परमात्मा को खोजना मुनष्य का स्वाभाविक धर्म है ,31-03-1986,भाग 1
परम् पूज्य श्री माता जी निर्मला देवी जी का प्रवचन,सार्वजनिक कार्यक्रम ,कलकत्ता ,भाग 1
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Пікірлер: 16
@renumundhra96526 жыл бұрын
जय श्री माताजी ..... माँ आज के अधोगति वाले अडियल मातापिता के विद्ुप बच्चों के बीच आपने अपने अद्भुद सहजी सारे बच्चों को जो जन्म दिया वो सभी अतुलनीय हैं ..... आपको अति अति कोटि कोटि धन्यवाद कि आपने हमारी विचारधारा हमारी पसंद का हमारी रूची का हमें सुख चैन शांति आनन्द और अंडरस्टेंडिंग अति समझदार अति विनम्र अति विवेकी नोलेजिबल हमसे मैच करता हमें संसार दिया शायद हमें ऐसे ही संसार की सामुहिकता की उच्च विचारों से परिपूर्ण पहूँचा हुआ आत्मिक अध्यात्मिक पून्यवान संसार व परिवार दिया ..... आपका ज़वाब ही नहीं आपकी तुलना ही नहीं..... आपने हमारी सदियों कि पूरातन शुद्ध इच्छा को परिपूर्ण कर के दिखा दिया वरना इस पृथ्वी पर बड़े बड़े प्रचलित ताड़ के पेड़ को तो सभी जानते ही है कि किस कदर युज़लेस सा पेड़ होता है जिनसे किसी को भी सुखमयी शीतल सुकूनभरी छाया भी कभी किसी को मिलती है ही नहीं हलाकि हमें इनसे कोई शिकायत तक नहीं क्योंकि हम ऐसी सारी चीजों के स्वभाव से हम परिचित हैं ही कि अब पेड़ है भी प्रचलित ताड़ का और उसका जो स्वभाव होगा वो तो वैसा ही होगा ही वही उसकी रचना है आप ही ने की हुई तो ज़रूर ही आपकी ही कोई ना कोई माया ही है और हो ना हो वो उसके पूर्व जनम के ही करमों का फल हो पर जो भी हो हम तो हम से ही मतलब होना चाहिये और हमें खुद पर गर्व अभिमान होगा ही इसी बात पर हम फूले नहीं समाते । आपका बारम्बार धन्यवाद कि आपने हमें आपके अध्यात्मिक रोयल क्लास फैमिली का अंग प्रत्यंग बना कर हमें कृथार्त किया जो कि किसी भी प्रचलित ताड़ के पेड़ सी फालतू क्लास युज़लेस क्लास फ्रजी क्लास अहसान फरामोश क्लाल फैमिली होने से बचा लिया वरना हमारा मनुष्य जीवन भी पग पग पर अपमानित बेईमान छली कपटी चोर उच्चकी ढीठ लो टू लोवर ग्रेड लूट खसोट करने वाले नामों के सभी अपराधिक तुच्छ तुच्छ खिताबों से वैसे ही सारा समाज उपाधी दे डालता जैसे वो उन अपराधियों को दे डालता है जब उनकी सच्चाई जानता है । उदाहरण के तौर पर हाल ही में हमने सुना बिल्कुल ही न्यू उपाधी ऐसे ही किसी अहसान फरामोश के लिये जिसमें समाज उसे फ्रोड ओफ द सेंचूरी की उपाधी से भी नवाज़ गया और न जाने करीब करीब सभी अहसान फरामोशों के लिये तो रोज़ ही कुछ न कुछ अपमानित सी उपाधियाँ आजकल तो देख सुन ही ली जाती है । माँ आपसा सारे संसार में कोई हो ही नहीं सकता ।
@rekhajabhav48456 жыл бұрын
Jai shree mataji
@mayakumariprajapati76445 жыл бұрын
Jai Shree mataji
@kusumlata93355 жыл бұрын
जयश्री माताजी आपकी बातें बड़ी अलौकिक है आपका ज्ञान दिव्य एवं सत्य से परिपूर्ण है।
@riteshjaiswal16 жыл бұрын
जय श्री माताजी
@avnishchauhan29195 жыл бұрын
Mata Ji ki Jay ho
@kusumlata93356 жыл бұрын
Sahyog hi sabse bada dharm. Yah dharm shudh prem ya aatma _ parmatma ko milane vala dharm hai.
