I am truly grateful Guruji and Yogi Ji for enlightenment. Love you both of you.
योगी जी सुलझे हुए इंसान है गुरु वो आग है जिसके पास बैठने से इंसान बहुत तेजी से तपने लगता है....... स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने उस वक़्त इस्सलिये कहा था की सिर्फ वेद को ही प्रमाण मानेगे क्यूंकि उस वक़्त हद्द से ज्यादा बुरा हाल था समाज का सिर्फ वेद ही है जिनमे मिलावट नहीं हुयी है इस्सलिये स्वामी दयानन्द जी ने इससे सर्वोपरे रखा था लेकिन इन दोनो को पूरा सुनकर यही दीखता है की गुरूजी के पास सिर्फ जानकारी है लेकिन योगीजी के पास जानिकारी बेशक़ काम हो लेकिन उन्होंने कुछ जाना भी है..... इस्सलिये कहते है की बहुत बार gayani चूक जाते है और प्रेमी पर लेते है 🙏🙏🙏🙏🙏
दुख का कारण क्या है आत्मा शरीर को धारण करता है शरीर के दुख सुख का अनुभव करता है परमात्मा शरीर को धारण नहीं करता इसलिए दुख सुख से पड़े हैं इसलिए परमानंद के आसन पर प्रतिष्ठित है आत्मा और परमात्मा में इतना ही अंतर है परमात्मा सर्वव्यापी है मगर आत्मा सर्वव्यापी नहीं है दोनों दो पदार्थ हैं अतः जीव और परमात्मा का संबंध एक प्रजापत पुत्र के समान है अतः अलख निरंजन है
@Undertaker-qi1lc
2 ай бұрын
दुःख का कारण सुख है क्योंकि दुःख और सुख पृथक नहीं है जब सुख होता है तभी तो दुःख होता है
अति सुन्दर संवाद सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
दोनों सत्य सनातनी वैदिक धर्म के प्रकाण्ड पंडित राजयोग एवं ऋषि हैं।
Bahut acchi debate thi ine baton mein nikal kar aata hai ki jo Parmatma ko jaanta hai vahi Parmatma ki baat kar sakta hai
सही कहा गुरु जी वेद में ही केवल मंत्र है
@DETHEPRAKASH
2 ай бұрын
Mantra sirf Vedo me nahi hai,agar Maa kisi bete se kah rahi waha mat jao gir jayega,to ye usake liye mantra hi hai.....
@bikashraut645
2 ай бұрын
Mana kisne kiya ? Par Pramaan keval ved hi hai yeh kehna galat hai ..warna toot jaoge aap
@amitattafe
2 ай бұрын
Mantra ke mayne hai jisme mann ka tran ho yani jisse mann stambhit ho prasann ho
@VedicYaduvanshi
2 ай бұрын
Upanishad me bhi hai
वेद सत्य विद्याओं का पुस्तक है। इसमें सब विद्या की जननी है
@bikashraut645
2 ай бұрын
Sanskaar dikhao ved me ...yagyapabit or nama Karan sanskaar dikhao ved me ..agar nehin hai toh karte kyun ho ?
@DuBadu-ye3kf
Ай бұрын
Chal be
@user-zx9zp4ct5t
Ай бұрын
Satya koi praman nhi de sakta,ye anubhuti ka vishay, Bhagwan, Bed , aur ye sab lekar
@user-zx9zp4ct5t
Ай бұрын
Satya ka koi praman nhi hota, praman khali anubhuti, debate ek murkhta, jo avi ho raha hai, aur Guru ji jisko khe rahe ho, unka attitude koi gayni insaan ka lakshan nhi hai,isko ( Guru ji) kaha se le aaye.
@rajvashisth4567
Ай бұрын
@@bikashraut645 ये पता है वेद में कितने प्रकार के मुख्य विषय है ???
Yogi ji pakhand ko barkarar rakhna chahtey hain jis se ham satya sanatan dharam se door ho jarahey hain.
