पिरामिड की ऊर्जा से कैसे पाएं असीम धन, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य , पिरामिड की ऊर्जा कैसे काम करती है?

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ड्राइंग रूम
प्रायः मुख्य द्वार से घर में प्रवेश करते ही सामने बैठक कक्ष होता है। यह कमर बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। घर के सभी सदस्य अपना अधिकाधिक समययहाँ व्यतीत करते हैं। बाहर से आने वाले मेहमान भी यहीं बैठते हैं। तात्पर्य यह है कि हर प्रकार के महत्वपूर्ण निर्णय इसी कमरे में बैठकर लिए जाते हैं। अतएव ड्राइंग रूम में पिरामिड की स्थापना करना बहुत आवश्यक है। इससे यहां बैठने वाले लोगों के रिश्तों में अधिक प्रगाढ़ता आती है।
यदि बैठक कक्ष का द्वार दक्षिण में हो तो उधर से आने वाली हवा दरवाजे पर ही रुक जाएगी। वैसे द्वार किसी भी दिशा में हो, वह हवा का प्रवाह असंतुलित कर देती है। अतएव इस असंतुलन से भवन को बचाने के लिए दरवाजे पर मोबाइल घंटी के साथ पिरामिड अवश्य लगाना चाहिए।
यदि लाउन्ज का द्वार संकरा और छोटा हो तथा कमरे में वायु एवं प्रकाश का उचित आवागमन न हो तो कमरे के बीचों-बीच छत में पत्थर की पिरामिड आकृति बनवाएं या कक्ष के मध्य में एक पिरामिड टांग दें। ऐसा करने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। घर में धन की वृद्धि होगी तथा शांति का माहौल बना रहेगा।
बेड रूम
हमारे जीवन में शयन कक्ष का महत्वपूर्ण स्थान है। व्यक्ति अपनी सम्पूर्ण जिन्दगी का तीसरा हिस्सा वहीं व्यतीत करता है। पूरे दिन की थकान मिटाने और पुनः ऊर्जा एकत्रित करने के लिए अच्छी एवं आरामदायक निद्रा आवश्यक है। इसलिए शयन कक्ष पूर्णतः हवादार और स्वच्छ होना चाहिए। अशुद्ध हवा के प्रभाव से शारीरिक स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है। बुरी हवा का प्रभाव किसी भी तरीके से हावी हो सकता है। उदाहरणार्थ- बुरे और भयानक सपने आना, अधिक नींद आना, कई दिनों तक नींद न आना तथा तनाव की स्थिति बनी रहना आदि। इस प्रकार बुरी हवा अनेक दोष उत्पन्न करके जीवन कष्टमय बना सकती है।
ऐसे सभी कष्टों से मुक्ति पाने के लिए पिरामिड के सिद्धान्त शयन कक्ष में लागू करें। पिरामिड को सही स्थिति और उचित दिशा में रखकर जीवन सुखमय बनाया जा सकता है। इसके लिए शयन कक्ष के द्वार पर किसी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए। इस कक्ष में खासतौर पर स्वच्छ हवा का प्रवाहित होना जरूरी है। शयन कक्ष में अधिकांश समय व्यतीत करने पर व्यक्ति को सूर्य का प्रकाश नहीं उपलब्ध होता। इसकी पूर्ति स्वच्छ हवा ही कर सकती है। अतएव शयन कक्ष की एक खिड़की पूर्व दिशा में रखें और सूर्य की पहली किरण का आनंद लें। सूर्य की किरणों द्वारा कई प्रकार के कीटाणुओं का भी नाश होता है, जिन्हें हम नग्न आंखों से नहीं देख पाते। यदि शयन कक्ष कुछ छोटा हो तो इसमें एक शीशा टांग दें। इससे शयन कक्ष अधिक व्यापक नजर आएगा। शयन कक्ष में बिस्तर को सही दिशा में रखकर अपने उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती है।
