📍ORCHHA CHATTRIYA बुंदेला राजपूतों की गाथा, शौर्य और वीरता का प्रतीक।
📍ORCHHA CHATTRIYA बुंदेला राजपूतों की गाथा, शौर्य और वीरता का प्रतीक।@Gyanvikvlogs
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ओरछा मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड सम्भाग में बेतवा नदी के किनारे स्थित है। मध्य काल में यहाँ परिहार राजाओं की राजधानी थी। मुग़ल बादशाह अकबर में यहाँ के राजा मधुकर शाह थे, जिन्होंने मुग़लों के साथ कई युद्ध किए थे। औरंगज़ेब के राज्य काल में छत्रसाल की शक्ति बुन्देलखण्ड में बड़ी हुई थी। ओरछा के राजाओं ने कई हिन्दी कवियों को आश्रय प्रदान किया था। आज भी यहाँ पुरानी इमारतों के खंडहर बिखरे पड़े हैं।
मध्यकाल में यहाँ परिहार राजाओं का राज्य था और उन्होने अपनी राजधानी यहीं बनाई थी. परिहार राजाओं के बाद ओरछा चन्देलों के अधिकार में रहा था। चन्देल राजाओं के पराभव के बाद ओरछा श्रीहीन हो गया।
उसके बाद में बुंदेलों ने ओरछा को राजधानी बनाया और इसने पुनः अपना गौरव प्राप्त किया। राजा रुद्रप्रताप (1501-1531 ई.) वर्तमान ओरछा को बसाने वाले थे। 1531 ई. में इस नगर की स्थापना की गई और क़िले के निर्माण में आठ वर्ष का समय लगा। ओरछा के महल भारतीचन्द के समय 1539 ई. में बनकर पूर्ण हुए और राजधानी भी इसी वर्ष पुरानी राजधानी गढ़कुंडार से ओरछा लायी गयी। अकबर के समय यहाँ के राजा मधुकर शाह थे जिनके साथ मुग़ल सम्राट ने कई युद्ध किए थे। जहाँगीर ने वीरसिंहदेव बुंदेला को, जो ओरछा राज्य की बड़ौनी जागीर के स्वामी थे, पूरे ओरछा राज्य की गद्दी दी थी। वीरसिंहदेव ने ही अकबर के शासन काल में जहाँगीर के कहने से अकबर के विद्वान् दरबारी अबुलफजल की हत्या करवा दी थी। शाहजहाँ ने बुन्देलों से कई असफल लड़ाइयाँ लड़ीं। किंतु अंत में जुझार सिंह को ओरछा का राजा स्वीकार कर लिया गया। बुन्देलखण्ड की लोक-कथाओं का नायक हरदौल वीरसिंहदेव का छोटा पुत्र एवं जुझार सिंह का छोटा भाई था। औरंगज़ेब के राज्यकाल में छत्रसाल की शक्ति बुंदेलखंड में बढ़ी हुई थी। ओरछा की रियासत वर्तमान काल तक बुंदेलखंड में अपना विशेष महत्त्व रखती आई है। यहाँ के राजाओं ने हिन्दी के कवियों को सदा प्रश्रय दिया है। महाकवि केशवदास वीरसिंहदेव के राजकवि थे।
नामकरण: ओरछा की स्थापना संबंधी जनश्रुतियां भी काफ़ी रोचक हैं। एक जनश्रुति के अनुसार महाराज रुद्रप्रताप ओरछा के समीपस्थ राज कुंडार से आखेट की तलाश में घूमते हुए महर्षि तुंग के आश्रम तुङ्गारण्य तक आ गए। तभी उन्हें प्यास लगी और वे मछली भवन दरवाजे से बावली में उतरे, किन्तु जल अत्यधिक गंदा था। उनके साथियों ने महाराज को बताया कि थोड़ी दूर पर पावन सलिला बेतवा (बेत्रवती नदी) बहती है वहीं चलकर जल पिया जाए। महाराज नदी पर गए, अंजलि में लेकर जल पिया। प्यास से तृप्ति पाकर लौटते समय महर्षि तुंग के दर्शन किए। ऋषि ने महाराज से याचना की कि सावन तीज को बावली के समीप मेला लगता है। वहां पर चोर भोले-भाले दुकानदारों को परेशान किया करते हैं, यदि आप रक्षा करें तो अति कृपा होगी। महाराज ने विचार किया कि यहां बावली के समीप तो गोंड राज्य की सीमा लगी हुई है इसलिए बिना नगर बसाए रक्षा करना संभव न हो सकेगा। इस पर ऋषि ने अनुरोध किया कि कुछ भी हो आपको यह पावन कार्य करना ही होगा। महाराज ने उन्हें रक्षा करने का वचन दे दिया और अपने साथियों को आदेश दिया कि इस स्थान पर विराट दुर्ग की नींव डाली जाए। नगर का नाम क्या रखना चाहिये यह तय नहीं हो पा रहा था। सभी पुन: ऋषि के समीप पहुंचे और इस विषय में उनकी राय जाननी चाही। उस समय वे स्नानादि से निवृत्त होकर लौट रहे थे। संयोग से जिस समय महाराज ने प्रश्न किया कि नगर का नाम क्या होना चाहिए उसी समय ऋषि को ठोकर लगी और उनके मुंह से निकला ‘ओच्छा'। यह सुनकर महाराज यहां से लौट आए और ‘ओच्छा’ नाम से नगर बसाना प्रारंभ कर दिया। यही ‘ओच्छा’ शब्द आगे चलकर परिमार्जित हुआ और ‘ओरछा’ में परिवर्तित हो गया।
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Пікірлер: 27
बहुत सुंदर प्रस्तुति मेरे भाई
you are doing great job as a history researcher provides us a lot of information facts and figures kudos to you vikram😊
Nice vlogs Vikram bro
First in all departments bhaiya ❤
हमारा बुंदेल खंड ओरछा छत्तरपुर MP,🙏👌👍💪
So good bhaiya👍
Kabhi bhi dekhne sunne ko nhi mila tha - abhi bhi ,location ke bare me jyada pta nhi ; sach me ,Bharatvarsh kitna bada hai !
@explorearound2022
3 сағат бұрын
Yhi to problem h hamari schools m in chijo k bare m kuch btaya hi nhi jata h ...time k saath saath Kuch Kuch mehele to khandar bnti jaarhi h 😑😑
ॐ राजस्थान उदयपुर मेवाड़ अरावली पर्वतमाला
Video Bahot Achha Laga Vikram Bhai
Thank you so much 🥰🥰
❤❤❤
❤
👋
😊😊😊😊😊😊😊❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Kem chho maja ma sir
Main 1982 mein ghoomaa tha yahan. Tab yahan Betwa nadee ke kinare par bahut gandagi (potty) thi.
आपकी वीडियो आने लत का मैं वेट करता हूँ
@SachinYadav-fe1ek
6 күн бұрын
हासन साले जेल से कब छूटा पसीना साफ दिखाई दिख रही है तेरे माथे पे,,,,,,, लेट होता है ना की लत सही से लिखा कर समझा तू तेरी बहन को भागा ले जाओगा 😂😂😂😂😂😂😂❤
Great 😃
Bhai apke video best he information bi good dete ho. Pin karo bro comment
1 NO BHAI
Bihar ke gopalgang me ik hathua ka kila h waha ka bhi video bnaiye yha ki kahani bahut achhi lagegi ❤
hello
अब अच्छा देखा रहे हो video ,, जादू कहा चले जाते हो दूसरी दुनियां में 😂😂😂😂😂😅
Mughal k bahut wafadar the
Nice