Ham chahte hai ki guruji or Goutam Khattar ko laya jaye agale episode ke liye 🙇
Om hi satya h🎉
@princestudiomds
4 күн бұрын
जब भी किसी दो लोगों से धर्म संवाद करे तो दोनों का सवाल जवाब का समय निर्धारित करे ताकि अपने समय में रहकर अपने विचार रख सके यहाँ योगी जी को ज़्यादा समय दिया गया गुरुजी को कम समय मिला तय समय नहीं होने का कारण गुरु जी बात को योगी जी बीच में काटते रहे ये सही नहीं है ये न्याय भी नहीं है समय निर्धारित कर संवाद करे
आर्य समाज के गुरु जी सही कह रहे हैं क्या ईश्वर ने वेद में कहा है कि हम राम कृष्ण और शंकर भगवान के आए थे धरती
Yogi ji sach me gyani vyakti h...👌👌👌
मुझे दुनिया के बारे में जानने का कोई शौक नहीं था....ही ही ही ही.... फिर भी एक चीज पता चल गई तो बता देता हूं - यहां ईश्वर की प्राण प्रतिष्ठा और धर्म की स्थापना हो रही है , वो भी तुम पर.....
हमारा धर्म सत्य सनातन वैदिक धर्म है।
@shashiprabha9887
2 ай бұрын
सनातन कोई धर्म नहीं है बल्कि हम खुद सनातनी हैं
@user-ep1ni5xm3o
2 ай бұрын
@@shashiprabha9887bhai pehle dharm shabd ka arth Jano aur sanatan shabd ka arth pehele Sandi viched Karo phir tumhe apne aap pata chal jayega ❤
@SanataniArya83
2 ай бұрын
@@shashiprabha9887सनातन का अर्थ होता है ,सदा रहने वाला क्या आप का शरीर सदा रहेगा ? अगर आप का उत्तर" नही " है तो फिर सनातन क्या है ?
@shatrugunmajhi5737
2 ай бұрын
@@SanataniArya83bhai tera bat sahi hai sada rahne wala sada khane wala Lekin india me 90% mit machhli khata hai ? mit machhli khane wala aadmi hindu hai ki nhi
@shatrugunmajhi5737
2 ай бұрын
@@SanataniArya83gussa mat hona tera se jana chahte hai ye log hindu hai ki nhi
रामभद्राचार्य जी से शास्त्रार्थ कराएं आर्य समाज वालो की🙏🙏🙏🙏🙏
@himanshudwivedi1313
Ай бұрын
Rambhadracharya , katha vachak jyada h, tatva charcha alag chiz h, Ha , shankaracharya se prashna karna uchit h
Adbhut lajpat ji 🙏
वेद में सम्पूर्ण ज्ञान समाहित है।
भगवान के सब रूप है निराकार भी आकर भी ज्योति स्वरुप भी, कड़ कड़ मे भी वो है सबके अंदर भी वो है सब वो ही है उसके सिबा कुछ भी नहीं है जिसकी जैसी श्रद्धा है वैसा भगवान को मान लो उसी से बेडा पार हो जायेगा.. जय श्री राम
@freefireroorkee
2 ай бұрын
Sambhav sambhav hota hai asambhav sambhav nahi hota.
@freefireroorkee
2 ай бұрын
Samjhe kuch
@freefireroorkee
2 ай бұрын
Jiska akaar nahi ho sakta use hi to nirakaar kehte hai bhai
@freefireroorkee
2 ай бұрын
Uska aakar ho gya to nirakar nahi ho sakta
@MrGauravdev
Ай бұрын
Nirakar ka definition...