शयन कक्ष का वातावरण साफ-शुद्ध बनाने के लिए छत में पिरामिड लगाएं। बिस्तर की दिशा अधिक प्रभावी बनाने के लिए बिस्तर के बाईं तरफ लकड़ी के स्टूल पर क्रिस्टल पिरामिड स्थापित करें, लेकिन बिस्तर के नजदीक दरवाजा न हो। दरवाजे की सही स्थिति बिस्तर के दाईं या बाईं ओर मानी गई है। सिर और पैर की तरफ दरवाजा होना हानिकारक होता है। इससे कष्टदायक स्थिति उत्पन्न होती है। इस प्रकार शयन कक्ष में पिरामिड के प्रयोग से जीवन में शांति और संतुष्टि अनुभव होती है।
चिल्ड्रन रूम
बच्चों का कक्ष उत्तर, पूर्व या वायव्य दिशा में बनवाना ठीक रहता है। इसके अलावा बच्चों को प्रतिभावान तथा आज्ञाकारी बनाने के लिए उनके कमरे में पिरामिड भी रखें। इसकी विशेष आकृति का प्रभाव उन पर सदैव पड़ता है। इससे कक्ष का वातावरण स्वच्छ बना रहता है। वे स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं। अपनी पढ़ाई में अधिक रुचि लेने के कारण वे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करते हैं। पिरामिड उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करता रहता है। बच्चों के कमरे में बड़े आकार की वस्तुएं - ड्रेसिंग टेबल और अलमारियां आदि न रखें। उनका कक्ष अधिक खुला और कम सामान वाला होना चाहिए, जिससे वे चोट न खाएं।
बच्चों के कक्ष में पलंग की स्थिति तथा आकृति भी उनका तन-मन प्रभावित करती है। अतएव पलंग का सिरहाना खिड़की की तरफ होना चाहिए। लेकिन उसकी ऊंचाई खिड़की से नीचे रहे। इस स्थिति से शुद्ध हवा पूरे कमरे में निर्विघ्न प्रवाहित होगी। इसके अलावा पलंग का सिरहाना कोणाकार नहीं होना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए अवरोध उत्पन्न करता है। गोलाकार सिरहाना लाभदायक होता है।
इसके प्रयोग से बच्चों को किसी प्रकार की समस्या नहीं उत्पन्न होती। आजकल पलंगों के सिरहाने गोलाकार ही रखे जाते हैं।बच्चों का कक्ष उत्तर, पूर्व या वायव्य में बनवाना ठीक रहता है
रसोईघर
रसोईघर में खाद्य सामग्री भी रखी जाती है। यदि इसे पिरामिडनुमा आकार दिया जाए तो वे अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट होंगी। गृहिणियां अधिक समय यहीं व्यतीत करती हैं। अतएव पिरामिड के प्रभाव से उनकी कार्यक्षमता और घर की सम्पन्नत में बढ़ोतरी होती है।
पिरामिड आकृति को रसोईघर की छत में लगाने से भी अनेक विशेषताएं शामिल हो जाती हैं। पिरामिड रसोईघर में होने वाले धुओं और हानिकारक गैसों का शुद्धिकरण करके हमारे स्वास्थ्य में वृद्धि करता है। इसमें रखी वस्तुएं लम्बे समय तक खराब नहीं होतीं। भोजन अधिक स्वादिष्ट और ऊर्जादायक बनता है। इस प्रकार जब सभी का स्वास्थ्य ठीक होगा तो घर की आर्थिक स्थिति में स्वतः सुधार हो जाएगा। भोजन बनाने हेतु प्रयोग किया जाने वाला चूल्हा एकदम कोने में न रखें। वह खिड़की के नजदीक हो। दरवाजे के पास भारी सामान जैसे फ्रिज आदि भी नहीं होना चाहिए। के सामान हवा के प्रवाह में बाधक हो सकते हैं।
पिरामिड सभी असंतुलन को भी संतुलित कर देता है। यह रसोईघर की अन् समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। यदि रसोईघर में चूहे अधिक हों और खाने क वस्तुओं में चींटियां लगती हों तो पिरामिड इन समस्याओं का निवारण करता है।

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