@ratish9032745 жыл бұрын
jai shree mataji this video is so good again jai shree mataji
@haripriya056 жыл бұрын
Jai maa aadishakti
@babooshafuntoosh79196 жыл бұрын
Jai shri mataji
@user-bg5qy7tg3d5 жыл бұрын
माँ मुझे भी अपने श्री चरणों में समर्पित कर लिजिए में एक बार नही हरबार आपको देखकर मन जी रहा है, प्लास्टिक वाली बात आपने पहले कही। आज सब परेशान हैं। प्लास्टिक से।
Пікірлер: 16
जय श्री माताजी ..... माँ आज के अधोगति वाले अडियल मातापिता के विद्ुप बच्चों के बीच आपने अपने अद्भुद सहजी सारे बच्चों को जो जन्म दिया वो सभी अतुलनीय हैं ..... आपको अति अति कोटि कोटि धन्यवाद कि आपने हमारी विचारधारा हमारी पसंद का हमारी रूची का हमें सुख चैन शांति आनन्द और अंडरस्टेंडिंग अति समझदार अति विनम्र अति विवेकी नोलेजिबल हमसे मैच करता हमें संसार दिया शायद हमें ऐसे ही संसार की सामुहिकता की उच्च विचारों से परिपूर्ण पहूँचा हुआ आत्मिक अध्यात्मिक पून्यवान संसार व परिवार दिया ..... आपका ज़वाब ही नहीं आपकी तुलना ही नहीं..... आपने हमारी सदियों कि पूरातन शुद्ध इच्छा को परिपूर्ण कर के दिखा दिया वरना इस पृथ्वी पर बड़े बड़े प्रचलित ताड़ के पेड़ को तो सभी जानते ही है कि किस कदर युज़लेस सा पेड़ होता है जिनसे किसी को भी सुखमयी शीतल सुकूनभरी छाया भी कभी किसी को मिलती है ही नहीं हलाकि हमें इनसे कोई शिकायत तक नहीं क्योंकि हम ऐसी सारी चीजों के स्वभाव से हम परिचित हैं ही कि अब पेड़ है भी प्रचलित ताड़ का और उसका जो स्वभाव होगा वो तो वैसा ही होगा ही वही उसकी रचना है आप ही ने की हुई तो ज़रूर ही आपकी ही कोई ना कोई माया ही है और हो ना हो वो उसके पूर्व जनम के ही करमों का फल हो पर जो भी हो हम तो हम से ही मतलब होना चाहिये और हमें खुद पर गर्व अभिमान होगा ही इसी बात पर हम फूले नहीं समाते । आपका बारम्बार धन्यवाद कि आपने हमें आपके अध्यात्मिक रोयल क्लास फैमिली का अंग प्रत्यंग बना कर हमें कृथार्त किया जो कि किसी भी प्रचलित ताड़ के पेड़ सी फालतू क्लास युज़लेस क्लास फ्रजी क्लास अहसान फरामोश क्लाल फैमिली होने से बचा लिया वरना हमारा मनुष्य जीवन भी पग पग पर अपमानित बेईमान छली कपटी चोर उच्चकी ढीठ लो टू लोवर ग्रेड लूट खसोट करने वाले नामों के सभी अपराधिक तुच्छ तुच्छ खिताबों से वैसे ही सारा समाज उपाधी दे डालता जैसे वो उन अपराधियों को दे डालता है जब उनकी सच्चाई जानता है । उदाहरण के तौर पर हाल ही में हमने सुना बिल्कुल ही न्यू उपाधी ऐसे ही किसी अहसान फरामोश के लिये जिसमें समाज उसे फ्रोड ओफ द सेंचूरी की उपाधी से भी नवाज़ गया और न जाने करीब करीब सभी अहसान फरामोशों के लिये तो रोज़ ही कुछ न कुछ अपमानित सी उपाधियाँ आजकल तो देख सुन ही ली जाती है । माँ आपसा सारे संसार में कोई हो ही नहीं सकता ।
Jai shree mataji
Jai Shree mataji
जयश्री माताजी आपकी बातें बड़ी अलौकिक है आपका ज्ञान दिव्य एवं सत्य से परिपूर्ण है।
जय श्री माताजी
Mata Ji ki Jay ho
Sahyog hi sabse bada dharm. Yah dharm shudh prem ya aatma _ parmatma ko milane vala dharm hai.
jai shree mataji this video is so good again jai shree mataji
Jai maa aadishakti
Jai shri mataji
माँ मुझे भी अपने श्री चरणों में समर्पित कर लिजिए में एक बार नही हरबार आपको देखकर मन जी रहा है, प्लास्टिक वाली बात आपने पहले कही। आज सब परेशान हैं। प्लास्टिक से।
Jai shre mata ji
Jay Shri mataji
Jai shree mataji
Jai Shree mataji
jai Shree mataji