आपके गुरु केवल प़श्न करने के आदी है, उत्तर का भार सामने वाले डालते हैं। दयानन्द महान है, अनेकों महान से महानतम ऋषि, विद्वान हैं।
परमात्मा,भगवान, ईश्वर, ये तीनों शब्द का अर्थ अलग अलग है,
लाजपत राय जी को देख बहुत अच्छा लगा। आर्य जी दिल से साफ है बुजुर्ग है, कुछ लोगों को लग रहा है वो अहंकार से बोल रहे है, पर ऐसा नहीं है, मैं खुद मिला हूं, मुझे उनसे मिले 2 वर्ष हो गय, उन्होंने उस समाय मेरी पुस्तकों में अत्यंत सहायता करी थी आर्य जी। जो पुस्तकें मैंने चुन लो थी उन्होंने बिना देखे बोल दिया था अपने हिसाब से पैसे दे दो। क्योंकि मैं बालक था। अपको ईश्वर और लंबी उमर दे 🙏 और मुझे आपसे दुबारा मिलने का अवसर दे।
@ramchandraprajapati8892
19 күн бұрын
सत्य बोलने में अहंकार होना ही चाहिए
@hareshdharne9339
11 күн бұрын
ज्ञानी की पहेचान ही होती है जो ज्ञान के बाद अहंकार रहित हो जाता है। कमाल है गुरुजी की
योगी जी मैं आपसे सहमत हूं।❤❤❤ भगवान तो सिर्फ अनुभव का भगवान है।
@freefireroorkee
2 ай бұрын
Gud me neem ka anubhav ho sakte hai kya bhai
@mdalirahi67
2 ай бұрын
Tum To yogi Ji Se sahmat Ho Gaye na Kyunki dukaan Tumhara chal raha hai na jitne bhi Brahman Samaj yogi Ji ke Baton Se Sab sahmat hai
@vikramraj1856
2 ай бұрын
Nahi Abe unki baat dheyan se sun pahle thik hai wah bhagwan ko janne ki baat kar rahe hai manne ki nahi tum bhi Jano bhagwan kaun hai kaisa roop hai kya hai kya nahi@@mdalirahi67
@dalveerrana4906
2 ай бұрын
Bhagwaan ka anubhav kis sources se hoga.... bta bhai
श्री लाजपत राय अग्रवाल जी देश के प्रतिष्ठित अमर प्रकाशन के संस्थापक है। ये अमर स्वामी के शिष्य है। गुरुकुल कांगड़ी के स्नातक है। हजारों पुस्तको के संपादक है। बहुत योग्य पुरुष है।इसीलिए वे टू द प्वाइंट उत्तर दे रहे है। योगी जी आपके सारे प्रश्न का उत्तर बहुत आसानी से मिल सकता है।प्रश्न का उत्तर नही दे रहे योगी जी
@alpanamittal8270
2 ай бұрын
लाजपत राय जी के वर्णन किसी विद्वान के अनुसार तो नहीं लग रहे हैं....
@logical_joker
14 күн бұрын
Kyunki wo shabdon ki jalebi nhi bana rhe to maza nhi aa rha hoga@@alpanamittal8270
ईश्वर का अस्तित्व है उसे तलाशने के लिए गल ना होता है, ध्यान,साधना, तपस्या के मार्ग से उसकी अनुभूति और दिव्य दर्शन किए जा सकते हैं, मैं इस बात को प्रत्यक्ष प्रमाणिकता से जानता और मानता हूं । जिन देखन तीन पाईया ।
Yoji ji ko bhuat gayan hai bahut badhiya jankari di hai 🚩🚩🚩🚩🚩
🙏🌹धन निरंकार जी 🌹🙏 🙏🌹 परमात्मा को मानना और जानने में बहुत अंतर है 🌹🙏 🙏🌹 परमात्मा शब्द में नहीं आ सकता और कहीं कोई जगह खाली नही है 🌹🙏
@MADHURANA-kt4di
Ай бұрын
Yk Rana 29:05
आर्य समाज 🎉🎉❤❤
गुरु जी सही हैं । मैं भी वेद उपनिषद के वैज्ञानिक और दार्शनिक दृष्टिकोण का अध्यन कर रहा हूं।
