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OSHO: Mano Mat, Jano, मानो मत, जानो
ओशो Osho "जानने का पहला कदम है--मानने से मुक्त हो जाना। पहले चाहिए कि तुम्हारे चित्त की स्लेट खाली हो जाए। पोंछ डालो जो भी दूसरों ने लिख दिया है। धो लो स्लेट, साफ कर लो। कोरी कर लो तुम्हारी किताब। और मजा यह है कि कोरी किताब तुमने क्या की कि जैसे राम को आमंत्रण मिल जाता है। कोरी किताबों पर उतरता है वह फूल। कोरी किताबों पर आती है वह किरण। कोरी किताबों पर होता है वह विस्फोट। कोरी किताब यानी निर्दोष चित्त--मान्यताओं से, विश्वासों से मुक्त। / channel
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