पूरकता का स्पष्टीकरण PURKTA KA SPASTEEKARAN
इस चैनल का उददेश्य जैविक खेती अथवा प्राकृतिक खेती के लिए प्रकृति सहज स्वयं स्फूर्त उत्पादन व्यवस्था के सिद्धान्तों को वस्तु एवं क्रिया रूप में समझने समझाने, सीखने सीखाने और करने कराने से है। ताकि मानसिकता में गुणात्मक परिवर्तन पूर्वक उपकार भाव से कृषि को सार्थक विकल्प के रूप में स्वीकार किया जायं।
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Purakta samajhane ke liye Dhanyvad babu ji. 🙏
🙏
नमस्कार सर् बहुत बहुत धन्यवाद जी
नमस्कार जी ! 10:27 फसल ऋतु के अनुसार ही होती हैं, एक ऋतु में पैदा होने वाली सभी फसलें एक दूसरे की पूरक होती है लेकिन बहुवर्षीय पौधो से अल्पकालीन ऋतु फसल को किस दिशा में लगाना चाहिए?
Ram Ram ji