सर्वशक्तिमान ईश्वर को मानने वाले ऐसे तर्क देते हैं जिससे ईश्वर की सर्वशक्तिमान को ही चुनौती देते प्रतीत होते हैं। ईश्वर सर्वशक्तिमान है सर्वसमर्थ है।
आपने बिल्कुल सही कहाँ है गुरु जी ने 🙏🕉️
भारत भगवान का हृदय भगवान हृदय में ही रहते हैं अंग में नहीं
@Brahmachari-df7lk
Ай бұрын
भाई आज से ढाई 3000 साल पहले एक ही आर्यावर्त देश था उसमें चक्रवर्ती राजा शासन करते थे| जैस श्री रामचंद्र जी अपने समय में पूरे आर्यावर्त देश के चक्रवर्ती राजा थे| पहले तो देश ही एक था| आपके अनुसार देश मतलब हृदय पहले तो देश ही एक था तो पूरा संसार ही भगवान का हृदय होना चाहिए मतलब आपके अनुसार तब ईश्वर तो कहीं भी अवतार ले सकता था तो भारत में ही क्यों| मैं वेदों को मानने वाला हूं | मेरे लिए वेद ही परम प्रमाण है| वेद में लिखा है न तस्य प्रतिमा अस्ति यानी उसे परमात्मा की कोई प्रतिमा नहीं है यानी उसे परमात्मा के समान कोई भी वस्तु या पदार्थ पूरे संसार में नहीं है| इस मंत्र से जो साफ स्पष्ट हो जाता है कि वह ईश्वर अवतार नहीं लेता बिना शरीर के वह सारी सृष्टि बन सकता है चला सकता है प्रलय कर सकते हैं अथवा अनेक अनेक काम कर सकता है तो उसे अवतार लेने की आवश्यकता नहीं है इसलिए वह अवतार नहीं लेता|
@user-xb2et2ql3p
Ай бұрын
@@Brahmachari-df7lk नाम ब्रह्मचारी है... और परमात्मा को रे ते कहकर संबोधित कर रहे हो... ये क्या तरीका है ! ------------------------------------------------- कह रहे हो.. की मै वेद को मानने वाला हूँ / तो क्या.... ये संस्कार वेदों से सीखे हो ! जरा बताना मुझे.. मैं जानने का इच्छुक हूँ ?? ऊँ.
@Brahmachari-df7lk
Ай бұрын
@@user-xb2et2ql3p प्रिय भ्राता श्री, टाइपिंग में कोई भी प्रकार से गलती हो उसके लिए माफी चाहूंगा। कृपया करके बोल की खाल मत निकालो।
@user-xb2et2ql3p
Ай бұрын
@@Brahmachari-df7lk मिस्टेक एक बार होता है.. बार बार नहीं / खैर --- मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता... मैने ये तुम्हारे लिए कहा.. की अपवाधबोध से बचो ! ----------------------------------------------------------- अब मैं.. चलना चाहूंगा --- हमसे कुछ पूछने की इच्छा है तो पूछ लो ?? ऊँ.
Pandit Yogi Vishal Tiwari Ji ko shat shat naman koti koti pranaam.❤❤❤🌹🌹🌹 Aapki saralta aur sookshm gyaan se mai bahut prabhavit hua hoon. Aapke shabdo me vadant ki gahraayi hai.Aap vaad me baithkar samvaad sahit jabki vivaad se rahit hain.Aapka purna jor tatva gyan ke shravan manan aur chintan per tha na ki na ki vedo aur upnishad se mantro aur richao ko sunakar apne ko gyani siddha karne ka tha.🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌
Lajpat ray ji ne bilkul satya kaha🙏
ईश्वर अवतार ले सकता है उसमें इतनी शक्ति है
@sewaramsahu7234
2 ай бұрын
भगवान ने पृथ्वी पर अवतार ले लिया है।
सनातन धर्म की जय
@rameshtiwari6457
2 ай бұрын
Sanatan Vedic Dharma ! Bolo.
