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नर्मदा यात्रा 28 : नदी पहाड़ जंगल घाट और हमारे Triber की पहली Off-Roading अदभुत अनुभव

Narmada Yatra 28
Nadi Pahad Jungle Ghat aur hamare Triber ki pahli Off-Roading Adbhut Anubhav
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यह वीडियो नर्मदा जल के महत्त्व को बताने वाली एक पारिवारिक यात्रा की श्रृंखला है। नर्मदा नदी मप्र के अमरकंटक नामक स्थान से निकल कर राज्य के मध्य स्थित भू- भाग से बहते महाराष्ट्र तथा गुजरात की सीमावर्ती जिलों से होते हुए खंभात की खाड़ी में अरब सागर में जाकर मिल जाती है।
नर्मदा नदी यहां पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। इसको “मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवनदायनी नदी” भी कहा जाता है क्योंकि यह नदी दोनों ही राज्यों के लोगों के काम आती है। यह जलोढ़ मिट्टी के उपजाऊ मैदानों से होकर बहती है, जिसे नर्मदा घाटी के नाम से भी जाना जाता है। यह घाटी लगभग 320 किमी. में फैली हुई है। एक छोटे से झिरी (जमीन से निकलता पानी के रिसाव) से झरना, प्रपात और विशाल,चौड़े पाट नर्मदा नदी के मार्ग की विविधताएं हैं ।यही इस नदी की विशेषता भी है। बहुत सारी सहायक नदियों को अपने में समा कर, जल धारा लगातार, सदा नीरा बहते हुए अपने किनारे के आबादी की जल पूर्ति से लेकर अब मप्र के इंदौर भोपाल और उज्जैन जैसे बडे़ शहरों में नर्मदा नदी की धारा को पाइपलाइन के जरिए पहुचाकर लाखों गैलन पानी पीने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
नर्मदा घाटी के जनजीवन में भी इस नर्मदा घाटी की तरह ही विविधिताएं हैं। कला संस्कृति जन जीवन खान पान अलग- अलग होने के बाद भी, जीवन दायिनी इस नर्मदा नदी को माता मानने में किसी को भ्रांति या संकोच नही है। सरकार भी इस नदी को एक जीवित इकाई मानती है।
अपने पारिवारिक यात्रा की इस श्रृंखला में इन्ही विविधताओं से भरे नर्मदा घाटी के जन जीवन महतवपूर्ण स्थान, व्यक्तिव बोली भोजन भजन स्थान आदि को जानने निकले हैं। हमारी इस यात्रा के केवल धार्मिक और आध्यात्मिक आयाम ही नही हैं , बल्कि यह पूरे नर्मदा अंचल को जानने की हमारी एक कोशिश है।
इस उद्देश्य और हमारे इस पावन लक्ष्यपूर्ति के लिए,
हम पति-पत्नि,
इसी नर्मदा से पाइप लाइन के जरिए भोपाल के हमारे अपने घर के नल की टोटियों पर आने वाले नर्मदा जल को आधार मानकर नर्मदा नदी के दोनो ओर सड़क मार्ग से नर्मदा उद्गम अमरकंटक तक की यात्रा, कार से कर रहे हैं।
इस बीच हमे क्षेत्र के निवासी, मित्र, प्रिय जन परिवार, स्थानीय, यात्री भी मिलेंगे और हमारे साथ समय भी बिताएंगे ऐसी आशा है। हम उदगम स्थल अमरकंटक तक पहुंचने के लक्ष्य लेकर और नर्मदा नदी के दोनो किनारों के बारे में स्वयं जानने निकले हैं और उसी का अनुभव सांझा कर रहे हैं।
यह उसी यात्रा श्रृंखला का अट्ठाइसवां वीडियो है , जिसमें हम पिछले वीडियो से लगातार मप्र के आदिवासी इलाके में स्थित मंडला शहर व जिले के विभिन्न टूरिस्ट प्लेसेस को एक्सप्लोर कर रहे हैं । इस वीडियो में हम मंडला जिला की सीमा पार कर डिंडोरी जिला और शहर पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे फिर अगली सुबह डिंडोरी के नर्मदा डेम घाट पर पूजन दर्शन कर अमरकंटक की ओर रवाना होंगे। मां नर्मदा की यात्रा सड़क यात्रा नही अपने स्वयं की खोज और आनंद की यात्रा है। पग पग पर प्राकृति ने अंचल को अपना प्रेम निछावर किया है। बोली भाषा आचार व्यवहार परंपरा संस्कृति में यह झलक दिख जाता है । लें तो परम आंनद नही तो अपना अपना अनुभव । हां इस वीडियो में अपने नेचुरल रहवास में रह रहे काले हिरणों के झुंड से हमारा परिचय सचमुच अदभुत था।
इस बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए इस विडियो को जरूर देखें, यह हमारा विनम्र निवेदन है।
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🙏🏻🙏🏻
सादर
मंगल जर्नी

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