@RakeshSingh-pz3nl
2 ай бұрын
Satya Sanatan Vadikdharm
उचित तो यही रहेगा कि रामभद्राचार्य जी और गुरु जी की डिबेट करवाई जाए तो शायद यह डिबेट और ऊंचाइयों पर पहुंचाई जा सके।
विशाल तो मुझे मंदबुध्दी दिख रहा है .. गुरुजी Salute to you
इस शरीर में जो आत्मा है उसे कोई देख नही सकता लेकिन वह हमारे शरीर में मौजूद हे ।ओर जन्म ओर मृत्यु पर किस का अधिकार है वो कोन सा तत्व है जो इन सब को चला रहा है।
आपलोगों से नम्र निवेदन हैं कि. आपस में..बात बिगाड़ ना करो..बेद..पुराणों में..मिलावट खोरी किया गया है...सनातनी हिंदू संस्कृति को दबाने के लिए...सावधान रहने की आवश्यकता है...जय सियाराम
योगी जी गुरु जी से कहीं आगे महसूस हो रहे हैं धर्म के नाम पर भी गुरुजी को अहंकार है
Bahut sunder guru ji, parnam aapko
भारत में सरल सहज स्वाभाविक लोगों क विचरण था ।
जो अपडेट होता है वह सत्य नहीं हो सकता है। जो अपडेट होता है वह ना सार्वकालिक है,ना सार्वभौमिक है,और ना नित्य है,ना अनादि है,ना अनन्त है।
गुरु जी ने ईश्वर की प्रार्थना उपासना के प्रथम मंत्र का व्याकरण सहित हिंदी अनुवाद सत्य है ... वेदानुसार सत्य है दीवाना अंचल दीवान
Bahut hi gyanvardhak snwad tha, aapko sabko pranam, aage bhi jaari rakhne nivedan hai
યદા યદા હી ધર્મસ્ય જ્ઞાની ભવતુ ભારતમ અભ્યુ થાન ધર્મસ્ય પદાર્થ મનમ સુજા મહી જ્યારે જ્યારે ધર્મની હાની થાય ત્યારે પ્રભુ પ્રગટ થાય છે❤❤❤❤❤
मैं मंदिर नहीं जाता हूँ पर श्री Ram जी की प्राण प्रतिष्ठा के स्वरुप को टीवी पर देखते ही मेरे हाथ प्रणाम को उठ जाते हैं ये ही भगवान के अस्तित्व का प्रमाण है
@colorblind141293
Ай бұрын
भगवान का अस्तित्व है उसमे कोई शक नहीं। लेकिन आपके हाथ प्रणाम के लिए उठ गए वो आपकी आस्था या फिर कहूं आपके परिवार और परिवेश की आस्था है। आप सिर्फ भेड़ चाल कर रहे हैं यदि आप मंदिर नही जाते और देखा देखी प्रणाम कर लेते हैं। बुरा नही मानिएगा कुछ कॉमेंट करने से पहले 2 मिनट सोचिएगा।
@RaamBahadur-kk2cn
Ай бұрын
Ayodhya in India is now who is that Buddha, in the time of Buddha, there was a sage named Babar, when he armed with Buddha, met with Buddha, from that day he learned Buddhism, after losing, after Buddha's parinirvana, there was a Buddhist named Babar. Stupa was built, after the Muslim conquest, it was named Babar Masjit
🎉 भारत खंड ऋषि महात्माओं की धरती है यहां की सभ्यता संस्कृति सबसे अलग है। दूसरी जगह पशु प्रवृत्ति है मांस भाक्षण उनके आहार है। लेकिन भारत में कुछ लोग शाकाहारी भी है। सभ्यता संस्कृति सबसे अलगहै इसलिए भारत खंड सबसे श्रेष्ठहै।
@logical_joker
14 күн бұрын
पहले भारत को देख तो लो, भारत की विविधताओं को देखकर अच्छे-अच्छों का घमंड टूट जाता है। जितने शाकाहारी हैं, उससे ज्यादा माँसाहारी होंगे।
Bahut prasangik🙏🏻🌹
Great 🎉ved guru ji 🙏❤